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37.5% Raza ki Inayat / Chapter 3: Emotional Raza

章 3: Emotional Raza

अब तक आपने पढ़ा ।

उसे आदमी को ऐसा करते देख इनायत की दिल की धड़कन डर के कारण हंड्रेड की स्पीड से चलने लगी थी और यही कुछ हल दरगाह में इबादत कर रहे रज़ा का भी था । उसका दिल भी बहुत ही घबरा रहा था । 

Ali ali dum

Ali ali dum

Ali ali dum..

Dum ali ali

Dum ali ali..

वही रोड पर वह आदमी इनायत को अजीब नजरों से देखते हुए अपने गन का ट्रिगर दबाने लगता है ।

Ali ali ali ali ali ali ..

Ali..

और तभी उस सुनसान एरिया में गोली की आवाज गुंज उठाती है ।‌

अब आगे ।

वही दरगाह में बैठा रज़ा झटके से अपनी आंखें खोलता है । और अपनी नम आंखों के साथ सामने की तरफ देखने लगता है , तभी एक फकीर बाबा रजा़ के सामने आते हैं और उसके सिर पर हाथ रखकर ।

मोहब्बत से बड़ा कोई इबादत नहीं है । हमारे खुदा ही हमारी मोहब्बत है । इस दर से कोई भी खाली नहीं जाता है । खुदा तेरी झोली जरूर भरेगें ।

आज तूने अपनी मोहब्बत के लिए सच्चे दिल से दुआ मांगी है । खुदा तेरी दुआ जरूर कबूल करेंगे जा ए मुसाफिर जो तेरा है वह तेरे पास वापस लौट कर जरूर आएगा । खुदा हाफिज फकीर बाबा हंसते हुए कहते हैं और अल्लाह का नाम अपने जुबान पर लिए वहां से चले जाते हैं ।

वही रज़ा हैरानी भरी नजरों से उसे फकीर बाबा को  जाते हुए देख रहा था । रज़ा अपने कदम दरगाह के बाहर बढ़ता है तभी उसके सामने एक छोटा बच्चा अपनी झोली फैला कर खड़ा हो जाता है । उसे छोटे बच्चों को देखकर रियाज को अपना बीता हुआ कल याद आने लगता है ।

वह कसकर अपनी आंखें बंद कर लेता है फिर धीरे से अपनी आंखें खोल कर उस बच्चों को देखने लगता है । 

रियाज अपनी पैंट की पॉकेट में से कुछ पैसे निकलता है और उस बच्चों के हाथों में रख देता है । पैसे लेकर भी वह बच्चा वहीं पर खड़ा था और लगातार रजा़ को देखे जा रहा था । 

 उस बच्चों को अभी तक यहीं पर खड़े होते हुए देखकर रज़ा अपने घुटनों के बाल नीचे बैठता है रज़ा को ऐसा करता देख रज़ा के सारे बॉडीगार्ड हैरान हो जाते हैं । क्योंकि रज़ा ने आज तक सभी को घुटनों के नीचे गिराया है लेकिन कभी खुद नहीं बैठा ।

  तुम यहां पर खड़े क्यों हो क्या तुम्हें जाना नहीं है । मैंने पैसे दे दिए तुम्हें । रज़ा की बातें सुनकर वह छोटा सा बच्चा एक नजर अपने हाथों में लिए पैसे को देखा है फिर रियाज की तरफ देखते हुए बड़ी मासूमियत के साथ , क्या इन पैसों से मेरी अम्मी वापस लौट आएगी ।

उस बच्चों की बात सुनकर , रियाज थोड़ा कंफ्यूज हो जाता है । क्या मतलब है तुम्हारा कहां पर है तुम्हारी अम्मी ?  

सब लोग कहते हैं मेरी अम्मी खुदा के पास चली गई है । क्या इन पैसों से खुदा मेरी अम्मी को लौटा देंगे । उस बच्चे की बात सुनकर रज़ा एकदम से हक्का - बक्का रह जाता है ।

नहीं पैसों से तुम्हारी अम्मी वापस नहीं आ सकती । रज़ा अपनी रुवासी आवाज में कहता है । 

रज़ा की बातें सुनकर वह बच्चा उदास हो जाता है वह वापस उन पैसों को रज़ा के हाथों में थमा देता है । जब मेरी अम्मी इन पैसों से लौटकर नहीं आ सकती तो मेरे लिए इन पैसों का क्या मतलब है । आप इन्हें वापस ले लो । इतना कहकर वह बच्चा वहां से जाने लगता है ।

अ...आपने सही कहा था अम्मी जान हर चीज पैसों से नहीं खरीदी जा सकती यह बात अ..... आज एक छोटे बच्चों ने मुझे सिखा दिया । क... काश यह बात में पहले समझ गया होता तो आज मेरी मोहब्बत मेरी इनायत मेरे साथ होती । रजा़ उस‌ बच्चे को जाते हुए देखकर अपनी लड़खड़ाती आवाज में कहता है ।

रज़ा अपनी जगह पर से खड़ा होता है और पीछे अपने बॉडीगार्ड को देखते हुए , अकबर उस बच्चें को मेरे मेंशन लेकर आओ । इतना कहकर रज़ा आगे बढ़ जाता है ।

वहीं दूसरी तरफ ।

इस समय इनायत एकदम सुन होकर जमीन पर बैठी हुई थी । गोली की आवाज ने उसके कानों को एकदम से सुन कर दिया था । 

वही इनायत के सामने खड़ा आदमी दर्द से चिखं और चिल्ला रहा था । वह आदमी गुस्से भरी निगाहों से सामने की तरफ देखता है , तो एक पुलिस वाला अपने हाथों में गन लिया खड़ा था और बहुत ही बुरी तरीके से उसे आदमी को घुर रहा था । 

ए कौन है तू । तू जानता भी है , मैं किसका आदमी हूं तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझ पर गोली चलाने की । वह आदमी गुस्से से अपने दांत पीसते हुए उसे पुलिस वाले आदमी को देख कर कहता है ।

उस आदमी की बात सुनकर वह पुलिस मैन अपने कदम आगे की तरफ बढ़ता है और अपने हाथों में लिए गन को गन के पॉकेट में रखता है । 

हुसैन खान का आदमी है तू अच्छे से मालूम है मुझे और तुम जैसे आदमियों का सफाया करने के लिए ही , मेरी पोस्ट यहां पर आई है । वह पुलिस मैन बहुत ही एटीट्यूड के साथ कहता है ।

ए खाकी के घमंड दिखाने वाला । हुसैन साहब , तेरा यह घमंड 2 मिनट में अपने पैरों के नीचे दबा कर रख देंगे । तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझ पर गोली चलाने की , वह आदमी हल्का सा दर्द में सिसकते हुए गुस्से से कहता है । 

घमंड नहीं स्वाभिमान है मेरा , यह खाकी मेरा गर्व है गौरव है सम्मान है । लेकिन तुम जैसे गुंडो को इसकी कीमत कहां से पता चलेगी । कहते हुए वह पुलिस मैन इनायत की तरफ देखा है , जो स्टैचू बनकर जमीन पर बैठी हुई थी इस समय बारिश तो रुक गई थी लेकिन चाहत पूरी तरीके से भीग गई थी ।

वह पुलिस मैन चाहत के पास आता है और अपने पंजों के बाल नीचे बैठता है । Miss क्या आप ठीक है ? वह पुलिस मैन इनायत की तरफ अपने हाथों को हिलाते हुए कहता है तब जाकर अचानक से ही इनायत अपनी सेंस में आती है ।

प्लीज रीडर आप लोग मेरी स्टोरी को सपोर्ट कीजिए और कमेंट और रिव्यू भी दीजिए ।

आखिर कौन है यह पुलिसमैन ? 

क्या चाहत की जिंदगी में यह पुलिसमैन बनकर आया है कोई फरिश्ता ?

(रुसवा  मोहब्बत)....


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