"ठीक है फिर। तुम नख़रेबाज़ नहीं हो ..."
वह बेहतर था!
हालाकि, उस आदमी ने बोलना जारी रखा, "तुम हमेशा से ही नखरीली रही हो।"
टैंग मोर के पास कहने के लिए शब्द नहीं थे। उसे लगा कि अब उससे बात करने का कोई मतलब नहीं है।
"मिस्टर गू, मुझे याद है कि एक बार जब हमने कार में सेक्स का नाटक किया था, तो मैंने शर्त लगा ली थी कि आप सख्त हो गए थे ..."
"म्म," गू मोहन ने बड़बड़ाते हुए कहा और उसके बालों की नरम खुशबू में खुद को डुबो कर उसके बालों में अपने चेहरे को दफन कर लिया।
"तुम सच में करहाने में माहिर हो।"
उसने क्या कहा?
कौन जानता था कि भावनाओं में बहता हुआ यह आदमी फिर से उसी बात को उठाएगा!
वह इन यौन खेलों को खेलने में उसका मुकाबला नहीं कर सकती थी।
टैंग मोर का छोटा, नाजुक चेहरा फिर से लाल हो गया। उसकी खूबसूरत आँखें रोशनी के नीचे वैसे चमक रही थीं जैसे गीले शरीर पर चमकती सूरज की किरणें। वह घूम गई और उसकी गोद में बैठ गई, उसके टांगें उसकी पैंट से रगड़ रही थीं और उसकी गंध ने उसके होश उड़ा दिए।
"मिस्टर गू, मैं तुम्हारे लिए आ रही हूंँ।" टैंग मोर उसके कान में फुसफुसाई।
उसके पतले हाथ उसकी कमर पर बेल्ट तक पहुँच गए और उसने चमड़े के पट्टे को उठा लिया, उसे एक दर्दनाक धीमी चाल के साथ उसने उसको खोल दिया।
गू मोहन ने उसकी छोटी उँगलियों को दबाया। वे रेशम की तरह मुलायम थीं।
टैंग मोर अचानक बिस्तर से नीचे कूद गई। उसने हाथ में दवाई की बोतल को उसे छेड़ते हुए लहराया और उसकी आँखों में शरारत नाच रही थी। उसकी मुस्कान उत्तेजक और सुंदर दोनों थी।
"मिस्टर गू, मैं खुद अपनी पीठ पर दवाई लगा लूँगी। नौकर को मेरे लिए एक कमरा तैयार करने को कहें। मैं अब सोना चाहती हूंँ।"
बोलने के बाद, वह मुड़ी और चला गया।
गू मोहन ने कमरे से बाहर निकलते हुए उसकी आँखों को अपने हिप्स का पीछा करने दिया।
यह छोटी लोमड़ी, मेरे साथ खेलने की हिम्मत कर रही है? मुझे उसे सबक सिखाना पड़ेगा।
गु मोहन उठा और ठंडे पानी से नहाने बाथरूम में घुस गया।
…
तड़के सुबह, टैंग मोर उस स्थान पर पहुंँची जहांँ प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। की ज़ी ने उसका अभिवादन किया, "मोर, क्या तुम तैयार हो? सू ज़ेह और हेन ज़ियाओवान पहले से ही यहाँ हैं।"
"ठीक है," टैंग मोर ने अंदर जाते हुए जवाब दिया ।
जिस क्षण वह अंदर पहुँची, मीडिया पगलाई हुई-सी थी, हर कोई उसकी तस्वीरें खींच रहा था और हर कोण से उस पर सवाल उठा रहा था। एक ही पल में, वह ध्यान का केंद्र बन गई।
जब उसकी आँखें उसके आस-पास का अध्ययन कर रही थीं, वो सू ज़ेह और हेन ज़ियाओवान पर आ कर रुक गईं। हेन ज़ियाओवान व्हीलचेयर पर, हल्के नीले रोगी कपड़ों का एक सेट पहने बैठी थी। यह स्पष्ट था कि वह अस्पताल से आयी थी। उसका चेहरा जानलेवा था, उसके सिर पर अभी भी एक पट्टी लिपटी हुई थी। वह इतनी दयनीय लग रही थी कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी कि हर कोई उसकी रक्षा करना चाहता था।
सू ज़ेह उसके साथ आया था, उसका चेहरा व्यथित था और वह उसके चारों ओर सुरक्षात्मक रूप से मंडरा रहा था।
टैंग मोर आगे बढ़ी और हेन ज़ियाओवान के हाथ पर हाथ रख दिया। "ज़ियाओवान, क्या तुम ठीक हो? तुम मरी तो नहीं?"
"सिस्टर।" हेन ज़ियाओवान की आँखों में अचानक आँसू आ गए और उसने सु ज़ेह को देखा। टैंग मोर एक ही पल में आँसू निकाल लेने की उसकी क्षमता पर मन ही मन अचंभित हो गई, मानो वो सचमुच बहुत दुखी थी।
सू ज़ेह ने टैंग मोर की पतली कलाई पकड़ ली और उसे भावहीन चेतावनी दी, "टैंग मोर, बेहतर होगा अगर तुम कोई चाल नहीं खेलो। यदि तुमने ज़ियाओवान को चोट पहुंँचाने की हिम्मत की, तो मुझे तुम्हारे प्रति बुरा बनने के लिए का दोष मत देना। इसे अपने लिए एक चेतावनी ही समझ लो।"
वास्तविकता में, उसे अभी भी टैंग और सू परिवार के बीच की दोस्ती याद थी। अगर टैंग मोर ने इस महिला को चोट नहीं पहुँचाई होती, तो वह इस तरह से अपने संबंधों को खट्टा नहीं करता।
टैंग मोर ने महसूस किया कि वो उसकी कलाई को इतनी ज़ोर से दबा रहा था कि उसे दर्द होने लगा था और उसने खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन वह और ज़्यादा ज़ोर लगाने लगा। यह सू ज़ेह इतना नीचे गिर गया था, जबकि यह एक अफ़सोस था कि वह उस आडंबरी घटिया औरत के द्वारा मूर्ख बनाया जा रहा था। उसे उससे कोई सहानुभूति नहीं थी, उसने खुद इस बात को न्योता था।