काला और कलाकारों से
हमारा नाता आज का नहीं
यह नाता बरसों पुराने है
यह दौर तो बस चलता रहे
सुरुवात लड़कपन में हुआ
ख़त्म आखिरी सांस में होगा
बहुरुपया हूँ वेश बदलना है
खेल में हो या जीवन में
चाहे गम हो या ख़ुशी
सदा मुस्कुराना है
लोगों का हर वक़्त दिल
सदा बेहलाना है
----Raj