アプリをダウンロード

章 13: 13

मधु एकदम से घर से बाहर निकली ! उसकी सांसे उसकी हालत का बयान कर रही थी ! घर से निकल कर कुछ दूर चलकर मधु मेन रोड तक पहुंच गई ! वहां से एक ऑटो लिया और निकल पड़ी ज्योति के बताए हुए फार्म हाउस पर !!

चलते हुए ऑटो के अंदर लगते हुए झटके उसे परेशान करने के बजाय आनंद दे रहे थे और अचानक मधु मुस्कुरा बैठी !

यार क्या मेरी जिंदगी में चल रहा है समझ में नहीं आ रहा जिस इंसान से दूर भागने की कोशिश कर रही हूं वह मेरे पास आता जा रहा है  और जो इंसान पास आना चाहिए उसमें तो पता नहीं दिल है भी या नहीं पत्थर हो चुका है वह इंसान !

कहीं ना कहीं वीर मेरे दिल में आता जा रहा है मेरी आंखों को  भाता जा रहा है कहीं ना कहीं मेरी आंखों को लुभाता जा रहा है ! बार-बार उसका ध्यान वीर और उसके बीच हुए इन हसीन हादसों के ऊपर जा रहा था !

फिर मधु मैं अपने आप से कहा यार बंदा  दिल का बुरा नहीं है नेचर भी अच्छा है और बातचीत तो बहुत ही अच्छी करता है उसके साथ जो रहे उसे उदास तो जिंदगी में होने नहीं दे !

और अपनी उधेड़बुन में कब एक घंटा निकल गया उसे पता ही नहीं चला और मधु फार्म हाउस पर पहुंच गई !

जाते ही मधु ज्योति से मिली और उसके गले लिपट कर कई देर दोनों सहेलियां ऐसे ही खड़ी रही काफी दिनों बाद जो मिल रही थी ! 

ज्योति ने मधु से कहा अरे यार तू एक काम कर मेरे साथ चल घर पर कुछ सामान छूट गया है लेकर आते हैं अभी तो पार्टी यहां शुरू होने वाली है थोड़ा सा टाइम और लग जाएगा

ज्योति और मधु दोनों कार में बैठकर ज्योति के घर चले जाते हैं और वहां से तकरीबन 2 घंटे बाद लौट कर आते हैं जैसे ही फार्म हाउस में दोनों एंट्री ले रहे होते हैं !

अचानक से मधु ने ज्योति से पूछा सामने दो लड़कियों का ग्रुप है वह किसको करके घेर कर खड़ा हुआ है !

ज्योति ने मधु को जवाब दिया " अगर मैं गलत नहीं हूं तो हमारे डॉक्टरों में भी एक जादूगर इंसान है बस वह पहुंच जाए तो सारी लड़कियां वही पहुंच जाती है उसकी हर बात में जादू है वह खुद एक जादू है उसके माथे पर आज तक किसी ने एक शिकन तक नहीं देखी है "

ऐसा कौन सा जादूगर है मुझे बता मुझे भी देखना है यार मधु ने ज्योति से कहा !

एक आदमी की पीठ ज्योति और मधु जिस तरफ से आ रहे थे उसी तरफ थी और एक चेयर पर बैठा हुआ था बाकी सारी लड़कियों की चेयर गोल घेरे में उसके सामने की तरफ थी

दोनों तेज तेज कदमों से उस ग्रुप के तरफ पहुंचते हैं ! और मधु के तो एकदम से आंखें इतनी बड़ी हो जाती हैं और दिल में ऐसा धक्का सा लगता है क्योंकि वीर इस ग्रुप के बीच में बैठा हुआ था !

ज्योति ने मधु से कहा जरा सुनते हैं इसकी बातें

वह शख्स सारी लड़कियों से पूछ रहा था

अरे तुम सारी लड़कियां डॉक्टर बन गई हो चलो आज तुम्हारा टेस्ट ले ही लेता हूं देखो शर्माना नहीं है एक चीज का सही सही जवाब देना तो तुम सब रेडी होना !!

सारी लड़कियां एक आवाज में _ हां

वह शख्स _ बताओ बच्चे कैसे होते हैं ?

सारी डॉक्टर लड़कियां एक-एक करके जवाब देने लगी

एक ने जवाब दिया_ जनाब जब भी शादी होती है तो हो ही जाते हैं पीछे से किसी ने उत्तर दिया अरे उससे पहले भी हो जाते हैं

दूसरी ने जवाब दिया जब भी एक आदमी और औरत का शारीरिक रूप से मिलन होता है तो बच्चे हो जाते हैं

तकरीबन सारी लड़कियों के जवाब एक जैसे ही थे

तभी वह शख्स बोल पड़ा अरे पागल लड़कियों जरा इन चीजों से बाहर निकलो बच्चे कैसे होते हैं यही पूछा था मैंने इसका सही जवाब है बच्चे शैतान होते हैं बच्चे अच्छे होते हैं

इतना सुनकर पूरा ग्रुप खिलखिला कर हंसने लगता है

अचानक ज्योति ने जाकर पीछे से उस शख्स के आंखों पर अपने हाथ रख दीए और अपना दूसरा हाथ अपने होठों पर रखा और बाकी सब लड़कियों को इशारा किया कि सब सुख रहे और इसको जरा पहचानने दो !

और वह शक्स तुरंत बोल उठा अरे ज्योति हम यहां कब के आए हुए हैं और तुम ही गायब हो

और सब लड़कियां की आवाज में बोल उठी awwww सो स्वीट

ज्योति ने भी देर न करते हुए कहा रुक जाओ जनाब देखते हैं और किस-किस को पहचानते हो तुम्हारा जादू अब भी है या खत्म हो चुका है !

ज्योति ने मधु के तरफ इशारा किया अपने हाथ सक्स की आंखों पर रखें जिसके लिए मधु की तुरंत राजी हो गई

अचानक वह शख्स बोला पड़ा अरे भाई अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह हाथ हमारी मकान मालकिन और एक खूबसूरत परी सी लड़की मधु के है और वह सक्स अपने हाथ अपनी आंखों पर मधु के हाथों पर अपने हाथ रख लेता है

मधु तुरंत अपना हाथ वहां से हटा लेती है और आगे आकर देखती है तो यह तो वीर है

ज्योति भीड़ को चीरते हुए वीर की तरफ आगे बढ़ती है और उसको गले लगा लेती है ! और वीर को कहती है यह तुम्हारी बहुत गलत बात है वीर तुम इतने लेट आओगे तुम्हें तो यारा 1 दिन पहले आना चाहिए और तुमने पिछली बार मुझसे वादा भी किया !

एक बड़े मजे की बात हुई ज्योति ने मधु और वीर से कहा _ तुम दोनों भी आपस में जानते हो अब मैं एक से मिलने जाऊंगी तो दूसरे से मुलाकात अपने आप हो जाएगी इतना सुनते ही सारी लड़कियां खिलखिला कर हंसने लगती है !

ज्योति मधु को उस ग्रुप में छोड़ कर अपने काम मे निकल जाती है मधु लगभग वीर के सामने ही बैठी होती हैं मधु अपने आप से कहती है हे भगवान तुम ही बताओ तुम क्या चाहते हो !

धीरे-धीरे शाम रंगीन होने लगती है पार्टी अपने चरम सीमा पर पहुंच जाती है सब लोग गपशप मार रहे थे लेकिन मधु का पूरा ध्यान वीर के ऊपर ही था कैसे वह पूरी पार्टी की जान बना हुआ था कुछ तो बात थी उसमें यूं ही हर कोई उस पर फिदा नहीं था ! 

मधु का ध्यान वीर के ब्लैक कलर के डिजाइनर सूट और पेंट पर पड़े जो कि काफी आकर्षक लग रहे थे लेकिन एक बात तो कहनी पड़ेगी वीर को कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन उसके बारे में क्या सोचेगा इस पार्टी में भी उस सूट के नीचे उसने कोई शर्ट नहीं पहन रखी थी और उसके सूट बीच में से पूरा खुला हुआ था उसकी छाती की बनावट कसी हुई नसे बीच में से झांक रही थी !

अब वेटर 1 वोदका की बोतल टेबल पर रख कर चला गया अब वीर बाबू सबके लिए एक-एक पेग सर्व कर रहे थे और बारी बारी से उसने सबको गिलास पकड़ा दिया और जब मथु की बारी आई तो मधु ने मना कर दिया पूरे ग्रुप में काफी मिन्नतें की लेकिन मधु नहीं मनी

अचानक से वीर फार्म हाउस के घास पर घुटने के बल बैठ गया और मधु का एक हाथ पकड़ कर बड़े नाटकीय ढंग से आंखों में देखता हुआ कहता है हे मेरी मकान मालकिन मान जाओ और हमारा यह प्रसाद ग्रहण करो इतनी देर में पीछे से ज्योति भी आ जाती है उसने भी इस बात के लिए प्रेशर किया फाइनली मधु मान गई

सब ने मिलकर एक साथ चीयर्स किया और धीरे-धीरे सब खाने पीने में व्यस्त हो गए लेकिन मधु और वीर एक दूसरे की आंखों में देखे जा रहे थे और मुस्कुराए जा रहे थे कुछ तो था उन दोनों  के बीच !

अचानक से वीर ने सब को इशारा किया कि चलो डांस करते हैं और उसने मधु का भी हाथ खींच लिया मधु  डांस की काफी शौकीन थी एक बार कहने से ही वह वीर के साथ चल पड़ी !

लेकिन कोई ना कोई लड़की डांस के बहाने वीर से चिपक के जा रही थी लेकिन मधु को थोड़ी सी इस बात से जलन सी होने लगी

वह अचानक से पूरे ग्रुप के बीच में गई और अपने दोनों हाथ वीर के कंधों पर रख दिय और धीरे-धीरे डांस स्टेप के साथ वीर का साथ दे रही थी उसने वीर को एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ा !

वीर ने उसका एक हाथ अपने कंधे से उतारकर अपने हाथ में लिया और दूसरा हाथ उसकी कमर पर रख दिया वीर की उंगलियां उसके लहंगे और चोली के बीच में जो खाली जगह थी वहां पर अपनी पकड़ बनाने में कामयाब रही

वीर की मजबूत उंगलियां उसके नाभि के साइड में थी और मधु की सांसे सीधा वीर की छाती पर पढ़ रही थी और जवाब में उसे वीर की छाती से उठती हुई खुशबू मदहोश कर रही थी ऐसा लग रहा था जैसे किसी बंजर जमीन पर पहली बार बारिश हुई हो और उस मिट्टी की खुशबू जो शब्दों में बयान नहीं की जा सकती

तभी अचानक वीर को पता नहीं क्या हुआ उसने मधु को वहीं रुकने के लिए इशारा किया और ढोल वाले से उसका ढोल छीन लिया और अपने गले में टांग कर बजाने लगा फिर तो पूरे के पूरे ग्रुप में ही जोश आ गया और अब वह ढोल बजाते हुए मधु के सामने अपनी जोर आजमाइश करने लगा और मधु का अपने ढोल के ऊपर बैठने का इशारा किया उन्होंने एक दो बार तो आनाकानी की लेकिन फाइनली मान गई

मधु ढोल के ऊपर बैठी हुई थी और वीर जोर-जोर से ढोल बजा रहा था अचानक मधु का बैलेंस बिगड़ गया और भाई थोड़ा पीछे की तरफ वीर की छाती से टकराई जैसे ही वह उतरने को हुई वीर के गले की पहनी हुई चैन मधु की चोली में फस गई और उसकी  जीपर पूरी तरह से चोली से बाहर निकल गया जिसको सुबह वीर ने लगाया था

मधु भी हल्के हल्के नशे में थी उसको कुछ ज्यादा महसूस नहीं हो रहा था अचानक वीर ने उसको पीछे से हग कर लिया ताकि दूसरों को पता ना चले नहीं तो उसके चोली पीछे से पूरी खुल जाएगी

बाकी सबको यही लग रहा था कि दोनों काफी सेक्सी डांस कर रहे हैं लेकिन वीर उसको डांस स्टेप के साथ ही थोड़ा थोड़ा आगे धकेल रहा था ताकि आगे कोने में ले जाकर उसे बात कर सके लेकिन मधु आगे जाने के मूड में ही नहीं थी

उसके नितंब वीर के लिंग पर जोरदार घर्षण कर रहे थे वीर के दोनों हाथ अब मधु के पेट पर थे ! हर कदम के साथ वीर के हाथ हिल रहे थे वासना की लहर दोनों के शरीर में दौड़ने लगी थी मधु ने भी अपना एक हाथ वीर के हाथ पर रख दिया

वीर ने अपने हॉट मधु के कान के ऊपर रखें और वह कुछ कहने की कोशिश कर रहा था लेकिन मधु को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था या वह अनदेखा कर रही थी !

अभी वीर ने झटके से मधुर के कान के लो पर काट लिया और कान पर आए हुए बाल को अपने होठों में पकड़कर उसके कान के पीछे सेट किए

फाइनली वह उसको एक कोने में ले आया जहां दोनों को कोई नहीं देख सकता था उसने मधु को बताया कि उसकी चोली में क्या हुआ है

मधु ने उसको कहा तुम जरा सामने आओ तुम मेरी पीठ के पीछे क्यों पड़े हो ? ऐसे मुझे शर्म आ रही है तुम सामने खड़े होकर मेरी चोली को पीछे से बंद करो

वीर सामने आ जाता है और मधु की आंखों में देखने लगता है आज तक जो लड़की ठीक से बात भी नहीं करती थी आजा अचानक ऐसे कैसे बिंदास रुप से बात कर रही है

वीर के दोनों हाथ उसके कमर पर उसकी चोली को पकड़ कर खड़े हुए थे वीर कि सांसे मधु के फेस पर पढ़ रही थी 

वीर बड़े ध्यान से मधु के होठों पर बनी हुई छोटी छोटी लाइनों को निहार रहा था और अचानक से वीर ने अपने हॉट मधु के होठों पर रख दिया और मधु ने भी वीर का साथ दीया दोनों एक दूसरे ऐसे चूम रहे थे जैसे वर्षों के प्यासे  हो

वीर ने मधु की  जीव का अगला हिस्सा अपने होंठों के बीच दबा लिया और पूरी मदहोशी में उसको चूमने लगा मधु किस जीव का हर छोटा छोटा दाना वीर के होठों पर महसूस हो रहा था वीर के होठों से रसपान सीधा मधु की जीभ पर होने लगा था और अचानक से वीर ने चोली के खुले होने का फायदा उठाया उसने अपनी दो उंगलियां पीछे से ब्रा में फंसा कर पीछे की तरफ खींची

और मधु के पूरे शरीर में एक जोर की कामवासना का करंट दौड़ गया और उसने वीर के होठों पर काट लिया

वीर ने अपना चेहरा मधु के गर्दन पर रगड़ना शुरु कर दिया और साथ ही साथ उसके कमर को सह लाता जा रहा था दोनों के दूसरे के बदन की खुशबू मदहोश कर रही थी

वीर ने अपनी एक उंगली मधु के होठों पर रखी और उसके कंधे को चूमने लगा और पीछे से चोली एक हाथ से पकड़ ली मधु वीर की उंगली को चुस रही थी

आगे का हसीन भाग अगले भाग में


Load failed, please RETRY

週次パワーステータス

Rank -- 推薦 ランキング
Stone -- 推薦 チケット

バッチアンロック

目次

表示オプション

バックグラウンド

フォント

大きさ

章のコメント

レビューを書く 読み取りステータス: C13
投稿に失敗します。もう一度やり直してください
  • テキストの品質
  • アップデートの安定性
  • ストーリー展開
  • キャラクターデザイン
  • 世界の背景

合計スコア 0.0

レビューが正常に投稿されました! レビューをもっと読む
パワーストーンで投票する
Rank NO.-- パワーランキング
Stone -- 推薦チケット
不適切なコンテンツを報告する
error ヒント

不正使用を報告

段落のコメント

ログイン