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9.52% Hearts in Harmony / Chapter 2: Ring Ceremony.

章 2: Ring Ceremony.

संजना अपने रूम मे बैठी उलझन में है,कि मेरे मा-बाप जोकि मुझ पर अपनी जान छिड़कते है वो मेरी शादी एक अधेड से करने पर राजी कैसे हो सकते है।। संजना ने सोच रखा था कि जैसे ही ये ओल्ड लेडी अपने घर चली जाएंगी तभी मा पापा से अपने सवालों का जवाव मांगेगी। लेकिन तभी बाहर से आवाज आती है ।बहर कुछ 5 -6 लोगो के आने कि आवाज आती है ।।।

सोमूजी-अरे आइए आइये।।आप लोग बैठिये कुछ ठंडा लाते है हम।

सोमू तु बैठ मै लाता हूँ ।जग्गू अंकल कि आवाज आती हैं ।जग्गूजी कि बहन आशा जोकि 45 कि है वो भी आई हुई है अपनी बेटी रिमी के साथ ।रिमि 18 साल की हैं । रिमी संजना को अपनी बड़ी बहन मानती है ।

रिमी इधर आ, संजना रिमी को इशारे से बुलाती है।।

रिमी- हेल्लो दी कैैसी हैं आप।

संजू-रिमि ये लोग कौन है।?तुम्हारे साथ आये है

रिमी- नहीं दी,ये तो लड़के बाले है,और आपकी शादी क लिए।डाकिया मामा का फोन आया कि आपका रोका है ।तो मम्मी और हम आ गये पापा रात तक आएँगे ।। 

(सोमूजी की कोई बहन नहीं है।आशा को हि बहन मानते है ,आशा के पति केशवजी वकील है । जोकि सोमूजी को अपने साले जग्गू से भी जायादा मानते है।।)

मेरा रोका मुझे कुछ भी पूछे बिना मेरा रोका कर रहे है। वो भी अधेड उम्र के लड़के से। संजना बड़बड़ाति हैं । और यह सब माजरा जानने के लिए अपने पिता के पास जाती है।। तभी आशा जी उसे रोक लेते हैं संजू कहां जा रही है ,

संजना -बुआजी देखो ना मेरा रोका तय कर दिया वह भी आधी उम्र के आदमी के साथ।

आशा जी- बेटा मां बाप जो करते हैं वह बच्चों की भलाई के लिए ही करते हैं। सोनी जी संजना के रूम में दाखिल होती हैं संजना से कहती हैं बेटा तैयार हो जा लड़के वाले आ गए तेरा रोका करने में ज्यादा टाइम नहीं है ।संजना- मां ऐसा क्यों कर रही हैं आप कुछ तो बोलिए ।।

आशा संजू को त्यार कर दो।। कह कर सोनीजी चाली जाती है ।आशाजी अलमारी मे से सूट निकाल कर देती है। कहती है ले रिमी, दीदी को त्यार कर दे। मै मामी की हेल्प कराने किचन मे जाती हु।

संजना आशा की साड़ी का पल्लू पकड़ते हुए बोलती ।।

बुआ जी आप तो मुझे बताये।क्या हो रहा है ।।आशाजी- beta ji माँ -बाप जो करते है भलाई के लिए हि करते है,। इतना कह कर आशाजी वहाँ से चलि जाती है। 

अब संजू के मन मे बहुत सवाल थे कि इतना प्यार करने वाले मोम पापा ने ऐसा क्यू किया?

इतनी देर मे संजू का भाई देवेश आ जाता है।

सोमूजी-आओ बेटा देवू। ये मेरा बेटा है।

देवू नमस्ते करता है और अंदर चला जाता है।

इधर संजना के रूम मे,

देवू -संजू दी ये लोग कौनहै और बुआ जी जग्गू अंकल और रिमि तु भी अचानक क्या कोई बात् है? 

रिमी-पता नहीं भाई ।हमे तो सोमू मामू का फ़ोन आया कि संजू दी का रोका है तो हम लोग चले आये।

देवू- दी का रोका...।।

संजू-हा देख ना पता नहीं मा पापा ने 40 साल के बिज़नेस मैन से मेरी शादी तय कर दी और अचानक रोका भी तय कर दिया।

क्या...??देवू हैरानी से कहता है।।अभी जाता हु माँ पापा के पास और पूछता हु कि क्यू कर रहे है वो ऐसा।?

रिमी-no भाई अभी सब गेस्ट लोग बाहर आये है ।।बहुत ज्यादा बेज्जती होगी।

संजू- रिमी ठीक कह रही है ।सही समय पर पूंछूंगि मै अभी।देवू किचन में जाता है गुस्से में ।।और सोनी जी से पूछता है कि मा ये सब क्या है?

सोनी जी - तुम बच्चों का बुरा भला हम माँ बाप से बेहतर कोई नहीं जानता अब तु चुप कर दे। तुझे क्या पता अभी ।।देबु गुस्से में ऐसा लगता है कि मां हम तुम्हारे सगे बच्चे ही नहीं है।।

आशाजी-तु चुप कर दे । तुझे अभी क्या पता बच्चा है तू ,तो फिर बुआ जी मा क्यों जवाब नहीं दे रही हैं।सोमू जी दरवाजे के पीछे खड़े होकर यह सब बातें सुन रहे होते हैं और गुस्से में अंदर आते हैं।। तो फिर आप ही जवाब दे दीजिए पापा।।सोमू तो फिर सुन सोनीजी- सोमूजी।। क्या करने जा रहे है आप।।

सोमूजी-ब्ताने दीजिये सोनीजी वरना ये बच्चे हमे गलत हि समझते रहेंगे।। 

संजू जब छोटी थी तो हम डॉक्टर के पास उसके चेकअप के लिए ले गए।।क्योंकि संजू के पेट में हर वक्त दर्द रहता था। डॉक्टर ने कहा पेट का चेकअप कराइए फिर हमें पता चला कि संजू की ओवरी ही नहीं है संजू कभी जिंदगी में मां नहीं बन पाएगी।हम लोगों को बहुत दुख हुआ।। हम बहुत रोए हम लोगों को समझ में नहीं आ रहा था।फिर हमने भगवान के भरोसे सब कुछ छोड़ दिया।।कई बार हमने बहुत लोगों से संजू के रिश्ते की बात की, लेकिन कमी के कारणसब संजू के रिश्ते को मना कर देते थे।अब हम अपनी बेटी को पूरी जिंदगी भर कुंवारा तो नहीं रहने देंगेअब जब रिश्ता अपने आप चल कर आया है।तो हम इस रिश्ते को मना कैसे करते।इस पर देबू बोला, लेकिन पापा किसी सेधोखा करना तो गलत बात है क्या इन लड़के वालों को पता है दीदी की कमी।। सोनी जी बोली हां बेटा इन लोगों को पता है फिर भी इन लोगों ने हां कर दी।।देबू आंखों में आंसू लाते हुए अपने मां-बाप के गले लगते हुए बोला मुझे माफ कर दो ना पापा फिर आशा जी गिलास में पानी लाती हैं और कहती हैं ले देबू पानी पी। और अपने दीदी के रोके की तैयारी कर।।जी बुआ जी देबू आंसू पूछते हुए कहता है।जग्गू जी वाही खड़े होते हैं और देबू से कहते है जा अपनि दीदी को ले आ।इधर संजना तैयार होकर बहुत सुंदर लग रही थी।।ग्रे कलर का फ्रॉक सूट और् रेड एम्ब्राइडरी कलर की चुन्नी में बहुत सुंदर देबू संजना से कहता है चलिए दीदी बाहर सभी आपका वेट कर रहे हैंसंजू हैरानी से कहती है तू भी लोगों के साथ मिल गयादेबू कहता है दी बस इतना समझ लो कि मां पापा जो कर रहे हैं है।ठीक कर रहे हैंसंजना आंसू पूछते हुए कहते हैं अब मैं भगवान से भी क्या शिकायत करु । ।जब मेरा पूरा परिवार ही मेरे खिलाफ खड़ा हो गया है। और रूम से बाहर जाकर इंद्रेश के परिवार के सामने जाती हैइंद्रेश ब्लैक कोट वाइट शर्ट मेंएक deshing बिजनेसमैन लग रहा था जिसके कंधों पर बिजनेस का बहुत बड़ा भार हो।इंद्रेश के बगल में उसकी दादी उर्मिला जी बैठे हैं।उसके बाद उर्मिला जी के छोटे बहू बेटेनीलेश और श्रावणी बैठे हैं,।श्रावणी के एक बेटा और दो बेटियां हैं दो बेटियां 14 साल की है।वह जुड़वा है रिद्धि सिद्धि उनका नाम है।और 19 साल का बेटा नक्श है।इधर संजना की खूबसूरती देखकर सब संजना की तारीफ करने लगते हैं।लेकिन इंद्रेश अपने मोबाइल में ही देखता रहता है।क्योंकि इंद्रेश को एक बिजनेस कॉल आने वाला होता है।।उर्मिला जी उठते हैं और संजू की तरफ बढ़ते हैं बोलते हैं।आ बेटी बैठ मेरे इनदू के पास लेकिन इंद्रेश का ध्यान अभी भी फोन में ही हैऔर इन्द्रेश के पास संजना को बिठा देते हैं संजना का परिचय सबसे कराती है।आशा जी संजना से कहते हैं । सब को जूस दो ।। संजना सब को जूस देती है। लेकिन इंद्रेश की बारी आती है तो वह चुपचाप बैठ जाती है।संजना सबको जुस् देती है लेकिन इंद्रेश की बारी आती है तो वह चुपचाप बैठ जाती है। (इंद्रेश को छेड़ने के लिहाज से नक्ष) भाभी इंदर भैया को तो दीजिए जूस।।संजना सोनी जी की तरफ देखती हैऔर सोनी जी संजना से कहती हैं दो बेटा इंद्रेशजी को भी जूस दोसंजना जूस का गिलास अंदर की तरफ बढ़ाति हैं।।

इंदर का ध्यान फोन में था संजना जूस का गिलास इंदर की तरफ बढ़ाते हुए कहती हैं प्लीज् जूस लीजिए इंदर फोन में देखते हुए अपना हाथ जूस के गिलास की तरफ बढ़ाता है।।तभी इंदर की उंगलियां संजना की उंगलियों से टच होती हैं।।उंगलियों के टच से इंदर को एक मखमली हवा के झोंके का एहसास होता है।इतना मीठा एहसास इंदर ने कभी महसूस नहीं किया था।फिर इंदर संजना की तरफ देखता है।सादगी से भरा संजना के चेहरे पर उसके खुले बालों की जुल्फे हवा से संजना के चेहरे पर आती हैं ,और इंदर संजना का खूबसूरत चेहरा देखता ही रह जाता है। मानो इंदर को संजना की एक झलक।से ही प्यार हो गयाहो।इंदर तो संजना का चेहरा देखता ही रह गया और उसकी सादगी में खो गया।।

To be continued...


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