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100% dangerous Ishq / Chapter 6: खूबसूरत

Chapitre 6: खूबसूरत

दार्जिलिंग जमीन से 6810 फ़िट ऊपर हे और देश के सब से खूबसूरत शहर मे से एक मे गिना जाता हे यहा साल भर मे लाखों लोग गुमने आते हे और इसी वजह से ये टूरिस्ट मे सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बना हुआ हे यहा की खूबसूरती मे रेल्वे लाइन का मज़ा ही कुछ अलग हे इसी वजह से यह लोग दूर दूर से गुम ने आते हे दार्जिलिंग मे सबसे फेमस वहा की चाइ है और उसकी चाय इंडस्ट्रीज़ हे जिसका मज़ा लेने अक्षर वहा लोग आया करते हे।

अभी सब को यहा की फेमस चाय पीने का मन कर रहा था इस लिए सब यहा की कोई फेमस टी स्पॉट या नासते की दुकान ढूंढ रहे थे ताकि सुबह का नासता और चाय पी जाए दिपांश बहोत ही ज्यादा जल्दी मे था उसे चाय बहोत पसंद थी और साथ मे अगर ब्रैड पकोड़े मिलजाये तो दिपांश को और किसी कीज की जरूरत नई थी।

हाँलकी सुबह होटल की रूम सर्विस ने उन्हे नाश्ते केलिए कहा था पर ज्यादातर लोगों ने मना कर दिया था ताकि सुबह की ठंड मे चाय पीने का लुफ़त उठा सके इसी वजह से सभी लोग बहार आगए थे।

दिपांश और ईवॉल अपने मॅप खोलके सभी फेमस जगह का निरीक्षण कर रहे थे।

वोह मॅप उन्होंने पिछले दिन रेल्वे स्टेशन से लिया था मॅप मे दार्जिलिंग की हर फेमस जगह का नाम और तस्वीरे रास्ते के साथ बनाई हुई थी ये मॅप वहा पे आने वाले टूरिस्ट को ध्यान मे रख के बनाया गया था।

ताकि उन्हे दरजेलिंग के हर एक फेमस स्पॉट के बारेमे बात चल सके मॅप एक तरह से गाइड का काम कर रहा था हालकी वो सब किसी गाइड को भी साथ मे रख सकते थे पर ऋषभ का तो कोई और ही प्लान था खैर ये तो आनेवाला वक्त ही बताएगा फिलहाल हमारा हीरो सब को इन्स्ट्रक्शन दे रहा था।

उनके पास गुम ने केलिए एक हप्ताह था तो वोह आराम से वहाँ गुम सकते थे।

इसी वजह से उन्होंने गाइड को साथ में ना लेने का डिसिशन लिया और सब अग्री हुए ऋषभ को यूं इन्स्ट्रक्शन देता हुआ देख रिया बोली।

" कास हमारे पास भी एक मॅप होता कितना मज़ा आता "

फिर अचानक उसे कुछ याद आया।

" अरे मे भी कितनी बुद्धू हु जब मोबाईल साथ मे हे तो फिकर की क्या बात "

तभी अवनी बोली।

" एक गाइड साथ मे ले लेते हे आशानी होगी " तभी किआ ने अवनी और रिया को बीच मे टोकते हुए कहा।

" जरा बॉयस की तरफ देखो "

रिया और अवनी ने देखा फिर रिया बोली ।

" अरे क्या देखना हे कुछ भी तो नई हे "

" अरे दिपांश और ईवॉल को देख " किआ ने कहा ।

फिर रिया ने उनदोनो को देखा पर कुछ समज नई आया गुस्से से रिया बोली।

" क्या देखू "

" मेरा सर " किया बोली।

" अरे क्या कर रही देखना वोह लोग मॅप देख रहे "

" हा तो उसमे क्या हम भी एक खरीद लेंगे "

" यार तू पूरी बात तो सुन " रिया को बीच मे रोकते हुए किआ बोली ।

" देख जरा वोह लोग कितना इन्जॉय कर रहे चल उनके साथ चलते हे गुमने के लिए मज़ा आयेगा "

ये सुन रिया का चेहरा उतार गया ।

" नई यार चुप कर " किआ ने रिया को डाट लगाते हुए कहा।

फिर किआ ऋषभ के पास गई।

" ऋषभ क्या हम सब गर्ल्स आप सब बॉयस को जोइन कर सकती हे क्या ? "

किआ को यूं अचानक आया देख ऋषभ कुछ रीऐक्ट नई कर पाया फिर उसने खुद को संभालते हुए कहा।

" अगर तुम्हारी उस फ्रेंड को कोई दिक्कत ना हो तो हमे भी कोई दिक्कत नई होगी बस शर्त ये हे की उसे बोल देना की पूरे रास्ते अपना मुह ना खोले अगर खोले भी तो बॉयस केलिए ना हो "

बोल के ऋषभ ने दिपांश को बोला।

" चलो आज के गुमने का सुभ आरंभ करे " बोलके वोह सब वहाँ से जाने लगे ।

अपनी फ्रेंड रिया के बारे मे सब सुन किआ थोड़ी नाराज थी पर वोह समज सकती थी की ऋषभ ने ऐशा क्यूँ कहा ।

जब से वोह सब मिले हे रिया कुछ ज्यादा ही बॉयस की इन्सल्ट कर रही थी तो रिया को लेकर ऋषभ का ये स्टाटमेंट एक तरह से सही भी था।

दिपांश बोला ।

" इन सब को साथ लेना जरूरी था "

" हा " ऋषभ ने दिपांश को आगे देखते हुए कहा।

" हमे यहा किसी की नजर मे नई आना हे तुम्हें याद ना हो तो याद दिला दु "

ऋषभ ने कहा ।

" जनता हु " दिपांश ने कहा ।

फिर सब लोग आगे चलने लगे सभी लोग बाते करते हुए आगे बढ़ रहे थे।

दार्जिलिंग की खूबसूरती सर चड़ कर बोल रही थी समर का टाइम था इसीलिए वहाँ टेम्परेचर 25 सेलकीयस था ।

नही तो विंटर में और ज्यादा माइनस में होता था ।

सभी ने वूलन के कपड़े पेहने थे ।

दिपांश और ईवॉल ऋषभ के पीछे चल रहे थे और उनके पीछे बाकी सब लोग।

सभी दार्जिलिंग की खूबसूरत घाटि का मज़ा ले रहे थे ऋषभ ने वुलन जेकेट पहना था और मफ्लर से गले को कवर किया था।

किआ पूरे रास्ते बस ऋषभ को ही देखे जा रही थी ।

उसे तो बस बहाना चाहिए था गुमने का वरना वो तो बस ऋषभ के लिए ही साथ आई थी और सभी लड़कियो को मना लिया था ।

आसपास लड़कियां जो बाते कर रही थी उसपे उसका बिल्कुल भी ध्यान नई था।

अचानक बात करते करते रिया रुक गई और जोर से चिल्लाई ।

" आगे देखो आगे चाय की टपरी हे वहा जाके नासता करते हे मज़ा आयेगा "

सभी लोग थोड़ी देर मे वहा पहोनचे ऋषभ ने एक सिगरेट जलाई और रास्ते की दूसरी साइड चला गया ।

ऋषभ को सिगरेट पिता हुआ देख किआ को अच्छा नई लगा ।

किआ एक चाय का कुलड़ लेके उसके पास आई और बोली ।

" आप सिगरेट की जगह ये पीओ इस सिगरेट से तो बेहतर ही हे "

" में ब्लैक कॉफी पिता हु , चाय नहीं " ऋषभ बोला ।

" हां सॉरी में भूल गई थी आप ने एक बार बताया था " किआ बोली।

किआ को सिगरेट की वजह से साँस लेने मे दिक्कत हो रही थी ये देख ऋषभ ने अपनी सिगरेट को जमीन पे फेक दिया ।

उसे पता था की किआ को अस्थमा की प्रॉब्लेम हे ये बात याद आते ही उसने सिगरेट को जमीन पे फेक के अपने पैरों से बुजा दिया फिर बोला ।

" इसी लिए मे तुमसे दूर था मेरे पास क्यूँ आई " और गुस्से से वहा से आगे जाने लगा ।

ये देख किआ बोली ।

" पर मेने क्या किया इस बार मेरी कोई गलती नई थी "

बोलके वोह अपनी गलती सोचने लगि पर उसे कुछ समज नई आया तभी किआ की नजर नीचे पड़ी हुई सिगरेट पर गई जो ऋषभ ने थोड़ी देर पहले अपने पैरों से बुजाई थी ।

" तो मुजे अस्थमा हे इस वजह से जनाब दूर खड़े थे तो उन्हे मेरी फिकर भी हे "

सोचते हुए किआ ब्लश करने लगि ।

" वोह मेरी परवाह करता हे ..... है ना ? कही ये सपना तो नहीं ? क्या मे कुछ ज्यादा सोच रही हु ? "

सब सोच कर किआ अकेले अकेले मुस्कुरा रही थी और ऋषभ के पीछे जाने लगि ।

" अरे मेरे लिए रुको " किआ चिल्लाते हुए ऋषभ के पीछे जाने लगि ।

उसकी आवाज सुन दिपांश ने पेमेंट किया और सभी वापिश से ऋषभ के पीछे जाने लगे।

1 घंटे बाद सब लोग घूमते घूमते बतासिया लूप पहुंचे वहां पहुंचते ही दीपांश ने बोलना शुरू किया।

" बतासिया लूप "

" यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण जंक्शन दार्जिलिंग में पर्यटकों के लिए एक शानदार दर्शनीय स्थल है खूबसूरती से सजाया गया उद्यान क्षेत्र तस्वीरों के लिए एक अद्भुत पृष्ठभूमि के रूप में कार्य करता है इसलिए अपने कैमरों को संभाल कर रखें आप पटरियों पर घुमावदार प्रसिद्ध टॉय ट्रेन को भी देख सकते हैं "

" बतासिया में एक इको गार्डन भी है जहां आप दार्जिलिंग में जैविक खेती और वृक्षारोपण के बारे में जान सकते हैं आप बगीचे में कई दुर्लभ प्रजातियों के पौधों को भी देख सकते हैं "

" क्या ? " ये सुनते ही रिया का अजीब रिएक्शन मुंह से आवाज बनकर निकला।

" कुछ नहीं " दीपांश ने उसे अनदेखा करके कहा ।

" व्हाटएवर " रिया बोलकर घूमने चली गई।

दीपांश ने बोलना शुरू किया ।

" यहां जो लिखा है वही पढ़ के सुना रहा हूं तभी ऋषभ और एवॉल को पता चला वरना वह भी थोड़ी देर पहले शौक में थे कि दीपांश को इतनी तगड़ी हिंदी आती कैसे हैं ।

हालांकि दीपांश ने जो बोला उसम से आधे से ज्यादा किसी को कुछ पल्ले नहीं पड़ा सिवाय किआ के उसे हिंदी अच्छे से आती थी क्योंकि उसने हिन्दी भाषा में काफी पढ़ाई की हुई थी।

इसी वजह से उसे शुद्ध हिंदी आती थी नॉर्मली हम जो सुनते हैं वह पूरी हिंदी नहीं होती कुछ न कुछ वर्ड्स अलग अलग लैंग्वेज के होते हैं इसीलिए हमारी हिंदी मिक्स होती है और इसी वजह से सुनने में और सीखने में आसानी रहती है।

" कुछ नहीं बस कैमरा तैयार रखो और इको फ्रेंडली गार्डन का मजा लो "

दिपांश बोला।

उसे जो समझ आया वह उसने बता दिया सब लोग इधर-उधर जाने लगे तभी ऋषभ ने बोला।

" जो ग्रुप में है वह ग्रुप में ना जाए तो कोई बात नहीं बस 2 घंटे बाद सब वापस इधर ही आ जाना "

इको गार्डन में एक गुम्मट के नीचे ऋषभ शांति से आंख बंद करके बैठा था उधर पीछे से चुपके से इवोल आके कोने में बैठ गया उसके आते ही ऋषभ ने अपनी आंखें खोली और उसी वक्त दीपांश आकर ऋषभ के पीछे बैठ गया ।

दीपांश उस वकत इवॉल को देख रहा था और ऋषभ भी दोनों को उसे यू गुर्ता हुआ हुआ देखकर इवोल ने बोला ।

" वह नैना कब से मेरा दिमाग खा रही थी बहुत सवाल पूछती रहती है "

" अच्छा ऐसा क्या पूछा? " दीपांश बोला।

" अरे कुछ नहीं बस यह फाइटिंग स्किल कहां से सीखी इतनी बॉडी कैसे और कब से बना रहे ? कहां रहते हो ? "

" ऋषभ और तुम फ्रेंड्स कब से हो ऐसा लग रहा इंसान नहीं एसीपी प्रद्युमन हो पूरी चलती फिरती सीआईडी है "

इवोल चिड़ते हुए बोला।

ऋषभ और दीपांश ये सुन ठहाके मारके हंसने लगे।

इवोल बोला ।

" अब अगर उसने और कुछ पूछा तो एक थप्पड़ मुंह पर मार दूंगा सब भूल जाएगी "

" शांत गदाधारी भीम शांत " ऋषभ बोला।

" ये इवोल बेवकूफ है " दीपांश ऋषभ की तरफ देखकर बोला।

" क्या बेवकूफ हे " इवोल गुस्से से बोला।

" बे साले तुझे इतना भी नहीं पता वह तेरे बारे में जानना चाहती है "

दीपांश बोला।

" पर क्यों जानना है उसे " इवोल ने बोला।

दीपांश ने अपना माथा पकड़ लिया ।

" अरे क्योंकि उसे तेरे में इंटरेस्ट है इसलिए "

ऋषभ बोला ।

यह सब बातें हो रही थी कि अचानक रुही वहां आ गई जल्दी करो.. वह हाफ रही थी।

" क्या हुआ " ऋषभ ने पूछा ।

" हाफ क्यों रही हो इतना " दीपांश बोला ।

" अरे वहा अक्षय और एक आदमी की बहस हो गई फोटो खींचने के लिए और अब दोनों लड़ाई करने पर उतर आए हैं " रुही हाफ ते हुए बोली।

इवोल खड़ा हुआ और अपनी बाहें ऊपर चढ़ा कर बोल ने ही वाला था की तभी नैना दूर से चिल्लाते हुए आ रही थी ।

" इवोल..... इवोल.... सुनो तो जरा " तभी इवोल बोला।

" मुझे बाथरूम जाना है , इस दीपांश को ले जाओ " और तुरंत वहां से भागा।

दीपांश यह सब देखी रहा था कि रिया वहां आ गई " जल्दी वोह अक्षय और मोहित 5 लोगों के साथ एक साथ लड़ रहे हैं "

तभी दीपांश उठा और जहां लड़ाई हो रही थी उस और चल दिया ।

सब उस ओर जा रहे थे तभी किआ पीछे मुड़ी " तुम्हें नहीं आना ? "

" ना " ऋषभ ने आंखें बंद करके कहा ।

" क्यों " किआ बोली।

" मुझे शांति चाहिए " ऋषभ ने बोला फिर आगे कहा ।

" अब जाओ यहां से "

" अरे तुम्हारे फ्रेंड मुसीबत में है और तुम यहां आंखें बंद करके सोने की कोशिश कर रहे "

किआ बोली ।

" इसे सोना नई मेडिटेशन कहते हैं " ऋषभ बोला।

" जो भी हो " किआ बोली ।

" चलो "

जैसे ही किआ उसका हाथ पकड ने जा रही थी तभी ऋषभ बोला।

" डिस्टर्ब मत करो दीपांश सब संभाल लेगा "

किआ गुस्से से मुंह बनाकर वहां से चली गई ।

" हास् आफत गई अब शांति से ध्यान लगाऊँगा साला सातवा चक्र खुल क्यों नहीं रहा ... "

ऋषभ मन में खुद से बोलने लगा।

दूसरी तरफ उन लड़कों और अक्षय , मोहित के बीच फाइट स्टार्ट हो चुकी थी वह लड़के बहुत फास्ट थे इसलिए वह लोग अक्षय और मोहित पर भारी पड़ रहे थे ।

तभी दीपांश वहां आ पहुंचा वह हेल्प की जगह उन लोगों की फाइट देखने लगा यह देख रिया गुस्से से भिन्नाई।

" यह क्या कर रहे ? तुम्हारे फ्रेंड वहां पीट रहे और तुम यहां पर एंजॉय करके तमाशा देख रहे हो "

तभी अक्षय के मुंह पर उस लड़के ने जोर से पंच दे मारा अक्षय के मुंह से खून की फुआर निकल गई तभी दो लोगो ने मोहित को पीछे से पकड़ा और तीसरे ने आगे आकर जोर से उसके पेट पर लात मारी और टाइम ना गवाते हुए तुरंत अप्पर कट से ऊपर की तरफ मुंह पर जोरदार घूंसा लगा दिया वहां पर जो भीड़ थी वह हैरान होकर उन पांचों को देख रही थी तभी किआ भी यह देख सन्न रह गई।

" छोड़ो तुम से कुछ ना होगा इवोल कहा है इन सबको अब वही सबक सिखाएगा "

बोल के रिया ने किआ की तरफ देखा और बोला।

" किआ इवोल कहां है ? " तभी दीपांश वहां गया जहा फाइट हो रही थी ।

वोह आदमी अक्षय को मारता उससे पहले ही दीपांश वहां पहुंच गया।

" अच्छा अब तू मारेगा हम सबको " वो आदमी बोला ।

" ना मैं तो बस तुम्हें हल्का सा टच करूंगा और तुम सब खुद ही यहां जमीन पर गिर के अपनी जान की भीख मांगोगे " दीपांश के मुंह से यह सब सून सभी लोग हंसने लगे ।

रिया रुही सोनिया अवनी और किआ यह सब देख सन्न रह गई ।

" ये क्या बोल रहा है " रिया बोली।

" पागल हो क्या? पता नहीं था यह इतना बड़ा बेवकूफ है वरना खुद में इसे नहीं बुलाती "

रिया बोल ही रही थी कि वह आदमी दीपांश की ओर बढ़ने लगा तभी दीपांश ने फुर्ती दिखाते हुए अचानक सब को टच करते हुए आगे बढ़ा ।

पांचों के प्रेशर पॉइंट पर उंगली से जोर से मारा किसी की गर्दन पे किसी के दो हाथ पर किसी के पैर पे और आखरी वाले के पेट में फिर मुड़ के वापिस आकर ऋषभ की तरफ जाने लगा ।

और रिया से कहा।

" अक्षय और मोहित को वापस लेकर आओ " बोल कर दिपांश वहां से चला गया ।

" तुम.... तुम.... बिल्कुल " रिया बोल रही थी कि इतने में सभी को पांचो के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी सब जमीन पर गिर गए थे ।

एक आदमी बोला।

" क्या हुआ मेरे हाथ को हिल क्यों नहीं पा रहा कहीं मुझे लक्वा तो नहीं मार गया "

दूसरा चिल्लाया।

" मेरा पैर.... मैं उसे महसूस नहीं कर पा रहा हूं "

तीसरा बोला।

" मेरी गर्दन अकड़ गई है "

चौथा बोला।

" बचाओ मेरे पेट में जोर से दर्द कर रहा है "

पाचावा बोला।

" हेल्प कोई बचाओ मेरा शरीर हिल नई पा रहा मुझे क्या हो गया है "

बचाओ बचाओ करके वह पांच लोग सभी लड़कियों की तरफ देखने लगे।

" प्लीज अपने उस दोस्त को बोलो हमें ठीक करें " वह पांचों मदद के लिए गिड़गिड़ा रहे थे।

यह नजारा देख वहां खड़े सभी सन्न रह गए ।

रिया का तो गला ही सूख गया मानो उसे किसी सांप ने काट लिया हो ।

यह सब देख किआ रुही सोनिया अवनी सब हैरान होकर जाते हुए दीपांश को देखने लगी।

थोड़ी देर बाद सब ऋषभ के पास आए अभी ऋषभ और दीपांश मेडिटेशन में थे।

किसी ने उन दोनों को उठाने की हिम्मत नहीं की अब तो इवोल से ज्यादा दीपांश का खौफ बढ़ गया था लड़कियों में।

फिर वहां इवोल आ धमका उसके पीछे नैना भी आई फिर किआ ने सब इवोल और नैना को बताया सारी बाते सुन नैना भी हैरान हो गई थी पर इवोल का फैसियल एक्सप्रेशन नहीं बदला तभी किआ को अंदाजा हो गया था कि इवोल दीपांश के बारे में यह सब पहले से ही जानता था ।

ऋषभ ने आंखें खोली ।

" क्या हुआ सब ठीक है ना " ऋषभ ने पूछा।

दीपांश ने भी मेडिटेशन से बाहर आकर ऋषभ और इवोल को साइड में आने का इशारा किया।

कंटिन्यू...

मुझे पता है रोमांस चाहिए पर वो भी आपको मिलेगा डोंट वरी अभी कैरेक्टर शेप ले रहे है ।

थोड़ा टाइम दीजिए ।

सब ठीक होगा ।

काफी कुछ है तो धीरे धीरे सब होगा ।

प्लीज लाइक कमेंट करे और स्टोरी को रिव्यू दे ताकि आगे बढ़ पाए ।

थैंक यू फॉर योर सपोर्ट।


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