सफर करते हुए, जी नुआन इसे नहीं रोक पायी और कई बार छींकती रही।
मो जिंगशेन उसे खाने खिलाये बिना सीधा यू गार्डन में वापस ले आये। उन्होंने तुरंत आंटी छें को उसके लिए थोड़ी लाल चीनी वाली अदरक की चाय बनाने के लिए कहा।
जी नुआन ने उसे लगी ठंड को गंभीरता से नहीं लिया। उसने चाय के कुछ घूंट पीये और चाय के तीख़ेपन से अपने भौंहों को सिकोड़ दिया था । बहुत समय पहले से, उसे हमेशा इस तरह की चीज़ पीने से नफरत थी। वास्तव में इसे पीने के लिए वह खुद को तैयार नहीं कर सकती थी। जैसे ही वह कप को नीचे रखने वाली थी, उसने अपना सिर उठाया और मो जिंगशेन को उसके सामने खड़े देखा।
ऐसा लग रहा था कि अगर उसने चाय नीचे नहीं पी, तो वह रात का भोजन नहीं कर पाएगी।
"यह अदरक वाली चाय वास्तव में बहुत मसालेदार है।" जी नुआन ने शायद ही कभी अपनी परेशानियों को स्वीकार किया हो। "क्या मैं इसे रात के खाने के बाद पी सकती हूं?"
"मैडम, डिनर पहले से ही तैयार हो रहा है। आप पहले अदरक वाली चाय पिएं; इससे आपका शरीर गर्म होगा।" आंटी छें बड़बड़ा के बोलते हुए बगल से आती हुई दिखायी दी, उन्होंने कहा, "हाल ही में बहुत सारे लोगों को सर्दी लग रही हैं, और उनके लक्षण विशेष रूप से गंभीर हैं। कल ही, मेरे गृहनगर से मेरी भतीजी ने मुझे फोन किया और बताया कि उसे इतनी बुरी तरह से सर्दी लगी थी कि वह तीन दिनों तक बिस्तर पर ही पड़ी रही थी। यह उस हद तक कष्टदायक था कि वह अपनी आँखें भी नहीं खोल सकती थी। इसलिए, महोदया, आपको इस सर्दी को आज रात ही कम कर देना चाहिए। आपको ठंडी नहीं लग सकते है आह!"
जी नुआन ने अपना सिर उठाया। क्योंकि वह इसे पीना पसंद नहीं कर रही थी, वह केवल मूंदी हुई आँखों से मो जिंगशेन को देख सकती थी।
मो जिंगशेन: "सुना न? अब इसे पीयो।"
जी नुआन असहाय थी। वह केवल कप उठा कर और कई घूंट पी सकती थी। यह कष्ट देने जितना मसालेदार था, लेकिन वह इसे पीने से मना नहीं कर सकती थी। अंत में, वह केवल अपनी नाक को बंद करके एक घूंट में उसे ख़तम कर सकती थी।
पहले, जी नुआन को इस तरह की चीजों के लिए राजी करना इतना आसान नहीं था।
जब वह छोटी थी, तो उसे उत्तर में अत्याधिक ठंड का सामना करना पड़ा था। तब से, उसके शरीर को विशेष रूप से बुखार से ग्रस्त होने की संभावना होती थी। हालाँकि, वो जिद्दी व्यक्तित्व वाली थी। जब भी वह बीमार पड़ती, वह खुद को अपने कमरे में बंद कर लेती और दो रात तक सोने के लिए खुद को कंबल में लपेट लेती। वह दवा और इंजेक्शन लेने से मना कर देती, और अदरक वाली चाय भी नहीं पीती थी जिसे निगलने में इतनी मुश्किल होती थी।
यह केवल तभी था जब उन्होंने कप में से चाय को ख़तम होते देखा तो मो जिंगशेन ने आंटी छें को रात के खाने की तैयारी जल्दी करने का संकेत दिया क्योंकि रास्ते में जी नुआन ने बिना रुके भूखे होने की शिकायत की थी।
मो जिंगशेन ने कहा, "तुम अपने कमरे में वापस जाओ और पहले गर्म पानी से स्नान कर लो। अधिक आरामदायक कपड़े पहन लो और नीचे आ जाओ।"
जी नुआन का भी ऐसा ही करने का इरादा था। आखिरकार, चाय पीने के बाद, उसके शरीर में गर्मी महसूस होने के कारण उसे बेचैनी होने लगी थी।
अपने कमरे में लौटने के कुछ ही समय के बाद, जी नुआन का सिर कुछ भारी हो गया और उसे चक्कर आने लगे। वह निश्चित नहीं थी कि ऐसा शयद इसलिए हो रहा था क्योंकि उसे वास्तव में सर्दी लग गयी थी।
जल्दी से गर्म पानी से स्नान करने के बारे में सोचकर, उसने अपने कपड़े निकाले और बाथरूम में प्रवेश किया।
एक मिनट से भी कम समय तक गर्म पानी में बैठने के बाद, जी नुआन ने अपनी आँखें बंद कर लीं। वह स्पष्ट रूप से कुछ भी सोचने में असमर्थ थी और उसे नींद आने लगी।
लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता, वह आराम से सो नहीं सकती थी। वह जागना चाहती थी, पर फिर भी नहीं जाग पा रही थी।
उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसे सर्दी और गर्मी के बीच उछला जा रहा है। एक पल उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके शरीर को बर्फ में दफन किया जा रहा था, अगले ही पल उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसे एक बर्तन में पकाया जा रहा था।
यह एहसास बेहद असहज था। उसने अपनी आँखें खोलने की कोशिश की, लेकिन उसकी पलकें उस हद तक भारी थीं जहाँ वह उन्हें खोल नहीं पा रही थी।
निर्ममता के साथ एक बुरा सपना उसके मन में आया।
उसने सपने में देखा कि उसने अपनी कलाई काट ली है और उसमें से रक्त बहना बंद नहीं हो रहा है।
अपने सपने में उसने देखा कि, वह अस्पताल के बिस्तर पर कमजोर रूप से लेटी हुई है जिसमें से निस्संक्रामक की जोरदार गंध आ रही थी। उसकी कलाई पर मोटे तरीके से कपड़े को लपेटा गया था। एक लम्बी छाया-आकृति उसके पास खड़ी थी। वह पहले से ही पूरी रात से वहां खड़ा था।
उसके तकिये के बगल में तलाक का अनुबंध रखा हुआ था। वह आदमी जो कुछ भी कह रहा था वह मुश्किल से एक भी शब्द सुन सकती थी।
दृश्य बदलता रहा। जी नुआन उस आकृति पर अपनी पकड़ जमाना चाहती थी जो वहाँ से जाने के लिए दृढ़ थी, लेकिन अंधेरे में केवल लक्ष्यहीन रूप से लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ रही थी।
उसने सपने में देखा कि उनके तलाक के बाद, मो परिवार के सभी बुजुर्ग उससे दूर रहते थे और उससे बात नहीं करते थे। उसके तलाक और आत्महत्या करने के प्रयास के कारण, उसके पिता को मानसिक समस्याएँ होने लगीं थीं। दो साल तक उसे जी परिवार के घर के अंदर आने की इजाजत नहीं थी।
उसने देखा कि जी मेंगरान उसे डटकर शराब पीने के लिए उसे एक मधुशाला में ले गयी, उसने खुद को वहाँ ड्रग्स लेते देखा और नशे में वशीभूत हो गयी!
जी परिवार का दिवालिया हो गया। उसके पिता बेहद क्रोधित थे, और सभी करीबी लोग जो उससे प्यार करते थे उससे दूर चले गए। एक वक़्त में जो उसकी स्वाभिमानी और चकाचौंध जैसी जीवन शैली धीरे-धीरे छूट गई।
जब वह खोया हुआ महसूस कर रही थी, तो क्षीय तियाँ ने उसे ढूंढ़ने के लिए, उसे घर लाने के लिए, उसके साथ रहने के लिए, उसे खुश करने के लिए सभी तरह के तरीकों के बारे में सोचा।
एक बार फिर दृश्य बदल गया। जी नुआन अचानक पागल की तरह दौड़ने लगी, लेकिन स्कर्ट के कोने को पकड़ नहीं पाई थी। उसने क्षीय तियाँ के खून से लथपथ शरीर को पुल से नीचे गिरते देखा; उसकी आँखें उस पक्षी को घूर रही थीं जो वहां से उड़ कर जा रहा था। यहां तक कि उसके मरते समय में भी उसकी आंखें बंद नहीं हुईं।
जीवन में जी नुआन का विश्वास बार-बार टूटता गया। सभी लोग जो उससे प्यार करते थे और जिन लोगों से वह प्यार करती थी वे या तो मर जाते थे या फिर उसे छोड़ कर चले जाते थे…
वो जो एक वक़्त पर जी परिवार को दुश्मन के रूप में देखा करते थे उन्होंने उसे ढूढ़ लिया। उसे अगवा किया गया, धमकी दी गई, एक पुरानी कार पर लाया गया जिसमें कई खूबसूरत महिलाएं थीं, और आखिरकार एक पहाड़ी इलाके में बेच दिया गया।
वह एक पचास वर्षीय व्यक्ति को बेची गई थी। उस आदमी का बीस साल से अधिक का एक मंदबुद्धि बेटा भी था!
जब भी हर बार वह वहां से भागती; उसे वापस पकड़ लिया जाता था। बार-बार उसे निर्दयतापूर्वक चोट पहुंचाई गई और डांटा गया था। यहां तक कि प्राय: उन दोनों के द्वारा उसका बलात्कार भी किया जाता था। वह अपने चेहरे और शरीर को नष्ट करने के लिए केवल चाकू का उपयोग कर सकती थी। हर दिन, उसके खून से लथपथ शरीर ने उन्हें उसके साथ कुछ भी करने से रोका था।
वह अंधकारमय जीवन ... यह अभी भी उसके सपनों में प्रवेश क्यों कर रहा है?
वह जागना चाहती थी! वह अपने पिछले जीवन के बुरे सपने को फिर से नहीं जीना चाहती थी!
अंधेरे के दृश्य बदलते रहे। वह पहाड़ी इलाकों से बाहर भाग गई लेकिन उसे हाई शहर के युन परिवार में बेच दिया गया।
युन परिवार की युवा मालकिन की हत्या कर दी गई थी, और उसे हत्यारे के रूप में दोषी ठहराया गया था। पुलिस ने कहा कि उन्होंने कई जांच पड़ताल की और पाया कि उसके एक रिश्तेदार के अनुसार, कई साल पहले, उसका युन परिवार की युवा मालकिन के साथ बुरा रिश्ता था और यह पुष्टि की गई थी कि उसके पास उसे मारने का एक मकसद था।
रिश्तेदार? उस दौरान, जी मेंगरान से अलावा जो लंबे समय से गायब थी, अब उसका कोई अन्य रिश्तेदार नहीं था।
उसके जीवन के अंतिम क्षणों में, उसे तीन महीने तक कैद कर के बंदी बनाया गया। उसके नशे की लत के वजह से उसे खून की खांसी हो गई ... उसका जीवन टुकड़ों में था ...
यह सपना दस साल जितना लंबा महसूस हुआ था ...
नहीं!
उठो!
जल्दी करो और जागो!
वह यह खबर नहीं सुनना चाहती थी कि मो जिंगशेन जी मेंगरान को एक बार फिर देश में वापिस ले आये हैं... वह ऐसा नहीं चाहती थी...
जी नुआन ने अपने सपने में कटु संघर्ष किया लेकिन वह अंधेरे में उस भंवर से बचने में असमर्थ थे।
उसे अचानक एक दरवाजे के खुलने की आवाज सुनाई दी। एक ठंडा हाथ ने धीरे से उसके सिर को दबाया।
"उसे बुखार है। आंटी छें, जाओ दवाई ले आओ।" एक ठंडी और शांत आवाज़ ने उसके कानों में गयी। यह केवल तभी था जब जी नुआन अपने सपनों से तेजी से से जाग गयी।
उसने कुछ प्रयास के साथ अपनी आँखें खोली और उसे किसी के द्वारा तुरंत टब से बाहर निकाला गया।
वह कुछ उलझन में थी, इस बात से अनजान कि वह कहाँ थी। वह इस तथ्य से भी अवगत नहीं थी कि उसने कपड़े नहीं पहने थे।
उसकी बर्फ़ सी गोरी त्वचा, पतली और लंबी टाँगें, बर्फीला मुलायम सा उसका सीने और यहाँ तक कि उसके समुद्री शैवाल जैसे गीले रेशमी बाल भी उसे दिखाई दे रहे थे।
उसके शरीर की निकलती हुई गर्मी के कारण जो कि उसने उम्मीद भी की थी, मो जिंगशेन ने उसे एक तौलिया में लपेट दिया। जी नुआन ने सहज रूप से उनके आलिंगन में अपने सिर को झुका दिया, और दर्द में अपनी आँखे बंद कर लीं।
वे बुरे सपने अब दिखाई नहीं दे रहे थे। उसने रहत की सांस ली, लेकिन महसूस किया कि कोई गर्म चीज़ उसकी आँखों से बहार आना चाहती थी।
भगवान का शुक्र है ... यह सब अतीत में था ...
यह मो जिंगशेन का आलिंगन था। वो गरम था; यह वह चीज थी जिसके लिए लोग तरस जाते थे - यह एक आलिंगन जो केवल उसके लिए था।
पहले, अगर वह इतनी मूर्खतापूर्ण नहीं होती, तो भले ही वह सब कुछ खो चुकी होती, फिर भी उसके पास मो जिंगशेन होता।
अंत में, यहां तक कि उसने उसे खुद से दूर कर दिया था। इतनी दूर कर दिया था, इतनी दूर!
वह रोना चाहती थी। उसने अपने आँसुओं को रोका और अपने सिर को उनके आलिंगन में दबा दिया।
"श्री मो, यह बुखार कम करने वाली दवा है। मैं ताप-मापक यंत्र भी लायी हूँ!" यह आंटी छें की आवाज थी। उसकी आवाज ऐसी थी जैसे वो हांफ रहीं थीं। ऐसा लग रहा था जैसे कि उन्होंने भाग-भाग कर दवा खोजी थी।
जी नुआन को बिस्तर पर रखा गया था। उसने अवचेतन रूप से उनकी शर्ट की आस्तीन पर पकड़ लिया था। भले ही अगर वह इस हद तक कमजोर थी कि उसमें थोड़ी भी ताकत नहीं थी, तब भी वह कमजोर रूप से उन पर पकड़ बनाना चाहती थी।
मो जिंगशेन ने उसकी हरकतों को देखा और वहां से नहीं गए। वो उसका हाथ पकड़ने के लिए उसके पास गए। "डरो मत। मैं कहीं नहीं जा रहा हूँ।"
उनकी शांत आवाज़ सबसे अच्छी आरामदायक दवा लग रही थी। जी नुआन ने दुर्बलता से अपनी आँखें खोलीं। उसकी आँखें कुछ लाल थीं। भले ही अब अगर यह डरावना नहीं था, उसने अभी भी उन पर अपनी पकड़ बनाये राखी थी, उन्हें वहां से जाने देने के लिए तैयार नहीं थी।