पूरा सेट लाल गुलाबों से भर गया। गुलाबों के साथ आए कार्ड को निंग क्षी ने जैसे ही खोलकर पढ़ा, उस पर लिखा था, " मुझे एयर पोर्ट पर लेने आना मत भूलना-एविल फाइरी किंग।"
डिलीवरी बॉय ने कहा " कृपया यहाँ साइन कर दे।"
निंग क्षी ने कहा, "आप ये सब ले जाए मुझे नहीं चाहिए, मैं साइन नहीं करूंगी।"
डिलीवरी बॉय ने कहा " माफ करना मेम पर ये वापस नहीं ले जा सकते| जिसने इन्हें भेजा है, हमने उनसे वादा किया है कि आपको फूल दे के ही आएंगे। उसके बगैर मैं यहाँ से नहीं जा सकता। कृपा करके इन्हें ले लीजिये और यहाँ साइन कर दे।"
तभी प्रोप मैनेजर आया और कहने लगा, " ले लों निंग क्षी, हमें सेट को सजाने के लिए अगले सीन में काम आएंगे| तुम्हें नहीं चाहिए तो हमें दे देना।" हमारी मेहनत बच जायेगी।
प्रोप मैनेजर की बात सुनकर निंग क्षी ने डिलीवरी बॉय के कागज़ पर साइन कर दिए और फूल ले लिए।
अब सेट पर चटखारों का दौर शुरू हो गया, " किसने भेजे होंगे इतने सारे गुलाब!" कितना रोमांटिक होगा वो जिसने भेजे होंगे..."
आज पहला ही दिन और 100 गुलाब...और न जाने क्या क्या।
निंग क्षुएलुओ की सहायिका निंग क्षी का मज़ाक उड़ाते हुए बोली, " देखने में ही ज्यादा है वरना इनकी कीमत चवन्नी में भी नहीं है।"
तभी एक और लड़का आया और उसने निंग क्षी को एक बक्सा दिया| निंग क्षी ने उत्सुकता से उस बक्से को खोल के देखा तो अन्दर था एक चमकदार बड़ा सा हीरा और एक कागज जिस पर लिखा हुआ था , "बहुत दिन हो गए तुम्हें देखे y s ।"
Y और s देखकर निंग क्षी के आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा। हे भगवान क्या ये दोनों आपस में मिलकर जान बूझकर ऐसा कर रहे है क्या ?
मेरे किसी भी काम में इतनी समस्या क्यूँ आती है। सेट पर लोग बातें करने लगे, " कितना बड़ा हीरा हैं।"
"कितना चमकदार हैं।"
"इसकी चमक से तो मैं अंधी हो जाऊंगी।"
आधा दिन गुजर चुका था, शूटिंग पर मौजूद लोग अभी तक जो हुआ उसी पर बातें करते और गप्पे लगाते जा रहे थे।
इस बार निंग क्षुएलुओ की सहायिका कुई काइजिंग के पास कहने को कुछ नहीं था, तो सिर्फ इतना कहा " "क्या पता हीरा असली है की नकली।"
निंग क्षी बहुत ही ज्यादा तनाव मे आ गयी थी| सोचने लगी न जाने आगे क्या क्या होने वाला है।
निंग क्षी ने ने डायरेक्टर गुओ से कहा, " मुझे माफ करे मेरे कारण सेट पर सब को तकलीफ़ हुई।"
गुओ ने मुस्कुरा के कहा , "कोई बात नहीं , कुछ दिनों मे तुम्हें इसकी आदत हो जाएगी। तुम खूबसूरत लड़की हो, और खूबसूरती के कई दीवाने होते हैं जो इस तरह से अपने प्यार का इज़हार करते रहते हैं, तो चिंता न करो न ही शर्मिंदा हो।"
उधर दूर बैठी निंग क्षुएलुओ, का गुस्सा सातवें आसमान पर था, " इस गाँव की ग्वार के भी अब चाहने वाले पैदा हो गए ,अपने शुरुवाती दिनो मे मुझे तो ये सब जग दिखावे के लिए खुद ही पैसा दे के करवाना पडता था , और इसे ये सब पहले दिन से मिलने लगा।"
तभी निंग क्षी के सेल फोने पर किसी का कॉल आया| सीन शुरू होने मे थोड़ा समय था तो निंग क्षी ने उठा लिया कॉल| दूसरी तरफ से आवाज आई, " हाय मेरी जान...कैसी हो? मेरा तोहफा कैसा लगा? पसंद आया?"
"जियांग मुए! तुम ! हरामखोर ! तुम ये सब जान बूझकर कर रहे हो न, मुझे नीचा दिखने के लिए?"
"अरे इतना चिल्लाना तुम्हारी सेहत के लिए अच्छा नहीं। चेहरे पर झुर्रियां आ जाएंगी। " फोन पर आवाज आई।
" बात को मत पलटो और जो मैं पूछ रही हूँ सिर्फ उसका जवाब दो| क्या चाहते हो?"
"मै कुछ नहीं चाहता हूँ| याद दिलाने के लिए फोन किया है कि, अपना वादा भूल मत जाना मुझे एयर पोर्ट पर लेने ज़रुर आ जाना।"
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे कॉल करने की? और याद दिलाने की मैं तुम्हें एयरपोर्ट पर लेने आऊँ?" "अगर आयी तो एक 40 मिटर का चाकू लेकर आऊँगी ताकि तुम्हारी गरदन काट सकूँ।"
" तुम अपना वादा तोड रही हो निंग क्षी...याद रखो।"
"मेंने लेने आने का वादा इस शर्त पर किया था कि तुम मुझे 8 मिलीयन युआन उधर दोगे| तुमने दिया क्या मुझे? नहीं न?तो क्यू लेने आऊ तुम्हें!" निंग क्षी ने गुस्से से जवाब दिया।
"इसमे मेरी गलती नहीं है, तुमने जैसे ही पैसे माँगे मैं देने को तैयार हो गया था| बाद में तुम्हें ज़रूरत नहीं पड़ी| इसमें मेरी कोई गलती नहीं। मैं तो तैयार था देने के लिए। सच तो ये है कि तुम लोगों का एहसान लेना पसंद नहीं करती , ये मैं जानता हूँ।"