"बूढ़े मास्टर आज रात सो नहीं पा रहे थे और बाहर टहलना चाहते थे, इसलिए उन्होंने फैसला किया कि क्यों न आपका कंगन देने चला जाए।" नैनी झांग किन जहीए के पीछे - पीछे लिविंग रूम तक चलने लगी।
"दादाजी भी यहां हैं?" किन जहीए की भौंहे ऊपर खींच गईं। इससे पहले कि नैनी कुछ जवाब देती, उसने देखा कि नौकर ने चाय का गर्म कप बड़े मास्टर गु को दिया जो सोफे पर बैठे हुए थे।
किन जहीए ने जल्दबाजी में फिर से बात की। "दादा जी।"
"मम," बूढ़े मास्टर गु की आवाज ठोसी धीमी थी क्योंकि वो चाय पी रहे थे। उसने चाय को निगलने से पहले कहा, "आप इतनी देर से क्यों वापस आ रही हैं?"
तब बूढ़े मास्टर गु को अलग सा अहसास हुआ। उन्हें थोड़ा सा गुस्सा आया और उन्होंने कार को देखने के लिए खिड़की से आंगन की ओर देखा, जोकि वहां पर होनी चाहिए थी लेकिन नहीं थी। उसने सवाल पूछना जारी रखा, "यूशेंग कहां हैं ? क्या तुम दोनों साथ वापस नहीं आए?"
इतने सारे सवाल पूछने से बूढ़े मास्टर गु अप्रसन्न हो गए,"तो वह अभी भी अपने आप में व्यस्त रहता है, तुमको घर पर अकेला छोड़कर और फिर वापस नहीं आता हैं?"
"नहीं ..." किन जहीए ने झिझक के साथ जवाब दिया।
गु यूशेंग ने उस रात हवेली में इतनी गंभीरता से अभिनय इसलिए किया था ताकि दादाजी को ये लगे कि वो दोनों एक साथ प्यार से रहते है।
यदि दादाजी को पता चल गया कि वो दोनों एक साथ नहीं रहते, जो उन्हें दिखाया गया था, वो गु यूशेंग को ही इसका जिम्मेदार मानेंगे और आखिरकार सिर्फ किन को ही सब सहना पड़ेगा।
इससे ज्यादा, वह इतना क्रूर था कि उसके साथ सोने के लिए उसे महीने भर पहले से ही गर्भनिरोधक गोलियां लेने का आदेश देता था, जो किन के लिए पहले से ही कितनी अपमान की बात थी। वो कैसे हिम्मत कर सकती थी कि दादाजी उनके बीच की सच्चाई जानें और खुद की अवमानना होने दें ?
किन जहीए बहाना ढूंढने के लिए दिमाग दौड़ाने लगी। उसने आराम से मुस्कराते हुए कहा, ये सिर्फ इतना है कि यूशेंग को ऑफिस से किसी प्रॉब्लम को लेकर फोन आया था और वह वापस चले गए।
"यूशेंग मुझे घर छोड़ने वाले थे। ये मैं थी जो टहलना चाहती थी, तो मैंने उन्हें कहा कि वो मुझे घर के द्वार पर छोड़ दे, और मैं खुद से चलकर वापस आ गई।"
बूढ़े मास्टर गु का चेहरा गहरे ख्यालों में दिख रहा था, किन जहीए बिल्कुल घबराई हुई नहीं लग रही थी। उसने अत्यंत शांति के साथ फिर से बोलने के लिए अपना मुंह खोला, और कोई भी उसके चेहरे पर थोड़ा सा भी धोखे का संकेत नहीं देख सकता था, "यूशेंग हमेशा घर वापस आ जाता है जब उसका काम खत्म हो जाता है, दादाजी। आप नौकर से पूछ सकते है अगर आपको मुझ पर विश्वास नहीं होता।"
किन जहीए ने बात करते हुए नौकर पर नजर रखी।
प्रबंधक को उसका इशारा समझ आ गया और उसने जल्दी से किन की बात पर सहमति दिखाई, "जी हां बूढ़े मास्टर, छोटे मास्टर हमेशा घर अपना काम खत्म करके आ जाते है।"
"तो ये अच्छा है ..." नौकर के शब्द सुनकर बूढ़े मास्टर गु की अभिव्यक्ति आखिरकार शांत हो गईं। उन्होंने खड़े होकर कहा, "मैं यहां खास बात के बारे में बात करने नहीं आया हूं। क्योंकि अब बहुत देर हो गई है, मैं घर जाऊंगा।"
किन जहीए ने राहत की सांस ली, क्योंकि ऐसा लगा कि वो मास्टर गु को धोख देने में सफल रही थी। किन ने जवाब दिया, "दादाजी, मैं आपके साथ दरवाजे तक चलती हूं।"
…
किन जहीए घर के दरवाजे पर खड़ी थी, बूढ़े मास्टर गु को कार ड्राइव करके जाता देख वापस ऊपर चली गई।
घर के आंगन के गेट पर ताला लगाने के लिए घर से बाहर निकलने से पहले नौकर ने किन जहीए को एक गिलास गर्म दूध दिया। उसे ये देखने की उम्मीद नहीं थी कि बूढ़े मास्टर गु की कार अभी तक वहां से नहीं गई थी और अभी भी आंगन के बाहर खड़ी थी।
नौकर अभी तक इस झटके से उभर नहीं पाया था जब कार की खिड़की नीचे हुई और नैनी झांग ने धीरे से कहा, "जिओ यांग, "बूढ़े मास्टर आपसे बात करना चाहते है।"
नौकर जल्दी से आगे आया और आदरपूर्वक नमस्कार किया, "बूढ़े मास्टर।"