अब तक
उस lady की बात सुन अश्विन अपने स्टाफ को फोन कर दोनो बच्चो के लिए कुछ हेल्थी सा खाना मंगवाता हैं । थोड़ी देर में उसका खाना आ जाता हैं अश्विन दोनो को बारी बारी खिलाता हैं।
अश्विका का रोना बंद हो गया था वो अब खिलखिला कर अपने भाई को परेशान कर हस रही थी। वही इधांश बस उसे देखे जा रहा था।
इधांश और अश्विका को देख अश्विन अपने मन में बोलता हैं _" यह दोनो मेरे जेसे दिखते हैं और इधांश वो तो मेरा ही कॉपी लगता हैं , , पर यह केसे पॉसिबल हैं , , में इस DNA report पर विश्वास नहीं कर सकता हु में खुद करवाऊंगा टेस्ट , , " यह सोच वो दोनो को देखने लगता हैं।
तभी अचानक से उस ऑफिस का गेट धम्म की आवाज से खुलता हैं , , जिससे अश्विका डर जाती हैं और रोने लगती हैं।
अश्विका के रोने से अश्विन जल्दी से उसे गोद में ले चुप करवाने लगता हैं और ऑफिस के अंदर आए आदमी को घूर बोलता हैं _" आराम से नही आ सकता था , , , रुला दिया न , , मेरी बेटी को " यह बोल वो अश्विका को चुप करवाए जा रहा था।
वो इंसान हैरानी से बोलता हैं , , , _" क्या , , , तेरी बेटी , , , ,"
अब आगे
अश्विन एक नजर अपने बेवकूफ दोस्त को देखता हैं , , , जी हा अभी आया आदमी अश्विन का बचपन का दोस्त विवान हैं । विवान दिखने में बहुत ही हैंडसम हैं और अश्विन का जिगरी दोस्त जो की उस पार जान तक दे सकता हैं।विवान अश्विन के अपोजिट हैं पर अपने काम को ले कर बहुत ही सीरियस हैं।
बैक टू स्टोरी
विवान अश्विन की बेटी को अपने आंखे फाड़े देखे जा रहा था तभी उसके कानो में एक और आवाज पड़ती हैं _" डैडी , , गोदी , , "
यह आवाज सुन विवान अपनी नजर घुमा कर देखता हैं तो अश्विन के पीछे उसका छोटा सा कॉपी खड़ा हुआ था । उसे देख कर तो विवान को हार्ट अटैक ही आने वाला था।
विवान अपने दिल पर हाथ रख अश्विन से बोलता हैं _" अबे आधे घंटे में तेरे इतने बड़े बच्चे कहा से पैदा हो गए , , , और दादी दादा जी ने अगर इनको देख लिए बेटा तब तो तुझे बेल्ट पड़ेगी ।, , तेरा कही चक्कर चल रहा था क्या , , , "
विवान की बात सुन कर अश्विन का मन कर रहा था अभी उसे खिड़की से फेक दे ।
अश्विन अश्वीका को सोफा पर बिठा उसके हाथ में एक छोटा सा टेडी डे देता हैं जिसे उसने कुछ देर पहले ही मंगाया था।
अश्विन विवान को साइड में ले जा कर सब कुछ बता देता हैं , , तो विवान हस्ते हुए कहता हैं _" 😂 हा हा तेरे बच्चे इतने बड़े हो गए तुझे पता ही नही यह किसके हैं , , , वाह बेटे , , , " यह बोल वो हसी ही जा रहा था जोर जोर से , , ,
विवान को हस्ते देख सोफे पर बैठी अश्विका भी हसने लगती हैं साथ इधांश भी।
दोनो की खिलखिलाहट सुन विवान और अश्विन की नजर उन पर जाती हैं , , वो दोनो बहुत ही प्यारे लग रही थी।
विवान अश्विन के कंधे पर मारते हुए कहता हैं _" कुछ भी कह , , तेरे बच्चे हैं तो बहुत प्यारे , , , "
अश्विन भी उन्हे प्यार से देखते हुए अपना सिर हिला देता हैं , , और उनके पास जा दोनो को अपनी गोद में उठा ऑफिस बाहर जाने लगता हैं।
तो विवान उसके पीछे भागते हुए कहता हैं _" अरे , ,, ,अरे , , ,कहा ले जा रहा हैं बच्चो को , , , " यह बोल वो उसके पीछे भागे जा रहा था।
अश्विन एक शब्द में जवाब देता हैं _" घर , , "
ओब्रॉय मेंशन
मुंबई के VVIP area में बना यह मेंशन जिसके आस पास हरियाली ही हरियाली थी उसके आस पास और कोई मेंशन या बंगलो नही थे , , ,क्युकी वहा की आधी से ज्यादा प्रॉपर्टी ओब्रॉयस की थी।
अश्विन की कार बड़े से गेट से निकल अंदर आती हैं , , मेंशन और उस गेट की दूरी 10 मिनिट की थी।
अश्विन की कार मेंशन के सामने आ कर रुकती हैं।उसकी गोद में अश्विका और इधांश थे जो टुकुर टुकुर आस पास देख रहे थे।
वही उन्ही के पीछे से विवान निकलता हैं और घर के अंदर भाग जाता हैं जिसे देख अश्विन अपना सिर हिला देता हैं और अपने क्यूट क्यूट बेबीज की तरफ देख बोलता हैं _" हमारा घर "
अश्विन दोनों को ले कर अंदर आता हैं तो उसकी नजर सामने खड़े दादा और दादी पर जाती हैं जो की उसे ही घूर जा रहे थे , , या कहे उसके गोद में बैठे बच्चो को , , उनके पीछे खड़ा विवान शैतानी स्माइल के साथ अश्विन को देख रहा था।
दादा जी अपनी बुलंद आवाज में बोलते हैं _" अश्विन यह , , सब क्या हैं , ,और कोन हैं यह बच्चे "
अपने दादा जी की बात सुन अश्विन अपना सिर टेडा कर उन्हे देख बोलता हैं _" आपको इनकी शकल किनके जेसे लग रही हैं , , और रही बात यह बच्चे हैं तो मेरे ही पर में अपने तरीके से खुद DNA test करवाऊंगा।"
दादी जी जो की बड़े ही एक्साइटेड हो कर अश्विन की गोद में बैठे बच्चो को देख रही थी , , वो दादा जी को चुप करवाए हुए कहती हैं _" अरे आप चुप रहिए , , मुझे मेरे प्यारे प्यारे परपोते और परपोती को देखने दीजिए , , कितने सुंदर हैं।"
अपनी पत्नी की बात सुन दादाजी अपना सिर हिला देते हैं ।
अश्विन अपनी गोद में बैठे बच्चो को अपनी गोद से नीचे उतार देता हैं और सामने की तरफ इशारा करते हुए कहता हैं _" दादा जी और दादा जी और वो बगल में तुम्हारा पागल चाचू , , "
यह बोल दोनो को छोड़ देता हैं तो दोनो बच्चे अपने डगमगाते कदमों से दादा जी और दादा जी की तरफ चलने लगते हैं साथ ही जोर से जोर से आवाज निकाल रहे थे _" डा दा , , डा , , डा दा , , डा , , डा"
उनकी इतनी प्यारी आवाज सुन दादा और दादी जिनके झुरियो वाले चेहरे पर किलो भर की मुस्कान आ जाति हैं। उनकी आवाज़ पूरे मेंशन में गूंज रही थी जो की अब तक वीरान पड़ा हुआ था।
अश्विका अपने छोटे छोटे से पेरो से चल दादा जी के पेरो से चिपक जाती हैं और अपने दांत दिखा हसने लगती हैं , वही इधांश दादी जी के पास चला जाता हैं।
दादा और दादी दोनो बच्चो को अपने गोद में उठा लेते हैं।
दादी इधांश को देख अश्विन से बोलती हैं _" अश्विन यह तो तुम्हारा छोटा सा कॉपी लग रहा हैं बचपा में तुम बिलकुल ऐसे थे बस इसकी नाक तुम्हारी जैसी नही हैं।" वही दादा जी अश्विका को देख बोलते हैं" इस बच्ची की आंखे तुम्हारे जैसी नीली हैं पर चेहरा इसकी मां के जैसा हैं शायद , , , , पर इन बच्चो की मां कोन हैं "
अश्विन अपने कंधे उचकाते हुए कहता हैं _" मुझे नही पता "
दादा और दादी हैरानी से , , "क्या , , ,तुम्हे नही पता "
To be continue
Kesa lga part bta bhi do yaar , , kisi ke review nhi aa ye padh toh rahe hi aap , , toh review bhi de do taki mujhe bhi pta chale aap sab ko kesa lag rha hein
acchi toh lag rahi hein na meri yeh novel ki story. btana zarur