दोनों डॉक्टर नैंसी के रास्ते में आकर खड़े हो जाते है और हताशा से अर्जुन की तरफ देख कर बोलते है
" यह मजाक नहीं है मिस्टर मेहरा.. इस जैसी छोटी और मूर्ख लड़की को क्या पता होगा? आप जल्दी करें ओर ओल्ड मिस्टर मेहरा को हॉस्पिटल भेजें.. इसी तरह से आप उनकी जान बचा पाएंगे
नैंसी अपने हाथों को सीने के सामने क्रॉस करके कहती है
" अगर आप लोग इसी तरह से समय बर्बाद करेंगे.. तो फिर मैं मिस्टर मेहरा को बचाने में सक्षम नहीं हूं.. जल्दी करिये और अपना डिसीजन लीजिये "
अर्जुन ने गहरी आवाज मैं कहा
" नीडल्स कहा है "
एक नौकर जल्दी से नीडल्स बॉक्स लेकर आया और नैंसी से बोला
" मैडम इस बॉक्स मैं बहुत सारी नीडल्स है "
" लाइटर "
रणबीर ने तुरंत उसे लाइटर दे दिया
नैंसी ने बड़ी कुशलता और निपुणता से सिल्वर नीडल्स को पहले कीटाणु मुक्त किया
यह देखकर आरिया नाक सिकुड़ते हुए सोचती है
[अपना दिखावा जारी रखो... मैं देखती हूं जब ग्रैंडपा को कुछ होगा तो अर्जुन तुम्हारी रक्षा कैसे करेगा ]
लीड डॉ संदीप बत्रा ने नैंसी की कलाई को पकड़ लिया और कहा
" मैं तुम्हें दोबारा सोचने की सलाह देता हूं जो तुम कर रही हो... इस तरह से हम जैसे रिपीटबल डॉक्टर की ही बदनामी होगी "
यह मूर्ख लड़की बहुत बड़ा जोखिम उठा रही है.. यदि इसने ओल्ड मिस्टर मेहरा को मार डाला.. तो इस लड़की के जीवन का भी अंत होगा
नैंसी की आंखें गहरी हो गई
" अगर मैं ओल्ड मिस्टर मेरा का इलाज नहीं कर पाई.. तो मैं अपने जीवन का भुगतान करने के लिए तैयार हूं "
डॉक्टर संदीप बत्रा ने उसकी कलाई छोड़कर हॉल में उपस्थित सभी लोगों से कहा
" आप लोगों ने सुना इस लड़की ने क्या कहा? इसने खुद कहा है.. अगर ओल्ड मिस्टर मेहरा को कुछ होगा.. तो इसका भुगतान यह खुद करेगी... इसमें हम जैसे रेप्युटेबल डॉक्टर का नाम नहीं आना चाहिए "
नैंसी ने उदासीनता से कहा
" अगर मैंने ओल्ड मिस्टर मेहरा को ठीक कर दिया.. तो आप क्या करेंगे "
डॉ संदीप बत्रा ने कोल्डली जवाब दिया
" अब एक छोटी मूर्ख लड़की मुझे मेडिसन के बारे में ज्ञान दे रही है... ठीक है.. अगर तुमने मिस्टर ओल्ड मेहरा का इलाज कर दिया.. तो मैं अपनी मेडिसिन यही छोड़ दूंगा "
नैंसी थोड़ा मुस्कुरा कर बोली
" ठीक है "
उसने बॉक्स से तीन नीडल्स निकाली और सोफे पर बैठकर ..ओल्ड मिस्टर मेहरा की पल्स पड़ने लगी
कुछ सेकंड बाद उसने एक सिल्वर नीडल ओल्ड मिस्टर मेहरा के... सिर के ऊपर अकुपोइन्ट के अंदर चुबाई .. फिर हाथों की कोनी और अंत में एक नीडल उनके घुटने के नीचे चुबाई
फिर उसने एक ओर नीडल उठाई और ओल्ड मिस्टर मेहरा की फिंगरटिप मैं चुबा दी.. जिससे उनकी फिंगरटिप से खून बहने मैं समय नहीं लगा
यह सब नजारा देखकर आरिया घबरा गई
" इसे रोको अर्जुन.. अगर यह ऐसे ही करती रही.. तो ग्रैंडपा की जिंदगी वाकई में खतरे में पड़ जाएगी "
अर्जुन ने उसे कोल्ड आंखों से देखा
" शट अप "
नैंसी ने दूसरे हाथ की उंगलियों में भी नीडल्स चुबा दी.. और खून को बाहर लाने के लिए उनकी उंगलियां दबा दी
2 मिनट बीत गए
5 मिनट बीत गए
10 मिनट बीत गए
कमरे के अंदर सन्नाटा है और माहौल गंभीर ..कमरे में उपस्थित सभी की निगाहें नैंसी पर चुंबक की तरह चिपकी है
डॉ बत्रा अपने बगल में खड़े डॉक्टर से नजरें मिलाते हैं और मन ही मन नैंसी को कोसते हैं
[इस छोटी लड़की से तो बस बड़ी-बड़ी बातें करवा लो.. इसको बस भ्रम है कि वो ओल्ड मिस्टर मेहरा का इलाज कर देगी.. यह बस सपना देख रही है और जब इसका सपना टूटेगा तो इसके चेहरे के एक्सप्रेशन देखना मजेदार होगा.. इस नासमझ लड़की को लगता है गांव मैं रहकर इसने बहुत बड़ी और गहरी मेडिकल स्किल हासिल कर ली है.. हः.. अगर यह इसी तरह के दिखावे की जिद पर अड़ी रही तो उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी ]
इडियट
अचानक से ओल्ड मिस्टर मेहरा खांसने लगे फिर धीरे-धीरे उन्होंने अपनी आंखें खोली.. उनको अच्छी हालत में देखकर सब हैरान हो गए
दोनों रेप्युटेबल डॉक्टर ने आँखें फाड़ कर हैरानी से ओल्ड मिस्टर मेहरा को देखा
[ यह कैसे.. कैसे मुमकिन हो सकता है ]
दूसरी तरफ आरिया का चेहरा पूरी तरह से पीला पड़ गया
[ यह चुड़ैल नैंसी मेडिकल में काफी सक्षम है? नहीं.. नहीं यह गांव की गवार केसे सक्षम हो सकती है.. शायद यह इत्तेफाक है.. हाँ यह इत्तेफ़ाक़ ही हो सकता है ]
नैंसी ने ओल्ड मिस्टर मेहरा की पल्स पड़ी और बोली
" ओके.. अब यह ठीक है.. बस इन्हें 1 हफ्ते तक आराम करने की जरूरत है "
नैंसी को देख ओल्ड मिस्टर मेहरा की आंखें आनंद से भर गई " तुमने मेरी जान बचाई "
नैंसी ने तीनों अकुपोइन्ट्स से सिल्वर नीडल्स निकाली और कहा
" जी "
ओल्ड मिस्टर मेहरा ने उसका हाथ पकड़ कर कहा
" अगर ऐसा है.. तो तुम मेरी सेवियर हो.. इसलिए मैं तुम्हें धन्यवाद देता हूं साथ ही अपने पोते अर्जुन की शादी के लिए उसका हाथ तुम्हारे हाथ में देता हूं "
नैंसी ".."
अर्जुन ".."
नैंसी ने अपनी आइब्रो उठाकर कहा
" इसकी जरूरत नहीं है "
अर्जुन "? ?"
आरिया ने अपनी घुमाई
" अपने प्लान मैं सफल होने के लिए.. यह कितनी कड़ी मेहनत कर रही है.. मानना पड़ेगा यह लोमड़ी बहुत चलाक है "
नैंसी का जवाब सुनकर भी.. ओल्ड मिस्टर मेहरा अपने पोते की बड़ाई करते है
" हमारा अर्जुन दिखने में अच्छा है.. सब कहते हैं लवासा सिटी में सबसे नोबल और हैंडसम अर्जुन ही है..वो बहुत लंबा भी है और उसका फिगर भी अच्छा है.. साथ ही साथ लवासा सिटी का नंबर वन बिजनेसमैन भी है.. तुम्हें इस रिश्ते के बारे में एक बार विचार करना चाहिए "
अर्जुन का चेहरा पूरी तरह कोल्ड हो गया
"ग्रैंडपा? "
ओल्ड मिस्टर मेहरा उसे घूर कर देखते है
[ मैं इस लड़के के लिए इतनी मेहनत कर रहा हूँ और इसे देखो हमेशा की तरह मेरी बात काट दी.. खुद से तो एक लड़की पट नहीं रही है.. मैं इसके लिए कोशिश कर रहा हूँ तो उसमे भी टांग अढ़ा रहा है ]
नैंसी को नहीं पता वो उन्हें क्या जवाब दें.. वो मुड़कर डॉक्टर संदीप बत्रा की तरफ देख कर बोली
" मैंने मिस्टर मेहरा का इलाज कर दिया है.. अब आपको भी अपना वादा पूरा करना चाहिए "
डॉ संदीप बत्रा ने अपने दांत पीस लिए उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी.. कि यह लड़की वास्तव में इतनी काबिल है
" मैं.. मैं बस ओल्ड मिस्टर मेहरा के लिए चिंतित था "
उनकी आवाज से साफ लग रहा था की वो अपने किये हुए वादे से मुकर रहें है
ओल्ड मिस्टर मेहरा हेरानी से नैंसी और डॉक्टर संदीप बत्रा की बातों को सुन रहे थे.. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या चल रहा है.. उनके चेहरे के एक्सप्रेशन को देख रणबीर ने आगे आकर उन्हें पूरी कहानी समझाइ
ओल्ड मिस्टर मेहरा दोनों डॉक्टरो को गुस्से से घूरते हुए बोले
" आप दोनों को अब से मेहरा फैमिली में आने की जरूरत नहीं है.. और हाँ.. अब आप दोनों रिटायर हो जाना चाहिए...क्योंकि अब आप दोनों बूढ़े हो रहें है "
दोनों डॉक्टर शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा था.. एक मूर्ख लड़की उनसे ज्यादा मेडिकल स्कील जानती है.. इसके अलावा डॉ संदीप बत्रा ने कहा था.. अगर यह लड़की ओल्ड मिस्टर मेहरा का इलाज करती हैं.. तो वह अपनी मेडिसीन छोड़ देंगे
अब गिरगिराने और रोने का कोई फायदा नहीं है
दोनों डॉक्टर शर्मिंदगी और उदास चेहरे के साथ बिल्ला से चले गए
अर्जुन के गुस्से का सामना करने के डर से .. आरिया भी वहां से भाग निकली
बाहर आकर फ्रेंच विंडो से.. दांत पीसते हुए वो नफरत भरी नजरों से नैंसी को देखने लगी
वो इतनी आसानी से हार नहीं मानेगी
आरिया ओल्ड मिस्टर मेहरा के छोटे भाई की पोती है.. उसे और उसकी फैमिली को कभी भी अर्जुन की तरह सम्मान नहीं मिला जबकि उसका सरनेम भी मेहरा है
ग्रैंडपा की वजह से ही लवासा सिटी में कुछ लोग उसकी फैमिली की रेस्पेक्ट देते हैं.. वो इस तरह की किस्मत को अपनाने के लिए तैयार नहीं है.. उसे वही सम्मान चाहिए जो अर्जुन और उसके परिवार को लोग देते हैं.. उसे अर्जुन की फैमिली से जलन होती है.. अगर अर्जुन ने उसके डैड की कंपनी में मदद की होती.. तो आज उसकी फैमिली भी लवासा सिटी की टॉप नोच फैमिली में गिनी जाती इसलिए वो अपनी बेस्ट फ्रेंड अलीशा को अर्जुन से मिलवाने की कोशिश कर रही है.. अगर उसकी बेस्ट फ्रेंड अर्जुन मेहरा की वाइफ बन गई.. तो उसे सफलता की सवारी में कामयाबी मिल जाएगी
लेकिन उसकी सफलता के रास्ते में नैंसी उसकी सबसे बड़ी बाधा बन चुकी है
दोनों डॉक्टर्स को आरिया ने अपने कमरे में बुलाया
" डॉ बत्रा.. क्या आप फिर से मेहरा फैमिली में वापसी करना चाहेंगे? "
डॉ बत्रा की आवाज उदास लग रही थी
" हां क्यों नहीं "
" मैं आपकी मदद कर सकती हूं.. बस आपको मुझे एक मेडिसिन देनी होगी "
.......
बिल्ला के अंदर ओल्ड मिस्टर मेहरा ने फिर नैंसी से पूछा
" क्या तुम एक बार फिर विचार कर सकती हो मेरे पोते को डेट करने के लिए "
अपने ग्रैंडपा की बातें सुनकर अर्जुन का चेहरा ऐसा हो गया जैसे किसी ने उसके 5 मिलियन डॉलर वापस नहीं किए
नैंसी ने बेफिक्री से कहा
" नहीं "
" ठीक है.. पर तुम्हें आज रात का डिनर यही करना होगा.. तुमने मेरी जान बचाई है.. इसलिए मैं तुम्हें धन्यवाद देना चाहता हूं.. तुम्हें यह बात तो मेरी एक्सेप्ट करनी ही होगी "
नैंसी ना कहना चाहती थी.. लेकिन जब उसने देखा कि किस तरह ईमानदारी से ओल्ड मिस्टर मेहरा अपना आभार दिखा रहे हैं.. तो वह डिनर के लिए राजी हो गयी
......
रात में डिनर के बाद बाहर बहुत तेजी से बारिश शुरू हो गई और बारिश को देख ऐसा लग भी नहीं रहा था कि वह जल्द ही बंद होगी
नैंसी ने कहा
" मैंने देखा है.. रिसोर्ट में आप लोगों के बहुत सारे बिल्ला है.. आप मुझे आज रात इनमें से एक में रहने दीजिए.. मैं अर्जुन मेहरा के साथ एक ही विल्ला मैं नहीं रहूंगी "
अर्जुन का चेहरा गुस्से से चमक उठा
" व्हाटेवेर "
इतना कहकर वो बिल्ला से बाहर चला गया
ओल्ड मिस्टर मेहरा ने बटलर को आंखों से संकेत दिया
" नैंसी को अब आराम की जरूरत है.. तुम उसे ले जाओ "
बटलर ने एक छाता लेकर नैंसी के ऊपर रखा और दोनों वहा से चल दिये.. इस रिसोर्ट में बहुत सारे बिल्ला है और सभी विल्ला लगभग एक जैसे है.. थोड़ी दूर चलने के बाद वह एक बिल्ला के सामने रुक गये.. बटलर ने कार्ड स्वीप किया और उसे अंदर जाने का इसारा दिया
नैंसी को उस पर बिल्कुल भी शक नहीं हुआ जैसे ही वो अंदर गई.. बटलर ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया
नैंसी जैसे ही हॉल के अंदर गयी उसने देखा कि सामने सोफे पर अर्जुन बैठा है
उसने अपनी आइब्रो सिंकोर ली
उसे ओल्ड मिस्टर मेहरा पर ज्यादा विश्वास करके पछतावा हो रहा है