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85.71% CEO madly in love with his contracted wife / Chapter 6: Smita is missing

Chapitre 6: Smita is missing

आरव ने जो कहा उस बात को सुनकर अक्षत हैरान था उसने मज़ाकिया अंदाज में कहा " भाई ! ये तो इजी काम है इतना ज्यादा टाइम कौन देता है!" 

अक्षत की बात सुनने के बाद आरव ने कहा " मैं नहीं जानता कैसे करोगे यह तुम्हारा सिर दर्द है मुझे तो बस 1 घंटे के अंदर जो मैंने मांगा वह चाहिए।" 

 ठीक 1 घंटे बाद

अक्षत अपना काम करने में काफी अच्छा था इसीलिए उसने जल्दी से सब कुछ अरेंज कर दिया और ठीक 1 घंटे बाद आरव के पास सब डिटेल्स आ चुकी थी उसने अपना लैपटॉप लिया और काम करने बैठ गया लगभग 2 घंटे तक स्मिता के बारे में सारी कॉल डिटेल्स के बारे में पता किया  " लेकिन ऐसा क्या हुआ होगा इतनी शराब पी ली है ! "

आरव ने सारी डिटेल्स चेक कर ली थी सारे नंबर्स के बारे में भी पता कर लिया था इन सब डिटेल्स को जानने के बाद भी वह समझ नहीं पा रहा था कि स्मिता के साथ क्या हुआ था , लेकिन अब वह जानता था कि उसे आगे क्या करना है इसलिए उसने फिर से अक्षत को कॉल करने के लिए फोन उठाया ।

" हाँ भाई  !" अक्षत ने फ़ोन उठाते ही कहा ।

उसके बाद आरव ने उससे जो करने को  कहा उसे सुनने के बाद अक्षत और भी हैरान था " भाई लेकिन ! "

अक्षत ने जैसे ही बोलने के लिए अपना मुंह खोला आरव ने उसे बीच में ही रोक दिया " यह सिर्फ सेफ्टी के लिए है यह तब करना है जब हमें लगे की ये करना जरूरी है ! "

" लेकिन भाई, मॉम को पता चला फिर क्या होगा ? " अक्षत ने कहा ।

" तुम बस मैंने जो कहा है वो करो बाकी सब मुझ पर छोड़ दो ! " आरव ने कहा और फ़ोन रख दिया ।

इसके बाद आरव अपने पास सोफे पर लेट गया क्योंकि पहले जो भी हुआ था उसकी वजह से नींद नहीं आ रही थी लेकिन इसका सॉल्यूशन मिल गया था इसलिए उसे लेटने के थोड़ी देर बाद उसे नींद आ गयी लेकिन तभी उसे किसी की सिसकियों की आवाज़ सुनाई दी।  

आरव की एक आदत थी की वह कितनी भी थकान के बाद गहरी नींद में नहीं सोता था उसकी तुरंत आखें खुल गयी उसने जल्दी से बेड की तरफ देखा स्मिता नींद में रो रही थी वह उसके करीब गया जब आरव ने स्मिता को देखा वह पसीने से लथपथ थी। फिर आरव ने उसे शांत करने की कोशिश की और थोड़ी देर बाद स्मिता शांत होकर सो गई और आरव का हाथ पकड़ लिया जिसकी वजह से आरव भी उसकी साइड में सो गया।

वहीं दूसरी तरफ राठौड़ पेंशन के अंदर....

रितेश राठौड़ चिल्ला रहा था " आखिरकार वह लड़की गई तो गई कहां? तुम लोग सब लोग जानते हो ना कि वह कितनी जरूरी है उसकी शादी से पहले उसे कुछ हो गया तो हमारे पास कुछ भी नहीं बचेगा सब कुछ चला जाएगा ! बस यह जयपुर में जो है बस यही बचेगा मुंबई में जो बहुत बड़ा बिजनेस है वह पूरी तरह से हमारे हाथ से चला जाएगा तब हम क्या करेंगे? "

" लेकिन अपने ही तो कहा था कि वह बाहर जा सकती है ! " कामिनी ने डरते हुए कहा।

" हां ; तो मैंने यह कहा था कि वह बाहर जा सकती है इसका मतलब यह नहीं था कि वह इस तरह से तुम लोगों की आंखों से गायब हो जाए और मैंने तो देवराज से भी कहा था ना कि उसे पर हमेशा स्मिता पर नजर रखनी है ! " फिर रितेश राठौड़ ने देवराज की तरफ देखा।

देवराज काफी सालों से रितेश राठौड़ का वफादार आदमी रहा था आज तक स्मिता पर नजर रखता आया था लेकिन जब रितेश ने कहा था स्मिता कहीं भी जा सकती है तो देवराज ने सोचा की उसे अब स्मिता पर नजर रखनी नहीं पड़ेगी।

देवराज ने डरते हुए कहा " मुझे लगा कि अब स्मिता मैडम पर नजर नहीं रखनी है!"

" क्या मैं तुमसे पर्सनली बोला था कि उसे लड़की पर नजर मत रखना !" रितेश राठौड़ ने चिल्लाते हुए कहा।

रितेश की बात सुनने के बाद देवराज ने अपना सिर नीचा कर लिया

" तो फिर निकम्मी , गधे कहीं के ! मेरे बोले बिना तुमने पीछा करना बंद कैसे किया?" रितेश ने चिल्लाते हुए कहा।

ठीक उसी वक्त कायर जो बाहर गई हुई थी घर में आई उसने घर का माहौल देखा उसे भी महसूस हुआ के घर का माहौल आज कुछ अजीब था और उसने पूछा " क्या हुआ डैड ? आप इतना चिल्ला क्यों रहे है?"

जब कायरा बोली की थी तभी उसकी तरफ मायरा ने चुप रहने का इशारा किया उसने अपनी बहन का इशारा समझने के बाद वह भी शांत हो गई और उसकी तरफ चली गई।

रितेश ने सब लोगों को स्मिता को ढूंढने के लिए फिर से लगा दिया इसके बाद कायरा, मायरा के साथ रूम में चली गई और वहां जाने के बाद उसने उसे बताया कि कैसे उनके डैड ने स्मिता को बाहर जाने की इजाजत दी थी लेकिन वह लड़की वापस नहीं आई!

" लेकिन डैड ने उसे बाहर जाने की इजाजत क्यों दी ? " कायर ने पूछा।

" मैं नहीं जानती ! लेकिन इतना पता है कि स्मिता शॉपिंग नताशा के साथ शॉपिंग करने जाने वाली थी और उससे पहले नक्ष के घर जाने वाली थी क्योंकि नक्श के मॉम डैड के लिए मिठाई लेकर गई थी! " मायरा ने जवाब दिया

मायरा की बात सुनने के बाद कायर थोड़ी परेशान हो गई थोड़ी परेशान हो गई और कायरा का परेशान चेहरा देखकर मायरा ने पूछा " क्या हुआ कायरा?"

"कुछ भी तो नहीं " कायरा ने जवाब दिया ।

" पक्का कुछ नहीं हुआ ! " मायरा कायरा को परेशान देखते हुए पूछा।

"हां! बिल्कुल कुछ भी नहीं हुआ!" कायरा ने मायरा को एश्योर किया।

" तो तेरे चेहरे पर ये पसीना कैसा ! " मायरा ने सोचते हुए पूछा।

" कुछ नहीं शायद गर्मी की वजह से ! " इतना जवाब देकर कायरा वॉशरूम में चली गई।

देवराज भी अपने लोगों के साथ स्मिता को ढूंढने में लग गया।

वहीं ब्लू फैंटम होटल के रूम में नताशा के रूप में वह लड़की चली गई लेकिन जब उस लड़की ने देखा कि वह लड़का नहीं है तो वह बाहर आई और चुपचाप बिना कुछ कहे चली गई ताकि उसकी पेमेंट ना रुके और नताशा बिना किसी होश के रूम में सोती रही।


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