टैंग मोर की पानी से भरी आँखें और खूबसूरत नाक लाल होने लगी थी लेकिन फिर भी उसने जिद्द और प्रचंडता के साथ उस पर झपटते हुए खुद को एक भी आँसू बहाने की इजाजत नहीं दी। "गू मोहन, आप बेहतर सोच समझ लो। मुझे तुम्हारे लिए कुछ भी खोजने मत दो अन्यथा मैं तुमको कभी जाने नहीं दूँगी!"
हालाँकि उसने खुद को बेहद जिद्दी मजबूत इंसान के तौर पर पेश किया पर फिर भी वह एक छोड़े गए बिल्ली के बच्चे की तरह दयनीय दिख रही थी। गू मोहन ने अपने होठों को उस पर दबाया और बाहर निकलने से पहले अपनी कमर पर धातु की बेल्ट बांध ली। वह अपने आपको और अधिक वहाँ पर रहने नहीं दे सकता था क्योंकि उसे डर था कि वह जल्दी ही आत्म-नियंत्रण खो देगा और उस छोटी सी लड़की को चोट पहुँचा बैठेगा!
वह जल्द ही उसकी नज़र से ओझल हो गया पर जाने पहले मोर ने उसे एक कॉल करते हुए सुना, "कहाँ हो तुम, चलो कुछ पीने चलते है..."
लू क्युईयर विशिष्ट आरामगृह से बाहर की तरफ आई और उसकी आवाज़ आसानी से सुनी जा सकती थी, " भाई मोहन, तुम कहाँ जा रहे हो, मैं तुम्हारे साथ चलती हूँ।"
क्या वह चला गया?
मुझे प्रताड़ित करने के बाद वह पीने-पिलाने के दूसरे सत्र के लिए लू क्युईयर को अपने साथ ले गया!
टैंग मोर के टांगे कमजोरी के कारण ढह गई और उसका नाजुक शरीर धीरे-धीरे दीवार के सहारे नीचे गिर गया। उसने अपनी पतली बाँहे अपने इर्द-गिर्द लपेट लीं और अपने घुटनों में अपना सिर दबा लिया । इस दौरान उसके आँसू उसके गालों से लगातार नीचे गिर रहे थे।
एक खाली उदासी ने उसे अंदर से खा लिया था। जब मोर ने उसे दूर जाते देखा उसे ऐसा लगा कि जैसे उसके जीवन की कोई महत्वपूर्ण चीज गायब हो गई थी। क्या ऐसा लग रहा था जैसे कि उस का दिल टूट गया हो?
वह उसके प्यार में थी।
उसे गू मोहन से प्यार हो गया था।
जब सू ज़ेह ने उसे धोखा दिया था तब वह गुस्से से भर गई थी पर उसने एक भी आँसू नहीं बहाया था। हालांकि गू मोहन के जाने पर उसके दिल में दर्द हो रहा था। वह उसके कारण अपने आँसूओं को बहने से रोक नहीं पा रही थी।
एक गहरी पीड़ा उसके दिल पर छा गयी थी जिसने उसके दिल को टुकड़ों में तोड़ दिया था। यह केवल उसकी वजह से था।
कोई भी केवल अपने प्रियजनों के लिए आंसू बहाता है।
गू मोहन नाम का वह शख्स अचानक उसके जीवन में आ गया था और उसे एक चक्रवात जैसे प्यार में बहा ले गया था । उन दोनों का प्यार जो एक महीने से अधिक समय तक चला था अब लग रहा था कि उनका यह अल्पकालिक संबंध शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गया था। यह काफी अफसोसजनक था कि इस सम्बंध को इतने अजीब और शर्मनाक तरीके से समाप्त करना पड़ा था।
टैंग मोर ने अपने हाथों से अपने चेहरे के आँसू पोंछे और उसके बाद वह उठकर खड़ी हो गयी। सू ज़ेह का अचेत शरीर कालीन पर बेतरतीब ढंग से फैला हुआ था। यह स्पष्ट था कि गू मोहन ने उस पर कोई दया नहीं दिखाई थी।
उसने अपना सेल फोन बाहर निकाला और 120 नंबर डायल किया। एम्बुलेंस के लिए कॉल करने के बाद वह अपने कमरे में लौट गई।
सू ज़ेह इसी का हकदार था और मोर को उसके प्रति बिल्कुल बुरा नहीं लग रहा था…
जब वह कमरे में पहुँची तो वहाँ लिन शियू थी जो नहाने के बाद बैठी हुई थी और उसने रात्रि के लिए एक काले रंग लेस वाली पोशाक पहनी हुई थी। वह ड्रेसर के सामने बैठ गई और अपने युवा चेहरे पर त्वचा की रखरखाव वाले उत्पादों को लगा रही थी।
टैंग मोर ने दरवाजा खोला और अंदर चली गयी। टैंग के अंदर आने पर लिन शियू ने उसे देखते हुए उसके चेहरे की ओर सावधानी से नज़र दौड़ाई। "क्या बात है क्या गू मोहन ने तुम्हें रुलाया है?"
निराश महसूस करते हुए टैंग मोर अपने बिस्तर की ओर चली गयी, वह उस पर बैठना चाहती थी लेकिन वह ऐसा कर नहीं सकी। जैसे ही वह बिस्तर पर बैठने लगी दर्द के कारण वह हड़बड़ा गई और उछल पड़ी क्योंकि हल्के से दवाब पर भी घाव दर्द कर रहा था।
"मोर, क्या तुम्हारे नीचे के हिस्से में दर्द हो रहा है या ... ये कुछ और है?" लिन शियू ने ड्रेसिंग टेबल के पास बैठे बैठे एक सुझाव देते हुए उसे अपनी पारखी नज़र से जांचना जारी रखा। लिन की नज़र टैंग मोर के पैरों के बीच टिकी थी और ऐसा करते हुए उसके चेहरी पर बदमाशी भरी मुस्कान साफ झलक रही थी।
टैंग मोर दौड़ते हुए उसके पास गयी और उसकी पतली कमर के आसपास अपनी बाँहें लपेट दीं। उस समय उसने लिन शियू को गुस्से से देखा और पूछा, "शियू, मुझे बताओ कि तुम्हारी नज़र इतनी जहरीली क्यों लग रही है?"
शियू को हर चीज़ के बारे में पता था क्योंकि उसकी आंखों से कुछ भी छुप नहीं सकता था।
लिन शियू ने टैंग मोर को एक नज़र देखा और उसके सिर की ओर इशारा करने के लिए अपने हाथ का इस्तेमाल किया। "आँखें दिमाग के द्वारा नियंत्रित होती हैं और इसलिए ऐसा मेरी आँखों के कारण नहीं है बल्कि मेरी समझदारी के कारण है।"
क्या शियू अब उसकी बुद्धिमत्ता को मामूली समझ रही थी?
अच्छा! कितनी निर्दयी हो तुम !
लेकिन मन ही मन टैंग मोर खुद को यह स्वीकार करने से रोक नहीं पाई हैं कि लिन शियू वास्तव में कारघालिक की बेमिसाल प्रतिभा थी।
टैंग मोर आगे बोलना चाहती थी पर जैसे ही दुबारा उसने अपने होंठ को हिलाया तो उसने महसूस किया कि उसके गले में पेट के एसिड की जलन है। वह अपने छोटे हाथ से अपनी छाती पर हाथ रखती हुई बाथरूम के अंदर की तरफ भाग गयी थी।
आँसू की एक धारा उसकी आँखों से बहते हुए उसके गाल से टपकने लगी।
वह असहज महसूस कर रही थी| आखिर क्यों उसे इतनी बुरी तरह से उल्टी हो रही थी?
लिन शियू टिशू के डिब्बे के साथ उसके पास गयी और उसके हाल पूछने से पहले वह टैंग मोर की ओर झुकते हुए घुटनो के बल बैठ गयी और कहा , "मोर, क्या तुम्हारा पेट खराब है या ... तुम गर्भवती हो?"
गर्भवती?