ये नए नए ख़्वाबों के दिन है
नया मौसम, नई रंगत
नई दुनिया, नई चाहत
वही लोग, वही दस्तूर
वही फसाना, वही चित्र
नए है तो बस कोरोना है
ख़्वाब है तो कोरोना का जाना है
फिर से वोही पुराने दिन के लौट कर आना है
ये नए नए ख़्वाबों के दिन है
नया मौसम, नई रंगत
नई दुनिया, नई चाहत
----Raj