मैं ना जानूं चांद , सूरज , ना कोई मां आसमां ,
में तो जानूं है तेरे चर्डों में ही सारा जहां।
गीत हो या ग़ज़ल कोई ,
शेर हो या शायरी ,
क्या सुनाऊं,
मैं तुम्हें,
तुम तो हो जीवन की हर कड़ी ।
ख्वाब रूठे , दिल ये टूटे ,
चाहे छू टे सारा जहां ,
तुही देना साथ , हर पल - लम्हा , मेरा सदा ।
में ना जानूं.....