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90% यंग मास्टर मो, आर यू डन किसिंग? / Chapter 54: वह...उसके साथ....हमबिस्तर होना चाहती थी

Chapitre 54: वह...उसके साथ....हमबिस्तर होना चाहती थी

Éditeur: Providentia Translations

एक अपरिचित कमरे में, उसने अपने हाथों को आगे फैलाया, लेकिन अंधेरे में अपनी पांच उंगलियों को भी स्पष्ट रूप से नहीं देख पाई।

जी नुआन ने अवचेतन स्थिति में मो जिंगशेन को चूमने के लिए अपना सर उठाया।

जैसे ही उन्होंने एक दूसरे को चूमा, जी नुआन ने दूर न जाते हुए अपने हाथों से उसके गले को कसकर पकड़ लिया।

कमरे का दरवाजा एक जोर की आवाज के साथ बंद हो गया।

बत्तियों को जलाना अभी बाकी था। जी नुआन के उन्मत्त चुंबन धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ते हुए, उसके हिलते कंठ पर पहुँच गए। इससे मो जिंगशेन, जो आमतौर पर अटल नियंत्रण में रहता था, धीरे से कराह उठा।

उसने जी नुआन की ठुड्डी को थोड़ा जोर से पकड़ा; उसकी भारी आवाज़ जी नुआन के कानों पर उतरती हुई बोली, "क्या तुम यह चाहती हो?"

जी नुआन पूरी तरह से सोचने की क्षमता खो चुकी थी जब उसने मो जिंगशेन के आलिंगन में उन्मत्त रूप से सिर हिलाया।

जैसे यह साबित करने के लिए कि वह कितनी जल्दी में थी, उसके हाथों ने मो जिंगशेन की कमीज के महंगे बटनों को खींचना शुरू कर दिया। वह इसे खोलने में असमर्थ थी और उसने अपना मुँह खोल उन्हे काट कर खोलने का सोचा।

अंधेरे में, मो जिंगशेन ने अचानक उसे सीधा किया और कमरे के अंदर ले आया। हालाँकि वे पूर्ण अंधेरे में थे, तो भी वह मुख्य शयनकक्ष को रूप से ढूंढ सका।

जब तक वह बिस्तर पर उतरी, जी नुआन उत्तर, दक्षिण, पूर्व, या पश्चिम के बीच अंतर नहीं कर सकती थी।

वह तीव्र, अनोखी गंध जो उस आदमी की थी, उसके चेहरे पर उड़ कर आयी। इसने उसकी सारी भावनाओं को अभिभूत कर दिया, और केवल दो शब्द उसके दिमाग में रह गए थे।

हमबिस्तर हो जाओ! हमबिस्तर हो जाओ! हमबिस्तर हो जाओ!

जी नुआन की बाँहें कसकर उसके गले में लिपटी रहीं।

जैकेट लंबे समय पहले ही जमीन पर गिर गया था जब वे दरवाजे से अंदर घुसे थे। जी नुआन के कपड़े जो हवा में उछाल दिए गए थे, धीरे-धीरे जमीन पर उतर रहे थे।

"सस-"

जी नुआन ने अचानक तीव्रता से साँस खींची। मो जिंगशेन अचानक उठ खड़ा हुआ, बिस्तर के बगल के लैंप के बटन को दबा दिया।

गर्म प्रकाश उनके शरीर पर पड़ा। यह आँखों के लिए तेज नहीं था। जी नुआन को केवल अपने घावों में थोड़ा दर्द महसूस हुआ, लेकिन उसने, जो हो रहा था उसे रोकने के बारे में नहीं सोचा। मो जिंगशेन के कपड़े उतारने की चाह में, वह बैठने के लिए संघर्ष करने लगी।

"नहीं, मत रोको ..."

लेकिन मो जिंगशेन ने उसका बढ़ाया हुआ हाथ पकड़ लिया। उसने जी नुआन के उज्ज्वल लाल चेहरे पर आग्रहपूर्ण भावअभिव्यक्ति को देखा। अपनी नजर को नीचे करते हुए मो जिंगशेन ने जी नुआन के हाथ को दो घावों को देखने के लिए, उलट दिया क्योंकि वह बहुत स्पष्ट नहीं थे।

जब जी नुआन ने पहले फलों के चाकू और कांच की बोतल को पकड़ रखा था, तब उसने खुद को अनजाने में काट लिया था।

मुख्य शयनकक्ष की सबसे तेज रोशनी वाली बत्ती को अचानक जला दिया गया था। जी नुआन ने सहज रूप से अपनी आँखें अधखुली कर उस आदमी को विभ्रांति में देखा जो अचानक खड़ा हो गया और बाहर चला गया था।

क्या वह चला गया था? वह ऐसे ही निकल गया था?

वह हतप्रभ थी। ऐसी अपरिचित जगह में, जब वह कितनी स्तब्ध थी, असुरक्षित महसूस ना करना मुश्किल था।

वह घबरा गई और कठिनाई से बिस्तर से उतर, शयनकक्ष के दरवाजे की ओर लड़खड़ाते हुए गयी। उसने मो जिंगशेन को उसके हाथों में एक दवा का डब्बा पकड़े वापस आते देखा।

उसकी नजर शून्य थी जब वह उसके हाथों में पकड़े दवा के डब्बे को देख रही थी। "ये…"

वहाँ खड़ी हुई, वह सरासर नग्न थी, फिर भी वह अपनी स्थिति से बिल्कुल अनजान लग रही थी।

यह देखकर, मो जिंगशेन का कंठ हिला जब उसने भारी आवाज में कहा, "वापस जाओ और बैठ जाओ।"

जी नुआन के हाथ दरवाजे के कोने को पकड़े हुए थे, उसकी मुखाकृति व्यक्त कर रही थी: "मैं वास्तव में अभी वह चाहती हूँ। मैं अपने हाथ के घाव से निपटना नहीं चाहती।"

मो जिंगशेन ने सीधे उसे उठा लिया, उसे बिस्तर पर फेंका और जबरदस्ती उसके विद्रोही हाथों को पकड़ लिया।

जब कीटाणुनाशक को उसकी उंगलियों और हथेली के कटाव पर रगड़ दिया गया, तो जी नुआन दर्द में कई 'बार 'सस' की आवाज निकालने से खुद को रोक नहीं पायी। उसकी लाल हो चुकी आँखों ने उसे एक छोटे से बच्चे की तरह बना दिया था, जिसे धमकाया गया था और वह टॉफी से वंचित कर दिया गया था।

मो जिंगशेन ने आयोडीन के साथ घाव को कीटाणुरहित कर दिया। जी नुआन को पक्के से पता नहीं था कि जिंगशेन के हाथों में दूसरी दवा किस चीज की थी।

उसने दवा की बोतल पर अक्षरों को नाममात्र पहचाना। उसपर लिखे शब्दों का कोई मतलब उसे समझ नहीं आ रहा था। उस आदमी को देखते हुए जो अभी भी बड़े सलीके से कपड़े पहने हुए था और उसके हाथों पर मरहम लगा रहा था, जी नुआन की रोने की इच्छा की पहली भावअभिव्यक्ति अचानक हँसी में बदल गई।

"तुम किस बात पर हँस रही हो?" मो जिंगशेन ने देखा कि उसका व्यवहार एक नशे में धुत व्यक्ति से अलग नहीं था और उसने शांति से पूछा।

"पतिदेव ~।"

जब मो जिंगशेन उसके हाथ पर पट्टियाँ लगा रहा था, जी नुआन ने अपना सिर एक तरफ झुकाया और अपने छोटे से पैर को बाहर फैलाकर जिंगशेन के पैर पर रगड़ने लगी। वह अपने पैर को उसकी जांघ पर आगे पीछे रगड़ रही थी।

मो जिंगशेन की भाव-भंगिमा नहीं बदली। जब वह सावधानी से पट्टियाँ लगा रहा था तो उसके हाथ स्थिर रहे।

"हिलो मत"

मो जिंगशेन की धीमी और भारी आवाज में थोड़ी चेतावनी थी।

लेकिन, जी नुआन सुनना नहीं चाहती थी।

अपने पिछले जीवन में उसने उससे ठीक से प्यार नहीं किया था। इस जीवन में, उन्होंने केवल शुरुआत की थी। जब वे इस कदम तक आ ही चुके थे, तो शर्मिंदा होने की क्या बात थी? उस दिन, जब वे सड़क पर थे, वह अपने दिल में यह भी सोच रही थी कि अगर उसे मो जिंगशेन को इस जीवन में बच्चे देने थे... उसे बहुत सारे बच्चे देने होंगे …

उसका दिल अभी उत्तेजना से भरा हुआ था, और उसके पैरों की हरकतें और ज्यादा बिगड़ गईं।

उसने उसे सुंदर आँखों से देखा और खिलखिलाने लगी।

"गड़बड़ मत करो।"

"पतिदेव ~।"

"अधिक आज्ञाकारी बनो।"

"पतिदेव ~ ~। पतिदेव ~।"

जी नुआन ने, जो पूरी तरह से चेतना खो बैठी थी, अपने अंतिम कदम का इस्तेमाल किया। उसने अपने छोटे पैरों को उठाया और अपने पेट पर रख दिया।

कपड़े के ऊपर से छूने पर भी, वह महसूस कर सकती थी कि वह आदमी अपने कपड़ों के नीचे कितना कठोर था।


Chapitre 55: उसकी निगाहें चमकदार, भावुक, कांपती हुई थीं ...

Éditeur: Providentia Translations

ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे कभी उन्हें पूरी तरह से नग्न देखने का मौका नहीं मिला था। हालाँकि, बस उन्हें इस तरह महसूस करके, वह बता सकती थी कि मो जिंगशेन निश्चित रूप से बेहतरीन थे।

इस विचार पर कि यह आदमी उसका था, और केवल उसका, वह और भी उत्साहित हो गई और उसे परेशान करने के लिए अपने दोनों हाथों और पैरों का इस्तेमाल किया।

"अपने हाथ नीचे रखो।" अवरुद्ध करती हुई जी नुआन से दवा का डिब्बा लेते हुए उसे ऐसा लग रहा था जैसे की वह एक छोटे बच्चे की हरकतें सहन कर रहा हो। उसे डर था कि कहीं वह दवा का डिब्बा गिरा न दे। 

जैसे ही उन्होंने दवा के डिब्बे को पलंग के बगल वाले दराज में रख दिया, जी नुआन बेकाबू हो कर बिस्तर से नीचे आ गयी और खुद को उन पर फेंक दिया। उसने अपनी बाँहों से उनकी पीठ को पीछे लपेट लिया और अपने गर्म छोटे चेहरे को उनकी पीठ से रगड़ने लगी; रोते हुए उसकी आवाज़ ने कुछ आग्रह किया। 

वह अचानक आगे बढ़ी और मेज पर रखी दवा के डब्बे को एक तरफ धकेल दिया, और खुद को उनके आगे के हिस्से के खिलाफ दबाया। हालांकि वह जंगली हो गयी थी, उसने उनके हँसुली की हड्डी को काटा, उसके हाथ उनके शरीर पर इधर उधर घूम रहे थे और वह उनकी ठोड़ी को चूम रही थी।

अगले ही क्षण, जी नुआन को अचानक बिस्तर पर फेंक दिया गया। उसने अभी प्रतिक्रिया भी नहीं दी थी जब उसने मो जिंगशेन को दाँत पीसते हुए उसके कानों में कर्कश स्वर में कहते हुए सुना, "छोटी लोमडी।"

ठीक उनके बात के ख़त्म होने बाद, उसने फर्श पर एक बेल्ट के गिरने की आवाज़ सुनी।

महिला के कपड़े, पुरुष के सूट की पैंट, शर्ट - सभी एक साथ मिल कर वहां जमीन पर पड़े थे।

उस आदमी ने उसके शरीर को ढँका हुआ था, उसकी काली आँखों में गर्मी बढ़ रही थी।

उसकी गर्म हथेलियों के स्पर्श ने उसके पूरे शरीर को पिघला दिया। उसकी निगाहें चमकदार, भावुक और कांपने वाली थी।

मो जिंगशेन के सीने में मुँह बंद करके हँसने की वजह से प्रतिध्वनि आयी।

वह पूछना चाहती थी कि वह क्या सोच कर हँस रहे थे जब अचानक, बिना किसी हिचकिचाहट के, उस आदमी ने निष्ठुरता से उसके अंदर प्रवेश किया-

जी नुआन के दोनों हाथ उनके कंधे पे थे। वह इस स्थिति के साथ समायोजित करने में असमर्थ थी और दुर्बलता से बच्चे जैसे रोने लगी। उसकी आवाज़ बिल्ली के बच्चे की तरह थी, आकर्षक और नरम। उसकी आवाज ने आदमी की एकाग्रता को प्रभावित किया ...

सुबह, जी नुआन जाग गयी और अचानक अपनी आँखें खोल दीं। आसमान में उजाला हुए थोड़ी देर चुकी थी।

अपरिचित कमरे में, खिड़कियों के माध्यम से एक उज्ज्वल प्रकाश अंदर आ रहा था। वह धीरे से बैठ गई, हल्के भूरे रंग की, पुरुषों की शर्ट जो उसने पहनी हुई थी उसे देखते हुए उसने महसूस किया कि हवा में मो जिंगशेन की हल्की खुशबू अभी भी मौजूद है।

हालाँकि यह यू गार्डन नहीं था, फिर भी उसे थोड़ा-थोड़ा याद आया कि कल रात मो जिंगशेन उसे स्नान कराने के लिए बाथरूम में ले गए थे । चूँकि यहाँ महिलाओं के कपड़े नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपनी एक कमीज़ उसे दे दी।

आस्तीन लंबी थी, उसके हाथों को पूरा ढके हुए थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे केवल उसकी उंगलियों को हल्का सा बाहर दिखने की अनुमति दिए हुए थीं।

आकार के आधार पर, यह शर्ट मो जिंगशेन की थी।

पिछली रात के हर विवरण को उसने अपने दिमाग में दोहराया।

बेडरूम से लेकर लिविंग रूम तक, बेड से सोफे तक और फिर बाथरूम में और बेड पर वापस।

अंत में, पहले जहाँ वह मो जिंगशेन से लिपटी जा रही थी वहीं अब वह पूरी तरह से उनकी दया के अधीन हो गयी थी और खुद पर से नियंत्रण खो दिया था ...

यह कल्पना करना कठिन था कि अगर मो जिंगशेन कल रात समय पर नहीं पहुंचे होते, तो वे कितने समय तक अपनी उस कमजोर स्थिति में लड़ते रहती।

"उठ गयी?" आदमी ने अचानक स्पष्ट और सुखद स्वर के साथ दरवाजे पर खड़े हो कर पूछा।

जी नुआन ने अपना सिर उठाया। उसने देखा कि मो जिंगशेन की छाया-आकृति दरवाजे से दिखाई दे रही थी और गायब हो रही थी, उनकी आवाज उसे बुला रही है, "बाहर आओ और नाश्ता करो।"

अपने होशो-हवास में वापिस से पहले वह काफी देर तक बिस्तर पर चकित हो कर बैठी रही। बिना पूछे, वह जल्दी से बिस्तर से नीचे उतर गई।

जी नुआन ने बेडरूम में ही बाथरूम देखा और सामान्य तरीके से अपने आप को तारो-ताज़ा किया। वह फिर उस बड़ी कमीज को पहने हुए बाहर चली गई जो उसकी जांघ के आधे हिस्से को ढँकने के लिए काफी लंबी थी।

खाने की खुशबू बैठक कक्ष से जुड़े भोजन कक्ष से आ रही थी। जी नुआन बड़ी खिड़की से बाहर देखने के लिए बैठक कक्ष में रुक गयी।

यह स्थान मो व्यापारसंघ के करीब लगता था। भीड़ भरे शहर का केंद्र उसकी आंखों के ठीक सामने था, लेकिन वे इमारत की उच्चतम मंजिल पर थे और शहर के शोर से प्रभावित नहीं हो रहे थे। नीचे चारों ओर एक हरा-भरा बगीचा था। रास्ते भी साफ-सुथरे और सुंदर थे। यह देखा जा सकता है कि यह एक उच्च गुणवत्ता वाला आवास था।

क्या यह ... वही जगह है जहाँ मो जिंगशेन अपनी शादी से पहले रहते थे?

शादी करने के बाद, वह हमेशा यू गार्डन में ही रहती थी, क्योंकि वही वो घर था जहाँ उनका साझा कमरा था जिसमें वो साथ में रहते थे। रही बात मो जिंगशेन के अतीत की, तो वह उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती थी और उसे इस स्थान के अस्तित्व के बारे में भी पता नहीं था।

वापिस पीछे मुड़ने पर, जी नुआन का ध्यान एक बार फिर कमरे की बनावट पर पड़ा और वह उसे देखने लग गयी।

इस जगह में उतनी शानदार यूरोपीय शैली की सजावट थी वैसी कि यू गार्डन में नहीं था। यू गार्डन मो परिवार के बुजुर्गों द्वारा चुना गया निवास था। पहले तो, उसने नवीकरण में ज्यादा भाग नहीं लिया। जब तक यह आरामदायक था, उसे कुछ कहने की जरुरत महसूस नहीं हुई थी।

हालाँकि, यह जगह साफ और सादी थी; बिलकुल मो जिंगशेन की लो-प्रोफाइल शैली के समान। बस इतना ही था कि इस जगह में थोड़ी ठंडी महसूस हो रही थी। हालांकि, रसोई से निकलने वाली खुशबू ने इस जगह को कुछ गर्म कर दिया।

"वहाँ हैरानी में खड़ी मत रहो, यहाँ आओ और खाओ।"

"ओह।" जी नुआन मुड़ कर भोजन कक्ष की ओर चल पड़ी और खाने की मेज के पास आ कर रुक गयी।

मेज पर कई सारे सादे मगर पौष्टिक नाश्ते के व्यंजनों को देखने के बाद, जी नुआन की नज़र एक बार फिर कमरे में चारों ओर गई। ऐसा लग रहा था कि यह नाश्ता खरीदा नहीं गया था, और न ही यहां कोई सहायक थे।

क्या यह हो सकता है कि यह नाश्ता ...

"आपने ये सब बनाया है?" उसने वहां मौजूद शख्स को संदेह से देखा।

मो जिंगशेन ने बेदाग कपड़े पहने हुए थे जैसे वह आमतौर पर पहनते थे। जब वह उसके लिए एक कटोरी और चॉपस्टिक की एक जोड़ी लेकर आये थे तभी उनमें एक सामान्य व्यक्ति होने के कुछ निशान दिखाई दिए। जब वह चल कर आगे आये, तो उनकी शर्ट पर लगे फ्रेंच बटन पे सूरज की रोशनी पड़ने की वजह से उनका चेहरा चमकदार हो गया था।

"नहीं तो, क्या तुम इसे बनाने के लिए नींद में चल कर रसोई में आयी थी?" मो जिंगशेन ने छुरी - कांटे को उसके सामने टेबल पर रखा।

यह…

क्या यह मो जिंगशेन के हाथों का बना हुआ नाश्ता था?

जी नुआन को खुद पर शर्म आयी। वह वास्तव में उनके बारे में मुश्किल से कुछ जानती थी।

क्या ऐसा भी कुछ है जो वह नहीं कर सकते थे?

उसने कल रात खाना नहीं खाया था, इसलिए उसका पेट थोड़ा असहज था। जी नुआन चुपचाप मेज के पास बैठ गयी। सिर्फ खुशबू से, वह बता सकती थी कि यह स्वादिष्ट होगा।

वह आहें भरने में मदद नहीं कर सकी।

"कल, जिस क्षण आपका विमान उतरा क्या आपने मुझे फ़ोन किया था ..." कल रात उस संकटमय क्षण में आये फ़ोन कॉल को जी नुआन ने याद किया।

मो जिंगशेन ने अपनी भौंहों को सिकोड़ा। जवाब देने के बजाय, उन्होंने शांति से पूछा, "उस शाम की नृत्यसभा, का निमंत्रण तुम्हें किसने दिया था?"

"हां तियानयुआन।"

उन्होंने आगे कोई बात नहीं की। उनकी क्षमता के आधार पर, उनके लिए पहले, उस दौरान, और बाद में हुई हर चीज की जांच करना सबसे आसान था। 

आख़िरकार, जी नुआन ने हां तियानयुआन से अभी-अभी दो कंपनियों को प्राप्त किया था। मो जिंगशेन इस बात को भी जानते थे। वह अपने बलबूते पर कुछ करना चाहती थी और मो जिंगशेन ने उसे कभी नहीं रोका था। अपने दिल में, वह उनके सम्मान देने से बहुत प्रसन्न महसूस करती थी।

हालांकि, कल रात क्या हुआ ...

भगवान का शुक्र है। भगवान का शुक्र है कि वह जल्दी वहां आ गए थे।

"कल रात, क्या तुम होटल की दसवीं मंजिल पर गयी थी? झोउ यनयन मुझे उस कमरे में ले जाना चाहती थी लेकिन बजाय इसके मैंने उसे अंदर धकेल दिया।" जी नुआन ने तले हुए अंडे का एक टुकड़ा लिया जो बाहर की तरफ से खस्ता था और अंदर से नरम था, धीरे से पूछा, "अब वह कैसी है?"

मो जिंगशेन की आवाज़ शांत और ठंडी थी। "अधमरी।"

"..."

"भविष्य में, सबसे अधिक संभावना है कि तुम्हें उसे फिर से देखने का अवसर नहीं मिलेगा। मैं इसे सुलझा लूंगा।"

जी नुआन ने उनके सुंदर चेहरे को देखा। शुरू में, वह और पूछना चाहती थी कि कल रात क्या हुआ था। हालाँकि, ऐसा लग रहा था कि मो जिंगशेन नहीं चाहते थे कि जो हुआ उससे उसे कोई सदमा पहुंचे। शुक्र है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसे बदला नहीं जा सकता था।

उनके ठंडे लहजे को देखते हुए, हां परिवार और झोउ परिवार के लिए उनसे बच कर निकलना मुश्किल होगा।

जी नुआन कोई संत नहीं थी। अगर दूसरे उसे कोई नुकसान पहुंचायेंगे, तो ऐसा हो नहीं सकता था कि वह उन्हें छोड़ दे।

एक ऐसा पति होना जिसने हमेशा उसका समर्थन किया हो, वास्तव में खुशी से झूम जाने जैसी एक अवर्णनीय भावना थी।

हालाँकि, जब उसने जल्दी स्नान करने के बारे में सोचा और अपने शरीर पर निशानों को देखा जो उन्होंने बनाये थे, जी नुआन ने अंडे का एक और टुकड़ा लिया, और उसका चेहरा थोड़ा असहज दिखाई दिया।

कल रात जो कुछ भी हुआ था वह सब कुछ उसे याद था। इस जीवन में, उसने कभी नहीं सोचा था कि वह इस तरह काम करेगी ...

नाश्ता खत्म करने के बाद, जी नुआन ने बर्तन साफ़ करने के लिए कहा। हालांकि, मो जिंगशेन ने उसके हाथों पर बंधी पट्टी पर एक नज़र डाली और उसे साफ़ करने की अनुमति नहीं दी।


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