"तुम इसे यहाँ रख दो और मेरी तरफ से पने छोटे साहब को धन्यवाद देना।" फिर निंग क्षी ने अपना सेल फोन निकाला और लिटिल ट्रेजर के लिए धन्यवाद का मैसेज भेजा। क्रू के सारे सदस्य यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वे अपने अपने काम में व्यस्त हैं पर सबके कान और आंखे निंग क्षी पर ही लगी थीं कि इस बार क्या भेजा गया है। आखिरी मे निकला क्या? तीन बोतल रस की।
पहली बार जब गुलाब आए तो निंग क्षी काफी गुस्सा दिखी, हीरा आने पर भी कोई खास खुशी, उत्साह नहीं, पर इन रसो की बोतल देखकर निंग क्षी काफी खुश दिख रही थी और किसी को मैसेज भी कर रही थी।
"लगता है आजकल पैसा इतना मायने नहीं रखता है खूबसूरत औरतों के लिए जितना दिल। क्या तुमने सुना उस लड़की ने क्या कहा कि यह रस हाथों से बनाया गया है।''
"तुम शर्त लगा लो, जिसने रस भेजे हैं उसी ने निंग क्षी का दिल जीता है।"
"नहीं, नहीं हीरा भेजने वाले ने दिल जीता निंग क्षी का।"
"कोई बेचारे गुलाब भेजने वाले पर भी शर्त लगा लो।" जैसी कई बाते सेट पर चल रही थी।
...
रस और सूप पी कर निंग क्षी एक दम तरोताजा हो गयी थी, वह फिर से शूटिंग करने लगी।
इधर घर पर लू टिंग का फोन बजने लगा , ''लगता है निंग क्षी का कोई मैसेज आया है,"
" मेरे प्रिय ! रस और सूप के लिए धन्यवाद , दोनों काफी स्वादिष्ट थे , सरङ्घेयों!"
लू टिंग ने इस मैसेज को काफी देर तक देखा, कई बार पढा। फिर लिटिल ट्रैशर को मैसेज देखने बुलाया।
लिटिल ट्रेजर खिड़की पर खड़ा हुआ था | लू टिंग ने उसे आवाज दी, "लिटिल इधर आओ, "
लिटिल ने इसे सुनकर अनसुना कर दिया।
लू टिंग ने फिर से आवाज़ दी, "लिटिल जल्दी आओ| तुम्हारी निंग क्षी आंटी का मैसेज आया है।"
ये सुन लिटिल रॉकेट की तरह भाग कर आया औऱ फोन छीनने लगा पर लू ने अपना हाथ ऊँचा कर दिया ताकि फोन ले न पाये| फिर लू ने लिटिल से कहा, " एक बार पापा बोलो तो ही फोन मिलेगा|" लिटिल ने काफी हाथ-पैर मारे फोन के लिए पर लू टिंग ने उसे फोन नहीं दिया| आखिर में हारकर लिटिल रूआँसा हो गया तब लू टिंग ने उसे फोन दे दिया।
लू टिंग अपने बच्चे को फोन पर मैसेज पढ़ते देख के बहुत ही संतुष्ट था| उसकी आंखो की चमक लू टिंग के जीवन में भी जान डाल देती थी।
लू टिंग को हमेशा लिटिल की ही चिंता सताती रहती थी| लिटिल बचपन से ऐसा नहीं था, 6 महीने का ही हुआ था कि बोलने लगा था| स्वभाव से शांत होने की वजह से ज्यादा बातूनी नहीं था पर उस हादसे के बाद से उसने बोलना ही बंद कर दिया।
आज लू टिंग को बस इस बात का इंतज़ार था कि किसी दिन तो लिटिल उसे पापा कहकर बुलायेगा।
लिटिल काफी समय तक फोन को घूरता रहा जैसे कोई शब्द समझ नहीं आ रहा हो| फिर लू टिंग के पास आ कर एक शब्द पर अपनी नन्ही सी उंगली रख के पूछा ,इसका क्या मतलब है?
सरङ्घेयों!
लू टिंग उसे बताया कि " कोई खास मतलब नहीं इसका, बस यूँ ही लिखा है।"
" अरे भाई लिटिल ट्रेजर को कुछ भी गलत मत बताओ अगर नहीं मालूम हैं आपको तो ", फिर लिटिल के सिर पर हाथ फेरकर प्यार से कहा, "ये कोरिअन भाषा मे लिखा है| इसका मतलब " मै तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ होता है।" लू जींगली जैसे ही रूम मे आया वैसे ही उसने\ लिटिल की बात का जवाब दिया।
ये सुनकर लिटिल ट्रेज़र ने अपने पिता को गुस्से से देखा फिर फलो का रस निकालने के लिए । रसोई घर की तरफ भाग गया|
" तुम्हें कुछ काम नहीं है क्या? ''लू टिंग ने लू जींगली को ऐसे पूछा जैसे मालिक नौकर को पूछ रहा हो।
लू जींगली इस बात पर ध्यान दिये बगैर पास ही रखी कुर्सी पर जा के बैठ गया और बोला, " भाई आपको मालूम है आज निंग क्षी को सेट पर किसी ने तोहफ़ा भेजा था।"
लू टिंग ने बेपरवाही से जवाब दिया " हाँ मालूम है| लिटिल ने ही सूप और रस भेजे थे।"
"अरे नहीं भाई! ये तो मुझे भी मालूम है, किसी ने 100 गुलाब भेजे थे निंग क्षी को| पूरा सेट गुलाबों से भर गया था, तो वही किसी दूसरे ने हीरा भेजा था। ये दोनों ही तोहफे दो अलग-अलग आदमियों ने भेजे थे।"
ये सुन लू टिंग के हाथ पैर ठंडे पड़ गए।