टैंग मोर की त्वचा नाजुक और कोमल थी। उस आदमी के प्रहार के कारण उसका चेहरा जल्दी से लाल हो गया। ठंडे पानी की बूंद उसके गालों और उसकी गर्दन से होती हुई नीचे गिर गयी, जिसके कारण उसका लाल कॉलर गीला हो गया। यह शर्मनाक था और उसने महसूस किया कि उसके कान गर्म हो गए हैं।
उसने तुरंत अपनी भौंहें उठाई जबकि उसके दो छोटे हाथ एक आदमी की मजबूत छाती को धकेल रहे थे। "प्रेसिडेंट गू क्या आप पागल हो गए है?"
गू मोहन आगे बढ़ा और उसे हरी दिवार के साथ सटा दिया। उसकी तीन पतली उंगलियाँ मोर के माथे को दबा रही थी। उसने मोर को घूरते हुए कहा, " तुम खुश दिख रही थी जब तुम्हारे पूर्व मंगेतर ने तुम्हें चूमा था। फिर मेरे तुम्हें छूने पर तुम क्यों नाखुश हो?"
उसने सू ज़ेह को उसे चूमते देखा था?
टैंग मोर ने घबराहट में अपने होंठ हल्के से जीभ से स्पर्श किया। उसने उसका गुस्सा पहले पब में नहीं देखा था, पर अब जब दोनों कमरे में अकेले थे तो इसे नकारना मुश्किल था। ये आदमी बहुत सभ्य था और अपना गुस्सा किसी महिला को कभी भी सार्वजनिक तौर पर दिखा कर शर्मिंदा नहीं कर सकता था। हालांकि दरवाजे के पीछे कहानी अलग थी।वह उसकी सजा से बच नहीं सकती थी। उसकी आँखे गहरी और बुरे की सम्भावना दिखाने वाली लग रही थी, वह इतना गुस्से में लग रहा था जैसे वह उसके टुकड़े कर देगा।
टैंग मोर बनावटी ढंग से मुस्कुराई। उसने उसे बहुत ही प्यार से देखा। प्रेसिडेंट गू
कही आपको जलन तो नहीं हो रही?"
मोर के चेहरे से टपकती बनावटी हँसी को देखकर गू मोहन की पुतलियाँ और गहरी हो गयी। वह तुरंत उसके तरफ झुका और उसके लाल होंठों को ढँक लिया।
आह्!
टैंग मोर की धवल और स्वच्छ आँखें फैल गईं क्योंकि गू ने उसके सामने के दृश्य को पूरी तरह से बाधित कर दिया था। वह केवल उसी को देख पा रही थी। वह जो कुछ महसूस कर पा रही थी वह केवल वही था जोकि अपने मजबूत शरीर को उसके ऊपर दबा रहा था। उसकी काली कमीज़, उसके चौड़े कंधे और तराशी हुई छाती उसके शरीर के चारों ओर लिपटी हुई थी। उसका धड़ मोटा था और उसकी बाँहें तराशी हुई थीं और वह पूरी तरह से उसके शरीर से घिरी हुई थी। बाथरूम में क्रिस्टल झूमर से प्रकाश उसके बालों पर चमक रहा था, जो उसे चमकदार सोने की आभा दे रही थी। ऐसे पुरुष महिलाओं को आसानी से मोहित कर सकते है और वह अलग नहीं थी।
उसने अपने कोमल होंठ समेटे और एक जोरदार दबाव लगाया जिससे मोर के पंखुड़ी जैसे होंठ अलग हो गए। उसकी परिपक्व आभा अधिक गहरी हो गई थी और उसने उसकी पतली कमर को अपने हाथों से पकड़ रखा था। अपनी भौंहों को उठाते हुए उसने अपनी जीभ उसके मुंह में जबरदस्ती डाल दी। वहाँ पानी के फैलने की आवाज़ थी लेकिन वह खुद को नहीं सम्भाल पा रही थी।
टैंग मोर सुन्न हो गयी, लेकिन उसका शरीर नरम था और वह कमजोर महसूस कर रही थी। उसके पास कोई ऊर्जा नहीं बची थी। उसके रोबदार गर्म चुंबन ने मोर के होश लूट लिए थे और वह उसके प्रवाह में खींच ली गई थी और उसकी संपूर्णता द्वारा निगल ली गई थी।
इस समय गू मोहन ने उसे उसके कूल्हों से उठा लिया और उसे आराम से काउंटर पर रख दिया। उसके होठों ने उसे कभी नहीं छोड़ा जबकि उसके शरीर को उसने मोर के पैरों के बीच निचोड़ दिया था। गू के बड़े-बड़े हाथ प्यार से उसके शारीरिक उभारों को सहलाने लगे और वह उसके शरीर के करीब कराहना लगा।
टैंग मोर पूर्वाभास में फड़फड़ाने लगी, उसका शरीर गर्म और तर्कहीन हो गया, वह उसकी आवाज़ से स्विच की तरह अचानक झटके से जाग गई। मोर ने उसके चुंबन से बचने के लिए अपने सिर पलट लिया। "नहीं, मुझे यह नहीं चाहिए!"
गू मोहन की त्योरियाँ चढ़ गई और उसने अचानक उसे चूमना छोड़ दिया। उसका खून उबलने लगा और उसने अपने दोनो हाथों से मोर के छोटे चेहरे पर चुटकी काटी और नाखूश होते हुए कहा, "तुम किससे खेल रही हो? तुम अभी भी कीमत से खुश नहीं हो और शुल्क बढ़ाना चाहती हो?"
ऐसा कहते हुए गू ने मोर के चेहरे को थपथपाया और आगे कहना जारी रखा, "5 करोड़ एक रात के लिए, यह सस्ता नहीं है, क्या है?"
टैंग मोर उस पर चिल्लायी। उसके नाजुक शरीर को गू द्वारा एक छोटे से कोने में ले जाया गया, बिल्कुल एक सफेद खरगोश की तरह जो एक भेड़िये के खिलाफ संघर्ष कर रहा था।
उसके घुटने एक साथ जुड़ गए और उसने धक्का देने के लिए गू के सिक्स पैक पर लात मारी। और वह चिल्लायी, "बाहर निकलो!"
गू मोहन बिल्कुल नहीं हिला । उसके दो बड़ी हथेलियाँ अभी भी उसके शरीर पर थी और गू ने उसके गुस्से को नज़रअंदाज करते हुए उसे सहलाना जारी रखा। मैं तुम्हें तुम्हारा नामांकन दे दूँगा। बस अपनी टांगें मेरे लिए अलग करो और मुझे एक सटीक विभाजन दिखाओ, मैं उसे देखना चाहता हूँ ।"
टैंग मोर हार गयी थी और उसके पास कहने को कुछ नहीं था।
हालाँकि वह लंबे समय से मनोरंजन उद्योग में थी और उसने बहुत सी कहानियाँ सुनी थीं, परंतु उसने कभी भी यौन एहसानों को स्वीकार नहीं किया था। यह कहा गया था कि कई अमीर पुरुष लड़कियों को मंहगे क्लबों से जाते थे और बदले में उन पर अत्याधिक नकद राशि फैंकते थे। और उन्हें केवल एक 'सही विभाजन' के लिए लक्ष्य बनाना था।
जितना ज़्यादा वह अपनी टांगो को खोलती थी, उतना अधिक वह प्रदर्शित करती थी। ऐसा करके वे उन निर्बल पुरुषों की विकृत इच्छाओं को पूरा करती थी।
टैंग मोर ने अपने सामने मौजूद आदमी को देखा और उसे एहसास हुआ कि यद्यपि इस आदमी ने पहले कभी एक महिला के साथ खिलवाड़ नहीं किया था पर इसका मतलब ये नहीं था कि वह नहीं जानता था कि ऐसा करना कैसे है।