रात का तीसरा पहर था। एक विशाल कक्ष में घना अंधेरा पसरा हुआ था। केवल एक कोने में रखी मेज पर हल्की नीली रोशनी टिमटिमा रही थी, जो उस कमरे को और रहस्यमयी बना रही थी। मेज के चारों ओर छाया में लिपटे दो व्यक्तित्व बैठे थे। उनका चेहरा अंधेरे में छिपा हुआ था, और केवल उनकी आवाज़ें उस सन्नाटे को भंग कर रही थीं।
"समय आ गया है," पहली आवाज गहरी, ठंडी और आत्मविश्वास से भरी हुई थी। "हमने जिस खेल की शुरुआत की थी, उसे अब पूरा करना होगा। धर्म, राजनीति, और युद्ध... ये सब केवल साधन हैं। हमारा असली उद्देश्य है नियंत्रण।"
दूसरी आवाज ने धीमे लेकिन ठहराव भरे स्वर में कहा, "तुम्हें लगता है, यह इतना आसान होगा? लोग अब पहले जैसे भोले नहीं रहे। उन्हें नियंत्रित करना अब उतना सरल नहीं है।"
पहली आवाज ने हल्की हंसी के साथ उत्तर दिया, "लोग हमेशा वैसे ही होते हैं, जैसे हम उन्हें बनाते हैं। वे वही देखते हैं, जो हम उन्हें दिखाते हैं। उनके डर और उनकी आशाओं का नियंत्रण हमारे हाथ में है।"
कमरे में एक पल के लिए खामोशी छा गई। बाहर कहीं दूर चर्च की घंटियां बजीं, मानो यह संवाद इतिहास के किसी निर्णायक मोड़ की घोषणा कर रहा हो।
दूसरी आवाज ने कुर्सी पर थोड़ा झुकते हुए कहा, "तो, योजना क्या है? हम किस दिशा में शुरुआत करेंगे?"
पहली आवाज ने अपनी उंगलियां मेज पर रखीं और शांत, लेकिन कठोर स्वर में कहा, "हम शुरुआत करेंगे उनके विश्वास से। धर्म वह आधार है, जो सदियों से दुनिया को चलाता आ रहा है। इसे बस नए सांचे में ढालने की जरूरत है। लोगों को यह एहसास तक नहीं होगा कि उनके विश्वास को कैसे मोड़ा जा रहा है।"
दूसरी आवाज ने सवाल किया, "और युद्ध? उसे कहां लाएंगे?"
"वह तो हमेशा से मौजूद है," पहली आवाज ने कहा। "हमें बस उसे सही दिशा में धकेलना है। संघर्ष कभी खत्म नहीं होता। यह केवल स्थान और रूप बदलता है।"
दूसरी आवाज अब संयमित लेकिन गंभीर हो गई थी। "तुम जानते हो, एक बार यह खेल शुरू हुआ, तो इसे वापस नियंत्रित करना मुश्किल होगा। आग लगाना आसान है, लेकिन उसे सीमित रखना मुश्किल।"
पहली आवाज ने कुर्सी से उठते हुए जवाब दिया, "यही तो हमारी विशेषज्ञता है। हम केवल आग नहीं लगाते, हम उसे नियंत्रित करना भी जानते हैं। और याद रखना, जो आग से डरता है, वह कभी बदलाव का हिस्सा नहीं बन सकता।"
दूसरी आवाज चुप हो गई। कमरा फिर से उसी गहरी खामोशी में डूब गया। बाहर की ठंडी हवा की सरसराहट उस सन्नाटे को और भयावह बना रही थी।
कुछ देर बाद, पहली आवाज ने अंतिम शब्द कहे, "समय आ गया है। हम इसे टाल नहीं सकते। अगले कुछ सप्ताहों में, दुनिया बदलने वाली है। यह शुरुआत है। और हर शुरुआत की तरह, इसे कोई नहीं देख पाएगा।"
इसके बाद, भारी कदमों की आवाजें कमरे से बाहर जाती सुनाई दीं। अंधेरे में छिपे दूसरे व्यक्ति ने अपनी जगह से हिले बिना, उस बंद दरवाजे की ओर देखा। वह जानता था कि यह खेल कितना खतरनाक है। लेकिन शायद यही वह खेल था, जिसे अब खेला जाना तय था।
चमचमाते यूरोप के बीच पेरिस की रातों में एक अलग ही तरह की हलचल थी। यह वह शहर था, जो कभी सोता नहीं था, लेकिन उसकी जगमगाती गलियों और ऐतिहासिक इमारतों के पीछे, गहराई में, कुछ ऐसा हो रहा था जो सामान्य आंखों से दूर था। एफिल टॉवर के ऊपर की चमकती रोशनी भी इस छुपे हुए खेल को देख पाने में नाकाम थी।
पेरिस से लगभग तीस किलोमीटर दूर, एक पुरानी लेकिन भव्य हवेली के गुप्त तहखाने में, उन लोगों की बैठक चल रही थी जो दुनिया के भाग्यविधाता कहलाते थे। यह हवेली 18वीं सदी में बनी थी, लेकिन इसके तहखाने का इस्तेमाल सदियों से केवल उन्हीं योजनाओं के लिए किया गया था, जिनका उद्देश्य सामान्य जनता के विश्वास को मोड़ना और ताकतवर वर्गों की सत्ता को बनाए रखना था।
तहखाने का वातावरण ठंडा और भारी था। कमरे के बीचों-बीच एक गोल मेज रखी थी, जिसके चारों ओर बैठने वाले चेहरे अंधेरे में डूबे हुए थे। कमरे की रोशनी इस तरह से लगाई गई थी कि केवल मेज पर रखा दस्तावेज़ चमक रहा था, लेकिन दस्तावेज़ को पढ़ने वालों के चेहरों पर छाया थी।
"हमने कई बार देखा है कि जब तक लोग खुद को स्वतंत्र मानते हैं, वे असल में हमारे ही नियंत्रण में रहते हैं," एक ठंडी, संयमित आवाज़ ने कहा। यह इलियास वोरेन था। वह गोल मेज के सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर बैठा था। उसकी आंखें झपकती नहीं थीं, और उसकी उपस्थिति इस कक्ष के हर कोने में महसूस की जा सकती थी।
"लोग क्या सोचते हैं, यह मायने नहीं रखता। मायने यह रखता है कि उन्हें सोचने के लिए क्या दिया गया है," उसने अपनी उंगलियों से मेज पर रखी एक फाइल की ओर इशारा करते हुए कहा।
उसके दाईं ओर एक और व्यक्ति बैठा था। यह था दिमित्री अलेक्सेविच, जो रूसी हथियार उद्योग का सबसे बड़ा खिलाड़ी था। वह आराम से अपनी कुर्सी पर झुका हुआ था, लेकिन उसकी आंखों में वही भूख थी, जो हमेशा सत्ता और लाभ की चाहत रखने वालों में होती है। उसने धीमे स्वर में कहा, "युद्ध से बड़ा कोई उद्योग नहीं। लेकिन युद्ध के लिए धर्म का होना ज़रूरी है। अगर लोग यह समझ जाएं कि वे एक दूसरे के खिलाफ क्यों लड़ रहे हैं, तो हमारी योजना बेकार हो जाएगी। हमें उन्हें अंधेरे में रखना होगा।"
"और इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है—धर्म," एवा क्लेमेंट ने बात आगे बढ़ाई। वह कमरे के दूसरे छोर पर बैठी थी। उसका व्यक्तित्व रहस्यमय और प्रभावशाली था। वह फ्रांस की सबसे गुप्त खुफिया एजेंसी की प्रमुख थी। "मीडिया हमारा सबसे बड़ा हथियार है। जो हम दिखाएंगे, वही सच होगा। और धर्म—यह तो सबसे पुराना माध्यम है। इसे तोड़ने की ज़रूरत नहीं। इसे केवल अपनी सुविधा के अनुसार झुकाना होगा।"
इलियास ने सिर हिलाया और एवा की ओर देखा। "और तुम यह सुनिश्चित करोगी कि लोग वही देखें, जो उन्हें देखना चाहिए। हम इसे एक ऐसे आंदोलन का रूप देंगे, जो लोगों के दिलों और आत्मा को छू सके। उनका गुस्सा, उनकी निराशा, उनकी आस्थाएं—सब कुछ हमारे लिए साधन बनेंगी।"
"लेकिन," एक शांत लेकिन तीखी आवाज़ ने कमरे की खामोशी को तोड़ा। यह मिराए त्सुजियोका थी, जो जापान से आई थी। वह धर्म और संस्कृति की गहन विशेषज्ञ थी। उसकी उपस्थिति बाकी सभी से अलग थी। वह इस बैठक का हिस्सा तो थी, लेकिन उसका उद्देश्य इन योजनाओं का समर्थन करना नहीं था। "क्या आप यह नहीं देख रहे कि धर्म केवल साधन नहीं है? यह आग है। और जिस दिन यह आग हमारे नियंत्रण से बाहर हो गई, उस दिन यह हमें भी जलाकर राख कर देगी।"
दिमित्री ने हंसी में जवाब दिया। "आग से खेलने वाले कभी डरते नहीं। वे जानते हैं कि आग को जलाए रखने के लिए कितनी हवा देनी है और कब इसे बुझाना है। यही खेल है, और इसमें हमें महारत हासिल है।"
मिराए ने उसे घूरते हुए कहा, "और अगर यह खेल गलत हो गया? अगर लोगों ने समझ लिया कि उनकी भावनाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो क्या होगा?"
इलियास ने मिराए की ओर देखा। उसकी आंखों में वह गहराई थी, जो अक्सर सवालों को दबा देती थी। उसने शांत स्वर में कहा, "लोग वही समझते हैं, जो हम उन्हें समझने देते हैं। उनकी आस्थाएं हमारी शक्ति हैं। जब तक उन्हें लगता रहेगा कि वे अपने भगवान के लिए लड़ रहे हैं, वे हमारे लिए लड़ेंगे। और यही इस खेल की खूबसूरती है।"
कुछ देर की खामोशी के बाद, कमरे में रखे दस्तावेज़ पर चर्चा शुरू हुई। यह दस्तावेज़ दुनिया के उन क्षेत्रों की पहचान करता था, जहां धर्म और राजनीति का इस्तेमाल करके अस्थिरता पैदा की जा सकती थी। इसमें मध्य एशिया, अफ्रीका, और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों के नाम प्रमुखता से लिखे गए थे।
"मध्य एशिया," इलियास ने नक्शे पर उंगली रखते हुए कहा। "यहां से हम शुरुआत करेंगे। यह क्षेत्र पहले से ही अस्थिर है। हमें केवल वहां की धार्मिक भावनाओं को उकसाने की ज़रूरत है। और जब संघर्ष शुरू होगा, तो बड़े देश इसमें कूद पड़ेंगे। हथियारों की मांग बढ़ेगी, अर्थव्यवस्थाएं हिलेंगी, और फिर हम इसे नियंत्रित करेंगे।"
दिमित्री ने नक्शे की ओर झुकते हुए कहा, "मुझे यह पसंद है। यह मेरा खेल है। मुझे केवल संकेत देना होगा, और हथियार वहां पहुंच जाएंगे। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह संघर्ष जल्द खत्म न हो। जितनी देर तक यह चलेगा, उतना ही फायदेमंद होगा।"
"और मीडिया?" एवा ने पूछा।
"मीडिया," इलियास ने मुस्कुराते हुए कहा, "मीडिया केवल वही दिखाएगा, जो हम चाहेंगे। लोग इन संघर्षों को धर्म और न्याय की लड़ाई समझेंगे। और जब तक वे सच जानेंगे, तब तक हम अपनी योजना पूरी कर चुके होंगे।"
बैठक खत्म होने से पहले, मिराए ने इलियास से एक अंतिम सवाल पूछा। "तुम्हारी यह योजना कितनी दूर तक जाएगी? और इसका अंत क्या होगा?"
इलियास ने उसकी ओर देखा और ठंडी हंसी के साथ जवाब दिया, "इसका कोई अंत नहीं है। यह खेल तब तक चलेगा, जब तक दुनिया है। यह सत्ता का चक्र है, जो कभी रुकता नहीं। और हम इस चक्र के केंद्र में खड़े हैं।"
मिराए को इलियास की बातों में विश्वास और खतरे का एक अजीब मिश्रण महसूस हुआ। वह जानती थी कि यह खेल जितना बड़ा था, उतना ही खतरनाक भी।
बैठक समाप्त हो गई। हर व्यक्ति अपनी योजना को अंजाम देने के लिए अपने-अपने स्थान पर लौट गया। लेकिन मिराए के मन में सवालों का तूफान था। क्या वह इस खेल का हिस्सा बनेगी, या इसे रोकने की कोशिश करेगी?
उसने अपने आप से कहा, "अगर यह आग फैली, तो यह सबकुछ जला देगी। और मैं इसे होते हुए नहीं देख सकती।"
पेरिस की उस रात ने दुनिया के भविष्य के लिए एक काला अध्याय लिख दिया था। इलियास और उसके साथियों ने एक ऐसी योजना बनाई थी, जो दुनिया के हर कोने को छूने वाली थी। और यह केवल शुरुआत थी।
लंदन का वह हिस्सा आम दिनों की तरह ठंडा और धुंध में लिपटा हुआ था। लेकिन इस ठंड और धुंध के पीछे, एक जगह ऐसी थी, जहां कुछ अलग ही किस्म की ऊर्जा बह रही थी। यह रोथ्सचाइल्ड हाउस था, एक ऐसा स्थान जिसे आम लोग केवल इतिहास में पढ़ते थे। लेकिन जो लोग सत्ता और राजनीति के असली खेल को जानते थे, उनके लिए यह भवन किसी पवित्र स्थल से कम नहीं था।
यहां का हर कमरा अपने भीतर सैकड़ों गुप्त कहानियां छिपाए हुए था। दीवारों पर टंगे चित्र केवल कला नहीं थे, वे प्रतीक थे—सत्ता के प्रतीक। आज इस भवन के सबसे गुप्त कक्ष में एक बैठक चल रही थी, जो इतिहास के पन्नों में कभी दर्ज नहीं होगी।
कमरा विशाल था, लेकिन उसमें केवल पांच लोग मौजूद थे। दीवारों पर मोमबत्तियां जल रही थीं, और उनकी हल्की रोशनी में कमरे का हर कोना रहस्यमय लग रहा था। कमरे के केंद्र में एक आयताकार मेज थी, जो किसी पुरातन राजा के सिंहासन जैसी भव्य थी।
मेज के एक छोर पर इलियास वोरेन बैठा था। उसकी नजरें एक दस्तावेज़ पर गड़ी थीं। दस्तावेज़ के पन्ने कुछ पुराने और घिसे हुए थे, लेकिन उन पर लिखा हर शब्द इस बैठक में मौजूद लोगों के भविष्य और उनकी योजनाओं को आकार देने वाला था।
"हमने इस पर वर्षों तक काम किया है," उसने बिना किसी भूमिका के बोलना शुरू किया। उसकी आवाज कमरे के हर कोने तक पहुंची। "अब समय आ गया है कि इसे अमल में लाया जाए। हमारे पास वह हर साधन है, जो हमें चाहिए। हमारी ताकत धर्म है, और हमारी रणनीति युद्ध।"
उसके बाईं ओर बैठा दिमित्री अलेक्सेविच अपनी कुर्सी पर थोड़ा आगे झुका। उसकी आंखें एक शिकारी की तरह चमक रही थीं। "धर्म और युद्ध—यह तो पुरानी कहानी है। लेकिन यह कामयाब इसलिए है, क्योंकि यह इंसान की सबसे आदिम भावनाओं को छूती है। डर और लालच। हमें इसे बस सही दिशा देनी है। और मैं कह सकता हूं कि हमारी शुरुआत सही हो चुकी है।"
इलियास ने दस्तावेज़ के अगले पन्ने को पलटा। "मध्य एशिया में जो चिंगारी हमने भड़काई है, वह जल्द ही आग का रूप लेगी। लोग इसे धर्म की लड़ाई मानेंगे। नेता इसे न्याय की लड़ाई कहेंगे। लेकिन सच्चाई यह होगी कि यह केवल सत्ता का खेल है। और हम इसे नियंत्रित करेंगे।"
मेज के दूसरे छोर पर एवा क्लेमेंट बैठी थी। उसने मोमबत्ती की रोशनी में चमकते अपने लंबे नाखूनों को देखा और मुस्कुराई। "और जब मीडिया इसे सही तरीके से पेश करेगा, तब यह आग और तेज़ हो जाएगी। लोग इस आग के नतीजों को नहीं देखेंगे, वे केवल इसके कारण को समझने की कोशिश करेंगे। और यह कारण वही होगा, जो हम उन्हें बताएंगे।"
"और तुम्हारी योजना?" इलियास ने उसकी ओर देखा।
एवा ने अपने बालों को पीछे करते हुए कहा, "मेरे पास मीडिया का पूरा नियंत्रण है। हमने पहले ही खबरों को इस तरह घुमाना शुरू कर दिया है कि मध्य एशिया में शुरू हो रही हिंसा एक पवित्र युद्ध लगने लगे। लोग इसे धर्म का संघर्ष मानेंगे। और फिर, जब नेता इसमें शामिल होंगे, तो उनके लिए पीछे हटना मुश्किल हो जाएगा।"
कमरे में कुछ पलों की खामोशी छा गई। इस बीच, मिराए त्सुजियोका ने बोलना शुरू किया। उसकी आवाज में एक सख्ती थी, जो बाकी लोगों के आत्मसंतोष को तोड़ने के लिए काफी थी।
"तुम लोग इसे धर्म का संघर्ष कह रहे हो," उसने कहा। "लेकिन क्या तुमने यह नहीं सोचा कि यह आग कितनी दूर तक जा सकती है? धर्म का इस्तेमाल आसान है, लेकिन इसका नियंत्रण लगभग असंभव। अगर यह आग फैली, तो यह तुम्हारे अपने हाथों को भी जला सकती है।"
दिमित्री ने उसकी ओर देखते हुए हंसी में कहा, "जो आग जलाना जानते हैं, वे उसे बुझाना भी जानते हैं। और जो इसे नियंत्रित नहीं कर सकते, उनके लिए यह खेल नहीं है। शायद तुम्हें यह खेल छोड़ देना चाहिए, त्सुजियोका।"
"मैं यह खेल इसलिए खेल रही हूं," मिराए ने जवाब दिया, "ताकि इसे समझ सकूं। और जब समय आए, तो इसे रोका जा सके।"
इलियास ने दोनों को चुप कराने के लिए अपनी उंगलियां मेज पर रखीं। उसकी आंखें मिराए की ओर गड़ी थीं। "तुम इसे रोकने की कोशिश कर सकती हो, मिराए। लेकिन याद रखना, यह खेल सदियों पुराना है। इसे तोड़ना आसान नहीं।"
बैठक जारी रही। हर शब्द के साथ, योजना और स्पष्ट होती गई। मध्य एशिया में धार्मिक संघर्ष का इस्तेमाल केवल एक बहाने के रूप में किया जाना था। असल उद्देश्य था, बड़े देशों को इसमें खींचना और उनके संसाधनों को नियंत्रित करना।
इलियास ने दस्तावेज़ का आखिरी पन्ना उठाया। "यह हमारा पहला कदम है। मध्य एशिया की यह आग दुनिया को हिला देगी। और जब दुनिया अस्थिर होगी, तभी हम इसे अपनी शर्तों पर चला पाएंगे। लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी यह न समझ सके कि इसके पीछे हम हैं।"
"और अगर वे समझ गए?" मिराए ने चुनौती भरे स्वर में पूछा।
"तो हम एक नया नैरेटिव बना देंगे," एवा ने जवाब दिया। "लोग वही मानते हैं, जो उन्हें बताया जाता है। सच और झूठ की परिभाषा वही है, जो हम तय करते हैं।"
बैठक समाप्त हो चुकी थी। लोग अपने-अपने स्थान पर लौटने लगे। लेकिन इस खेल की पहली चाल अब सामने आ चुकी थी। पेरिस की सर्द रात में, रोथ्सचाइल्ड हाउस के बाहर एक गहरी खामोशी थी। लेकिन अंदर जो कुछ हुआ था, वह आने वाले महीनों में पूरी दुनिया को बदलने वाला था।
इलियास ने जाते-जाते मिराए से कहा, "तुम्हें इस खेल से अलग होने का मौका है। लेकिन अगर तुम इसका हिस्सा बनी रहोगी, तो याद रखना, तुम इसका अंत तय नहीं कर सकोगी। यह अंत केवल मैं लिखूंगा।"
मिराए ने उसकी ओर देखा और कहा, "अगर यह आग बेकाबू हुई, तो यह तुम्हें भी खत्म कर देगी, इलियास। और शायद, इसे रोकने वाला कोई और नहीं, मैं ही होऊंगी।"
उस रात, रोथ्सचाइल्ड हाउस की लाइटें बुझ गईं। लेकिन जो योजना बनाई गई थी, उसकी रोशनी दुनिया के हर कोने तक पहुंचने वाली थी। यह केवल एक बैठक नहीं थी। यह वह जगह थी, जहां इतिहास लिखा गया था।
पेरिस की ठंडी रातों के बाद, सूरज की पहली किरणों ने मॉस्को की बर्फीली सड़कों को छुआ। लेकिन यह ठंड शहर की उस अदृश्य गर्मी को छू नहीं पाई, जो सत्ता और शक्ति के खेल से निकलती थी। मॉस्को हमेशा से अपने रहस्यों के लिए कुख्यात रहा था, और आज शहर के एक आलीशान होटल के सबसे गुप्त सुइट में, एक और रहस्य रचा जा रहा था।
सुइट का माहौल भारी था। दीवारें मोटी और ध्वनिरोधी थीं, खिड़कियों पर काले पर्दे लटके हुए थे, और मेज पर रखी शराब की बोतलों और दस्तावेज़ों ने कमरे को एक युद्धक्षेत्र जैसा बना दिया था। इस कमरे में दिमित्री अलेक्सेविच, रूस का सबसे ताकतवर व्यक्ति और वैश्विक हथियार उद्योग का मसीहा, अपने सबसे करीबी सलाहकारों के साथ बैठा था।
उसने अपनी कुर्सी पर झुककर, मेज पर रखे नक्शे पर अपनी उंगली घुमाई। यह नक्शा मध्य एशिया का था, और उसकी आंखें उस क्षेत्र पर टिकी थीं, जहां तनाव धीरे-धीरे बढ़ रहा था।
"यह जगह," उसने धीमी लेकिन कठोर आवाज़ में कहा, "यहां से हमारा पहला बड़ा कदम शुरू होगा। यह केवल एक स्थानीय विवाद की तरह दिखना चाहिए, लेकिन इसका असर पूरी दुनिया पर होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह आग किसी के भी लिए आसानी से बुझने वाली न हो।"
एक सलाहकार ने पूछा, "लेकिन यह आग शुरू कैसे होगी? हमें इसे बढ़ाने के लिए कौन सी चिंगारी चाहिए?"
दिमित्री ने हल्की हंसी के साथ जवाब दिया। "धर्म। हमेशा की तरह धर्म ही सबसे आसान चिंगारी है। हम केवल उनके विश्वासों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करेंगे। और जब लोग खुद को भगवान के लिए लड़ते हुए समझेंगे, तो वे यह नहीं देख पाएंगे कि उनके पीछे कौन खड़ा है।
मॉस्को से कुछ ही मील की दूरी पर एक गुप्त स्थान पर, हथियारों का जखीरा तैयार किया जा रहा था। वहां हर प्रकार के आधुनिक हथियार मौजूद थे—छोटे बंदूकें, मशीन गन, ग्रेनेड, और यहां तक कि भारी विस्फोटक। यह सब एक ऐसे संघर्ष के लिए इकट्ठा किया जा रहा था, जिसका उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ कमाना नहीं था, बल्कि एक वैश्विक संतुलन को हिलाना था।
दिमित्री ने अपने एक करीबी सहयोगी को निर्देश दिया, "यह सुनिश्चित करो कि ये हथियार सही हाथों में जाएं। हमें दोनों पक्षों को बराबर ताकत देनी है। हमें यह दिखाना होगा कि यह संघर्ष स्वाभाविक है, लेकिन इसे हमारी शर्तों पर चलाना होगा।"
पेरिस में, एवा क्लेमेंट ने पहले ही मीडिया को इस संघर्ष की खबरें लीक करनी शुरू कर दी थीं। उसने बड़ी चतुराई से यह सुनिश्चित किया कि हर रिपोर्ट में यह संघर्ष एक धार्मिक और नैतिक लड़ाई के रूप में दिखे।
"यह कहानी जितनी भावनात्मक होगी, उतनी ही असरदार होगी," उसने अपने एक संपादक को समझाते हुए कहा। "लोगों को ऐसा महसूस होना चाहिए कि वे इस संघर्ष का हिस्सा हैं, भले ही वे इससे हजारों मील दूर बैठे हों। इसे केवल एक स्थानीय समस्या मत दिखाओ। इसे एक वैश्विक संकट बनाओ।"
उसके निर्देश पर, टेलीविजन चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसी खबरें प्रसारित होने लगीं, जिनमें यह दिखाया गया कि मध्य एशिया में धार्मिक भावनाएं कितनी गहरी और जटिल हैं। वहां के छोटे-छोटे संघर्षों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया, ताकि यह लगे कि यह क्षेत्र पूरी तरह से अस्थिर हो चुका है।
"और जब लोग डरेंगे," एवा ने मुस्कुराते हुए कहा, "तो वे हमारे समाधान को स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाएंगे। यही खेल है।"
इस बीच, मिराए त्सुजियोका जापान में अपने शोध में पूरी तरह डूबी हुई थी। वह मध्य एशिया के धार्मिक इतिहास और वहां के सामाजिक ताने-बाने को समझने की कोशिश कर रही थी।
उसने एक प्राचीन किताब में एक महत्वपूर्ण संदर्भ पाया, जो यह बताता था कि कैसे अतीत में भी इस क्षेत्र का उपयोग बड़े साम्राज्यों ने अपनी राजनीतिक चालों के लिए किया था।
"यह कोई नई बात नहीं है," उसने अपने एक सहयोगी से कहा। "इस क्षेत्र को हमेशा एक मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया है। लेकिन इस बार, यह खेल पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक है। यह केवल एक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं है। यह पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा।"
उसने अपने लैपटॉप पर इलियास के नाम एक ईमेल लिखा:
"तुम जो कर रहे हो, वह केवल सत्ता का खेल नहीं है। यह इंसानियत के खिलाफ एक अपराध है।"
उधर, आमेन ओकाफोर अफ्रीका में अपने नेटवर्क का उपयोग करके उन दस्तावेज़ों को खंगाल रहा था, जो इस पूरे खेल का पर्दाफाश कर सकते थे। उसने पाया कि मध्य एशिया में शुरू हो रहे इस संघर्ष के लिए हथियारों की आपूर्ति कई गुप्त चैनलों के माध्यम से हो रही थी।
"यह एक साजिश है," उसने अपने एक साथी पत्रकार से कहा। "और इसका उद्देश्य केवल युद्ध शुरू करना नहीं है। इसका उद्देश्य डर और अस्थिरता पैदा करना है। जब लोग डरते हैं, तो वे अपनी आजादी छोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। यही वे चाहते हैं।"
उसने अपनी रिपोर्ट तैयार की, लेकिन वह जानता था कि इसे प्रकाशित करना आसान नहीं होगा। वह जानता था कि इस साजिश के पीछे ऐसे लोग हैं, जो उसे चुप कराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
इन सबके बीच, इलियास वोरेन हर जगह से मिल रही खबरों को देख रहा था। उसकी योजना धीरे-धीरे आकार ले रही थी। उसने अपनी टीम को बुलाया और कहा, "हमने सही जगह पर सही बीज बो दिया है। अब इसे बढ़ने के लिए केवल समय चाहिए। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई इसे समय से पहले उजागर न करे।"
"और अगर किसी ने कोशिश की?" एवा ने पूछा।
"तो उसे हटा दिया जाएगा," इलियास ने ठंडे स्वर में कहा। "यह खेल इतना बड़ा है कि इसमें छोटे बलिदानों की परवाह नहीं की जाती।"
मॉस्को, पेरिस, टोक्यो और अफ्रीका—हर जगह यह खेल अपने अलग-अलग हिस्सों में आगे बढ़ रहा था। हर कोई अपने-अपने मकसद से इस योजना का हिस्सा बना हुआ था।
मिराए इसे समझने और रोकने की कोशिश कर रही थी। आमेन इसे उजागर करने की कोशिश कर रहा था। दिमित्री इसे भड़काने में लगा हुआ था। और एवा इसे लोगों की नजरों में सच बनाने की तैयारी कर रही थी।
लेकिन इन सबके बीच, इलियास वोरेन हर किसी से दो कदम आगे था। वह जानता था कि इस खेल का अंत केवल वही तय करेगा।
उसने एक बार फिर अपने दस्तावेज़ को देखा और मुस्कुराया। "यह केवल शुरुआत है," उसने बुदबुदाते हुए कहा। "दुनिया अभी समझ नहीं पाएगी कि यह खेल कितना बड़ा है। लेकिन जब उन्हें समझ में आएगा, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।"
मध्य एशिया में, तनाव अब हिंसा का रूप ले चुका था। दो धार्मिक समुदायों के बीच संघर्ष इतना बढ़ चुका था कि अब इसे रोका जाना असंभव लग रहा था। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया इसे "धर्म की लड़ाई" कह रही थी। लेकिन जो लोग इस साजिश के पीछे थे, वे जानते थे कि यह केवल एक पर्दा था।
और इस पर्दे के पीछे, "अंधेरों के सरताज" अपना खेल खेल रहे थे।
काहिरा की सर्द रात में नील नदी की लहरें चुपचाप बह रही थीं। इस शहर की पुरानी गलियां और ऐतिहासिक इमारतें हजारों साल पुरानी सभ्यता के राज़ अपने भीतर समेटे हुए थीं। लेकिन आज उन गलियों से दूर, शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक गुप्त विला के अंदर, आधुनिक इतिहास का एक ऐसा अध्याय लिखा जा रहा था, जिसे दुनिया कभी खुले तौर पर स्वीकार नहीं करेगी।
वह विला, जो बाहर से किसी सामान्य संपन्न व्यक्ति का निवास लगता था, भीतर से एक साजिश का गढ़ था। कमरे के अंदर की दीवारें मोटी थीं, और छत पर लगे सुनहरे झाड़-फानूस की रोशनी उस कमरे को भव्य लेकिन ठंडा बना रही थी।
मेज के चारों ओर छह लोग बैठे थे, और उनके बीचों-बीच एक बड़ी स्क्रीन लगी थी। स्क्रीन पर दुनिया का नक्शा चमक रहा था, लेकिन यह केवल सीमाओं को दिखाने वाला सामान्य नक्शा नहीं था। यह उन स्थानों को चिह्नित कर रहा था, जहां धर्म, राजनीति, और हिंसा की लपटें उठाई जा सकती थीं।
कमरे का माहौल गंभीर था। इलियास वोरेन, जो इस बैठक का संचालन कर रहा था, स्क्रीन की ओर इशारा करते हुए बोला, "हमने सही जगहों पर सही बीज बो दिए हैं। अब यह सुनिश्चित करना होगा कि यह बीज बड़े होकर वह पेड़ बनें, जिसकी जड़ें इतनी गहरी हों कि कोई इसे उखाड़ न सके। मध्य एशिया हमारी पहली चिंगारी थी। अब अगला कदम उठाने का समय आ गया है।"
इलियास के बगल में दिमित्री अलेक्सेविच बैठा था। उसने नक्शे पर नजर डालते हुए कहा, "युद्ध और अस्थिरता के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है सही हथियार। मैंने सुनिश्चित किया है कि हमारे पास जितना भी हथियारों का भंडार है, वह सही समय पर सही हाथों तक पहुंच जाए। लेकिन हमें एक बात का ध्यान रखना होगा—हथियार केवल उतने ही वितरित करें, जितने संघर्ष को जारी रखने के लिए जरूरी हों। इसे जल्दी खत्म नहीं होना चाहिए।"
"तुम्हारा हिस्सा हमेशा से स्पष्ट रहा है, दिमित्री। तुम्हारे लिए यह व्यापार है," एवा क्लेमेंट ने तीखे स्वर में कहा। वह मेज के दूसरे छोर पर बैठी थी, और उसकी आंखों में वह आत्मविश्वास झलक रहा था, जो उसके व्यक्तित्व का हिस्सा था। "लेकिन मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि लोग इसे न्याय और धर्म की लड़ाई समझें। हमें मीडिया को पूरी तरह नियंत्रित करना होगा। हर खबर, हर तस्वीर, और हर कहानी इस तरह से तैयार होनी चाहिए, कि लोग केवल वही देखें, जो हम उन्हें दिखाना चाहते हैं।"
"और तुम यह कैसे करोगी?" इलियास ने पूछा।
"हमने पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और बड़े समाचार चैनलों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। कुराश्का में जो कुछ हो रहा है, वह केवल एक शुरुआत है। हमने इसे धार्मिक संघर्ष का रंग दिया है। और अब, जब यह आग मध्य पूर्व तक पहुंचेगी, तो इसे एक वैश्विक संकट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। लोग इसे धर्म और सांस्कृतिक पहचान की लड़ाई मानेंगे। वे इसे अपने जीवन से जोड़ेंगे। और जब वे डरेंगे, तब हम उनके लिए समाधान पेश करेंगे," एवा ने ठंडे स्वर में जवाब दिया।
मेज पर बैठे सभी लोगों ने सहमति में सिर हिलाया।
मिराए त्सुजियोका इस बैठक में शामिल नहीं थी, लेकिन वह इससे पूरी तरह अनजान भी नहीं थी। जापान में बैठकर उसने इस साजिश के धागों को जोड़ना शुरू कर दिया था। उसके सामने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आई रिपोर्ट्स और ऐतिहासिक संदर्भ रखे थे।
"यह वही कहानी है," उसने बुदबुदाते हुए कहा। "धर्म और राजनीति का इस्तेमाल हमेशा से सत्ता के लिए किया गया है। लेकिन इस बार, यह खेल कहीं ज्यादा खतरनाक है। वे इसे एक वैश्विक आंदोलन बना रहे हैं। और जब लोग इसे समझेंगे, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।"
उसने अपनी डायरी में लिखा:
"वे धर्म को हथियार बना रहे हैं। और इसे उन लोगों के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके लिए यह सबसे पवित्र चीज है। यह आग केवल उन देशों को नहीं जलाएगी, जहां यह शुरू होगी। यह पूरी दुनिया को अराजकता में धकेल देगी।"
इस बीच, आमेन ओकाफोर ने अफ्रीका में अपने नेटवर्क का उपयोग करते हुए कुछ ऐसे दस्तावेज़ हासिल किए थे, जो इस साजिश के प्रमुख सूत्रों की ओर इशारा कर रहे थे। उसने देखा कि हथियारों की तस्करी के लिए जिन चैनलों का इस्तेमाल किया जा रहा था, वे सामान्य नहीं थे।
"यह सब कुछ एक बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध है," उसने अपने एक सहयोगी को बताया। "ये हथियार केवल संघर्ष को बनाए रखने के लिए दिए जा रहे हैं। और जो लोग इस योजना को अंजाम दे रहे हैं, वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर पक्ष इस लड़ाई में उतना ही कमजोर और उतना ही मजबूत रहे, जितना कि उन्हें चाहिए।"
"तुम्हारा क्या मानना है? क्या यह सिर्फ व्यापार है?" सहयोगी ने पूछा।
आमेन ने गंभीर स्वर में कहा, "नहीं। यह सिर्फ व्यापार नहीं है। यह एक ऐसी दुनिया बनाने की कोशिश है, जहां डर और नियंत्रण ही प्रमुख हो। वे चाहते हैं कि लोग खुद को असहाय महसूस करें। और जब लोग असहाय होते हैं, तो वे किसी भी शक्ति को अपना भगवान मान लेते हैं।"
काहिरा की बैठक में, चर्चा अब अगले चरण की ओर बढ़ रही थी। इलियास ने स्क्रीन पर एक और क्षेत्र की ओर इशारा किया। यह क्षेत्र मध्य पूर्व का था।
"यह अगला कदम है," उसने कहा। "यह क्षेत्र पहले से ही अस्थिर है। हमें केवल वहां की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को और भड़काना है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह संघर्ष केवल एक क्षेत्र तक सीमित न रहे। इसे वैश्विक प्रभाव के साथ फैलना चाहिए।"
"लेकिन अगर यह आग नियंत्रण से बाहर हो गई?" एक सलाहकार ने डरते हुए पूछा।
इलियास ने उसकी ओर देखा और मुस्कुराया। "यही तो हमारी ताकत है। हम आग से डरते नहीं। हम इसे नियंत्रित करना जानते हैं। और अगर यह फैल भी गई, तो यह केवल उन लोगों को जलाएगी, जो हमारे रास्ते में खड़े हैं।"
बैठक खत्म हो गई, लेकिन उस कमरे में जो बातें हुईं, वे आने वाले महीनों में पूरी दुनिया को बदलने वाली थीं। इलियास ने एक अंतिम नजर स्क्रीन पर डाली और बुदबुदाया, "यह खेल केवल ताकत का नहीं है। यह मनोविज्ञान का है। हमें बस इतना करना है कि लोग खुद को इस लड़ाई का हिस्सा समझें। और तब वे वही करेंगे, जो हम चाहते है ।"
मध्य पूर्व में, तनाव अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा था। छोटी-छोटी घटनाओं को बड़े पैमाने पर प्रस्तुत किया जा रहा था। धर्म और सांस्कृतिक पहचान के नाम पर हिंसा शुरू हो चुकी थी। और इस बार, यह केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं थी। यह एक ऐसी लहर बन रही थी, जो हर देश, हर समाज, और हर व्यक्ति को छूने वाली थी।
पर्दे के पीछे से, "अंधेरों के सरताज" अपना खेल खेल रहे थे। और दुनिया, जो इस खेल का हिस्सा बन चुकी थी, इसे समझने के लिए अब भी अंधेरे में थी।
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