लिटिल के कपड़े बदलने के बाद निंग क्षी कपड़े बदलने के लिए अपने कमरे में गयी|
किस्मत से उसे अपने पास लिटिल के कपड़ों से मिलता-जुलता ड्रेस मिल गया, उसने उस ड्रेस के साथ जिसकी पेंट पहन ली|
तैयार होकर निंग क्षी जब बाहर आई तो लिटिल की आंखे खुली की खुली रह गयी| वह कभी निंग क्षी को देखता तो कभी खुद के कपड़े देखता ओर जितनी बार निंग क्षी की तरफ देखता उतनी बार और ज्यादा खुश होता| लिटिल निंग क्षी को अपने जैसे कपड़े पहने हुआ देख काफी ज्यादा सन्तुष्ट और उत्साहित था|
दोनों तैयार हो कर बैठे ही थे कि बाहर कार रुकने की आवाज़ आई| लू टिंग ऑफ़िस से आ गया था|
लू टिंग काफी ज्यादा थका हुआ और सुस्त सा दिख रहा था|
घर में घुसते ही निंग क्षी और लिटिल ट्रेजर को एक जैसे माँ और बच्चे वाले डिजाइन वाले कपड़े पहना देख कर उसकी सारी थकान दूर हो गयी और शरीर में जैसे एक नई स्फूर्ति भर गयी|
दोनों के ही कपड़े काफी प्यारे लग रहे थे, खरगोश के कान वाले कपड़ों में निंग क्षी अपनी उम्र से काफी छोटी लग रही थी| इन कपड़ों में सच कहे तो वह लिटिल की माँ कम और बहन ज्यादा दिख रही थी|
लू टिंग को आता देख निंग क्षी ने लिटिल को गोद में उठाया और जोश के साथ कहा, " हम तैयार हैं, चले?
लू टिंग की निगाहें निंग क्षी पर कुछ सेकंड के लिए टिक गयी| फिर उसने कहा " चलो!"
कार में निंग क्षी ने काफी उत्साह से लू टिंग से पूछा, "हे लू टिंग, लिटिल के कपड़े कैसे लगे आपको? प्यारे हैं ना? मैने काफी मेहनत से ढूंढकर निकाले, खास आज के लिए|"
"हाँ! बहुत ही प्यारे!" लू टिंग ने जवाब दिया पर कार के शीशे से वह देख तो निंग क्षी की तरफ रहा था|
यह सुन निंग क्षी को काफी अच्छा लगा, "बोला था ना मैने पहले ही| अब से लिटिल के लिए आप ऐसे ही प्यारे कपड़े ख़रीदा करो|"
लू टिंग ने हाँ में जवाब दिया| फिर एक काले रंग का कार्ड निकाला और निंग क्षी को दिया|
"यह क्या हैं?" निंग क्षी को अब अपनी आँखो पर विश्वास नहीं हो रहा था| यह असीमित क्रेडिट लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड था जो उसने कभी नेट पर देखा था|
लू टिंग ने उसे यह कार्ड थमाते हुए कहा, "ख़रीद लो जो खरीदना हैं|"
निंग क्षी ने मन ही मन सोचा, "तुम मुझे पैसों के बोझ तले दबाना चाहते हो| ठीक हैं कोई बात नहीं अब जब दे ही दिया हैं तो मैं इससे लिटिल के लिए कुछ अच्छे कपड़े खरीदूँगी|
होटल पहुँचकर लू टिंग ने कार रोकी और एक सभ्य आदमी की तरह पहले उतर कर निंग क्षी के लिए दरवाज़ा खोला और पूछा, "कोई परेशानी तो नहीं न?"
लू टिंग के साथ इतना समय गुज़ारने के बाद निंग क्षी लू टिंग के शब्दों का मतलब समझने लगी थी| उसके कहने का मतलब था कि लोगो के बीच यूँ साथ में जाने से कोई परेशानी तो नहीं हैं?
निंग क्षी ने भी असमंजस से जवाब दिया, "होनी तो नहीं चाहिए क्योंकि मुझे इतने लोग अभी नहीं पहचानते हैं| ऊपर से मैं इन कपड़ों में हूँ तो और कोई नहीं पहचान पाएगा|"
ऐसा कह कर उसने अपने बैग से चश्मा निकाला और पहन लिया| "अब ठीक हैं ?"
"हम्म!" ठीक है| लू टिंग ने जवाब दिया|
तीनों होटल के अंदर गए|
निंग क्षी का अंदाजा सही था, उसे कोई भी पहचान नहीं पाया था पर वह लू टिंग और लिटिल ट्रेशर के बारे में भूल ही गयी थी|
बाप-बेटे की यह जोड़ी बहुत ही ज्यादा आकर्षक थी, खासकर जब दोनों साथ होते थे तब तो हर किसी की निगाह इन दोनों पर ही आकर टिक जाती थी|