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6% यंग मास्टर गु, प्लीज बी जेंटल / Chapter 18: सू ज़ेह वो आदमी है जिससे मैं परेशान हो चुकी हूँ

Bab 18: सू ज़ेह वो आदमी है जिससे मैं परेशान हो चुकी हूँ

Editor: Providentia Translations

टैंग मोर अपना सिर ऊँचा कर के भोजन कक्ष में चली गई और यह दिखाने के लिए उसके मन मे कुछ भी नहीं है, वो डाइनिंग टेबल पर बैठ गई।। डाइनिंग टेबल पर बाजरे के दलिए के दो कटोरे, विभिन्न प्रकार के डिम्सम, अंडे और यहांँ तक ​​की दूध भी था।

यह निश्चित रूप से एक शानदार नाश्ता था।

"तुमने यह सब खुद बनाया है?"

गू मोहन ने उसे एक ऐसी नज़र से देखा मानो वो उससे कुछ पूछना चाहता था, और जिससे साफ पता चल रहा था कि वह क्या सोच रहा था--- कि वह उसे बहुत काबिल समझ रही थी।

"मैनें यह खरीदा।"

टैंग मोर मन ही मन अपनी बेवकूफी पर झल्लाई। वह तो शायद खाना बनाना भी नहीं जानता था।

उसने आँखें उठा कर उसे देखने से पहले दूध का एक छोटा-सा घूंँट लिया। बातचीत करते रहने के लिए उसने एक साधारण-सी खांसी की, "म्म, मुझे कल की घटना के बारे में कुछ सफाई देनी है। मैंने ... किसी ऐसी चीज़ों के दो शॉट पीए, जिसे मुझे शायद नहीं पीना चाहिए था, और इसकी वजह से ... मेरा व्यवहार बेकाबू हो गया। हमें इसके बारे में भूल जाना चाहिए और पहले की तरह व्यवहार करना चाहिए"।

गू मोहन ने भी अपने दूध के गिलास से एक घूंँट लिया। उसकी गहरी आँखें सिकुड़ गयीं थीं और अब उसके शरीर पर जमी हुई थीं, साथ ही उसे ऊपर से नीचे तक देख रही थी। "तुम्हारा मतलब है कि ... शराब ने तुम्हारी हिम्मत बढ़ाई?"

"हाँ....नहीं!"

जब उसने 'शराब ने तुम्हारी हिम्मत बढ़ाई ' वाक्य का उपयोग किया, तो वो उसके शब्दों के पीछे छुपे हुए भाव को पढ़ पा रही थी, कि उसने कुछ ऐसा किया था असल में जो वो हमेशा करना चाहती थी, लेकिन उसके पास हमेशा हिम्मत की कमी थी। जिस तरह से उसने कल रात उसके साथ सेक्स करने का अनुरोध किया था, क्या वह उसे रात भर ललचाती रही?

उसमें ऐसा आत्मविश्वास आया कहांँ से?

"मैं ..." वह अपनी सफाई देने लगी।

"किसी सफाई की आवश्यकता नहीं है। चिंता मत करो, मैं तुम पर मुकदमा नहीं करूँगा ... यौन उत्पीड़न का।"

यौन उत्पीड़न का?

टैंग मोर दंग रह गई, उसकी आँखें तेज़ी से झपकने लगीं। उसने खुद की तरफ इशारा किया, फिर उसकी ओर देख बिल्कुल हैरान होकर कहा, "मैंने कब किया ... तुम्हारा यौन उत्पीड़न?"

गू मोहन ने अपनी सुंदर भौं को चढ़ाया और शांति से जवाब दिया, "तुमने मुझे एक सिक्का दे कर एक पुरुष वेश्य के रूप में नियुक्त करने की कोशिश की, क्या तुम सच में चाहती हो मैं तुम पर वेश्यावृत्ति के लिए मुकदमा करूँ?"

"…"

टैंग मोर के गर्म गाल फिर से जलने लगे। वह शर्मिंदा थी लेकिन गुस्से में भी थी। चाहे उसने सच में यह किया था... सच में उसका यौन उत्पीड़न किया या फिर उसे एक पुरुष वेश्य के रूप में रखने की कोशिश की, पर बेशक वह एक सुंदर महिला थी और चाहे कुछ भी हो, वो ही स्थिति में एक ऐसा इंसान रहा होगा। वह क्यों अभिनय कर रहा था जैसे वह बेचारा था?

कारघालिक की सबसे बड़ी सुंदरी उसके साथ सेक्स करना चाहती थी, उसे तो खुश होना चाहिए था।

उसने उसे घूरा, उसके होंठ ऐसे मुड़ गए मानो उसका चेहरा गुस्से में टेढ़ा हो गया हो। आखिर उसमें ऐसा भी क्या था? वो हमेशा अपने आप को गुरूर के साथ पेश करता था जैसे एक अभिमानी मोर होता है। वह बता सकती थी कि वह अपने बात करने के तरीके से उसे कम अक्ल समझता था। वो उसे गुस्सा दिला रहा था।

उसने एक उबला हुआ अंडा उठाया और उसे बेढंगे तरीके से तोड़ना शुरू कर दिया, और फिर उसे उत्तेजित ढंग से मेज के पर घुमा दिया। उसके बाद उसने उसकी तरफ मेज पर अंडा फैंक दिया, जिससे वो उसकी कोई गलती ढूंढ सके। "किस तरह का घटिया अंडे तुमने खरीदे हैं? मैं इसे छील भी नहीं सकती!"

अंडा बुरी तरह से लुढ़का, और गू मोहन तक पहुंँचने से पहले तीन चार बार इधर-उधर घूमा। उसने अंडे को शांति से उठा लिया और उसकी ओर देखा जैसे वह एक अपरिपक्व बच्चा हो जो एक ज़िद कर रहा था। "क्यों, क्या तुम गुस्से में उड़ रही हो, क्योंकि तुम अपमानित महसूस कर रही हो?"

टैंग मो'र ने अपने गाल फुला लिए, जिससे एक गहरी सांस छूट गई। उसकी कोरी आँखें सुंदर और चमकदार थीं, खासकर जब वह बहुत गुस्से में थी। उसने घृणित लहजे में जवाब दिया, "हांँ, मैं अपमान की वजह से गुस्से में उड़ रही हूँ, अब तुम इसके बारे में क्या कर सकते हो? अगर तुम खुश नहीं हो, तो मेरे घर से बाहर निकाल जाओ!"

गू मोहन ने अपनी उँगलियों से उबले हुए अंडे को छीलना शुरू कर दिया, बहुत सलीके से और पहले के अनुभव से वो उसके शेल को हटाने लगा जो कि इतना सभ्य तरीका था कि वो और चिढ़ गई।। फिर उसने छिले हुए अंडे को उसकी कटोरी में डाल दिया और उसके आगे ऐसे रखा, जैसे कि वह एक शरारती बिल्ली के बच्चे को शांत कर रहा था, "प्लीज ठीक से पेश आओ, मैं अपनी सेवाओं के लिए कम चार्ज करने पर विचार करूँगा।"

उसका मुंँह एक सुनहरी मछ्ली की तरह खुलने और बंद होने लगा। उसे इस आदमी पर विश्वास नहीं हो रहा था!

अपना नाश्ता खत्म करने के बाद, टैंग मोर अपने निजी वाहन को मॉल ले गई। हेन ज़ियाओवान इंतजार कर रही थी और उसे मिलने के लिए उठ गई। उसने एक लंबी पीली पोशाक पहनी थी और उसके रेशमी काले बाल उसके कंधों बहुत सुंदर तरीके से गिर रहे थे। उसके छोटे, मासूम चेहरे के साथ, वह सुंदर थी। उसका दिव्य चेहरा जो भी उसे देखता उस के दिल को पिघला देने के लिए काफी था। 

"सिस्टर, तुम आ गईं?" टैंग मोर को देखने के बाद हेन ज़ियाओवान की आँखें चमक उठीं।

टैंग मोर के चेहरे पर एक हल्की कुटिल मुस्कुराहट थी और वो हेन ज़ियाओवान के पास गई। "यहांँ कोई भी नहीं है, तुम ने और कितनी देर तक नाटक करने का सोचा है?"

हेन ज़ियाओवान फिर भी मुस्कुराती रही, खुश हो कर बोली, "सिस्टर, मुझे आशा है कि तुम मुझे माफ़ कर दोगी और मुझसे नाराज़ नहीं रहोगी। मुझे पता है कि तुम इस बात से दुखी हो कि तुम्हारा मंगेतर मुझसे प्यार करता है और तुमसे नहीं, पर असल में इन बातों के लिए कोई किसी को मजबूर नहीं कर सकता, जब वो साफ तौर पर तुमसे प्यार नहीं करता। "

टैंग मोर की आँखें गुस्से में जल रही थीं और एक शिकारी शार्क की तरह हेन जियाओवन पर जा कर टिकीं। "ओह, तो तुम्हें पता है कि सू ज़ेह मेरा मंगेतर है। चलो, ठीक है। सु ज़ेह ... वो इंसान है जिस से मैं थक चुकी हूँ। तुम उसे ले सकती हो, मेरी बला से।"


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