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4% The passion of love / Chapter 2: accident

Kapitel 2: accident

एक लड़की रोड पर अपना कुछ सामान लिए चली जा रही थी तभी एक गाड़ी आती है और उसे लड़की को टक्कर मार देती है जिससे वह लड़की पास में ही गिर जाती है उसे ज्यादा चोट तो नहीं आई थी फिर भी उसके हाथ में हल्का सा फैक्चर और सर पर हल्की सी खरोच आ गई थी। जिस गाड़ी से उसका एक्सीडेंट हुआ था उसने उसे अस्पताल पहुंचा दिया था।

उसे होश में आने के बाद सामने एक औरत दिखाई देती है और उसे माफी मांगती है तो वह भी उसे माफ कर देती है और जाने को कहती है उसके बाद वह अपना फोन उठाती है और अपने हस्बैंड को फोन करती है लेकिन इतने फोन रिंग जाने के बाद भी उसका फोन नहीं उठाता है तो वह अपने बेस्ट फ्रेंड को फोन करती है।

उस लड़की के सिर पर पत्तियां और हाथ में भी पत्तियां बँधी हुई थी, उसे उसे रूम में बैठे-बैठे अजीब सा महसूस हो रहा था इसलिए अब बाहर कॉरिडोर में निकल जाती है, वह कॉरिडोर में इधर उधर टहल ही रही होती है तभी उसे सामने से अपना हस्बैंड भागते हुए आधा दिखाई देता है उसके पीछे ही उसका सेक्रेटरी भी आ रहा होता है उसे देखकर उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है, लेकिन उसका हस्बैंड इतनी जल्दी में था कि उसने उसकी तरफ ध्यान भी नहीं दिया कि वहां कोई खड़ा है और भागते हुए दूसरे वार्ड में चला जाता है।

यह लड़की कोई और नहीं हमारी मेंन फीमेल लीड श्रद्धा होती है, और जो लड़का भाग के आता है उसका हस्बैंड सिद्धार्थ  होता है। श्रद्धा सिद्धार्थ का पीछा करती है और देखते हैं कि सिद्धार्थ जी वार्ड में गया है उसे वार्ड में एक लड़की बैठी हुई है, उसे लड़की की उम्र यही कोई 23 24 साल की होगी, उसे लड़की के कंधों पर और हाथ पर थोड़ी सी खरोच आई होती है वह बहुत ही परेशानी में उसे देखे जा रहा था जैसे वह उसके लिए बहुत नायाब हो, श्रद्धा उसे देखकर पहचान जाती है कि वह लड़की कोई और नहीं एक एक्ट्रेस होती है जिसका नाम होता है माया, श्रद्धा ने माया और सिद्धार्थ के अफेयर की बहुत सारी खबरें सुनी होती है लेकिन वह कभी भी उन पर यकीन नहीं करती, क्योंकि वह सिद्धार्थ पर पूरा यकीन करती थी कि सिद्धार्थ भले उसके साथ कोई भी संबंध नहीं रखता है लेकिन वह उसे कभी धोखा नहीं देगा।

लेकिन आज यह नजारा देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए थे वह धीरे-धीरे चलकर अपने वार्ड में चली जाती है तो उसे वहां उसकी फ्रेंड मिलती है जो उसे वहां से डिस्चार्ज करवा कर अपने घर लेकर चली जाती है। सनम के बहुत पूछने पर भी श्रद्धा उसे कुछ नहीं बताती है और उसके घर पर ही हफ्ते भर तक स्ट्रे करती रहती है, एक हफ्ते बाद जब वह ठीक हो जाती है तो वह अपने मेंशन लौट आई है। उस दिन सिद्धार्थ के घर पर ही था वह दोनों बेड पर लेटे हुए सोने की कोशिश कर रहे थे कि अचानक से श्रद्धा सिद्धार्थ के करीब आती है और उसे रहती है सिद्धार्थ, तो सिद्धार्थ उसकी तरफ देखा है तो श्रद्धा बहुत ही प्यार से कहती है तुम्हें नहीं लगता कि हमें बेबी प्लानिंग करनी चाहिए।

उसके बाद का सिद्धार्थ उसे बहुत ही अजीब तरह से देखा है और कहता है मेरे करीब आने के लिए क्या तुम्हारे पास एक यही बहाना है, तो श्रद्धा उसे रहती है क्या तुम्हें नहीं लगता हमारी शादी को 3 साल हो गए हैं हमें अपनी बीवी की प्लानिंग करनी चाहिए। सिद्धार्थ की बातों पर कोई जवाब नहीं देता है और उसका हाथ हटाकर दूसरी तरफ करवट लेकर सो जाता है।

श्रद्धा भी कुछ नहीं रहती है और वह दूसरी तरफ करवट लेकर सो जाती है लेकिन उसकी आंखों से कुछ आंसू बह जाते हैं, अगली सुबह जब उठती है तो सिद्धार्थ ऑफिस जा चुका होता है।

श्रद्धा पूरे घर पर  बस अकेली रह जाती है वह चुपचाप बैठे अपने कमरे में कुछ पेपर्स पर ड्राइंग बना रही होती है, उसके बाद वह उनकी एक सॉफ्ट कॉपी बनती है और उन्हें किसी को मेल कर देती है, यह काम श्रद्धा रोज करती है लेकिन इस बारे में सिद्धार्थ को कुछ भी नहीं पता होता है, इस बारे में सिर्फ और सिर्फ श्रद्धा की बेस्ट फ्रेंड सोनम को ही पता होता है।

सोनम उसे फोन करती है और  दोनों घूमने का प्लान बनती हैं, वह दोनों ही घूमने के लिए एक शॉपिंग मॉल में जाती हैं, दोनों ही बात करते हुए और आइसक्रीम खाते-खाते उसे मॉल में घूम रही थी उन्होंने कुछ शॉपिंग ली थी लेकिन अचानक से सामने कुछ देखकर दोनों ही रुक जाती हैं, क्योंकि सामने सिद्धार्थ के साथ माया उसका हाथ पकड़े हुए चल रही थी उन दोनों को देखकर ही लग रहा था कि दोनों बहुत ही करीब है। श्रद्धा कुछ नहीं रहती है लेकिन सोनम को बहुत गुस्सा आता है वह उसकी तरफ बढ़ने लगती है लेकिन श्रद्धा उसका हाथ पकड़ लेती है और उसे वहां से लेकर चली जाती है।

सिद्धार्थ अपने फोन में किसी से बात करते हुए चल रहा था इसलिए उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं हुआ कि श्रद्धा ने उसे माया के साथ देख लिया है।

श्रद्धा सोनम को लेकर उसके घर पर जाती है, सोनम बहुत ही ज्यादा गुस्से में थी और वह सिद्धार्थ और माया को गालियां दिए जा रही थी, श्रद्धा उसे समझा बुझा के शांत करती है और उसके घर से निकल जाती है।

ऐसे ही दो-तीन दिन बीत जाते हैं एक रोज सुबह जब सिद्धार्थ होता है तो उसे अपने बगल में श्रद्धा नहीं दिखाई देती है उसे थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि श्रद्धा थोड़ा देर तक सोती थी। सिद्धार्थ तैयार होकर बाहर आता है तो देखा है सोफे पर श्रद्धा एक पैर पर पैर रखकर बैठी हुई है।

सिद्धार्थ जाकर उसके बगल वाले सोफे पर बैठ जाता है और न्यूज़ पेपर लेकर काफी पीन लगता है, तभी श्रद्धा उसे कुछ पेपर देती है जिसे देखकर सिद्धार्थ की आंखें बड़ी-बड़ी हो जाती हैं।


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