स्मिता को अचानक से खींचा गया उसे एकदम से दिवार से सटा दिया गया वह खुद को संभल भी नहीं पायी और उसके चेहरे पर गर्म सांसे थी कोई था जो हांफ रहा था ।
आदमी ने हाँफते हुए कहा " कौन हो तुम और अंदर कैसे आयी । " ऐसा लग रहा था वो आदमी खुद को कोई सजा दे रहा हो।
वह बहुत बुरी तरह से हांफ रहा था तभी स्मिता ने कहा " मैं अंदर आयी तुम आये हो तुम कौन हो और हमारे रूम में क्यों हो ? और नताशा कहाँ है ? "
एक तरफ स्मिता ने एक्सपेक्ट नहीं किया था की वह गलत रूम में है उल्टा वह उस आदमी से बहस कर रही थी की वह यहां क्यों है स्मिता नशे में होने के बाद भी अनजान भय से डरी हुई थी ।
दरअसल स्मिता नशे की हालत में आरव के रूम में चली गयी थी ।
वहीं दूसरी तरफ एक आदमी किसी से बात कर रहा था यह वहीं मैनेजर था मिस्टर खुराना जिसने आरव को डिनर दिया था।
वह फोन पर बात कर रहा था " सर ! मैंने आपने जो कहा वह कर दिया है लेकिन अब कुछ होगा तो नहीं ! " मैनेजर मिस्टर खुराना ने डरते हुए कहा।
"नहीं! फिक्र मत करो बस अपना मुंह बंद रखना कुछ नहीं होगा और तुम्हें अपना इनाम मिल जाएगा ! " दूसरी तरफ से एक आदमी की आवाज आती है ।
" अच्छा सुनो ये तो बताओ की उस दवाई का असर कब तक रहेगा ? " उस दूसरी तरफ के आदमी ने कुछ सोचते हुए पूछा ।
" उस ड्रग्स का असर कम से कम 7 घंटे तक रहेगा और आरव अपना सेल्फ कंट्रोल को देगा क्योंकि दवाई की डोज इतनी ज्यादा है की चाहे कितना भी सेल्फ कंट्रोल वाला आदमी क्यों ना , बर्दास्त नहीं कर सकता है! " मैनेजर ने कहा।
दरअसल जब अब डिनर कर रहा तभी इसी मैनेजर ने उसके डिनर के बाद के लास्ट में नशीली दवाई मिलाई थी ।
वहीं आरव के रूम में . . .
" अभी इसी वक़्त रूम से बाहर निकल जाओ !" आरव ने गुस्से से चिल्लाते हुए स्मिता से कहा ।
स्मिता उसके ऐसी गुस्से भरी आवाज़ को सुनकर रूम से बाहर की तरफ जाने लगी लेकिन दरवाज़ा नहीं खोल पायी उसने कुछ देर तक कोशिश की लेकिन नाकाम रही, जब बहुत देर तक दरवाज़ा नहीं खुला तो आरव आया और उसने कोशिश की लेकिन वह भी इसे नहीं खोल पाया।
इसके थोड़ी टाइम बाद स्मिता ने आरव की तरफ देखा आरव पसीने से भरा हुआ था अचानक आरव ने स्मिता को दीवार से लगा लिया और उसे kiss करने लगा ये आरव के लिए पहली बार था की वह खुद और अब और कण्ट्रोल नहीं रख पा रहा था स्मिता ने छूटने की कोशिश की लेकिन वह खुद को छुड़ा नहीं पा रही ।
आरव ने स्मिता को उठाकर बेड पर ले गया और अपनी बांहों में कसकर लपेट लिया , स्मिता ने छूटने के लिए हाथ पैर मारे लेकिन आरव के सामने वह कुछ भी नहीं थी ।
" प्लीज छोड़ो मुझे डोंट टच मी ! छोड़ो....प्लीज छोड़ो ...जाने दो .....….." स्मिता ने गुस्से से कहा। और हाथपैर चलती रही।
लेकिन आरव ने नहीं छोड़ा और अचानक से उसके कपड़े फाड़ दिए गए स्मिता नशे में होने के बाद भी दर्द को महसूस कर रही थी।
आज का दिन सबसे बुरा था सालों पहले जब वह छोटी थी तो उसका सबसे बुरा दिन था क्योंकि उस दिन उसने अपने मॉम डैड को खो दिया था एक पल में उसकी पूरी दुनिया बदल चुकी थी वैसा ही कुछ आज था पहले तो उसके मंगेतर के धोखे का पता चला और अब एक साथ अनजान इंसान उसके जबरदस्ती कर रहा था ।
आरव के हाथ बहुत जल्दी जल्दी चल रहे थे ना चाहते हुए भी आरव ने स्मिता के रोने को इग्नोर कर दिया।
बहुत देर तक सब जल्दी जल्दी चलता रहा फिर उसके शरीर को सहलाया गया और स्मिता के साथ लगभग जबरदस्ती लगभग चार घंटे तक चली उसके बाद जब वह पूरी तरह से अब थक चुकी थी और थकान से नींद में चली गई जिसकी वजह से उसे कुछ ज्यादा एहसास नहीं हुआ बस इतना ही महसूस कर पा रही थी की किसी ने उसकी कमर को पकड़ रखा था और महसूस कर रही थीं कि उनके शरीर से गर्मी निकल रही है और जब उसने विरोध करने की कोशिश की तो उसका शरीर और कस गया ।
पांच घंटे बाद आरव रुका और बाथरूम में चला गया वह गिल्टी फील कर रहा था उसने बाथरूम की दीवारों पर मुक्के मारे वह खुद पर गुस्सा था की आखिकार क्यों वह कंट्रोल नहीं कर पाया ।
काफी देर बाद आरव आखिकार बाहर आया उसने सोई हुई स्मिता को देखा वह सोते हुए भी सिसक रही थी हालांकि नींद में थी लेकिन फिर भी उसकी सिसकियों की आवाज आरव को सुनाई दे रही थी और उसकी आखों में आसूं थे आज तक आरव कभी किसी लड़की के करीब नहीं गया था वह बेड के पास आया थोड़ी देर सोचने के बाद उसने और बाथरूम में ले गया और उसका शरीर अच्छे से साफ किया फिर उसके शरीर पर बाथरोब लपेट दिया और फिर उसे वापस बेड पर लाकर लेटा दिया।
आरव की आखों से नींद कोसों दूर थी यह किसी की चली हुई चाल है लेकिन किसकी वह नहीं जानता था और यह भी जान गया था की सामने लेटी हुई लड़की मोहरा नही थी क्योंकि गलती से उसके रूम में आई थी तो उसके सामने दो सवाल थे पहला ये किसकी चाल थी और दूसरा अब आगे का प्लान क्या होगा लेकिन वह जानता था की उसे उसके विरोधी से आगे चलना होगा ! तभी वह इससे निकल पाएगा ।
फिर आरव वापस बेड के पास आया और उधर उधर देखने लगा फिर उसकी नजर फोन पर पड़ी जल्दी से उसने फोन नंबर निकला उसके बाद अक्षत को फोन किया।
फोन की दूसरी तरफ से की अक्षत की आलसी आवाज " हां भाई मैं बस पहुंचने ही वाला हूं!"
" देखो मैं तुम्हें एक फोन नंबर सेंड कर रहा हूं उस फोन नंबर से रिलेटेड सारी डिटेल्स और उस फोन नंबर के सारे कॉन्टैक्ट्स की डिटेल्स और कॉल डिटेल्स मुझे 1 घंटे के अंदर चाहिए! " आरव ने कहा।