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61.76% Stay with me for eternity / Chapter 21: toofan kaha gaye

Capítulo 21: toofan kaha gaye

अब तक

अश्विका और ईधांश अपना सिर ना हिलाते हुए बोले _" नही , , , , "

विवान दोनो को जीभ दिखाते हुए बोला _" में , , ,तो , , बताऊंगा , , , , ,"

" क्या बताओगे तुम्हे , , ,यह फालतू का नाटक बंद करो चुपचाप बोलो क्या बोल रहे हो " अश्विन चिड़ते हुए बोला

अश्विका अश्विन की बात सुन विवान से बोली _" मेले प्याले चाचू , , सबसे अच्छे हैं , , , वो हमाली कितनी छाली हेल्प कलते हैं। अशी चाचू से बहुत प्याल कलती हैं।

अश्विन अपनी आईब्रो उचकाते हुए बोला _" ओह रियली "

अश्विका और ईधांश अपनी चमकती आंखों से अश्विन की तरफ देख कर बोले _" हा ऐसा ही हैं डैडी , , हम चाचू से बहुत प्याल कलते हैं।

अब आगे

उनके मासूम चेहरे को देख अश्विन के फेस पर स्माइल आ जाती हैं वही विवान भी खुश हो दोनो से कहता हैं _" चाचू भी दोनो से बहुत प्यार करते हैं।" यह बोल वो दोनो के गालों पर किस कर देता हैं।

विवान के किस करने पर अश्विका तो कुछ नही कहती हैं पर ईधांश चिड़ते हुए बोला _" चाचू आप इधु को किस्सी नही कर सकते हैं , , ईधु को किस डैडी ओल मम्मा कल छकती हैं।"

विवान अपनी आंख खोले , ,मुंह खोले बोला _" हेन्ह्ह तेरी मम्मा कब आ गई  , , मुझे किसी ने बताया नही अश्विन ने शादी कर ली।"

विवान के ऐसे बोलने पर अश्विन उसके सिर में मारते हुए बोला _" अपना यह सड़ा हुआ मुंह बंद करो , , मेने कोई शादी नही की हैं , ,"

विवान अपना सिर सहलाते हुए अश्विन को घूरते हुए बोला _" तो इनकी मां कहा से टपक पड़ी , ,बिना तेरे शादी के बोल , , ,"

अब अश्विन कुछ नही बोल पाया ,  ,बेचारा बोलता भी क्या उसके बच्चो की मम्मा को उसके खुद के बच्चे ही ले आए ।

अश्विका विवान को आवाज देते हुए कहती हैं _" आले चाचू, , ,मम्मा को डैडी नही लाए , ,मम्मा को तो अशवी लाई , , बले भाई ओल में मम्मा से बहुत छाला प्याल कलते हैं।"यह बोल वो सिंध्या की तरफ इशारा कर देती हैं।

विवान अश्विका के इशारे से सिंध्या को देखता हैं तो उसे देखता ही रह जाता हैं , ,_" कितनी सुन्दर हैं यह , , " वो यह बोल उसे घूरे ही जा रहा था जो की सिंध्या को अनकंफर्टेबल लग रहा था।

सिंध्या को अनकंफर्टेबल देख अश्विन विवान के पीठ पर एक मुक्का मारते हुए कहता हैं _" अब बस भी कर उसे देखना , , वो तुझ से डर रही हैं।"

"में किसी से नहीं डरती " सिंध्या फटाक से बोली मानो वो उसकी काबिलियत पर शक कर रहा हो ।

"तुम बोलती भी हो मुझे लगा गूंगी हो  , ,तबसे चुप बैठी थी यार , , पर तुम्हारी आवाज कितनी प्यारी हैं " विवान सिंध्या की तारीफ करते हुए बोल रहा था।

अश्विन अपनी जगह से उठते हुए विवान को भी उसकी चेयर से उठा अपने साथ घसीटते ले जाते हुए बोला _" ऑफिस जा रहा हु , , बेबीज़ मस्ती मत करना ज्यादा , , "यह बोल वो वहा से निकल गया ।

उसके जाने के बाद सिंध्या भी अपना ब्रेकफास्ट करती हैं और दोनो बच्चो को गार्डन में ले जाति हैं।

दोपहर 3 बजे

सिंध्या अश्विका के कंधे से नीचे आते बालो की अच्छी सी हेयरस्टाइल बना रही थी और ईधांश यह सब सिंध्या को करते हुए देख रहा था ।

तभी वही दादी आ जाति हैं वो सिंध्या को अश्विका के बालो को संवारता देख खुश होते हुए बोली _" अरे वाह बेटा , , तुमने हमारी अश्वि के बालो को बहुत अच्छे से संवारा हैं  , ,बहुत सुंदर लग रही हैं।"

सिंध्या उनकी बात पर मुस्कुरा देती हैं थोड़ी देर में वो हेयरस्टाइल कंप्लीट कर अश्विका को देखती हैं जो बहुत ही क्यूट लग रही थी।

वो अश्विका को देख दादी से बोली _" दादी वो मुझे मेरे फ्लैट पर जाना हैं , , कुछ इंपोर्टेंट वहा रह गया हैं , , क्या में कल आ जाऊं आज अपने फ्लैट में ही रुक जाऊंगी।"

दादी सिंध्या को मना नही करती हैं और उसे जाने की परमिशन दे देती हैं।

परमिशन मिलते ही सिंध्या खड़ी हो बोली तो में जाऊ दादी , ,

दादी कुछ कहती उससे पहले ही अश्विका और ईधांश बोले _" नही मम्मा , , हमे छोल कल मत जाओ , , ,"

सिंध्या दोनो के पास बैठते हुए बोली _" अरे पर में कल आ जाऊंगी न ,  , आप तब तक यही खेलो "

अश्विका मना करते हुए बोली _" नही , , नही , , अश्वि और बले भाई भी आपके छात चलेंगे।"

उनकी बात सुन सिंध्या परेशानी से दादी की तरफ देखती हैं , दादी भी सिंध्या की परेशानी समझ बोली _" कोई बात नही इन्हे भी अपने साथ ले जाओ कल आजाना ।"

दादी की बात सुन अश्विका खुशी से कूदने लगती हैं वही ईधांश भी खुश लग रहा था।

सिंध्या दोनो का कुछ जरूरी सामान एक बैग में रखती हैं कर दोनो को ले कर में बैठ जाती हैं तो ड्राइवर गाड़ी सिंध्या के फ्लैट की तरफ ले जाता हैं।

रात के समय जब अश्विन मेंशन आता हैं तो मेंशन में काफी शांति लग रही थी , इतनी शांति देख वो बोला _" आज इतनी शांति हैं , , मेरे तूफान कहा हैं दिख नही रहे , , ना ही उनकी आवाज आ रही हैं ।"

यह कहते हुए अश्विन दादी के कमरे की तरफ बढ़ जाता हैं। कमरे में दादाजी अपनी रॉकिंग चेयर पर बैठे कोई सी बुक पढ़ रहे थे और दादी माला जप रही थी।

अश्विन को अपने कमरे में देख दादी माला जपना बंद कर बोली _" क्या हुआ , , अश्विन , , कुछ काम था क्या बेटा  ?"

अश्विन अपना सिर हिलाते हुए बोला _" बच्चे नही दिख रहे हैं , , कही गए हैं क्या वो ?"

दादी अपना सिर हिलाते हुए बोली _" अरे हा बेटा , , में तुम्हे बताना भूल गई , , दोनो बच्चे सिंध्या के साथ उसके फ्लैट पर गए  ।कल तक आ जाएंगे ।"

अश्विन हैरान होते हुए बोला _" पर वो दोनो गए ही क्यों , , आपने जाने केसे दिया उन्हे सिंध्या के साथ "

दादी अश्विन को समझाते हुए बोली _" अरे बेटा , ,समझो , , वो दोनो ज़िद कर रहे थे । सिंध्या को काम से जाना था और वो जाने की जिद कर रहे थे तो मेने जाने के लिए हा कह दिया ।

अश्विन अपना सिर ना में हिलाते हुए बोला _" जो भी हो में  लेने जा रहा हु ,  ,उन्हे , , आप लोग सो जाना , , ।" यह बोल वो वहा से निकल गया।

दादी और दादाजी बस अपना सिर ना में हिला देते हैं उन्हें अश्विन का पता ही था वो ऐसा ही हैं हमेशा से। , ,

To be continue

Kesa lga part aaj ka btana mat bhulna aap sab , , review do yaar mujhe ek bhi review nahi mila hein itne din se , ,


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