अब तक
श्रद्धा के मुंह से उसकी मां को प्वाइजन देने की बात सुनकर और 7 साल पहले वाले एक्सीडेंट में उसके पिता मोहन वाधवा का हाथ होने के बाद जानकर सिद्धार्थ एक बार शौक हो गया उसे इतना तो पता था कि किसी ने उसकी मां को प्वाइजन दिया था और वह आदमी अब तक फरार है सिद्धार्थ बहुत ही ज्यादा उसे ढूंढने की कोशिश कर रहा था लेकिन अभी तक वह नहीं मिल पाया था लेकिन अब उसके पास एक और मकसद हो गया था उसे जानना था कि आखिर 7 साल पहले जो एक्सीडेंट हुआ था उसमें मोहन वाधवा का हाथ था या नहीं था इसी बात की तहकीकात के लिए वह भी ऑफिस से निकल गया।
अब आगे
सिद्धांर्थ अपने ऑफिस पहुंचा उसने अपने असिस्टेंट क़ो बुलाया और इसे 7 साल पहले हुए एक्सीडेंट की पूरी डिटेल निकलावाने क़ो कहा, उस समय वो एक्सीडेंट के 2 दिन बाद हीं जर्मनी चला गया था इसलिए वो उस एक्सीडेंट के बारे में पता नहीं लगा पाया, उसे कही न कही ये हादसा लगा था इसलिए उसने इस बारे में कोई तहकीकात भी नहीं करवाई थी। लेकिन आज श्रद्धा की बातो ने उसे एक पॉइंट दें दिया था की उस दिन जो एक्सीडेंट हुआ था वो कोई हादसा ना होकर शायद कोई चाल थी, सिद्धांर्थ के लिए ये मैटर सिर्फ श्रद्धा से हीं नहीं बल्कि कारणवीर से भी जुडा था क्योंकि उस एक्सीडेंट में उसके दोस्त ने अपना सबकुछ खो दिया था।
वही दूसरी ओर श्रद्धा अपने कंपनी के काम में बहुत ज्यादा बीजी हो गयी थी उसने जब अब तक के अकाउंट की जाँच करवाई तों पता चला की मोहन वधवा ने अब तक ना जाने कितने हीं स्कैम किये है, उसने तों उसकी माँ की कंपनी क़ो लगभग अंदर से खोखला हीं कर दिया था। अगर ऐसा हीं चलता रहा होता तों कुछ हीं समय में उसकी माँ की कंपनी दिवालिया हो जाती। श्रद्धा ऐसा नहीं होने दें सकती थी क्योंकि ये कंपनी उसकी माँ क़ो उसकी नानी ने दिया था, उसकी माँ ने उसे। श्रद्धा के नाना, नानी का मनना था की पिता की सम्पति पर बेटे और बेटी दोनों का हक़ होता है।
श्रद्धा के नाना की सारी प्रॉपर्टी उनकी नानी की थी, श्रद्धा की मां का कोई भाई नहीं था इसलिए वह सारी प्रॉपर्टी श्रद्धा की मां को मिली और उनकी विरासत में श्रद्धा को जिसे उसके सौतेली पिता मोहन वाधवा हथियाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने धोखे से उनसे शादी की थी, लेकिन सही टाइम पर श्रद्धा की मां को उनके बारे में पता चल गया और उन्होंने अपनी सारी प्रॉपर्टी श्रद्धा के नाम पर ट्रांसफर कर दी, लेकिन इस बात की भनक उन्हें लग गई थी। उन्होंने कुछ फ्रॉड पेपर्स बनवा कर वह सारी प्रॉपर्टी हर अपनी थी लेकिन आज श्रद्धा ने वह सारी प्रॉपर्टी अपने नाम पर वापस ले ली थी।
इन सभी कामों में दो दिन बीत गए थे श्रद्धा इन दो दिनों में बिल्कुल भी आराम नहीं की थी वह पूरा टाइम काम करती थी और मुश्किल से 4 से 5 घंटे ही सोती थी, सही मायने में उसके पास अब उसकी जिंदगी में उसकी मां की प्रॉपर्टी को सही से संभालता है उसकी जिंदगी का मकसद था क्योंकि अब वह अपनी जिंदगी में किसी को भी नहीं चाहती थी सिद्धार्थ से मिले धोखे के बाद वह प्यार और शादी जैसे रिश्तों पर अपना विश्वास पूरी तरह से खो चुकी थी। तीसरे दिन श्रद्धा अपने ऑफिस के केबिन में बैठी हुई थी उसके सामने कुछ लोअर बैठे हुए थे उन सभी ने श्रद्धा को कुछ बातें समझाई उसके बाद श्रद्धा ने एक पेपर बनाया और उसे लॉयर को देकर कहा आप जल्दी से जल्दी इस पर प्रक्रिया कीजिए और मुझे जल्द से जल्द इसका रिजल्ट चाहिए।
सभी ने श्रद्धा को हां में जवाब दिया और वहां से चले गए उनके जाने के बाद श्रद्धा ने अपना सिर्फ चेयर के पीछे टिकाया और अपनी आंखें बंद करके कहा बस बहुत हो गया मिस्टर वाधवा अब आपकी जिंदगी की उल्टी गिनती शुरू आपने मेरी मां को धोखा दिया आपके उसे धोखे की वजह से मेरी मां डिप्रेशन में चली गई मेरी मां को अपने ही प्वाइजन दिया यह मैं बहुत अच्छे से जानती हूं उसका प्रूफ तो नहीं मिला लेकिन इस बात का प्रूफ मिल गया है कि आपने इतना फ्रॉड किया जिसके लिए आपको जेल पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।
वहीं दूसरी तरफ सिद्धार्थ अपने ऑफिस में बैठा हुआ था उसके सामने एक आदमी खड़ा था। सिद्धार्थ का और इस समय बहुत ही ज्यादा खतरनाक था वह सामने खड़ा इंसान कोई और नहीं बल्कि वही था जिसे सिद्धार्थ ने हायर किया था श्रद्धा की मां के एक्सीडेंट से रिलेटेड सभी बातों को पता करने के लिए। सिद्धार्थ ने उसे आदमी को घूरते हुए कहा अब तुम्हारे बोलने के लिए मैं क्या मुहूर्त निकवाउ बोलना शुरू करो। सिद्धार्थ के इतना कहते ही राजा जो कि उसे आदमी का नाम था उसने बोलना शुरू किया। सर पता चला है कि श्रद्धा मैडम की मां को डिप्रेशन की प्रॉब्लम थी और इस प्रॉब्लम के चलते वक्त कुछ दवाइयां लेती थी।लेकिन उनकी कार में उस दिन जो दवाइयां मिली थी मैंने उसे पुलिस से निकलवा लिया है देखने से तो वहडिप्रेशन की आप दवाएं लग रही थी लेकिन जब मैं उनका चेक करवाया तो पता चला वह डिप्रेशन के दवाइयां नहीं थी बल्कि एक ऐसे तरह का ड्रग था जिसमें इंसान धीरे-धीरे अपना होश खो देता है और उस दवा को खाने के बाद उसके बहुत ही खतरनाक साइड इफेक्ट्स होते हैं।
मुझे यह भी पता चला है कि श्रद्धा मैडम की मां के एक्सीडेंट के बाद जो उनका चेकअप हुआ था उनके रिपोर्ट में भी कुछ गड़बड़ की गई थी उन रिपोर्ट में साफ-साफ दिखाई गया था कि वह डिप्रेशन की वजह से उसे एक्सीडेंट का शिकार हुई थी लेकिन सही मायने में उसे ट्रक की वजह से वह शिकारी थी जिसकी वजह से उन्हें अजीब वजह वैल्यूएशन होते थे और उसे समय भी ड्राइविंग करते समय उनकी वही हालत थी जिसकी वजह से उन्हें उनका एक्सीडेंट हो गया। सिद्धार्थ जैसे-जैसे यह सब सुन रहा था मोहन वाधवा के लिए उसका गुस्सा वैसे-वैसे बढ़ते जा रहा था उसे एक्सीडेंट में न सिर्फ श्रद्धा का एक्सीडेंट हुआ बल्कि वह एक ऐसी प्रॉब्लम का शिकार हो गई जिसकी वजह से उन दोनों में आज इतनी दूरियां आ गई है।
इस एक्सीडेंट की वजह से श्रद्धा की मां इतने सालों तक कोमा में रही, सिद्धार्थ ने उसकी तरफ देखा और कहा और कोई जानकारी उसकी बात पर उसे आदमी ने कहा सर हमने उसे आदमी को पकड़ लिया है जिसमें उनकी मां को प्वाइजन दिया था। यह सुनते ही सिद्धार्थ ने उसे इतना पूछा कहां है वह उसने कहा सर हमने उसे अड्डे पर रखा है।
क्या करेगा सिद्धार्थ उसे आदमी के साथ जानने के लिए
To be continued ♥️♥️♥️
राधे राधे