अगले दिन वाणी सर्वी से कहती है हम आज जिस बस में आरव जाता है उसी बस से जाएंगे क्योंकि अब हमारे प्रैक्टिकल खत्म हो गए है और कुछ दिनों बाद हमारे एक्जाम शुरू हो जाएंगे तो आरव को देखने का मौका भी हाथों से निकल जायेगा। तो सर्वी कहती है ओके।
बस आ जाती है और दोनो बस के अंदर चले जाते है और आरव पहले से ही उनका इंतज़ार कर रहा होता है। जैसे ही वो सर्वी और वाणी को देखता है तो दोनो को एक मुस्कान देता है तो वाणी भी सामने से एक मुस्कान देती है। लेकिन सर्वी नही देती है, ये बात आरव को थोड़ी अजीब लगती है की सर्वी ने ही मुझे मिलने के लिए कहा और अभी वो मुझे ही इग्नोर कर रही है।
आरव सर्वी और वाणी के पास आता है और कहता है
हेलो ,तो वाणी बोलती है हेलो,लेकिन सर्वी कोई जवाब नही देती है तो आरव सर्वी से बोल ही देता है मैने आपको भी हेलो कहा है ,फिर सर्वी कहती मुझे माफ करना, मुझे लगा अपने वाणी से हेलो बोला है , सर्वी इसके बाद कहती है हेलो आरव। कैसे हो आप ? तो आरव बोलता है मैं अच्छा हू आप बताओ कैसी हो काफी समय से बाद इस बस में मिले हो। सर्वी कहती है हां,तभी वाणी बोलती है मैं भी यही हू मुझसे भी पूछ लो आरव। या सारी बाते सर्वी से ही करनी है तो आरव बोलता है नही ऐसा नहीं है , वैसे आपका नाम क्या है ?वाणी जवाब देती है मैं वाणी हू और अभी मैं 11 कक्षा के फाइनल एग्जाम देने वाली हू, और कुछ भी पूछना है आरव आपने तभी आरव कहता है नही नही काफी है इतना ही ,इसका मतलब आप मेरी जूनियर हुई मैं 12कक्षा के फाइनल एग्जाम देने वाला हु। वाणी कहती है अच्छा। तभी आरव वाणी से पूछता है और आपके सहेली कौनसी कक्षा में है ? वाणी कहती है एक ही कक्षा में है दोनो। तभी आरव का स्टॉप आ जाता है तो वो वाणी से कहता है माफ करना मुझे जाना पड़ेगा मेरा स्टॉप आ गया। वाणी कहती है इट्स ओके आप जाओ आरव जैसे ही जाना वाला होता है तो सर्वी की तरफ देखता है और कहता है सर्वी बाय। सर्वी कुछ नही कहती है एक हल्की से मुस्कान दे देती है।
आरव चला जाता है और वाणी और सर्वी दोनो भी स्कूल पहुंच जाते है
उसके बाद आरव वाणी ओर सर्वी को घर जाते समय मिलता है तो वाणी सर्वी से कहती है चल आरव के पास पीछे बस में चलते है तो सर्वी माना कर देती है और कहती है तुझे जाना है तो तू चली जा मैं यही हू तो वाणी आरव के पास चली जाती है तो आरव बोलता है सर्वी साथ में क्यू नही आई ?
तो वाणी कहती है सर्वी को ज्यादा भीड़ वाली जगह में सांस नहीं आती है इसलिए वो आगे चली गई है। आरव कहता है अच्छा कोई बात नहीं। हम उसके पास चलते है तो वाणी कहती है रुको मैं उसे ही यही बुला लेती हू आप बस की खिड़की खोल दो,आरव खिड़की खोल देता है और वाणी सर्वी को पीछे आने कहती है मैसेज करके ,लेकिन सर्वी माना कर देती है तो वाणी उससे जबरदस्ती लेके आ जाती है लेकिन फिर भी सर्वी आरव से थोड़ी दूरी ही रहती है तो आरव कहता है वाणी आपकी सहेली पहले से ही ऐसी ही है या आज ही ऐसे कर रही है तो वाणी कहती है नही यह पहले से ही ऐसी है। आरव कहता है अच्छा,लेकिन यह तो गलत है न यह मुझे मिलने के लिए बोल कर मुझसे बात तक नहीं कर रही है तभी वाणी को याद आता है मिलने के लिए जिसने कहा था वो सर्वी नही मैं थी ,अब क्या करू?
आरव कहता है कहा खो गई वाणी। वाणी बोलती है कही नही। अब आरव बोलता है या तो सर्वी को बोलो मेरे पास आए या फिर मैं जाता हूं उसके पास।
तो वाणी कहती है वो नही आयेगी। आरव बोलता है तो ठीक है मैं ही चला जाता हू। आरव सर्वी के पास आकर बोलता है ,सर्वी ये कैसा व्यवहार है ? सर्वी पहले आरव को देखती है और बोलती है कैसा व्यवहार से क्या मतलब है आपका ? मैंने क्या कर दिया ऐसा जो आप ऐसे बोल रहे हो तो आरव कहता है तुम्हे नही पता? तो सर्वी बोलती है नही ...
आरव थोड़ा गुस्से में बोलता है तुम्हे सच में नही पता ? सर्वी कहती है मुझे सच में कुछ नही पता तो आरव बोलता है ओके बाय!
इसके बाद दुबारा कभी मिलने को मत क बोल देना ओके।