"हुओ मियां, मैंने सुना है कि तुम्हारा छोटा भाई एक कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ है," एक आदमी की आवाज फोन के दूसरी तरफ से आई।
हालांकि, ये नंबर उसके फोन में पहले से नहीं था, लेकिन नंबर के आखिर के '9999' को मियां बखूबी समझती थी।
वो व्यक्ति और कोई नहीं, हुओ परिवार का सबसे बड़ा बेटा और हुओ कॉरपोरेशन का उपाध्यक्ष, हुओ सिकियन था।
"हां। क्यों? क्या तुम मेरा मजाक उड़ाने की कोशिश कर रहे हो? और अगर तुम ने मेरा मजाक उड़ाने के लिए ही फोन किया है तो वो तुम पहले भी उड़ते हुए देख चुके हो।
मुझे तुमसे बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, मैं फोन रख रही हूं ...
"रूको।"
"अब तुम्हें और क्या चाहिए?" हुओ मियां को हुओ सिकियन कभी भी पसंद नहीं था। वो मियां के करीब जाने की कोशिश जरूर करता था।
लेकिन वो हमेशा से इस आदमी से नफरत ही करती आई है। मियां को ये भी लगता था कि उसे भी हुओ यनयन और हुओ सीयी की तरह ही उससे नफरत करनी चाहिए थी, जिस वजह से मियां के लिए भी उससे नफरत करना आसान होता।
"हुओ मियां, तुम मुझे गलत समझ रही हो। मैंने पहले भी तुमसे कहा है, मैं हुओ यनयन और हुओ सीयी जैसा नहीं हूं।"
"तुम सभी के नाम में हुओ आता है, आखिर तुम सब में अंतर ही क्या है?" हुओ मियां ने उसकी बात को इंकार करते हुए कहा।
"हा ... ये तो तुम सही कह रही हो। लेकिन क्या मैं ये जान सकता हूं की तुम्हारा उपनाम क्या है?" हुओ सिकियन ने हंसते हुए पूछा।
"मेरे पास तुम्हारी इन बेकार बातों के लिए समय नहीं है। मैं बहुत व्यस्त हूं, अलविदा।"
"हुओ मियां, मैं तुम्हें पैसे उधार दे सकता हूं," हुओ सिकियन ने अचानक कहा, जिससे मियां फोन न रख दें।
उसके शब्दों ने हुओ मियां को हैरान कर दिया।
"क्या? तुम मुझे पैसे उधार देना चाहते हो?"
"हां, मैंने सुना है कि चालक घटनास्थल से भाग गया था और पुलिस की जांच अभी भी चल रही है, जिस वजह से तुम्हें मुआवजा इतनी जल्दी नहीं मिलेगा। तुम्हारा छोटा भाई अभी फर्स्ट पीपुल्स अस्पताल में है, जिसका मतलब ये है कि तुम्हें उसके इलाज के लिए बहुत सारे पैसे लगेंगे। और जहां तक मैं जनता हूं कि तुम्हारे इतने दोस्त भी नहीं है और शायद तुम्हारे मंगेतर से भी तुम्हें कोई बड़ी राशि प्राप्त नहीं हुई होगी। इसलिए मैंने सोचा कि मैं तुम्हें पैसे उधार दे देता हूं। तुम मुझे ये पैसा धीरे -धीरे वापस कर देना, वो भी बिना ब्याज के।"
"तुम मेरे लिए ये सब क्यों करना चाहता हो?" हुओ मियां ने झांसा देते हुए कहा। वैसे भी आजकल कोई बिना मतलब के किसी को कुछ नहीं देता, ये बात हुओ मियां पहले ही समझ चुकी थी।
हुआ सिकियन एक व्यापारी था, कोई परोपकारी नहीं। वो किसी की मदद बिना कुछ सोचे समझे नहीं करता था।
वो वास्तव में उत्सुक थी ये जाने के लिए कि आखिर वो उसकी मदद क्यों करना चाहता था।
"क्योंकि तुम मेरी छोटी बहन हो," हुओ सिकियन ने हंसते हुए कहा।
"असल में मुझे याद नहीं कि मेरा कोई भाई इतना महान और परोपकारी भी है। और मैं पहले भी तुमसे कह चुकी हूं कि मैं तुम्हारी छोटी बहन नहीं हूं तो मुझे इस नाम से बुलाना बंद करो। मैं हुओ परिवार का हिस्सा नहीं हूं और न ही मेरे पास उस बूढ़े इंसान की विरासत है। अगर बीता हुआ कल देखा जाए और उससे अनुमान लगाया जाए तो मेरे मर जाने पर भी उस इंसान को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस वजह से मेरे पास तुम्हें देने के लिए या तुमसे लेने के कुछ नहीं है, श्रीमान हुओ।"
"आप मेरे बारे में बहुत नीची सोच रखती हो। मैं आखिर तुमसे चाहता ही क्या हूं? सिर्फ मदद ही तो है जो मैं करना चाहता हूं।"
"क्या सच में? लेकिन फिर भी धन्यवाद, मुझे वास्तव में तुम्हारी मदद की जरूरत नहीं है। मेरे छोटे भाई के ऑपरेशन की फीस पहले ही चुकाई जा चुकी है।"
"पैसा जमा हो चुका है? इतना बड़ा भुगतान आखिर किया किसने?" हुओ सिकियन हैरान था।
"ये तुम्हारे काम की बात नहीं। मुझे नहीं लगता कि हम ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा करने के लिए पर्याप्त हैं। कृपया आगे से कभी भी मुझे फोन मत करना, मैं एक व्यस्त व्यक्ति हूं।" ये कहते ही हुओ मियां ने तुरंत फोन रख दिया।
हुओ सिकियन से बात करके मियां को बड़ा विचित्र लगा। उसे हमेशा लगता था कि हुओ सिकियन उसके लिए एक अजीब और अनजान इंसान है ...
हालांकि वो हुओ परिवार का एकमात्र ऐसा सदस्य था, जो किसी कारण से मियां के लिए अच्छा सोचता था, लेकिन फिर भी वो उसे पसंद नहीं करती थी।
अंकल जिंग की मौत के बाद, उसने विदेश में अध्ययन करने का मौका छोड़ दिया था और तीसरे दर्जे का घरेलू विश्वविद्यालय अटैंड किया था।
हुओ सिकियन ने उसे कई बार इंग्लैंड भेजने के लिए पैसे देने की भी कोशिश की, लेकिन उसने हमेशा उसे अस्वीकार ही किया।
वो वास्तव में हुओ परिवार के साथ कोई संबंधों नहीं रखना चाहती थी। ये एक ऐसा परिवार था, जिसमें कोई प्यार नहीं था, मियां ऐसे परिवार में फिर वापस नहीं जाना चाहती थी।
भाइयों और बहनों में केवल एक ही व्यक्ति था, जिसे वो अपना भाई समझती थी, जोकि जिंग जिक्सिन था। बाकी लोगों में से कोई भी उसके लिए कोई मायने नहीं रखता था।
धीरे-धीरे समय बीतता गया। करीब पांच घंटों के बाद, ओ-आर के दरवाजे खुले।
हुओ मियां अपनी जगह से उठ खड़ी हुई ...