अब आगे
सिद्धार्थ हैरानी से श्रद्धा को देखे जा रहा था इस समय उसका एक हाथ अपने गाल पर था जिस पर श्रद्धा ने थप्पड़ मारा था सभी वहां खड़े हैरानी से श्रद्धा को देखे जा रहे थे और सभी जानना चाहते थे आखिर श्रद्धा ने सिद्धार्थ को थप्पड़ क्यों मारा। कोई कुछ कहता है उसके पहले ही श्रद्धा ने कहा आप सब लोग बाहर जाइए मुझे सिद्धार्थ से कुछ जरूरी बात करनी है जो मैं अकेले में करना चाहती हूं इस समय उसके आवाज में गजब का रॉब था, सिद्धार्थ ने भी सबको अपनी आंखों से इशारा किया थोड़ी देर बाद एक-एक करके सब वहां से निकल गए। धीरज ने निकलने से पहले दरवाजे को लॉक कर दिया।
श्रद्धा एक तक घुर कर सिद्धार्थ को देखे जा रही थी, सिद्धार्थ भी श्रद्धा को ही देख रहा था लेकिन सिद्धार्थ की आंखों में कोई गुस्सा नहीं था बल्कि एक सवाल था कि आखिर श्रद्धा ने ऐसा क्यों किया श्रद्धा आगे बढ़ी और उसने सिद्धार्थ के कॉलर को पड़कर उसे हिलाते हुए कहा तुम ऐसा कैसे कर सकते हो तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसा करने की। तुमने इतनी बड़ी बात मुझसे छुपाई तो छुपायी कैसे, क्यों नहीं बताया कि इतने सालों से मुझ में इतनी बड़ी डिजीज थी, क्यों नहीं बताया कि तुम मुझे दूर इसलिए रहते थे ताकि मुझे कोई प्रॉब्लम ना हो, मुझे किसी तरह का दर्द न सहना पड़े किसी तरह की तकलीफ न सहना पड़े इसके लिए तुम अकेले इतने सालों तक यह दर्द सहते रहे।
मैं ना जाने तुम्हें क्या-क्या कहा कितने सारे एग्जाम तुम पर लगाये, तुम्हें हमेशा गलत समझती रही लेकिन तुम सब चुपचाप सहते रहे ऐसा कैसे कर सकते हो तुम कैसे बताओ कैसे कर सकते हो। तुमने मुझे क्यों नहीं बताया कि 7 साल पहले हुए एक्सीडेंट की वजह से मुझ में इतनी बड़ी प्रॉब्लम आ गई है कि अगर तुम मेरे करीब आते तो मुझे प्रॉब्लम होती, मुझे दर्द ना हो इसके लिए तुमने इतने सालों तक खुद को कंट्रोल करके रखा, अपने प्यार को अपने दिल में छुपा के रखा, कैसे कर सकते हो तुम इतना प्यार मुझसे कैसे और मैं पागल तुम्हें ना जाने क्या-क्या समझती रही क्या-क्या तुम्हें नहीं कहा मैंने। मैंने कहा कि तुम मेरे लायक नहीं हो, लेकिन सच तो यह है कि मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं मैं तुम्हें कभी वह खुशी नहीं दे पाती जो तुम डिजर्व करते थे लेकिन तुमने वह सब छुपाए रखा ताकि मुझे हर्ट ना हो।
सिद्धार्थ कैसे कर सकते हो तुम कोई इतना प्यार कैसे कर सकता है बिना किसी स्वार्थ के बिना किसी चाह की कोई इतना कैसे किसी को चाह सकता है, एक मर्द जिस लड़की से प्यार करता हो और वह लड़की उसकी वाइफ से उसके बाद भी वह कैसे खुद की डिजायर को इतना कंट्रोल करके रख सकता है। यह सब बोलते हुए श्रद्धा की आंखों से आंसू बहे जा रहे थे उसे याद आ रहा था कि डॉक्टर ने कहा था कि उसके एक्सीडेंट की वजह से उसके पेट के निचले हिस्से में चोट आ गई थी जिसकी वजह से उसके यूट्रस में एक तरह की डिजीज पैदा हो गई थी जिसका इलाज होना बहुत जरूरी था।
उस कंडीशन में अगर सिद्धार्थ उसके साथ इंटीमेट होता तो श्रद्धा को हद से ज्यादा दर्द होता और अगर बाई चांस उसने कंसीव कर लिया होता तों श्रद्धा की जान को भी खतरा हो सकता था श्रद्धा को कोई खतरा न हो इसके लिए सिद्धार्थ ने उसका सीक्रेट तरीके से इलाज करवाया यहां तक कि उसे पता ही नहीं चला कि उसे दवाइयां कब कहां और कैसे दी जाती थी, सिद्धार्थ उससे इतना प्यार करता था कि उसे कभी भी कोई तकलीफ नहीं दें सकता और खुद सब अकेले सहता रहा।
श्रद्धा को तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि सिद्धार्थ उसे इतना प्यार करता था कि उसे यह बात भी नहीं पता चलने दे कि उसके अंदर इतनी बड़ी प्रॉब्लम है और जब भी वह सिद्धार्थ से बच्चे के लिए या उसके करीब जाने की कोशिश करती तो वह खुद को कंट्रोल करके उसे कैसे खुद से दूर करता था कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता है कि उसे थोड़ा सा दर्द ना हो इसलिए वह खुद इतना दर्द सहता रहे।
श्रद्धा का बोलते बोलते गला रुंध गया उसने अपना सिर्फ सिद्धार्थ के सीने पर रख दिया और अभी भी फ़फ़क फ़फ़क कर रो रही थी, सिद्धार्थ ने उसे अपने सीने में भींच लिया और कहा इसीलिए नहीं बताया मैं बिल्कुल नहीं चाहता था कि तुम्हें यह एहसास हो कि तुम्हें कोई कमी है मैं तुम्हें कभी इस बात का एहसास नहीं होने देना चाहता कि तुम्हें डिजर्व नहीं करती, बल्कि तुम्हारे अलावा कोई भी मुझे डिजर्व नहीं कर सकती बहुत प्यार करता हूं तुमसे तुम्हारी आंखों में आंसू बर्दाश्त नहीं कर सकता इसलिए यह सब करता रहा तुमसे दूर रहा।
जब तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ था तो उसे समय मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता था तुम्हारा इलाज करवाना चाहता था लेकिन कृति को लेकर मुझे जर्मनी जाना पड़ा, जब वापस आया तो तुम्हें ढूंढने की कोशिश की लेकिन तुम नहीं मिली जब मिली तो दादा जी के साथ मिला तुम्हें उसे दिन वहां देखकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, और जब दादाजी ने तुमसे शादी की बात की तो वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा दिन हो गया और उसे शाम को जब मुझे पता चला कि तुम्हारे अंदर ऐसी डिजीज है तो मुझे लगा जैसे किसी ने मेरे दिल को मुट्ठी में पकड़ कर भींच दिया हो, मैंने इसीलिए तुम्हें नहीं बताया कि कहीं तुम मुझसे दूर ना हो जाओ। लेकिन देखो ना अपने ना समझी में मैंने तुम्हें खुद से दूर ही कर दिया।
श्रद्धा सिद्धार्थ से अलग हुई और उसमें सिद्धार्थ के चेहरे को पकड़ कर कहा नहीं सिद्धार्थ ऐसा नहीं करो तुम्हारी कोई गलती नहीं है तुम्हें तो सब कुछ मेरे लिए किया गलती तो मेरी है जो मैं ना तुम्हें समझ पाई ना ही तुम्हारे प्यार को मैं तुम्हारे लायक ही नहीं हूं सिद्धार्थ मैं तुम्हारे बिल्कुल लायक नहीं हूं मुझे माफ कर दो सिद्धार्थ। सिद्धार्थ ने अपने उंगली को उसके होठों पर रखकर कहा, शू...... अब एक शब्द भी और नहीं कहना मेरे लायक सिर्फ और सिर्फ तुम हो तुम्हारे अलावा कोई भी मेरे लायक नहीं हो सकता तुम सिर्फ मुझे डिजर्व करती हो और मैं तुम्हें इसलिए अपने जुबान से कभी यह शब्द मत निकालना।
श्रद्धा नेहा में से हिलाया और सिद्धार्थ के सीने से फिर लग गई उसने उसके सीने से लगे हुए ही कहा आई लव यू सिद्धार्थ आई लव यू सो मच, यह सुनते ही सिद्धार्थ ने भी उसे खुद से ऐसे लगा लिया जैसे वह उसे एक पल के लिए भी नहीं छोड़ना चाहता उसने भी श्रद्धा से कहा आई लव यू टू श्रद्धा आई लव यू सो मच। दोनों के चेहरे पर इस समय एक मुस्कान थी दोनों के बीच के सारे गीले शिकवे मिट चुके थे।
क्या होगा आगे जानने के लिए
To be continued ❤️❤️❤️
राधे राधे
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