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80% मेरी मोहब्बत / Chapter 4: चाहत की जान है खतरे मैं

Capítulo 4: चाहत की जान है खतरे मैं

अर्जुन ने नताशा को, एक सुनसान जगह पर केद करके रखा था |

किसी के कदमों की अबाज सुनके जब नताशा अपना सर ऊपर करती है, तो वो सामने खड़े सक्स को देख कर हैरान रह जाती है, और वो बोलती है —"अर्जुन तुम, तुमने मुझे यहाँ रखा है, पर क्यू नहीं ये झूठ है ,खोलो मुझे अर्जुन आखिर तुमने मुजे क्यूँ रखा है यहाँ "

  अर्जुन सामने रखे सोफे पर किसी राजा की तरह बैठा था, नताशा की बात सुनके वो रवि को कुछ इशारा करता है, रवि तुरंत नताशा के सामने राखी एक टेबल पर कुछ तस्वीरें रखता है, उन तस्वीरों को देख कर नताशा कि आँखे हैरानी से बड़ी हो जाती हैं

—"क्या अब भी तुम्हें कुछ बोलना चाहिए", अर्जुन अपनी रोबदार अबाज मैं बोलता है,

—"अर्जुन मेरी बात सुनो, जैसा तुम सोच रहे हो वेसा कुछ नहीं है, I can make you understand, give me a chance"नताशा ने कहा

दरहसल रवि ने जो फोटो नताशा को दिखाये थे, वो नताशा के ही थे ,जिनमें वो किसी लड़के के साथ थी| —"क्या explain करोगी तुम Ms.नताशा बजाज"  अर्जुन अपनी सर्द अबाज में बोलता है|

अर्जुन की अबाज सुनके एक बार के लिए तो नताशा भी डर गई

, फिर अपनी पुरी हिम्मत से बोलती है, —"अर्जुन में तुमसे प्यार करती हूंँ हमारी सादी होने वाली थी,

उसकी बात सुनके अर्जुन तिरछा मुस्कुराता है ,और बोलता है,   —"तुमने सोचा भी कैसे की में तुमसे सादी करूँगा, अर्जुन सिंह राणावत नाम हे मेरा, तुम्हें क्या लगता है ,दादाजी को बेबकूफ बना सकती हो ,तो क्या मुझे भी बना सकती हो।"

रवि बोलता है —"तुमने अपने बॉयफ्रेंड को तो छोड़ दिया और अपना अपना भी करा लिया, फिर भी तुम दुनिया को ऐसी दिखती हो जैसे कि, तुम इस दुनिया की सबसे pure लड़की हो,"

ये सुनकर नताशा एक दम बर्फ की तरह जम गई, उसने सोचा भी नहीं था उसका ये सीक्रेट अर्जुन को पता चल जाएगा, वो कुछ नहीं बोल सकी,

अर्जुन  हस्ते हुए उस्से बोला ,—"मुझे क्या तुम बेबकूफ समझती हो, तुम्हें क्या लगता है , में ऐसे ही इतने बड़े empire का owner हूँ , तुम्हें क्या लगता है तुम दादाजी को इम्प्रेस करके मुझसे सादी कर लोगी, हाँ ये सच है कि तुम्हारा स्टेटस बहुत बड़ा है, तुमसे कई अमीर लड़के  सादी करना चाहते हैं ,पर असल में तुम्हारा स्टेटस इतना गिरा हुआ है , कि में तो तुमसे कभी सादी नहीं करुंगा, जो लड़की अपने बॉयफ्रेंड को दौलत के लिए छोड़ सकती है, अपना बच्चा मार सकती है, वो लड़की राणावत  परिवार की बहू कभी बन ही नहीं सकती।"

उसने कभी सोचा भी नहीं था ,कि अर्जुन उसकी सच्चाई जनता होगा, नताशा को अब डर लगने लगा वो, ये बात अच्छे से जानती थी ,कि अर्जुन कितना खतरनाक है, उसे लोग ऐसे ही devil 😈 नहीं कहते है, अर्जुन धोखा देने वालों को रातों-रात गायब करबा देता था| 

ताशा कुछ सोचती है ,फिर बोलती है  —"Ajun please listen to me,I love you, I love you Arjun,तुम ये ठीक नी कर रहे हो| ,

इसके आगे वो कुछ बोलती है, इससे पहले ही एक गार्ड उसके मुंह को कपडे से बांध देता है|

रवि ने पूछा  —"सर अब आगे क्या करना है" 

अर्जुन ने एक devil smile दी और कहा —"इसे इसके घर छोड़ दो ,और इसकी फैमिली को अच्छे से समझा देना की अर्जुन सिंह राणावत कोन है ,अगली बार मुझे कम आंकने की गलती ना करे|

Next morning

चलिए सुनते हैं कैसे हुई, आज की सुबह चाहत के लिए, रात में देर से सोने की वजह से चाहत को अलार्म सुनाई ही नहीं दिया और उसकी आँख पल्लवी के  कॉल से खुलती है, चाहत अभी भी नींद मैं ही पल्लवी से बोलती है —"हेलो",

फोन की दूसरी तरफ से पल्लवी ने फटाक से पूछा, —"हेलो में कॉलेज पहुंच गई कहाँ है तू" 

ये सुन चाहत जल्दी से उठकर बैठ जाती है और फिर समय देखती है, वह और जल्दी से कमरे से बहार आते हुए बोलती है   —"माँ कहाँ हो ,आपने हमें उठाये क्यूं नहीं हम कॉलज के लिए लेट हो गए ना"

चाहत की माँ चाहत के पास आती हैं, और वह बोलती हैं—"वो बेटा हम चाहते हैं की तुम कुछ दिन कॉलेज मत जाओ, देखो कल जो भी हुआ मेरा मतलब तुमारी सगाई टूट गई बाहर ,लोग बातें बनाएंगे," 

 चाहत कहती  —"माँ आप भी ना अब लोगों के डर से हम कॉलेज भी ना जाएं," 

पीछे से चाहत के दादाजी की अबाज आती है वो चाहत की बात मैं उसका साथ देते हुए कहते हैं, —"बेटा तुम्हारी  माँ तो, मुझसे भी बुड्डि हो गई है, ऐसा सब तो मैं भी नहीं सोचता, क्या बहू लोगों का तो काम है कहना, कुछ तो कहेंगे वो" इतना बोल वो हसने लगते हैं।

 फिर   वो चाहत को देख कर हस्ते हें, स्वर्णिम जी उन दोनों की बात सुनकर अपना सर पिट लेती हैं, करो जो करना है तुम्हें ,हमारी  यहाँ सुनता कोन है " स्वर्णिमा जी ने उन दोनों की तरफ़ देख कर कहा

तबी प्रिया नीद  में अपनी आंखें मलते हुए बहार आती है, —" माँ हमारे लिए एक बढ़िया सी चाय" , 

उसकी बात सुनकर स्वर्णिमा जी को और गुस्सा आ जाता है वो गुस्से मैं कहती हैं —"ये देखो ये महारानी को तो हर चीज हाथ में ही चाहिए, हमने यहाँ होटल खोला है हम यहाँ तुम लोगों के ओर्डर लेने ही तो बैठे हैं हमारी बात तो कोई मानता नहीं है "  ये कहकर वो किचन में चली जाती हैं

और चाहत अपने कमरे में जाके कॉलेज के लिए तैयार होने लगती है

प्रिया को तो अभी तक समझ नहीं आया कि उसे किस बात के लिए सुबह सुबह इतनी डाँट पड़ी, चाय तो वो रोज पीती है। 

वो भी अपने सर को खुजलाते हुए अपने कमरे में चली जाती है।

थोड़ी ही देर मैं चाहत कॉलेज के लिए निकल जाती  

कुछ समय बाद

राणावत पैलेस से एक साथ 5 कार निकलती हैं ,एक मैं अर्जुन होता है बाकी मैं उसके बॉडीगार्ड।                                      

इदर चाहत किसी सक्स से बचने के लिए दौड़ रही थी, डर की वजह से चाहत का गला सुखने लगा, वो बस दौड़े चली जा रही थी।वो इतना तेज दौड़ रही थी, कि उसकी साँसे फुलने लगी। 

      उसके दिल की गति इतनी तेज हो गई कि उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया और वो लड़खड़ा कर रोड पर गिर पड़ी।, और वो डर और सोक की वजह से बेहोस हो गई। उसके गिरते ही सामने काले रंग की कार तेजी से उसके सामने आके रुकती है।               सड़क सुंसान होने की वजह से गाड़ी अपनी फुल स्पीड में थी, इसलिए ब्रेक लगने की वजह से गाड़ी के ब्रेक की जोरदार आवाज आई। अचानक ब्रेक लगने की वजह से उस गाड़ी के आ रही बाकी गाड़ी भी रुक गई हमारी ,कार का ड्राइवर बाहर आया, उसने देखा की कोई लड़की है,

पीछे वाली गाड़ी से रवि बहार आता है और ड्राइवर से पूछता है —"  क्या हुआ यूँ अचानक ब्रेक क्यू लगाई,"   

जो इज्जत रवि अर्जुन को देता था, वही इज्जत अर्जुन के बाकी लोग रवि को देते थे, उस ड्राइवर ने रवि की ओर देखकर हिचकिचाते हुए कहा —"सर वो लड़की, मेरा मतलब है ,एक लड़की अचानक गाड़ी के सामने आके बेहोस हो गई| "

ड्राइवर की बात सुनकर रवि उस तरफ देखता है, एक लड़की अपनी पीठ के बल सड़क पर बेहोस पड़ी थी, वो उसके पास बढ़ता है, तबी गाड़ी का गेट खुलने की अबाज आती है, रवि पीछे देखता है तो अर्जुन गाड़ी से बाहर आता है, वो रवि से पूछता है           

—"क्या हुआ कोई समस्या है। रवि बोलता है —" सर वो लड़की,"

अर्जुन उस तरफ देखता है, जहाँ रवि ने इशारा किया और उस लड़की के पास जाकर रवि को इशारा करता है । रवि उस लड़की को उठाने की कोसिस करता है, जैसे  ही रवि उस लड़की का चेहरा अपनी तरफ किया, तबी उस लड़की के हाथ में पहनी वॉच से लाइट अर्जुन के चेहरे पर जाती है ,और वह अपना चेहरा अपना एक हाथ से ड़क लेता है

मगर जैसे ही उसकी नजर उस लड़की के चेहरे पर जाती है। वो  सोक हो जाता है और उसके मुहॅ से अचनाक से निकलता है —"ये तो " इतना बोल कर वो अपनी तेज आवाज मैं रवि को ऑर्डर देता है,      —"रवि गाड़ी स्टार्ट करो",

इतना बोल कर वो आंगे बड़कर चाहत को अपनी गोद मैं उठा लेता है,और वैसे ही उसे अपने गोद में   लिए अपनी गाड़ी की बैक सीट पर बेथ जाता है| ये देख रवि और बाकी गार्ड सदमे मैं थे, मगर जैसे ही अर्जुन की आबाज उनके कान मैं पडती है वो लोग भी अपनी गाड़ी में बेथ जाते हैं|

उनकी कार हाबा से बातें करते हुए करीब 10 min  मैं ही एक अस्पताल के बाहर आके रुकती है अर्जुन, चाहत को अपनी बााहोँ में लिए ही अंदर चला जाता है।  अस्पताल के कॉरिडोर मै डॉक्टरों की पूरी टीम खड़ी थी,

दरशल ये अस्पताल राणावत परिवार का ही था, रवि ने पहले ही अस्पताल में कॉल कर दिया था, 

आँगे क्या होगा, क्या रंग लाएगी अर्जुन और  चाहत की ये  मुलाकात।? 


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