कार में ,,,
रिहांश रुहानी को कार में बैठा कर खुद उसके बाजू में आ कर बैठ गया।वही रुहानी रोते हुए अपने घर की तरफ देख रही थी।
उसे ऐसे देख रिहांश एक नजर रूहानी के घर को देख कर,,कार की विंडोज को ब्लैक कर रूहानी को देखते हुए ड्राइवर को सक्त आवाज में कहता है,
" आर्यन मेंशन चलो। "
रिहांश का इतना सख्त आवाज सुन कर रूह थोड़ा सहम गई।वह थोड़ा डरते हुए पीछे सरकने लगी वही रिहांश की नजर कबसे उस पर ही टिकी थी।उसे इस तरह पीछे सरकता देख रिहांश की हाथो की मुट्ठी बन गई।वह बुरी तरह उसे घूरते हुए बेहद सर्द आवाज में कहा,
" रूह,!! "
रूहानी उसे ही देख रही थी।उसकी बस नाम लेते ही उस लड़की की अंदर डर का लहर उठ चुका था।वह लाचारी में उसे देखने लगती है तो रिहांश का ओरा और सक्त हो गया।
वही उसका गुस्सा बढ़ता देख रुह ज्यादा देर न करते हुए ,उसके करीब सरक कर बैठ जाती है,तो रिहांश उसे ही देखने लगता है।वह फिर एक ही झटके में उसे अपने गोद में बैठा कर उसे ही बेहद जुनुनियत से देखने लगता है।
वही रूह को बहुत ही अनकंपरेटल फील हो रहा था।वह उसके गोद में से कसमसाते हुए उठने लगी तो रिहांश उसके चेहरा पकड़ कर अपने चेहरे के बेहद करीब ला कर उसकी आंखो में देखते हुए कहता है,
" तुम क्यों मुझसे दूर भाग रही हो रूह,तुम जानती हो न यह मुमकिन नही है तो तुम कोशिश क्यों करती हो ? "
रूहानी की आंखे नम थे।उसकी बात सुनते ही उसकी आंसू बह कर उसके गाल तक आ गए थे।वही रिहांश उसके खुशबू को बेहद पागलों की तरह स्निफ कर रहा था।
उसकी इस हरकत से रुह हल्के से कांप भी रही थी।वह हकलाते हुए उससे कहती है,
" रिहांश मुझे डर लग रहा है !! "
रिहांश की हर एक एक्शन पागल जैसा था। या यूं कहे की वह पागल ही था और यह बात रुहानी से ज्यादा शायद ही कोई अच्छे से जानता हो।
रुहानी एक फेमस सैकियाट्रिस्ट थी।और उसका यह जॉब ही उसे आज रिहांश की कैद में डाला दिया था।उसका लत बन गई थी।
रूह की बात सुन कर रिहांश की चेहरे पर तिरछी स्माइल आई।वह धीरे से उसके चेहरे पर अपना होंठ चलाते हुए उसे कसके अपने आप से सटा कर,धीरे से बुदबुदाते हुए कहता है,
" रिहांश आर्यन की बाहों में हो कर तुम्हे डर लग रहा है बहुत ही गलत बात है रूह। "
रिहांश की बात सुन कर रूह डरते हुए उससे कुछ कहने को हुई की तभी रिहांश उसकी होंठ पर हाथ रख कर उसके आंखों में देखते हुए कहता है,
" शशशश,i am too tired रूह, मुझे थोड़ा रिलेक्स करना है। "
रूहानी चुप हो जाती है। उस पागल इंसान ने उसे और कोई ऑप्शन ही नही दिया था।वही रिहांश उसके होंठ में ही अपना फिंगर चलाते हुए उसे देखने लगता है।
रुहानी की आंखे अभी भी नम थे।वही रिहांश धीरे से उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर अपने आंखे बंद कर देता है।
उसका एक हाथ अभी भी रूहानी की बदन में चल रही थी।वही रिहांश को बेहद सुकून महसूस हो रहा था।
वही रुहानी कसके अपने आंखे बंद कर अपने मन में कहती है,
" कितनी सारे अरमानों के साथ इस शहर में सैकियाट्रिस्ट बन कर आई थी लेकिन सपने में भी नही सोचा था कि मैं अपने ही एक पेशेंट की लत बन जाऊंगी। "
रूहानी की आंखो से आंसू उसके गाल से हो कर गिर रहे थे।वही रिहांश,बेहद सुकून से उसे अपने बाहों में झकड़ कर बैठा था।
रूहानी को खरीब देख कर उसके दिल झूम उठा था।वह इस वक्त ऐसे खुश लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी मनपसंद की चीज मिला हो और वह उससे बेहद खुश हुआ हो।
थोड़ी ही देर में रिहांश का कार आ कर आर्यन मेंशन के सामने रुक जाती है।वही रिहांश अभी भी रुहानी की गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर बैठा था।
ड्राइवर रिहांश से कहता है,
" बॉस हम मेंशन पहुंच गए।
रिहांश अपना चेहरा ऊपर कर , रुहानी को देखने लगता है।रूहानी चुपचाप उसके बाहों में सिमट कर बैठी हुई थी। वह हिल भी नहीं रही थी।
रिहांश उसके गाल पर हाथ रख कर उसके माथे पर होंठ रखते हुए कहता है,
" अब तुम हर पल मेरे साथ ही रहोगी समझी। "
रूहानी का गला भर गया था।वह रूंधलि सी आवाज में कहती है,
" रिहांश मुझे छोड़ दो मुझे मम्मा के पास,,,,,,,!!! "
रूहानी जैसे जैसे बात कर रही थी वैसे वैसे रिहांश का औरा सक्त हो रहा था।वह बेहद गुस्से से उसे देखने लगता है तो रुहानी की आगे की बात उसकी गले में ही अटक गए।
रिहांश उससे बेहद सर्द आवाज में कहता है,
" तुम्हे पता है मैं तुम्हे नही छोड़ सकता फिर भी तुम बार बार एक ही बात क्यों बोल रही हो,its so irritating ruh। "
रिहांश उसकी बात से चीड़ चुका था।वही रूहानी अपने पलके नीचे कर सिसक सिसक कर रोने लगती है।तो रिहांश उसे ही गुस्से से देखने लगता है।
थोड़ी देर रिहांश बिना कुछ कहे रूहानी को बस रोते हुए देख रहा था।रिहांश फिर उसकी टुडी को पकड़ कर उसकी आंखो में देखते हुए कहता है,
" हो गया ? "
उसकी बात सुन कर रूहानी उसे ही रोते हुए देखने लगती है।वही रिहांश उसके आंसू पोंछ कर उसे अपने गोद में ले कर ही कार से बाहर आ जाता है।
रुहानी उस मेंशन को ही देख रही थी।तभी रिहांश थोड़ा झुक कर उसके कान में धीरे से कहता है,
" तुम्हे कुछ याद आया !!! "
रूहानी फिर रिहांश को देखने लगती है।फिर वह उससे नजरे हटा कर उस आलीशान घर को देखते हुए अपने मन में कहती है,
" इस घर को मैं कैसे भुल सकती हू रिहांश,मेरी पहली मुलाकात तुमसे आखिर इसी घर में ही तो हुआ था। "
" यह घर मेरे लिए बेहद खास है रूह, क्यों की पहली बार तुम यही इस रिहांश की नजरो में आई थी।" रिहांश बेहद जुनुनियत और पागलों की तरह आर्यन मेंशन को देखते हुए कहता है।
वही रूहानी उस दिन को बेहद नफरत से याद कर रही थी।काश उस दिन यह वो आई ही ना होती तो आज वह इस तरह रोते हुए रिहांश के कब्जे में ना आती।
वही रिहांश उसकी आंखों में देखते हुए उसे ले कर अंदर चला जाता है।
आर्यन मेंशन,,,,
रिहांश का पूरा परिवार इसी मेंशन में रहता था।और इस वक्त कोई नजर नहीं आ रहा था क्यों की रात के दो बज गए थे जिस वजह से सारे लोग सो गए थे।
रिहांश रूहानी को ले कर अपने रूम के तरफ ले जाने लगा तो उसके सामने एक मिडिल एज की औरत आ कर खड़ी हो जाती है।
वही उस औरत को देख कर रिहांश अपने जगह में ही रुक गया।वह एक टक सामने खड़ी उस औरत को देखने लगता है।वही रुहानी भी उस औरत को ही देख रही थी लेकिन रुहानी उसे आस भरी नजरो से देख रही थी।जैसे चाह रही हो की वह उस पागल इंसान से बचाले।
दूसरी तरफ,,,
रघुवंशी निवास ,,सब कुछ यह का माहोल रिहांश के वजह से शांत हो गया था।वही ऋषभ इस वक्त एक चेयर पर सुन्न हो कर बैठे हुए थे।उनके कान में रुहानी कि रोने की आवाज से ज्यादा रिहांश आर्यन का नाम गुंज रहा था।
ऋषभ अपने मन में कुछ सोचते हुए कहता है,
" रिहांश वही लड़का तो नही है ? नहीं नहीं ये कैसा हो सकता है,में ही ज्यादा सोच रहा हु। "
वही प्रीति रोते हुए ऋषभ के पास आ कर कहती है,
" ऋषभ जी,वह लड़का कोन है? अब हम रूहानी को कैसे उससे बचाए। "
विधि और नित्या भी रो रहे थे।वही ऋषभ तो कही घूम सा हो गए थे।
आर्यन मेंशन,,,
रूहानी सामने खड़ी औरत को देख कर ,रिहांश की बाहों में से उतरने कसमसाते हुए कहती है,
" आंटी प्लीज मुझे आपके बेटे से बचालो,प्लीज आंटी। "
वह औरत रिहांश की मां अंकिता आर्यन थी। रूह की बात सुन कर अंकिता रिहांश को देखने लगती है।रिहांश को रूहानी की बात से गुस्सा आ रहा था और वह उसे गुस्से से ही देख रहा था।
अंकिता फिर रुहानी की गाल पर हाथ रख कर उससे प्यार से कहती है,
" बेटा,,तुम्हे रिहांश के पास रह कर उसे पूरी तरह ठीक करना है ,तुम्हारे बिना मेरा बेटा बेचैन हो कर तड़पने लगता है,तुम्हे हर पल उसके पास ही रहना है। "
रूह को उनकी बात सुन कर बहुत बुरा लग रह था।उसके सामने खड़ी औरत को सिर्फ अपने बेटे की दर्द दिखाई दे रहा था।वही रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह रूहानी को देख कहता है,
" कर लिया कोशिश,मुझसे बचने का अब चले ? "
रुहानी को अपने जिंदगी को बरबाद होते हुए नजर आ रहा था।और अब तक रिहांश ने कर भी दिया था।वह रोते हुए रिहांश और अंकिता दोनो को मिला कर ही कहती है,
" सही कहते है यह लोग अमीर घरों की लोग बड़े ही कुदगर्ज होते है,उन्हें सिर्फ अपनी खुशी से मतलब होती है। "
रुहानी की बात सुन कर रिहांश का चेहरा सक्त हुआ और उसकी पकड़ भी उससे कस गई।वही अंकिता ,उसके थोड़ा नजदीक आ कर उससे कहती है,
" अगर मेरा बेटा तुम्हारे साथ खुश है तो हम है कुदगर्ज रूहानी। "
रुहानी बस उनके आंखो में देख रही थी।वही रिहांश उन्हे एक नजर देख कर रूह को ले अपने रूम के तरफ जाने लगा।
वही अंकिता , उन दोनो को जाते हुए देख रही थी।वह फिर बोली, " i am sorry रुहानी,मेरे बेटे को तुम्हे ही ठीक करना होगा और वह तभी पॉसिबल होगा जब तुम उसके साथ ही हर पल रहोगी। "
वही रिहांश का रूम,,रिहांश रुहानी को बेड पर गिरा कर उसे ही घूर कर देख रहा था।
रुहानी रोते हुए उससे कहती है,
" रिहांश,,प्लीज मुझे छोड़ दो,,,,,,,!!!! "
" छोड़ दो, छोड़ दो, छोड़ दो,कितनी बार कहूं की में तुम्हे नही छोड़ सकता। " रुहानी रोते हुए अभी कह ही रही थी की तभी रिहांश,रूम के सारे चीज़े गुस्से से नीचे फेंकते हुए कहता है तो रुहानी की बात उसकी गले में ही अटक गई।
वही रिहांश,गुस्से से रूहानी के तरफ बढ़ने लगा तो रुहानी डरते हुए पीछे हटने लगी।रिहांश झट से अपना शर्ट को फाड़ कर रुहानी की बेहद करीब आ जाता है।
रुहानी रो रही थी।और उसकी इन पागलों वाली हरकत देख कर वह डर से कांप रही थी।वह पीछे पीछे जाते जाते हेड्रेस्ट को लग चुकी थी।
वही रिहांश उसके बेहद करीब आ चुका था।रिहांश की गुस्से से चल रही तेज सांसे रूहानी अपनी चेहरे पर महसूस कर रही थी।
वह रोते हुए ही उसे खुद से दूर करने लगती है।तो रिहांश उसे कसके अपने आप से सटा कर उसकी आंखो में देखते हुए बेहद सर्द आवाज में कहता है,
" मुझसे दूर जाने की बात दुबारा की न करो रुह,अंजाम तुम्हारे लिए बहुत ही भयानक होगा ,तुम बिलकुल सेहन नही कर पावोगी,इसीलिए पहले ही वार्न दे रहा हु। "
रिहांश की आवाज ज्यादा डरवानी लग रही थी।वही रुहानी रोते हुए उसे ही देख हकलाते हुए कहती है,
" तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो रिहांश , क्यों मुझे अअह्ह्ह्ह्ह? "
रूहानी आगे कुछ कहती उससे पहले ही उसे दर्द महसूस हुआ तो उसकी मू से चिक निकल गई। क्यों की रिहांश की पकड़ उसकी कमर में इस कदर कस गई थी की रूहानी को हद से ज्यादा दर्द हो रहा था।
" अअह्ह्ह्ह्ह,रिहांश,इतना दर्द मुझसे सहन नही हो रहा है तुम मुझे एक ही बार मार दो ना !!! " रूहानी उससे छुटने की ना काम कोशिश करते हुए कहती है तो रिहांश की आंखे कसके बंद हो गई।
रूहानी की एक एक बात भी रिहांश को हद से ज्यादा गुस्सा दिला रही थी।वह झट से उसे छोड़ कर गुस्से से घूरने लगता है।
वही उसका इस तरह छोड़ने से रूहानी बेड में ही गिर गई थी।रिहांश उसके ऊपर आ कर उसकी आंखो में देखते हुए बेहद सर्द आवाज में कहता है,
" तुम मेरी लत बन गई हो रूह,अगर मैने तुम्हे मार डाला तो में खुद मर जावूंगा,तड़प तड़प कर मेरी सांसे रुकने लगेंगे,जब तक मेरी लत जिंदा है तब तक मेरी इन बाहों में ही तुम्हे रहना होगा। "
रिहांश इतना बोलते हुए रुहानी की गाल पर बेहद सॉफ्टली किस करने लगता है।वही रूहानी रोते हुए सिहर रही थी। क्यों की रिहांश की एक एक टच भी बेहद सेंसेबल था।
रिहांश उसके गाल पर हाथ रख कर उसके माथे पर किस कर कहता है,
" मुझे गुस्सा मत दिलावो रूह, मैं तुम्हे हर्ट करने लग जाता हु। "
रूहानी उसके और बेड के बीच में बेजान सी पड़ी थी।उसकी आंखों से अभी भी आंसू गिर रहे थे। रिहांश की आंखो मे उसे आज अलग नशा ही नजर आ रहा था।
वही रिहांश की होंठ अब उसके चेहरे पर चलने लगी थी। रिहांश धीरे से उसके दोनो हाथो में अपना हाथ फसा कर बेहद मैग्नेटिक आवाज में कहता है,
" Close you eyes रूह। "
रुहानी रोते हुए ही उसके बाहों में छटपटा रही थी।उसकी बात सुन का वह रोते हुए कुछ कहने को हुई की तभी रिहांश उसकी होंठो को अपने होंठो से ही रब करते हुए कहता है,
" नहीं रूह अब कुछ मत बोलना ,just feel me। "
ना चाहते हुए भी रूहानी की धड़कने तेज हो गई थी।तेज तेज सांसे लेते हुए वो कसमसा रही थी।
रुहानी और रिहांश की कैसे मुलाकात हुई थी? ऋषभ किस लड़के के बारे में सोच रहे है ? रिहांश को ठीक करना है ,क्या हुआ है रिहांश को ?
क्या है इस कहानी का राज ? कैसे रुहानी रिहांश की पागलपन से बच पाएगी ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए ,
" लत है तू। "