<p>हाँ मुझे थोडा़ घबराहट महसूस हो रही है शायद इसीलिए, जिया ने हिरेन का हाथ छोड़ते हुए कहा" क्या तुम जा रहे हों?<br/><br/>हिरेन_ मैं थोड़ी देर में वापस आ जाऊंगा यह बोलते हुए हिरेन जिया के कमरे से बाहर चला गया जाते जाते जिया ने उससे कहा की बाहर सिपाहियो का पहरा है ध्यान रहे तुम उनकी नज़र में न आओ । हिरेन के जाने के बाद जिया थोडा हल्का महसूस कर रही थी कोई तो है जो उसकी परवाह करता है, कोई तो है उसके साथ खड़ा है , थोड़ी देर बाद दरवाजे पर फिर दस्तक हुई जिया समझ गई की वो हिरेन ही है उसने जल्दी से दरवाजा खोला और देखा की हिरेन के हाथ में कुछ है!<br/>हिरेन ने दरवाजा बंद करते हुऐ कहा आओ बैठो देखो मैं तुम्हारे लिए फल लाया हूं तुम्हे भूख लगी थीं न?<br/><br/>जिया बिल्कुल भी हैरान नही थी क्यूंकि इससे पहले भी उसके जो सोचा था वो सब ड्रैगन किंग सुन लेता था और तोड़ी देर पहले भी उसे भूख लगी थी वो भी हिरेन को पता था। जिया ने कहा तुम मेरे मन की बात को सुन सकते हो न वरना तुम्हे कैसे पता मुझे भूख लगी है ।<br/>हिरेन ने कहा क्युकी तुम्हारे चेहरे से लग रहा है कि तुम्हे भूख लगी है उसने जिया के शक को दूर करते हुए फल निकाल कर दिया ।<br/>जिया ने फल खाते हुए कहा "तुम कहा रहते हो?<br/>हिरेन_मेरा घर बहुत दूर है लेकिन मै कुछ समय इसी शहर में रुका हूं!<br/>जिया कहती हैं "मैं पत्ते को देख कर तुमको याद करती हूं तो तुम्हे कैसे पता चल जाता है ? तुम कोई जादूगर हो?<br/><br/>हिरेन_ मुसकुराते हुए बोला मैं कोई जादूगर नही हूँ हां लेकिन थोड़ा जादू आता है ।<br/>जिया थक गई थी दिन भर काम करने के बाद इतना रोने के बाद उसे थकावट महसूस हो रही थी और वह हिरेन से बात करते करते सो गईं!<br/><br/>ड्रैगन किंग उसे यू ही बैठ कर देखता रहा रात कब निकल गईं उसे पता नहीं चला ।जिया किसी परियों की तरह थीं ऐसा लगता था वो कोई परियों की दुनियां से आई हो, इतनी कोमल और नाजुक लङकी को कोई कैसे रुला सकता है भला ? ड्रैगन किंग इन्ही ख्यालों में था की अचानक उसे याद आया की सुबह होने वाली है उसने जिया को एक चादर ओढ़ाया और फिर जिया भीगी पलकों को हाथ से छुआ और उसके कानो के पास जाकर बोला की जिया अब मत रोना क्योंकि अब मै तुम्हारे साथ हूं और वह इतना बोल कर वहा से निकल गया। कमरे से बाहर जाकर वो महल के चौपाल तक आया ही था की पीछे से आवाज आई ____रुको</p>