दोनो मिलके वहां से आरव को खोजना सुरु करते हे। और आरव को ढूंढने लगती हे। वो पहले कॉलेज कॉरिडोर फिर कैंपस ऐसे करते हुए पुरे कॉलेज में ढूंढते हे। लेकिन फिर भी उनको आरव नहीं मिलता हे फिर दोनो मिलके लाइब्रेरी में ढूंढने जाते हे। लेकिन उनको तो वो वहां पर भी मिला हिन नही। तो सनाया भगवान से प्रार्थना करते हुए बोलती हे की," प्लीज गॉड उसे मेरे साथ एक बार मिलवा दो प्लीज"। जब वो उन लोगों को लाइब्रेरी में भी नहीं मिला हे तो तान्या सनाया को बोलती हे की," यार ये बंदा कहां गया हमको मिलता हीं नहीं और उसे ढूंढते हुए मुझे भुक लग गई। चल कैंटीन में चलते हे वहां पर कुछ खाएंगे और फिर वहां पर धुंडेंगे और फिर नहीं मिला तो वो जब तुझे मिल जाएगा तब तू उसे उसकी किताब लौटना। और वैसे भी क्लास के टाइम में बस 10 मिनट हीं बचा हे।" तो सनाया का फेस भी उतार जाता हे। लेकिन फिर भी वो अपने इमोशन को बड़ते हुए तान्या से हां बोलती हे और फिर दोनो मिलकर वहां से कैंटीन की और चले जाते हे।
वहां पहुंचने के बाद दोनो एक टेबल पे बैठते हे। फिर वहां पे कुछ खाने के बाद आस पास देखते है सायद वो लड़का ( आरव) आस पास कहीं होगा। लेकिन जब उन लोगों को वहां पर कोई मिला नहीं जिस वजह से वो लोग वहां से बाहर निकल गए। और फिर पूरी कॉलेज में आरव को ढूंढने लगे लेकिन वो उन लोगों को नहीं मिला। तो वो लोग कॉरिडोर में घूम हिं रहे थे तभी क्लास की घंटी बजने लगी जिस वजह से सनाया और तान्या आरव के खयाल और बुक के खयाल को छोड़ कर अपने क्लास रूम की और दौड़ने लगे और जल्दी से अपने क्लास की और जाने लगे।
थोड़ी देर बाद दोनों ही क्लास रूम के सामने आकर रुक गई, फिर थोड़ी देर सांस लेने के बाद देखते है की अंदर प्रोफेसर क्लास में आ चुके है , और क्लास का इंट्रो ले रहे थे। तो सनाया उन से अंदर आने का परमिशन लेने के लिए अपना मुंह खोला था लेकिन तभी वो अपने सामने एक लड़के को देख कर एक दम चुप हो गई। क्यूं की वो काफी ज्यादा शॉक हो गई थी। क्यूं की उसने अपनी ही क्लास में आरव को वो भी उसके सीट के साइड में बैठे हुए देखती है। जिस वजह से उसके गले से एक भी शब्द नहीं निकल रहा था। वहीं क्लास टीचर भी अब तक उन दोनों को नोटिस कर चुके थे। जिस बजाज से वह मुड़के उन दोनों को देखने लगे। सनाया को कुछ ना बोलते हुए देख कर तान्या जल्दी से बात को आगे बढ़ाते हुए सर को अंदर आने के लिए परमिशन मागती है। और धीरे से सनाया को चिमटी काट देती है। जिस बजह से सनाया फिर से अपने होश में वापस आजाती है। और सर से अंदर आने के लिए परमिशन मागती है। जिस वजह से सर उन दोनों को थोड़ी देर घूरते है," फिर बोलते है कि क्या तुम दोनों का क्लास में लेट अना अच्छी बात है। " तो दोनों ही नहीं में जवाब देते है तो सर उनसे बोलते है कि " आज पहला दिन है कॉलेज का इसी वजह से तुम दोनों को छोड़ रहा हूं अगर आगे से ये कभी हुआ तो तुम दोनों को में क्लास के अंदर आने नहीं दूंगा चलो अंदर आ जाओ "। फिर दोनों अपने अपने बेंच के और बैठ ने के लिए बड जाते है।
सनाया बैठ ने के लिए आरव के डेस्क के और बढ़ने लगती है। क्यूं की उसकी सीट आरव के बगल पे ही है। वहीं आरव उसको अपनी डेस्क के और आते हुए देख कर उसे घूरता है मानो उसे अपने आंखों से ही चेतावनी दे रहा हो कि खबरदार अगर मेरे डेस्क के आस पास भी आया तो तुम्हारी खेर नहीं। वहीं सब लोग सनाया को आरव के पास जाते हुए देख कर शॉक हो गए क्यूं कि उन्होंने सुना था कि सनाया को लडको से दूर रहना पसंद है और लड़कों को वो अपने पास तक आने नहीं देती है। लेकिन अब वही एक लड़के पास बैठ ने के लिए जा रही है। वहीं सारे के सारे लड़के अब आरव को गुस्से और जलन के भाबना से देखने लगते है। क्यूं की वह सब सनाया को अपने पास बैठाना चाहते थे। और काफी सारे लड़के उसको पसंद करते थे और उसको अपने गर्ल फ्रेंड बनाना चाहते थे। लेकिन वो किसी को भी भाऊ तक नहीं देती थी अब किसी और लड़के के पास बैठ रही है वो भी वो लड़के के ना चाहते हुए। वहीं काफी लड़कियां भी आरव से प्यार कर ती थी जिस बजह से वह लोग उसके साइड में बैठना चाहती थी लेकिन वो नहीं बैठ पाई। क्यूं की वो सीट सनाया को अलर्ट हुआ था। तो वह लोग अब सनाया को जलन भारी नजर से देखने लगे। लेकिन सनाया ने सब को इग्नोर किया और सीधा जाकर आरव के साइड में बैठ गई। और फिर अपना बुक निकालने लगती है।
सनाया अपनी बुक निकलते हुए देख कर आरव उसको और भी ज्यादा घुर कर देखने लगता है। वैसे ही देख रहा होता है कि सारे के सारे बच्चे अपने आप को सब से इंट्रोड्यूस कर लेते है। सब के introduction के बाद सर अपना खुद को परिचय करवाते हुए बोले हे की, " so students myself Abhimanyu Sharma your chemistry proffecer as well as your class teacher , so if you are any problem in my subject you can ask me at anytime and if any problem in the class room can tell me. So students let's get start the class. I think you all are understand the subject . If you have any doubt please ask me."
सर अब क्लास शुरू करने वाले थे कि तभी पीछे से एक आवाज़ आती है कि सर " sir can I change my seat " ये आवाज सुन ने के बाद सब लोक उस लड़के की और घूम जाते है और देखते हे की एक लडका अपने बेंच के ऊपर खड़े होकर उनको परमिशन मांग रहा हे। ये कोई और नहीं आरव ही हे। सर पहले उसे एक नजर देखते हे फिर जवाब देते हुए बोलते है कि ," ये तो नहीं हो सकता और क्या तुम मुझे बता सकते हो कि तुम क्यूं अपना सीट चेंज करना चाहते हो" तो आरव जवाब देते हुए बोलता है कि सिर मुझे इस जगह पे अनकंफर्टेबल फील हो रहा है, तो फिर क्या में अपना सीट किसी के साथ चेंज कर सकता हूं"। तो सर उसकी ऐसी बेतुकी सी बहाना सुन ने के बाद उसको बोलते है कि," नहीं तुम ऎसा नहीं कर सकते हो क्यों कि ये सीट आरेंज मेंट रैंक के हिसाब से किया गया है। अगर मेने चेंज किया तो मुझे कॉलेज को जवाब देना पड़ेगा तो में ये नहीं कर शक्ता हूं। अगर फिर भी तुम को अपना सीट चेंज करना ही तो तुम प्रिंसिपल के पास जाकर परमिशन लाकर अपना सीट को चेंज कर सकते हो" लेकिन फिर भी आरव और ज्यादा इंसिस्ट करने लगता है तो सर को गुस्सा आ जाता है और वो गुस्से से बोलते है कि " ये कॉलेज है ना कि तुम्हारी स्कूल जो कोई भी कहीं पर भी बैठ सकता है। वह भी अपने दोस्तों के साथ और फिर पढ़ाई छोड़ कर सिर्फ बात करना और पढ़ाई पे ध्यान ना दे कर कम मार्क लना और अपना जिंदगी को बर्बाद कर देना" अपने टीचर के मुंह से ऐसी बात सुन ने के बाद आरव कुछ नहीं बोल पाता बस अपना सिर नीचे झुका कर सॉरी बोलता है फिर धीरे से अपने जगह पर beith जाता है।
आरव पूरे कॉलेज का टॉपर है। और full scholarship के साथ कॉलेज में एडमिशन लिया हे वही सनाया कॉलेज की सेकेंड टॉपर हे। जिस बजाह से दोनो की सीट एक दूसरे के आस पास हे |सनाया को थोड़ी सी शर्मिंगी महसूस हो रही थी आरव के ऐसे रिक्वेस्ट करने से। क्यूं की सारे के सारे स्टूडेंट अब उसको थोड़े अजीब नज़र से देख रहे थे। वहीं उन लोगों के आंखों में चमक भी साफ दिखाई दे रहा था।
तो सनाया थोड़े गुसे से आरव से बोलती है कि, " मिस्टर आरव राजपूत आपकी ये बुक जिसको अपने मेरे पास छोड़ दिया था। जब आप मुझसे टकराए थे। वह ले लीजिए और रही बात यहां beith ने कि तो में आपको बता दूं कि मेरी आपके ऊपर कोई भी इंटरेस्ट नहीं है। मुझे ये सीट मिला है इसी वजह से में यहां बैठी हूं वरना तुम्हारे जैसे अकडू और गुस्से वाले इंसान के पास कोन हीं बैठेगा।" वहीं आरव उसको कुछ नहीं बोलता है बस उसके हाथ में अपना बुक को घूरता रहता हे। फिर वो उसके हाथों से बुक को ले लेता है। और फिर अपना क्लास अटेंड करने लगता है। क्लास खत्म करने के बाद सब लोग एक एक करके रूम से बाहर चले जाते है। वैसे हीं आरव और सनाया भी अपने दोस्तो से मिलने वहां से चले जाते है।
तो आगे क्या होता है जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरा ये कहानी इंतज़ार प्यार का ...
To be continued.......
Written by
Pritam Dora