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हमारी तबीयत खराब है इस वजह से टाइम पर चैप्टर नहीं दे पा रहे,, पर पूरी कोशिश करेंगे कि आपको चैप्टर टाइम पर दे सके सके,,
वीरा ने दीप्ति को दो कदम चलते हुए ऊपर से नीचे तक देखा, तो वीरा के अंदाज को देखते हुए दीप्ति पूरी तरह से नर्वस हो रही थी।
डरी सहमी सी दीप्ति अपने लहंगे को दुपट्टे को कसकर पड़ी रही थी,, कि.... अचानक से वीरा ने अपने हाथ में पकड़ी gun को सीधे दीप्ति की तरफ उछाल दिया।
अपनी तरफ उछलकर आती gun को देखकर दीप्ति की आंखें हैरानी से फेलकर बड़ी हो गई। ओर दीप्ति ने हड़बड़ा कर उस gun को अपने हाथों में पकड़ लिया।
"Hummm. Good. Gun को तो पकड़ लिया, अब एक काम करो,, फायर करके दिखाओ।" वीरा ने बिना किसी एक्सप्रेशन के दीप्ति को सीधे गन फायर करने का ऑर्डर दे दिया।
वीरा की फायरिंग करने की बात सुनकर दीप्ति का दूध जैसा गोरा चेहरा डर ओर घबराहट के मारे लाल हो गया था। क्योंकि.... दीप्ति ने आज तक gun को अपने हाथों में भी नहीं उठाया था। ऐसे में फायरिंग करना तो बहुत दूर की बात थी। इसलिए दीप्ति आंखें फाड़े देवा की तरफ देख रही थी।
लेकिन, जैसे ही देवा ने दीप्ति को अपनी तरफ देखते पाया,, तो देवा छोटी सी स्माइल के साथ दीप्ति को देखकर बोला, , "don की बेटी हो,, गैंगस्टर की फैमिली से बिलॉन्ग करती हो। so... तुम ऐसे फायरिंग करने से डर क्यों रही हो? माँ जैसा कह रही है, वैसा करो। फायरिंग कर दो।"
देवा को भी अपनी मां की साइड लेते देख, , दीप्ति की तो जान ही हलक में अटक गई। उसे खुद नहीं पता था,, कि.... वो कब से किसी गैंगस्टर की फैमिली belong करने लगी है।
जयपुर के छोटे से गांव में रहने वाली दीप्ति ओर अर्जुन को कब कुछ लोगों ने उठाकर सीधे शहर में पटक दिया था, उसे खुद नहीं पता था। बोल तक जो भी कर रही थी,, अपने भाई को बचाने के लिए कर रही थी।
दीप्ति को इस बात की फिक्र थी,, कि.... अगर.... उसके चाचा चाची ने कभी उससे अर्जुन के बारे में पूछ लिया,, तो वो उन लोगों को क्या जवाब देगी। क्योंकि.... उसका इकलौता सहारा तो अर्जुन था।
अर्जुन को बचाने का वादा देवा दीप्ति से कर चुका था। लेकिन,, अब दीप्ति gun कैसे चलाएं, इस मुसीबत में आ फंसी थी।
"दिव्या... " दीप्ति को अपनी ही सोच में गुम देख,, वीरा ने दीप्ति को आवाज लगा दी।
लेकिन,, दीप्ति अपनी सोच में इस तरह से लग चुकी थी,, कि.... उसे वीरा की आवाज ही नहीं सुनाई दी।
"दिव्या...। " दीप्ति को जवाब ना देते देख,, वीरा ने इस बार चिल्लाते हुए दीप्ति का नाम पुकारा, तो दीप्ति अपने ख्यालों से बाहर निकल आई। ओर डरते हुए वीरा, सरमन, अतुल, देवा, ओर वहां खड़े सर्वेंट की लंबी कतार को देखने लगी।
" इसे मेरे घर की बहू बनाकर लाया है तू?" दीप्ति को इस तरह से डरते देख वीरा ने देवा को गुस्से से देखते हुए कहा।
"Gun चलाओ दिव्या। " अपनी मां की बात सुनते ही देवा ने दीप्ति को वोट देते हुए कहा।
देवा के मुंह से अपने लिए दीप्ति नाम सुनते ही दीप्ति को यह भी याद आ गया,,कि.... यह लोग ऊसे दिव्या समझ रहे हैं।
"अगर.... इन लोगों को दीप्ति के दिव्या ना होने की खबर लग गई,, तो ये लोग उसे जान से मार देंगे। और अर्जुन जी से यह लोग ढूंढने वाले हैं ,, ये लोग अर्जुन को भी मार डालेंगे।" ये सब सोचकर दीप्ति घबराते हुए देवा को देखने लगी,,
लेकिन,, देवा इस वक्त गुस्से से दीप्ति को देख रहा था।
देवा को गुस्से मे अपनी तरफ देखते देखकर घबराहट के मारे दीप्ति और उसके हाथ कांपने लगे।
"गोली चलाओ...। " दीप्ति के कांपते हाथों को देखकर देवा गुस्से से दीप्ति पर चिल्ला पड़ा।
देवा के चिल्लाने की आवाज सुनकर दीप्ति की जान हलक में अटक गई,, और दीप्ति के कापते हाथों से gun छुठ कर दीप्ति के पैर पर जा गिरी।
जैसे ही दीप्ति के हाथ की gun दीप्ति के पैर पर गिरी,, तो दीप्ति की चीख़ निकल गई,, और दर्द की वजह से दीप्ति के आंसू निकलने लगे।
लेकिन,, दीप्ति अपने सामने खड़े देवा और वीरा को देखकर अपने पैर को पकड़ भी नहीं पाई। और अपने दर्द को बर्दाश्त करते हुए दीप्ति ने सर झुका कर अपनी आंखें बंद कर ली।
अतुल भी खुद दीप्ति की ये हालत देखकर हैरान था। क्योंकि... ... जब अतुल ने दिव्या को देवा के गाल पर थप्पड़ मारते देखा था,, तो अतुल खुद तू भी हैरान रह गया था। खुद अतुल को भी दिव्या की आंखों में एक जज्बा गुस्सा और डेरिंग दिखाई दी थी।
लेकिन,, उसकी आंखों के सामने खड़ी दिव्या डरी, सहमी, सी आंखों से आंसू बहाए जा रही थी।
शर्मन भी चुपचाप खड़े सारे तमाशे को देख रहे थे। उन्हें भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था,, कि..... एक don की बेटी इतनी डरपोक हो सकती है।
" ये डरपोक बिल्ली की तरह मेरी आंखों के सामने खड़ी है इससे शादी की तूने। इसकी कोख से जन्मेगा तो अपना शेर।" दीप्ति को इस तरह से डरते देख वीरा ने गुस्से से देव से कहा।
"I said pick up the gun. " अपनी मां की बात सुनते ही देवा एक बार फिर से गुस्से से दिप्ती पर चिल्ला पड़ा।
देवा के चिल्लाने की आवाज सुनते ही दीप्ति डर के मारे सहमते हुए एक कदम पीछे हट गई। और जैसे ही दीप्ति ने अपनी आंखें खोली, आंसुओं की धारा दीप्ति की आंखों से निकल कर दीप्ति के गालों पर नदी की तरह बह गई।
" मेरा खून मत जलाओ दिव्या। I said pick up the gun..... दिव्या। " दीप्ति को दो कदम पीछे हटते देख देवा ने दीप्ति के बाजू को पकड़ कर, दीप्ति को झकझोरते हुए कहा।
"Stop it देवा। दिव्या के पैर से खून निकल रहा है, उसे छोड़ो।" सरमन का ध्यान जैसे ही दीप्ति के पैर से निकलते खून पर गया, , तो शरमन ने देवा को रोकते हुए कहा।
" रुक जाओ शरू....!" सरमन देव के हाथ को पकड़ कर दीप्ति के हाथों से नीचे हटाने ही वाले थे, कि.... अचानक से वीरा ने सरमन को रोकते हुए कहा।
" वीरा....,, तुम बात क्यों नहीं समझ रही हो। छोड़ो ये सब। अभी बच्ची है दिव्या। धीरे-धीरे हम खुद ही इन सब चीजों की ट्रेनिंग दिव्या को दे देंगे।" दिव्या की आंखों से बातें आंसुओं की झड़ी को देखकर सरमन वीर से कहा।
" इस लड़की के साथ-साथ आपको भी घर से बाहर जाना है?" सरमन की बात सुनते ही वीरा ने सरमन को आंखें दिखाते हुए कहा।
वीरा की बात सुनते ही सरमन भी खामोशी से अपनी जगह पर खड़े हो गए।
" दिव्या.... Gun उठाओ। " दिव्या को अपनी जगह पर खड़े देख देवा ने गुस्से में दांत पीसते हुए दिप्ति से कहा।
दीप्ति ने आज तक gun नहीं चलाई थी। और उसे gun से बहुत डर लगता था। इस वजह से दीप्ति चाह कर भी gun को उठा नही पाई।
" इस लड़की को जहां से उठाकर लाए हो, वहीं छोड़ आओ। ये लड़की मेरी घर की बहू बनने के लायक नहीं है।" दीप्ति को इस तरह से डरते देख वीरा ने गुस्से से देवा को कहा,, और घर के अंदर जाने के लिए मुड़ गई।
क्या सच में छोड़ देगा देवा दीप्ति को. ...??
क्या वीर मन की देव और दीप्ति की शादी को. . . ??
क्या होगा जब सबको पता चलेगा दीप्ति दिव्या नहीं है. ..??
जानने के लिए पढ़ते रहिए..... देवा bold love of gangster.