उसको इतनी जोर से धक्का दिया कि किन जहीए कुछ कदम पीछे हटने से पहले वह बिलबोर्ड के सामने फिसल गई।
बोर्ड बेहद टिकाऊ, ठोस धातु से बना था, और जब वो उससे जाकर जोर से टकराई तो उसे उसकी पीठ में तेज दर्द महसूस हुआ। वह लगभग रोने लगी।
किन जहीए ने अपनी आंखे बंद कर लीं और कुछ ठंडी सांसें ली। थोड़ी देर के लिए उसने अपने मजबूत शरीर को बिलबोर्ड के ऊपर झुका दिया, इसके थोड़ी देर बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ।
उसने अपना शरीर धीरे-धीरे सीधा किया और सड़क किनारे चलने लगी। गु यूशेंग की कार पहले ही जा चुकी थी। सड़क पर हर तरह के वाहन जो लाल बत्ती टिमटिमाते हुए अलग - अलग गति पर चल रहे थे।
किसी कारण, रात का खाना जो उसने गु मैन्शन में अभी किया था, उसकी याद एक बार फिर उसको आई। गु यूशेंग ने एक अच्छे सज्जन व्यक्ति की तरह उसकी कुर्सी खींची थी, उसे उसकी पसंदीदा डिश परोसी और यहां तक कि उसे उसके पसंदीदा सूप को बर्तन से लेकर परोसा था। उसकी आंखे इतनी तेज थीं कि वो मछली से मछली की हड्डी निकाल सकता था, जो कि उसके मुंह में पहले से ही थी।
उसका अभिनय अति उत्तम था। उसने खुद को एक पूर्ण पति के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित किया था, जो अपनी पत्नी से बहुत स्नेह करता था। उसने अपने दादाजी को खुश किया था, जो चाहते थे कि ये दोनों बस जाएं, भले ही ये सिर्फ उनके सपनों में हो। उनके दादाजी बहुत खुश थे।
बूढ़े मास्टर गु को मुस्कराते हुए देख, मैन्शन के सभी लोग भी उनके लिए बहुत खुश थे। हालांकि, भले ही किन जहीए मुस्कराती हुई खुश और संतुष्ट दिख रही थी, रातभर उसकी पीड़ा को कोई नहीं समझ सका।
किन जानती थी कि वह सिर्फ अभिनय कर रहा था।
लेकिन भले ही वह इसके बारे में जानती थी, तब भी वह अपने तेज दिल को नियंत्रित नहीं कर पाती थी, जब भी वह उसके प्रति दयालु होने का दिखावा करता था, क्योंकि किन जहीए उससे प्यार करती थी।
और ये बहुत पहले शुरू हुआ था।
भले ही जब वह मिले थे तो वह दो साल पहले उसे याद नहीं कर सका, तब भी वह उससे प्यार करती थी।
उसके दिल ने दौड़ लगाना बंद नहीं किया और उसके चेहरे ने निखारना बंद नहीं किया जबकि वो जानती थी कि गु यूशेंग का प्यार और अच्छा स्वभाव सिर्फ एक दिखावा है।
वह इतना डर गई थी कि कहीं उसके प्रति उसका आकर्षण जाहिर हो जाएगा, उसकी वास्तविक भावनाओं को प्रकट करते हुए उसने खुद को बार-बार ये याद दिलाने के लिए पूरी रात संघर्ष किया कि ये सिर्फ एक अभिनय है।
किन जहीए को अहसास नहीं हुआ कि वह कितनी देर तक सड़क के किनारे खड़ी रही, आसमान को घूरते हुए लेकिन जब उसने आखिरकार कैब को घर जाने के लिए पुकारा, तो ग्यारह बजने वाले थे।
लिविंग रूम की लाइट जल रही थी। किन जहीए ने अनुमान लगाया कि नौकर शायद अभी भी जाग रहे थे और उसने दरवाजे को खोलने के लिए पासवर्ड डायल करने में इसके बारे में बहुत अधिक नहीं सोचा।
कोई अंदर से शायद दरवाजे की आवाज सुनकर उसको देखने के लिए आया। किन ने सोचा कि वो नौकर है, इसलिए उसने शायद आवाज पर ध्यान नहीं दिया। जब वह अपनी चप्पल पहन रही थी उस व्यक्ति ने कहा, "छोटी मालकिन, आपका स्वागत है।"
किन जहीए एक पल के लिए स्थिर हो गई, अपने आप को थोड़ा सा सख्त कर उस आदमी को देखा, जो वहां था वह नौकर नहीं, बल्कि नैनी झांग थी।
किन जहीए को यं पूछने का मौका नहीं मिला कि वह वहां क्यों थी, क्योंकि इससे पहले नैनी ने ही किन को बता दिया, "छोटी मालकिन, तुम अपना ब्रेसलेट स्नानघर में ही छोड़ आई थी, जब तुम खाना खा रही थी।"
नैनी झांग ने बात करते हुए शानदार, उत्तम मोती का ब्रेसलेट किन को सौंप दिया।
जब किन जहीए ने ब्रासलेट लेने के लिया आगे आई, तभी उसे अचानक से याद आया कि उसने भोजन करने से पहले हाथ धोते समय उसे वहां छोड़ दिया था। जैसा कि ये कंगन थोड़ा भारी था, उसने उसे उतारकर वहीं छोड़ दिया था।
इसके तुरंत बाद, गु यूशेंग ने उसे रात के खाने के लिए बाहर बुलाया लिया था, और ब्रेसलेट को उठाना उसे याद नहीं रहा और वो बाहर आ गई।
"ये सिर्फ एक ब्रेसलेट ही तो है। अगली बार जब भी मैं हवेली वापस आती तो इसे ले सकती थी। इसे देने आने के कारण आपको कितनी देर हो गई है।"