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章 2: अजनबी

आगे.........

Aman.... वहां से निकल के चला गया.... वहां बटलर वैसे ही खडा था...अभिनाश कि नजर जब बटलर पर पड़ी तो बटलर थोड़ा घबरा गया.... और वहां से जल्दी से निकल गया...

अभिनाश अब अकेला था... अभिनाश के सीने मे ओ निसान का दर्द कम होगया था... इसलिए अभिनाश बेड से उठ गया और खिड़की के पास चला गया...

खिड़की खुली थी जिस वजह से उसकी राउसनी अभिनाश पर बिखर रही थी....अभिनाश बहत ही हैंडसम था उसका रंग चाँद के जैसा गोरा रंग था नीली आंखे थी उसकी.. बड़ी बड़ी आंखे लम्बा नाक...चेहरे पर हलकी हलकी बियार्ड थे जो उसे और भी हॉट and सेक्सी बना रहे थे... उसके एब्स पुरे 8पैक फॉर्म मे थे...ओ कोई Greek God लग रहा था...

अभिनाश चाँद को आपनें नीली आँखों से देख राहा था... जिसकी चमक अब थोड़ी फीकी पड़ गयी थी...आपनें नीले आँखों से बहत ही आस भारी नजरों से देखते हुए आपनें मन मे शिकायति लहजे मे केहता है..कितने साल बीत गये है... अरिया ...तुम कब आओगी.... कया मेरे इंतजार का कोई आंत नहीं...उसके इस तरह शिकायत मे बेहिसाब दर्द था... जिसे कोई महसूस नहीं कर सकता था... अभिनाश ऐसे शिकायत कर राहा था जैसे उसके सामने चाँद नहीं बलके उसकी मोहब्बत खड़ी हो... अभिनाश आपनें सीने पर बानी निसान को छूते हुए केहता है...तुम जानती हो ये निसान अब दर्द कर राहा है...अभिनाश उस निसान को बहत ही प्यार से सेहलाने लगता है ... मेरे पास सिर्फ तुम्हारा आधा दिल है...जो तुम्हरी होने का यहसास हमेसा कराता है....फिर उसने आपनें दिल मे ही कहा... जभी इस निसान को छू ता हूँ तो लगता है.. जैसे तुम्हे छू राहा हूं........ I Am Missing You..... प्लीज् जल्दी आओ..

कुछ पल ऐसे चाँद को देख ने के बाद अभिनाश वाशरूम चला जाता है.. क्युकी आज ही वो यहाँ से निकल ने वाला था...

.. दूसरी तरफ

रात के 2 बज रहे थे....

मुंबई से बहत दूर शिमला मे बेहद ठण्ड भारी रात मे .... बर्फ गिर रही थी... चारो तरफ कोई नहीं था...एक औरत और एक आदमी जो के पति पत्नी थे वहीँ पर एक पहाड़ी वाले मंदिर आए थे..दोनों इतने सर्दी मे कामप्ते हुए इस मंदिर मे इसलिए आये थे क्युकी उन्हें किसी बाबा ने कहा था...के अगर तुम दोनों पति पत्नी रात मे पहाड़ी वाले माता के मंदिर जाके प्राथना करोगे तो तुम्हारी मानो कामना माता रानी जरूर पूरा करेंगी...

दोनों सीढिया चढ़ रहे थे... औरत ठंड से कांप ते हुए कहती है... सुनीए जी.. कया बाबा जी ने जो कहा ओ सच होगा... कया माता रानी हमारी गरीबी को दूर करेंगी...आदमी ने कहा हा जरूर हमारी मानो कामना भी पूरा होगा... ओ बाबा जी जो भी कहते है.. ओ सब सच होता है..तुम बस शुभ शुभ बोलो

औरत चिंता करते हुए कहेती है .. मेरी पांच साल कि छोटी सी बाची वहां घर पर अकेले ठण्ड मे कांप रही होंगी.. ऊपर से घर पर आज एक निवाला तक नहीं था... भूक के मारे मेरी बच्ची का हालत ख़राब हो राहा होगा...

आदमी ने कहा आज अगर हमारी मानो कामना पूरी हो गयी तो हमें ठण्ड और भूक से परेशान होना नहीं पड़ेगा.. तुम बस भरोसा रखो... फिर दोनों मंदिर पहँच जाते है... मंदिर मे कोई नहीं था... औरता पूछ ती है.. एजी यहाँ तो कोई नहीं है आदमी केहता है.. अच्छा हुआ कोई नहीं है... बाबा ने कहा था हमें एकदम अकेले मे यहाँ पूजा करना होगा... चलो अब बातें बंद करो तुम....और मुझे सारे पूजा के शामग्री निकालो कर दो 

दोनों वहां पूजा करने लगे पूरी बिधि के साथ पूजा ख़तम करके दोनों हात जोड़के अपनी मानोकामना कहने लगे... हे माता रानी मे बहत गरीब हूं... मुझे खाने को दो वक़्त कि रोटी तक नहीं मिलती है... आप हमारी गरीबी दूर कर दीजिये... और मुझे शिमला के सबसे अमीर आदमी बना दीजिये...ओ दोनों पति पत्नी बहत ही लालची थे...

दोनों अपनी पूजा ख़तम करके वापस लौट रहे थे दोनों आधी सीडीओ पर होंगे... उन्हें पीछे से किसी ने कहा रुको..दोनों डरके मारे कांप रहे थे... इतनी अंधरी ठण्ड भारी रात मे दूर दूर तक कोई नहीं था... तो अभी उन्हें कौन बुला राहा है... दोनों डरते हुए पीछे मूड कर देखते है.. तो वहां एक 8फुट का लम्बा आदमी खडा था.. जिसने सरसे लेके पाऊं तक सफ़ेद कपडे पेहेन रखा था... उसका चेहरा भी ढका हुआ था

उस आदमी के चारो और राउसनी थी पति पत्नी दोनों उस आदमी को अँधेरी रात मे सफ़ेद कपड़ो मे देख के और भी डरने लगे... दोनों डर से कांप रहे थे...आदमी ने बहत हिम्मत करते हुए कहा कया आप हमें बुला रहे है.. देखिये हाम यहाँ बस पूजा करने आये थे... हम लोंग अभी यहाँ से चले जाएंगे... हमें आपको कोई परेशानी नहीं देंगे.. आप जो चाहे ओ कर सकते है... हम यहाँ से जा रहे है...इतना बोलके दोनों आगे मूड ने लगते है.. के तभी उनको सुनाई दिया...जो उनसे केह राहा था...

कया तुम लोंग अपनी मनो कामना पूरी किये बिना ही चले जाओगे यहाँ से.. क्युकी दोनों बहत लालची थे.. मानोकामना कि बात सुते ही... उन्हें लगा सायद माता रानी ने इसे हमारी मानो कामना पूरी करने भेजा है... इसलिए दोनों जल्दी से पलट के उस आदमी को देखने लगे...

फिर आदमी ने कहा कया आप हमारी मानो कामना पूरी करने आए है..कया आपको माता रानी ने भेजा है...??? सफ़ेद रंग के कपडे पहने आदमी ने कहा हा मे तुम्हारी मनो कामना पूरी करने आया हूं.. लेकिन तुम्हे भी कुछ करना होगा...

ओ दोनों पाती पत्नी बहत ही लालची थे.. जैसे उन्होंने सुना उनका मनोकामना पूरा होगा.. तो उन लोगो ने जल्दी से कहा हा आप बोलीए हामे कया करना होगा..

सफ़ेद कपडे पहने हुए आदमी ने कहा ठीक है मे तुम्हे कुछ देता हूं... तुम्हे इसकी हिफाज़त करनी होंगी..और हमेसा आपनें पास रखना होगा तभी तुम्हारी मनोकामना पूरी होंगी.. और जिस दिन ये तुमसे दूर होगा उस दिन तुम्हारी अच्छे दिनों का अंत होना शुरू हो जायेगा ....

दोनों पति पत्नी ने कहा हा हा जरूर हाम इसकी हिफाज़त अपनी जान से बढ़ कर करेंगे... हमसे कभी भी दूर नहीं जाने देंगे... सफ़ेद रंग के कपडे पहने आदमी ने कहा ठीक है... येलो बोलके उनके सामने एक मखमली लाल कपडे मे लिपटा हुआ कुछ थमा दिया...

दोनों पति पत्नी उस कपडे को खोल ने वाले थे के तभी सफ़ेद कपडे पहने आदमी ने कहा रुको इसे तुम आपनें घर जा कर खोलना... और हाँ याद रहे आज कि बात किसीको भी मत बताना.. वरना तुम्हारे परिवार मे कोई नहीं बच्चेगा.

दोनों पति पत्नी डर ते हुए कहने लगे ... नहीं नहीं हाम आज कि बात मरते दम तक किसी से नहीं कहेँगे... फिर ठीक है याद रखना मेरी बात बोलके उनके आँखों के सामने ही उस सफ़ेद रंग का कपड़ा पहने हुए आदमी हवा मे गायब हो गया...

 

 


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