शिवी ये किस्सा सुन कर बोली," मीना मौसी! आप ने तो लक्ष्य चाचा जी की नाक में दम कर दिया था!" उसकी बात पर लक्ष्य बोली," अरे इनसे हम नही सब लोग परेशान थे!" उसकी बात पर मीना उससे घूर रही थी वहीं एक लड़की उन दोनो को देख बोला," जब भी पापा ने मां से शादी कर ली!" उसकी बात पर लक्ष्य बोला," ये कैसी भी हीं लेकिन इन्होंने हमे प्यार करने का मतलब सिखाया था।" मीना लक्ष्य को देख मुस्कुरा दी।
गायत्री जी सब को देख बोली," जाए आप सब का कमरा रेडी है! आप सब चेंज करे, जब तक हम आप सब के लिए खाना देखते हैं! " उनकी बात पर शिवी बोली," दादी! बृंदा मेरे कमरे में रहेगी और ये छोटू आपके कमरे में रहेगा मासी!" उसकी बात पर शिवी ने जिसे चोटी बोला था वो मीना और लक्ष्य का 8 साल का लड़का था। ।... वो शिवी के बालों को खींचते हुए उसे आंखे दिखा कर बोला," मेरा नाम वंश है! छोटू नही! आया समझ में! और मैं आप दोनो के कमरे में ही रहूंगा! रोक सकती हो तो रोक लो!" ये कहकर वो भाग गया तो शिवी और बृंदा उसके पीछे भागी।.... सब उन बच्चो को देख कर हस दिए।... गायत्री जी बोली," देखो शिवी कितनी खुश हो जाती है तुम सब के आने से!" उनकी बात पर मीना और लक्ष्य मुस्करा दिए।
इधर रजनी, संजय को देख बोली," क्या पता चला? उस लड़की के बारे में?" उसकी बात पर संजय बोला," मुझे नही लगता की कोई भी लड़की है रुद्र के पास! अगर होती तो पता चल जाता! मेने जिससे पता लगवाया तो किसी को कुछ नही पता की उसकी कोई लड़की है भी या नहीं! मुझे तो लगता है तुमने गलत सुना होगा! रुद्र की बच्ची भी शिवांगी के साथ मर गई थी।" उसकी बात पर रजनी अपने मन में सोचते हुए बोली," रजनी से कभी गलती नही होती है! मुझे ही पता लगवाना होगा अब!" ये कहते हुए वो कुछ सोचे जा रही थी।
इधर रात का वक्त, महल
रुद्र सब से मिल कर खुश था।... रुद्र और लक्ष्य दोस्त थे।... लक्ष्य दूसरी रियासत का रहा था।... उसकी रियासत का नाम भरतपुर था।... वो और लक्ष्य बचपन से एक साथ थे।... दोनो की पढ़ाई एक साथ हुई थी।..... दोनो ने एक साथ ही कॉलेज कंप्लीट किया था।....
सभी लोग बाहर गार्डन में बैठे थे।... शिवी मीना को देख बोली," मासी आगे बताओ न की पापा तो मां से बात ही नही करते थे तो दोनो में प्यार कैसे हुआ?" उसकी बात पर बृंदा भी हामी भरते हुए बोली," बताओ न मां की बड़ी मां ने कैसे बड़े पापा को प्यार करना सिखाया जब की वो इत्ते खडूस थे?" उसकी बात पर रुद्र ने बृंदा को घूरा उर कहा," आप हमे खडूस कहा रही हैं बच्चा?" उसकी बात पर बृंदा दांत दिखाते हुए बोली," नही बड़े पापा! आप कहां खडूस है! आप बहुत अच्छे हैं!" बृंदा का तुरंत बात चेंज करना देख सब हस दिए।... मीना हस्ते हुए बोली," तो सुनो अपने पापा मां की कहानी!"
" शिवांगी इनसे इसीलिए बात नही करती थी क्यूंकि ये बहुत ही खडूस थे। हर बात पर डांट देते थे, और एक ये थे की उसे छुप छुप कर देखते थे लेकिन पास आना नही चाहते थे।"
फ्लैशबैक
करीब दो महीने गुजर थे।..... सब लोग रोज मिलते थे सब में बाते होती थी लेकिन शिवांगी रुद्र से दूर ही रहती थी।.... वहीं दूसरी और मीना लक्ष्य की नाक में दम कर देती थी।.... वो जब भी उससे मिलता था वो उसे वहां पर छेड़ती और उसे परेशान करती थी।..... लक्ष्य को मीना का परेशान करना कहीं न कहीं अब अच्छे लगने लग गया था।....
शाम का वक्त , अस्सी घाट
सब लोग आज कैंपस से अस्सी घाट के लिए निकल गया थे।.... निष्ठा और विवान एक साथ विवान की बाइक पर आ रहे थे।... वहीं श्रुति और नमन भी बाइक पर थे।... अब बचे वो चारों थे।... रुद्र और लक्ष्य के पास भी अपनी अपनी बाइक थी।.... श्रुति सब को देख बोली," ये शिवांगी कहां रहा गई? तू बुला के नही लाई उसे क्या?" उसकी बात पर मीना मुंह बनाते हुए बोली," यार वो यहां पर आ रही थी जब किसी बच्चे ने उस पर पानी डाल दिया तो कपड़े चेंज करें गई है लेकिन अब तो काफी वक्त ही गया है रुक में कॉल लगती हूं!" ये कहते हुए वो अपना फोन निकालने लगी तो नमन जल्दी से बोला," मत निकाल फोन! आ गई देख!" उसकी बात पर सबने देखा तो शिवांगी आज ग्रे और लाइट ब्लू के कॉम्बिनेशन में फ्रॉक सूट पहन के आ रही है।..... आधे बंधे हुए बाल, कानो में झुमकी और आंखों में काजल लिए वो आ रही थी।..... निष्ठा ने उसे ऐसे देखा तो उसे देख सीटी बजा दी और बोली," अरे वाह क्या बवाल लग रही हो मेरी जान! मन कर रहा है इन गुलाबी होटों को चुम्मा दे दूं!" उसकी ऐसी बात पर सब हस दिए और शिवांगी का चेहरा लाल हो गया और वो उसके हाथ पर मारते हुए बोली," जाके अपने वाले के चूम! मुझे रहने दे तू! और कैसी बातें करती है तू सब के सामने पागल कहीं की!"
रुद्र तो अपनी आंखे ही झपकना भूल गया था।... वो तो बस शिवांगी को देखे जा रहा था की कोई अजूबा हो।.... मीना ये देख कर उसके पास थोड़ा सा झुक कर बोली," ऐसे न देखे उसे! नजर लग जाएगी आपकी ही! अगर प्यार है तो करीब क्यों नही जाते?" उसकी हां में हां मिलाते हुए विवान ने रूद्र से कहा," ठीक कहा तुमने मीना! जाओ अच्छी लड़की है शिवांगी! कोई नही मिलने वाली उसके जैसी! अब सब लोग अपने प्यार के साथ घूमेंगे! और तू मीना जा जाकर लक्ष्य के साथ हो जा सब के पास एक एक पार्टनर होगा!" उसकी बात पर मीना मुंह बनाते हुए बोली," वो अकड़ू तो बात करता नही है और तू कहा रहा है उससे प्यार करवाऊं! अरे उससे बाडिया मुझे तू सूली पे चढ़ा दे भाई!"
नमन सब को देख बोला," चलो जल्दी फिर लोट कर भी तो आना है!" उसकी बात पर श्रुति और निष्ठा, नमन और विवान के पीछे जा कर बैठ गई।.... निष्टा बोली," चलो जल्दी यार! बैठो!" उसकी बात पर शिवांगी कुछ कहने को हुई तो मीना ने शिवांगी के हाथ को पकड़ कर रुद्र के पास ले गई और बोली," तुम चलो हम आते हैं पीछे!" ये कह कर उसने रुद्र की तरफ देखा और बोली," आप शिवू को लेकर पहुंचे हम आपके टेडे दोस्त के साथ आते हैं!" ये कहा कर वो जल्दी से लक्ष्य के पीछे बैठी और उससे बोली," शकल क्या देख रहे हो चलाओ!" उसकी बात पर लक्ष्य ने उसे घूरा और बाइक पर एक बार में किक करके चला दी और आगे बड़ गया।
रुद्र ने शिवांगी को देखा जो नजरे नीची कर के आपने दुप्पटे में उंगली फसा रही थी।... रुद्र ने बाइक को स्टार्ट किया और बोला," जल्दी बैठो! मेरे पास टाइम नही है!" उसकी बात पर शिवांगी जल्दी से उसके पीछे बैठी लेकिन उसने उसे पकड़ा नही तो रूद्र ने बाइक में अचानक से ब्रेक लगाया तो शिवांगी उसकी पीठ से जा लगी और उसकी आंखे बड़ी हो गई।... रुद्र ने उससे कहा," टाइट से लकड़ी मुझे! क्योंकि सब बहुत आगे निकल गए हैं! हम पीछे हैं!" उसकी बात पर शिवांगी ने कहा," आप चलाए! हम सही से बैठे हैं! चिंता मत करे!" उसकी बात पर रुद्र ने अपने हाथ को पीछे कर के शिवांगी के हाथो को पकड़ा और अपने पेट के पास रखते हुए कहा," मुझे अब कोई बकवास नही सुननी है! चुप चाप से पकड़ लो!" उसके ऐसे करने पर शिवांगी की धड़कने स्मानय से तेज हो गई थी।.... उसने जायदा बहस न करते हुए रुद्र को पकड़ लिया।... रुद्र भी उसकी पकड़ पाकर मुसकुरा दिया।...
वहीं दूसरी तरफ शिवांगी को कुछ आदमी रुद्र के साथ जाता हुआ देख कर उसकी फोटो खींची और किसी को बेझ दी।...
कोन थे ये आदमी? क्या शिवांगी और रूद्र पास आएंगे?
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे," इटरनल बॉन्ड:- लव बियोंड टाइम!"
- भूमिजा
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