गू मोहन टैंग मोर के द्वारा तिरस्कार के बावजूद भावना रहित था, उसने यहाँ तक की अपनी भौंहें तक नहीं चढ़ाई। वह सिर्फ हँसा और गहरी आवाज़ में बोलने लगा, "क्यों ऐसा क्यों है क्या तुम्हारे पूर्व मंगेतर के कारण? तुम्हें ध्यान से सोचना होगा, क्योंकि मैं तुम्हें तुम्हारे पूर्व मंगेतर से ज़्यादा का प्रस्ताव दे रहा हूँ।"
"मैं तुम्हारी औरत नहीं बनने जा रही हूँ" टैंग मोर ने अपने शब्दों को दोहराया।
गू मोहन ने उसे घूरा और उसने चेहरे के सुंदर भंगिमाएँ और अधिक गम्भीर होने लगी। धीरे –धीरे उसने अपनी पकड़ उस पर ढीली करते हुए उसे छोड़ दिया और वह बाथरूम से बाहर निकल आया । मिस टैंग, तो आप जा सकती हैं।"
जब मोर ध्यान दिया कि गू की साफ और मर्दाना शारीरिक खूशबू गायब हो गयी तब टैंग मोर को उसके दिल में हानि और असुरक्षा की भावना महसुस हुई। इस भावना को दिमाग से झाड़ते हुए वह बाथरूम के टब से उतरने के लिए उद्यत हुई और खुद को शीशे में निहारने लगी, उसका चेहरा पीला पड़ गया था।
बाथरूम से बाहर निकलने से पहले उसने खुद की भावनाओं को शांत करने के लिए एक गहरी सांस ली।
गू उसकी तरफ पीठ करके बालकनी के सामने खड़ा था। काली दाग वाली कमीज़ हटा दी गयी थी, आलीशान कालीन पर खून के धब्बे थे। उसके खून के । उसका मर्दाना ऊपरी शरीर दिखाई दे रहा था| उसने एक लम्बी पेंट और एक काली चमड़े की बेल्ट पहनी हुई थी| उसका एक हाथ उसकी पेंट की जेब में था, जबकि दूसरे हाथ की दो उंगलियों के बीच एक सिगरेट सुलग रही थी।
धुएँ ने उनके सुंदर रूप को धुंधला कर दिया था। टैंग मोर की नज़र उसके ऊपरी शरीर पर पड़ी। उसकी त्वचा दाग रहित थी जो कि स्वस्थ रंगत के साथ चमक रही थी। उसके सिक्स पैक और गढ़ा हुआ पेट अत्यंत सम्मोहक था।
वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पसंद किए जाने वाले सुपरमॉडल से कमतर नहीं था और खुद टैंग मोर ने भी अपने पीले चेहरे को दहकता हुआ पाया। उसकी नज़र उसके दाहिने हाथ पर पड़ी, उसने अपने घाव पर पट्टी नहीं की थी और इससे मोर परेशान हो गयी।
उसे चोट लगी थी जब वह मोर को बचाने की कोशिश कर रहा था। मोर को लगा ये उसकी गलती थी कि वह घायल था।
टैंग मोर बिना कुछ किए यूँ ही वहाँ से जा नहीं सकती थी। उसने खुद की पतली टांगो को गू के करीब खड़ा होने के लिए मजबूर हुआ पाया और बेरूखी से कहा, "प्रेसिडेंट गू जाने से पहले मुझे आपकी चोट की पट्टी करने दीजिए।"
गू मोहन ने धुँए का एक छल्ला निकाला और अपनी चुभती नज़रों से उसकी तरफ देखा। उसके चेहरे के भाव अनजाने और अभिमानी थे। उसने कोई जवाब नहीं दिया।
टैंग मोर पीछे मुड़ी और उसने दवाई का डिब्बा ढूँढ लिया। उसके घाव की पट्टी करना शुरू करते हुए उसने एक रूई की गोली को कीटाणु मारने वाले एल्कोहल में भिगो लिया ।
उसके घाव को देख कर मोर के दिल में दर्द हो रहा था। उसकी साफ और पानी भरी आँखों से आंसू झलकने ही वाले थे पर उसने उन्हें वापस धकेल दिया।" प्रेसिडेंट गू क्या ये दर्द कर रहा है?"
गू मोहन के चेहरे के भाव अभी भी धुएँ के पीछे छिपे हुए थे पर मोर को तकलीफ में देख कर वह अब थोड़ा नरम पड़ गया था। उसने सिगरेट को अपने मुंह में पकड़ा हुआ था और उसने दो टूक जवाब दिया, " ये दर्द कर रहा है।"
" ओह्, मुझे आपके घाव को फूंक मारने दो। ये मेरे फूंक मारने के बाद ये दर्द नहीं करेगा। उसने अपने गुलाबी होठों से एक पाउट बनाया और उसके घाव पर हल्के से फूंक मारना शुरू कर दिया।"
वह सच में बच्चों जैसी थी। गू मोहन ने अपने होंठों का एक किनारा उठाया और जिस हाथ से उसने सिगरेट पकड़ी हुई थी, उसी से उसकी कमर को पकड़ लिया। उसकी नज़र मोर शरीर पर घूमी, उसके पखुड़ियों जैसे होंठो से नीचे उसकी गोरी मलाईदार गर्दन से सरककर उसके जनाना उभारों तक। उसने उसे अपनी बाँहों में कसकर पकड़ लिया।"मिस टैंग मैं अब तीन साल का बच्चा नहीं रहा हूँ क्या तुम मुझ से खेल रही हो या मुझे लुभा रही हो?"
उनके शरीर करीब थे, टैंग मोर का छोटा सा चेहरे जल्द ही लाल हो गया। उसने उसकी छाती पर अपने हाथ रखे और मोर ने उसे दूर धकेल कर कहा" प्रेसिडेंट गू, कृपया अपनी हरकतों पर ध्यान दें।"
उसका शरीर लगभग उसके ऊपर चिपका हुआ था। उसने अपनी बड़ी हथेली का इस्तेमाल करके उसके गाल पर चुटकी काटी जबकि अभी भी उसके उसी हाथ में सिगरेट थी| वह शैतानी तरीके से हँसा और आगे कहने लगा, "मिस टैंग, आप वह हैं जिसने जाने से इनकार किया जब मैंने आपको यहाँ से जाने दिया । अब आप मुझसे खुद पर काबु रखने के लिए कह रही है, जबकि आप खुद ही है वो जिसने मेरे घाव की पट्टी की और मुझे लुभाने के मौके का इस्तेमाल किया ?"
टैंग मोर उससे बहस करना चाहती थी पर तभी दरवाजे की घंटी बजने की आवाज़ ने उन्हें रोक दिया। एक तेज़ आवाज़ दरवाज़े के बाहर जोर से चिल्ला रही थी, " मोर, मोर मुझे पता है तुम अंदर हो। कृपया बाहर आओ।"
सू ज़ेह ।
वह सू ज़ेह था ।
प्रेसिडेंट गू, मेरा मंगेतर यहाँ है। कृपया मुझे छोड़ दे!"टैंग मोर उसे देख कर घबरा गयी ।
गू मोहन की बड़ी हथेली उसके कूल्हों तक पहुँचने तक उसके शरीर के उभरे हुए उभारो को छूते हुए नीचे सरकने लगी। उसने उसके पीछे हल्के से चपत मारी और अपने चेहरे पर एक अशोभनीय भाव बनाकर वह हँसा। "मैं तुम्हें जाने नहीं दूंगा, तुम और तुम्हारा मंगेतर क्या कर सकते हो मेरे साथ ?"