उससे आगे पूछते समय गू मोहन खुद में चुपके से मुस्कुराया " तुम्हारा क्या मतलब है" ?
" प्रेसिडेंट गू, मुझे डीएचए के नामांकन में अपने लिए एक जगह चाहिए । मैं इसके बदले में आज रात आपके साथ सोने के लिए तैयार हूँ ।
" आप मेरे साथ सेक्स करने के लिए ही मुझसे अपनी औरत बनने के लिए पूछ रहे थे?"
गू मोहन ने भौंहें चढ़ा ली और कमरे का तापमान काफी गिर गया, जैसे कमरे में ठंड घुस गई थी। वह अपनी गहरी और सिकुड़ी हुई आँखों के साथ उसे गुस्से से देखता है, वह अपनी गुस्सैल नज़रों से उसे भेद देना चाहता था।
वह उसके साथ सौदा करना चाहती थी।
सिर्फ यही वो औरत थी जो उसे उकसा सकती थी। उसे सच में पता था कि कैसे गू को गुस्सा दिलाना था।
"हहा" उसके अंदर से एक कर्कश हँसी निकली और उसकी छाती भारी बोझ से ऊपर और नीचे हुई। टैंग मोर उसकी अजीब हँसी से हैरान थी। ये वास्तविक गू मोहन था, वह केवल एक नज़र से या एक शब्द बोलकर सभी को भ्रमित करने में सक्षम था।
वह साथ रहने के लिहाज से एक खतरनाक इंसान था वह उससे पंगा लेना झेल नहीं सकती थी । यह कुछ ऐसा था जो उसे समय समय पर खुद को याद दिलाते रहने की जरूरत थी ।
आज रात के बाद वे एक दूसरे लिए अनजान हो जाएगें।
"प्रेसिडेंट गू, आप क्यों हँस रहे है? क्या आप ऐसा ही नहीं चाहते?" टैंग मोर ने बेशर्मी से पूछा।
गू मोहन ने उसे आकार दिया, उसकी निगाहें टैंग मोर की सुन्दरता को देखते हुए उसके शरीर पर भटक रही थी। उसके गाल लाल उसे और आमंत्रित कर रहे थे और उसकी मलाईदार त्वचा उसके जनाना उभारों पर ढली हुई थी जिनकी झलक गू को उत्तेजित करने के लिए काफी था। "प्रेसिडेंट गू , आप क्यों हँस रहे है? क्या आप ऐसा ही नहीं चाहते?" टैंग मोर बेशर्मी से पूछा।
वह मुस्कराया। "मैं यह चाहता हूँ, निश्चित रूप से मैं यही चाहता हूँ। तुमने कहा था कि सभी पुरुष तुम्हारे साथ सोना चाहते हैं, अगर मैं तुमको अस्वीकार कर देता हूँ, तो मुझे एक आदमी नहीं माना जाएगा, ठीक है? हालांकि, मुझे कुछ जिज्ञासा है कि क्या तुम्हारे मंगेतर को तुम्हारी वेश्यावृति के बारे पता है?"
टैंग मोर की भौंहें चढ़ गयी और उसके चेहरा पीला पड़ गया। वह उसे जान बूझकर परेशान कर रहा था और वह इसका जवाब नहीं देना चाहती थी। उसने विषय को बदला और कहा, "मुझे मेरे मंगेतर से मेरे रिश्ते पर आपके सुझाव की जरूरत नहीं है।"
वह फिर बोलने के बाद सख्ती से बिस्तर की ओर चल पड़ी।
"आप क्या कर रहे हैं? क्या आप इस व्यापार में होने के बाद भी नियम नहीं जानते हैं?" उसने उसे व्यंग्य करते हुए ताने मारे।
टैंग मोर ने अपने कदमों को रोक लिया।
उसने अपने सर को उठाया और उसकी तरफ देखा, उसके लाल होंठ उठे और उसने पूछा," प्रेसिडेंट फिर आपको क्या चाहिए ?"
गू मोहन बिस्तर की तरफ बढ़ गया और बैठने लगा। उसकी सिकुड़ी आँखों में हल्की सी खुशी थी और उसने कहा, " यहाँ आओ और यहाँ झुक जाओ."
वह चाहता था कि वह वहाँ जाकर झुक जाए ।
हालांकि टैंग मोर खुद को उसे सौपने को तैयार थी फिर भी वह सुन्न हो गयी जब उसने उसे आदेश दिया...जैसे कि वह कोई मशीन थी।
वह धीरे से उसके करीब गयी और उसके सामने जाकर झुक गयी ।
गू मोहन ने अपनी आँख उठाई और उसकी सामने झुकी हुई आज्ञाकारी औरत को देखने लगी । उसने उसके बाल खींचे और पूछा "तुम मुझे ये हाव भाव क्यों दिखा रही हो, क्या मैं तुम्हें ऐसा करने के लिए मजबूर कर रहा हूँ ? मुस्कुराओ, मैं तुम्हारी मुस्कुराहट देखना चाहता हूँ।"
वह उसकी मुस्कान देखना चाहता था।
वह चाहता था कि वह उन परिचारिकाओं की तरह व्यवहार करें जो पैसे के कुछ भी कर सकती थी ।
टैंग मोर ने गहरी सांस ली और अपने लाल होंठो को उठाया। यह मुस्कान थोपी गई थी और यह और भी बुरी लग रही थी जैसे वह रो रही हो।
गू मोहन ने एक कर्कश मुस्कान प्रकट की और गहरी आवाज़ में बोला, "क्या आप ऐसा नहीं करना चाहती हो? मिस टैंग, कोई भी आपको ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है, यह सब सहमति से था । आप अभी भी छोड़ने का विकल्प चुन सकती है।"
टैंग मोर ने अपने नीचे वाले होंठ को काटा, उसका चेहरा एक कागज की तरह सफेद पड़ गया था।
गू मोहन ने एक बार फिर उसे घूरा और उसकी आँखे लाल हो गयी ।
वह दुबारा सिगरेट पीना चाहता था, वह सच में उसे मार देना चाहता था।
उसने जबरदस्ती उसके कलाई को पकड़ा और उसे अपने बिस्तर में खींच लिया।
घूमने के बाद टैंग मोर नरम बिस्तर पर गिर गयी। वह एक चीज भी नहीं देख सकी थी। वह सि्र्फ उसके मर्दाना शऱीर को अपने ऊपर महसूस कर पा रही थी और उसके होंठ गू के द्वारा चूमे जा रहे थे।
उसने उसके नरम लाल होंठों को अपने दांतों से काटना शुरू कर दिया, उसकी जीभ उसके मुंह के अंदर अपना रास्ता निकाल रही थी। वह उसकी निर्दोष सुंदरता का दुरुपयोग करते हुए उस पर अपना गुस्सा को निकाल रहा था।