17
का गुलाम..!!
लेकिन,, उस बच्चे की condition को देख कर उस बच्चों को उठाने वाले शख्स का भी दिल पसीज गया।
उस आदमी ने बड़े ही आराम से उस बच्चे को उठाया, और उसे लेकर वहां से जाने के लिए मुड़ गया।
लेकिन, जैसे ही वो लोग कमरे से बाहर निकलने लगे, सब की आंखों के सामने कई सारे लोग और वो शख्स आकर खड़ा हो गया ,, जो दीप्ति को threat कर रहा था।
एक दूसरे के सामने खड़े सभी लोगों के हाथ में guns थी। वो दोनों तरफ खड़े लोग एक दूसरे के पॉइंट पर थे।
आडवाणी के बेटे को यकीन नहीं था,, कि.... उस बच्चे को बचाने के लिए इतने सारे लोग आ सकते हैं।
लेकिन,, उन लोगों को देखने के बाद आडवाणी के बेटे अनिरुध के चेहरे पर एक तिरछी से smile आ गई।
"इस बच्चे को हमारे handover करो, और guns को नीचे रखो।" उन लोगों को देखते ही अनिरुद्ध ने गन से उन लोगों को अर्जुन को नीचे रखने को कहा,
उन लोगों की बात सुनते ही उनमें से एक body gaurd हंस कर बोला,, "हमारी gun point पर तो तुम भी हो।"
" हमारी ही जगह पर खड़े होकर हमसे ही श्याण पंती।" अनिरुद्ध हंसते हुए बोला, , और सीधे ट्रिगर पर अपनी उंगली को रख लिया।
"Ok.... Ok. करते हैं।" अनिरुद्ध से इतना बोलते हुए एक बॉडीगार्ड ने जैसे ही अपने लोगों की तरफ देखकर हमेशा हिलाया, , तो अनिरुद्ध के कहे अनुसार वह सब लोग गांठ रखने के लिए नीचे की तरफ झुक गए।
अनिरुद्ध को भी लगा था,, कि.... इन लोगों ने उसके सामने हार मान ली है।
लेकिन,, नीचे झुकते ही उन लोगों ने उन सब पर फायरिंग कर दी। Or कुछ ही सेकंड्स में वहां पर उन लोगों की लासे बिछ गई।
अनिरुद्ध को भी सीधे दिल के पास गोली लगी थी। जिस वजह से गोली लगने के बाद अनिरुद्ध सीधे बेहोश हो गया।
उन लोगों ने फर्श पर पड़े अनिरुद्ध को मुस्कुरा कर देखा, , और बाकी सब लोगों की लाशों पर पैर रखते हुए अर्जुन को लेकर तेजी से उस कमरे से निकल गए।
०००००
Prince house
गाड़ी से बाहर उतरने के बाद bodygaurd ने देवा के लिए जैसे ही गाड़ी का डोर ओपन किया,, तो दीप्ति को seat पर बिठाकर देवा ने गाड़ी से बाहर निकलते हुए ही अपने हाथों को ऊपर उठाते हुए अंगड़ाइयां तोड़ ली।
देवा को गाड़ी से बाहर उतरते देख, दीप्ति गाड़ी से नीचे उतरने लगी।
लेकिन,, दीप्ति के गाड़ी से नीचे कदम रखने से पहले ही देवा ने दीप्ति को सीधे अपनी बाहों में उठा लिया।
अचानक से हवा में उड़ने की वजह से दीप्ति के मुंह से चीख निकली,, तो देवा दीप्ति को देखकर मुस्कुराते हुए बोला,, " आदत डाल लो... बीवी जी। क्योंकि.... किंग की क्वीन हो तुम। और तुम्हें ऐसे सरप्राइज मिलते रहेंगे। so...अब तुम्हें इन तरह के सरप्राइज की आदत डालनी होगी।"
देवा की बात सुनते ही दीप्ति ने मुंह बनाते हुए खुद से कहा,, "हम ही सारी आदतें डालेंगे। आप कुछ मत डालिएगा।"
"अरे....बीवी जी। सब कुछ आपके लिए ही तो कर रहे हैं। वरना.....देव सुर्यवंशी को झुकाना इतना आसान थोड़े ही है।" देवा ने मुस्कुराते हुए कहा,, और सर उठाकर सामने की तरफ चल दिया।
गेट पर ढेर सारे बॉडीगार्ड्स खड़े थे। जिन्होंने देव को देखते ही गेट ओपन कर दिया था।
देवा की बाहों में बच्चों की तरह बैठी दीप्ति ने जैसे ही देवा के घर की तरफ नज़रें उठा कर देखा, तो दीप्ति की आंखें हैरानी से फेल कर बड़ी हो गई।
दीप्ति की आंखों के सामने इस वक्त महल जैसा बेहद ही शानदार घर था। इस घर को घर कहना गलत और ताज होटल कहना सही था।
Men gate की बगल से एक रास्ता होकर जाता था,, जहां पर गाड़ियों के लिए बोहत बड़ा पार्किंग एरिया बनाया गया था। So.... देव की गाड़ी भी इस पार्किंग के रास्ते पर चली गई।
वो घर तक की ताज hotel की तरह चमचमा रहा था। और उस घर के चारों तरफ बॉडीगार्ड की हाई सिक्योरिटी लगी थी। जहां से किसी का बचकर भागना, , और घर के अंदर इंटर करना नामुमकिन था।
Men gate से प्रिंस हाउस तक का रास्ता कुछ 100 मी का था।
लेकिन,, उस रास्ते पर जिस तरह से line फाउंटेन लगे थे, , उसे देखने के बाद देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह जाती थी।
और ऐसा ही कुछ हाल इस वक्त दीप्ति का था। क्योंकि. ... इस वक्त दीप्ति भी आंखें फाड़े prince house को देखे जा रही थी।
दीप्ति को अपनी बाहों में थामें देवा घर के अंदर कदम रखते ही वाला था,, कि.... अचानक से वहां पर एक के बाद एक गोलियों के चलने की आवाज आने लगी।
गोलियों के आवाज सुनने के बाद दीप्ति ने डर के मारे अपनी आंखों को कस कर बंद किया, और देवा की shirt को पकड़ते हुए दीप्ति ने अपना चेहरा देवा के सीने में छुपा लिया।
दीप्ति को गोलियों की आवाज से डरते देख देवा के चेहरे पर हंसी आ गई,, और देवा दरवाजे के बाहर रुककर ही दीप्ति को देखने लगा।
" उसे दिन तो शेरनी बंद कर इसने मेरे मुंह पर थप्पड़ मारा था। लेकिन,, एक don की बेटी होने के बावजूद ये डरपोक बिल्ली भी है, ये मुझे आज पता चला।" दीप्ति को अपने सीने में चेहरा छुपाए देख देवा ने दीप्ति का मजाक उड़ाते हुए बोल दिया।
"पूरा आधा घंटा हो चुका है।" देव अपनी बीवी को देखने में गुम था, कि....अचानक से एक कड़क आवाज देव के कानों मे गूंज उठी।
"माँ... " उस आवाज को सुनने के बाद देवा ने मुस्कुराते हुए मां बोला, और जैसे ही दीप्ति को लेकर घर के अंदर घुसने की कोशिश करने लगा, तो अपने हाथ में पकड़ी गन से वीरा ने इस बार सीधे देव के पैरों के पास फायरिंग कर दी।
"इस घर में कोई औरत भी है।" ये जानकर दीप्ति चैन की सांस लेकर अपना मुंह देव के सीने से बाहर निकलने वाली थी,, कि.... अचानक से फायरिंग की आवाज सुनकर दीप्ति ने फिर से अपने चेहरे को देव के सीने में दफन कर लिया।
" घर के अंदर घुसे,, तो गोली इस बार सीधे पैर में लगेगी।" देवा को घर के अंदर घुसते देख,, वीरा ने गुस्से से देवा से कहा।
वीर की बात सुनने के बाद दीप्ति ने घबराते हुए जैसे ही वीरा के सीने से अपना चेहरा निकाला,, तो अपने सामने खड़ी वीरा को देखकर दीप्ति हैरान ही रह गई।
दीप्ति की आंखों के सामने खड़ी है औरत बेहद ही मजबूत और हौसले वाली दिख रही थी।
"अबे साले,, माँ ने पल्लू छुड़ाया नहीं,, कि.... बीवी के पल्लू को पकड़कर बीवी का गुलाम बन गया। नीचे उतरे इसे।" सीधे गुंडे वाली टोन में बातें करते हुए वीरा ने देवा को gun दिखाते हुए दीप्ति को नीचे उतारने का इशारा कर दिया।
अपनी मां की बात सुनते ही देवा ने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह दीप्ति को नीचे उतार दिया। ओर चुपचाप अपनी मां को देखने लगा।
लेकिन, ये सब देखने के बाद दीप्ति को बड़े वाला झटका लग चुका था। फोन पर दीप्ति ने सिर्फ डेमो देखा था, लेकिन, यहां पर लाइव पिक्चर को देखने के बाद दीप्ति की जैसे सांस ही अटक गई थी।
और उसे भी ज्यादा हैरानी दीप्ति को इस बात की थी कि.... देव चुपचाप अपनी मां की बातें सुन रहा था और मुंह में मान भी रहा था।
वीरा ने दीप्ति को दो कदम चलते हुए ऊपर से नीचे तक देखा, तो वीरा के अंदाज को देखते हुए दीप्ति पूरी तरह से नर्वस हो रही थी।
डरी सहमी सी दीप्ति अपने लहंगे को दुपट्टे को कसकर पड़ी रही थी,, कि.... अचानक से वीरा ने अपने हाथ में पकड़ी gun को सीधे दीप्ति की तरफ उछाल दिया।
उछलकर अपनी तरफ आती gun को देखकर दीप्ति की आंखें हैरानी से फेलकर बड़ी हो गई।
क्या होने वाला है दीप्ति के साथ. ..??
देव करेगा अपनी मां के सामने दीप्ति को सपोर्ट. ..?? कैसी होगी प्रिंस हाउस में दीप्ति का गृह प्रवेश.???
जानने के लिए पढ़ते रहिए. ... Deva bold love of gangster.