ठाड़!
दरवाजे के बंद होने की आवाज सुनकर,युन शीशी ने अपने हाथों से अपने कंधों को कस कर पकड़ लिया, उसे अपनी कलाईयों पर नील के निशान महसूस हुए। उसकी आँखें सूजी हुई थीं,लेकिन उसने एक भी आंसू बहाने की हिम्मत नहीं की।
उसके तुरंत बाद, उसने बाहर एक कार का इंजन चालू होने की आवाज़ सुनी।
जैसे-जैसे वह गाड़ी दूर जाती गयी,इंजन की आवाज कम होती चली गयी। उसे एहसास हो गया कि वो अब वहां से चला गया है, वो अब इसे और नहीं सहन कर पा रही थी। उसने तुरंत अपनी आँखें बंद कर लीं और फूट-फूट कर रोने लगी।
समुद्र के किनारे इस अनजान विला में, उस शुद्ध लड़की ने अपने आप को एक अनजान आदमी को पूरी तरह से सौंप दिया था।
इससे पहले,वो सोच रही थी कि वो आदमी उसे ही क्यों चुनेगा। थोड़ी देर सोचने के बाद,वो इस नतीजे पर पहुंची कि क्यूंकि वो एक सामान्य इंसान थी,जो भविष्य में बच्चे की हिरासत के अधिकारों के लिए लड़ने में असमर्थ थी,इसलिए उसने उसे चुना गया।
वो नहीं जानती थी कि,जो वो कर रही है वह सही है या नहीं,और उसे कब तक अपने पिता से यह बात छिपानी चाहिए। उसके परिवार की स्थिति उसे एक ऐसे रास्ते पर ले आयी थी,जो उसकी समझ के परे था, लेकिन उसे इस बात का पछतावा नहीं था- साफ़ शब्दों में कहें तो,वो इस बात पर पछतावा करने की हालत में नहीं थी।
एक ऐसे इंसान के लिए जिसके पास अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भी पैसा नहीं था, अभिमान नामक चीज कोई मायने नहीं रखती थी।
वैसे भी,भले ही वो एक गोद लिया हुआ बच्चा थी,लेकिन उसके पिता ने हमेशा उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे वो उनका अपना खून हो। उसकी दत्तक माँ और बहन उसे पसंद नहीं करती थीं,लेकिन इसके बावजूद, जीवन में कोई ऐसी चीज़ नहीं थी जो उसे ना मिली हो। इसलिए,वो इस सब के लिए उनकी बहुत आभारी थी। अब जब उसका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था,तो उसे उनके एहसानों का बदला किसी तरह से चुकाना था।
वो अब और कुछ नहीं सोचना चाहती थी।
मु याज़े को कभी पता नहीं चलेगा कि, इस रात ने युन शीशी के जीवन में इतने अनंत निशान छोड़ दिए थे और इससे भी ज्यादा, उसे इस लड़की के साथ अपने भविष्य के संबंधों के बारे में कभी पता नहीं चलेगा।
...
भोर का समय। सुबह के सूरज की किरणें अंदर आ रहीं थीं।
युन शीशी बिस्तर पर उठकर बैठी और उसने धीरे से अपनी आँखों पर बंधे हुए लाल रेशम के कपड़े को हटा दिया। उसने खुद को सफेद चादरों से ढक लिया और खिड़की के पास जाकर परदों को खोलने लगी।
हालाँकि,सूरज की किरणें उसके उदास मन को रौशन करने में असमर्थ थीं।
बाहर से तेज़ कदमों की आवाज़ आयी।
किसी ने एकदम से पूरा दरवाजा खोल दिया।
युन शीशी ने हैरानी से पलट कर देखा,एक अभिमानी और आकर्षक महिला गुस्से में चलकर उसके पास आयी। उसके साथ बगल में वो सेक्रेटरी थी,जिसने उससे सरोगेसी कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करवाया था।
महिला ने उसकी ओर कदम बढ़ाया। वो बहुत महान और शक्तिशाली लग रही थी, उसने युन शीशी को सिर से पैर तक घृणा की दृष्टि से देखा। उस औरत की नजरें जैसे ही युन शीशी के गले पर पड़े लाल निशान पर गयीं, तो वो स्तब्ध रह गयी।
युन शीशी ने जल्दी से कंबल से अपना शरीर अच्छे से कवर कर लिया, लेकिन यह उस प्रेम चिह्न को उसकी गर्दन पर छिपाने में असमर्थ था।
उस औरत की आँखों में ईर्ष्या और क्रोध भरा हुए था। वो गुस्से से बोली,"तुम ...तुम वह सरोगेट हो?!"
युन शीशी ने थूक निगलते हुए कहा,"हाँ... और आप कौन हैं..."
स्मैक!
उसे जवाब में अपने चेहरे पर एक ज़ोर का थप्पड़ मिला!
"तुम बेशर्म कु...या! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ....." महिला ने गुस्से से उसके बाल पकड़ लिए।"यह मत सोचो कि उसके बच्चे को जन्म देने से, तुम मेरी जगह ले पाओगी ! में तुम्हें चेतावनी देती हूँ ! मैं उसकी वैध मंगेतर हूँ और तुम सिर्फ एक सरोगेट हो! तुम ऐसी किसी चीज़ को पाने का सोचना भी मत जो तुम्हारी नहीं है।"समझ गयी ना?!"
युन शीशी हैरान थी। वो घबड़ाहट से बोली,"मैंने कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं, और मुझे उसकी सभी शर्तें अच्छे से पता हैं ! मुझे मेरी जगह पता है,क्या आप कृपया ..."।
"यह अच्छा है कि तुम सब कुछ समझ गयीं !"उसने सीना तान कर कहा। हालाँकि वो मन ही मन जानती थी कि अगर वो बच्चा पैदा कर सकती होती, तो यह लड़की यहाँ मु परिवार के उत्तराधिकारी को जन्म देने के लिए कभी नहीं आती। लेकिन,जब उसे उनके पूरी रात चादर में एकसाथ उलझने की बात याद आयी,तो वो ना चाहते हुए भी ईर्ष्या से पागल हो गई!