Baixar aplicativo
60% तू चाहिए / Chapter 3: कॉलेज का वो वक्त

Capítulo 3: कॉलेज का वो वक्त

आसिफ ने आमिल से कहा, " आप सही कह रहे है बाबा, मेरी कोई अतीत है और वो बहुत ही भयानक अतीत है जिसे में कभी भी दोहराना नही चाहता था अपनी जिंदगी में लेकिन अब दोहराना पड़ रहा है।

पहले मुझे ऐसा कभी नहीं लगा था की ये दिन मुझे कभी देखना पड़ेगा और सोच भी नही सकता था की उसी भयानक अतीत की वजह से ये सब हो रहा है लेकिन अब मुझे पूरा यकीन हो गया है की ये कड़ी मेरी अतीत से ही जुड़ी है।

मैं अपने घर का सबसे छोटा बेटा हूं तो मेरे पेरेंट्स का मुझे लेकर बड़े सपने थे, मेरे पेरेंट्स मुझे एक काबिल लॉयर बनाना चाहते थे इसलिए उन्होंने मुझे दिल्ली के एक नामी यूनिवर्सिटी में दाखिला करवा दिया।

मुझे किसी भी चीज की कोई कमी नही थी और पैसों की तो बिलकुल भी नहीं क्योंकि मेरे दोनो भाई फॉरेन कंट्री में एक अच्छी जॉब करते थे और मेरे पापा एक अच्छे लॉयर थे, मेने उन्हीं को कॉपी करते हुए इस प्रोफेशन को चुना था क्योंकि मुझे भी अपने पापा की तरह ही बनना था ।

मेरे पेरेंट्स ने मेरा दाखिला करवा के घर वापस रवाना हो गए थे, मैं उसी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहता था।

अगले दिन जब में यूनिवर्सिटी गया तो वहां का माहोल मुझे बड़ा अजीब सा लगा क्योंकि वहां रैगिंग होती थी ।

मेने सुना था की लड़के ही इन सब में इंवॉल्व रहते है लेकिन मेरा अंदाजा गलत था बल्कि अब तो लड़कियां भी इन सब चीजों में दिलचस्पी लेने लगी है ।

मेरा उस यूनिवर्सिटी में पहला दिन था, मैं जब अपने क्लास में गया तो " वहां के कुछ स्टूडेंट्स ने मेरा रास्ता रोक लिया उन्होंने मुझसे मेरा वॉलेट और फोन मांगा

मेने जब आवाज उठाई तो उन लोगों ने मेरे साथ धक्का मुक्की की और मेरा कॉलर पकड़कर मुझसे मेरा फोन और वॉलेट मांगने लगे, इतने में टीचर्स आ गए और उन लोगों ने मेरा कॉलर छोड़ दिया ।

"जब मैं क्लास के अंदर गया वो लोग मुझे ऐसे घूर रहे थे जैसे उनका बदला मुझसे पूरा न हुआ हो, फिर " मेने मन ही मन में सोचा की इनकी शिकायत एक बार प्रिंसिपल से करनी होगी तब ही कोई मसले का हल निकलेगा।

हमारी क्लास शुरू हुई, पहले ही क्लास से मेरे पढ़ाई की परफॉर्मेंस ने टीचर्स के दिल जीत लिए थे।

क्लास छुटने के बाद जब मैं क्लास से बाहर आया तो उन लोगों ने फिर से मेरा रास्ता रोक लिया और मेरे कंधे में हाथ रख कर कहा, "हमने सोचा था की हमारा हिसाब तुमसे अभी बाकी है,, "लेकिन फिर सोचा की तुम तो हमारे बड़े काम के बंदे हो, तो इसलिए "हमने तुम्हे माफ किया क्योंकि अब तुम पढ़ाई में हमारे जो काम आने वाले हो।

ये कह कर उनकी टीम वहां से चली जाती है।

ये एक 5 लोगों की टीम थी, इन्हे लोग 5star के नाम से जानते थे, इस टीम के लीडर का नाम डेविड था।

ये नए स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग करते थे, बहुत परेशान किया करते थे उन सबको, सब लोग इनकी टीम से दूरी ही बनाकर रखते थे।

सिर्फ एक यही टीम नही थी रैगिंग के नाम से मशहूर एक और टीम थी जिसका नाम, "सेलफिश, था। ये टीम लड़कियों की थी। इस टीम में 10 लड़कियां थी और एक लड़की इसमें कप्तान थी। उस लड़की का नाम hazal था।

Hazal एक क्रिस्टियन रिलीजन से belong करती थी और बहुत ही घमंडी लड़की थी।

दूसरी तरफ डेविड भी क्रिस्टियन रिलीजन से belong करता था, वो एक अमीर बाप का बिगड़ा बेटा था और साथ ही काफी मगरुर ( घमंडी) लड़का था।

Hazal और डेविड की तो एक दूसरे के साथ बिल्कुल भी नही बनती थी।

एक दिन डेविड ने hazal के साथ कुछ ऐसा किया जिसके कारण hazal एक बड़ी मुसीबत में फस गई थी।

वो मुसीबत क्या थी और फिर डेविड ने hazal के साथ ऐसा क्या किया था?

मैं अपने इस यूनिवर्सिटी में नया था। मुझे काफी चीजों के बारे में नही पता थी क्योंकि ये यूनिवर्सिटी मेरे लिए एक दम नया था, मुझे अबतक नाही ये यूनिवर्सिटी समझ आई थी और नाही यहां के लोग, अगर कुछ समझ भी आया था तो वो रैगिंग था, जो हर नए और कमजोर स्टूडेंट्स के साथ होता था।

यहां के यूनिवर्सिटी में रूल्स तो थे लेकिन इसे कोई फॉलो नही करता था क्योंकि अगर इस रूल्स को कोई फॉलो भी करता/करती तो उसे रैगर्स के थ्रू दबा दिया जाता था, बात तो प्रिंसिपल तक पहुंच ही नही पाती थी अगर पहुंच भी जाती तो दूसरे दिन विक्टिम अपना कंप्लेन वापस ले लेता था।

अब आप अंदाज लगा ही लिए होंगे की ये यूनिवर्सिटी किस कदर अंधेरे में थी। लेकिन ये यूनिवर्सिटी law की पढ़ाई के लिए बेस्ट थी ।

कई स्कूल और यूनिवर्सिटीज ऐसी है जो आज भी अंधेरे में है। मानो जैसे वहां रोशनी फेलाने वाला कोई है ही नही।

ऐसे ऊपर से तो बहुत साफ सूत्री लगती है लेकिन अगर उसके भीतर झांका जाय तो एक दम अंधेरा सा...

रैगिंग के मानले ज्यादातर विदेश में सुनने को मिलता क्योंकि वहां पर आज भी रैगिंग के मामले सामने आते है।

अपने से कमजोर को परेशान करना।

ये तो बरसो पहले से चलता आ रहा है।

लेकिन क्या ऐसा करना एक मानवता के खिलाफ नही है?

या फिर उसे दर्द ही नही होता है?

किसी को परेशान करने से अपनी पहचान या अपना ओहदा नही बढ़ जाता।

ये हर किसी को समझना चाहिए अगर वो आगे चल कर एक अच्छा और सक्सेसफुल इंसान बनना चाहता है तो।

आजकल तो जानवर भी इंसानों जैसा बरताव करने लगे है।

तो फिर इंसानों का ओहदा कहां होना चाहिए?

क्या वो ये बात भूल गए है की जानवरों को ट्रैन करने वाला एक इंसान ही है।

तो भला सोचो की अगर हमारे पास एक जानवर को ट्रैन करने के लिए इतना अच्छा दिमाग है।

तो भला ये केसे नही पता होगा की इंसानों से हमे कैसा रवय्या रखना चाहिए।

लेकिन ये आने वाली जेनरेशन को हो क्या गया है?

ये क्यों नही समझते है की इंसानियत सबसे पहले आती है और उसके बाद कुछ।


next chapter
Load failed, please RETRY

Status de energia semanal

Rank -- Ranking de Poder
Stone -- Pedra de Poder

Capítulos de desbloqueio em lote

Índice

Opções de exibição

Fundo

Fonte

Tamanho

Comentários do capítulo

Escreva uma avaliação Status de leitura: C3
Falha ao postar. Tente novamente
  • Qualidade de Escrita
  • Estabilidade das atualizações
  • Desenvolvimento de Histórias
  • Design de Personagens
  • Antecedentes do mundo

O escore total 0.0

Resenha postada com sucesso! Leia mais resenhas
Vote com Power Stone
Rank NO.-- Ranking de Potência
Stone -- Pedra de Poder
Denunciar conteúdo impróprio
Dica de erro

Denunciar abuso

Comentários do parágrafo

Login