नैंसी और शिविन होटल के बाहर आते है.. उन्हें बाहर कोई नहीं दिखा.. नायला पहले ही जा चुकी थी
शिविन कार की फ्रंट सीट का दरवाजा खोल कर कहता है
" मैं आपको घर ले चलता हूं बॉस "
नैंसी हां मैं सिर हिलाती है और कार के अंदर बैठ जाती है
खिड़की का आधा कांचे खुले ही शिविन की रॉयल रॉयस कार होटल से निकल जाती है
दूसरी ओर पैसेंजर सीट पर बैठे अर्जुन की नजर चारों ओर दौर रही थी.. तभी उसकी नजर एक रॉयल रॉयस कार की फ्रंट सीट पर बैठी परिचित महिला पर पड़ती है...और उसके साथ शिविन ड्राइविंग सीट पर बैठा है
अर्जुन के चेहरे पर तुरंत काले बादल छा गए
" क्या वो शिविन की कार है जो अभी यहां से निकलकर गई है "
उसने ड्राइविंग सीट पर बैठे रणबीर से पूछा
ड्राइविंग सीट पर बैठे रणवीर ने मुड़कर देखा और कहां
" यह कार मिस्टर शिविन की नहीं लगती.. क्या बात है सर? आपको मिस्टर शिविन से मिलना है "
" नहीं " अर्जुन ने कठोर आवाज में जवाब दिया
गांव के रास्ते पर.. शिविन उत्साह से नैंसी की तरफ बार-बार देखे जा रहा था
नैंसी उसकी तरफ देख कर बोली
" क्या? "
शिविन ने उत्साह से कहा
" इट्स अमेजिंग टू सी.. आपको बार-बार मेरी हेल्प की जरूरत पड़ रही है.. मैं अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मैं आपके कुछ काम आया "
नैंसी को चारों ओर देखते हुए शिविन ने फिर कहा
" यह रॉयल रॉयस कार है .. यह मेरे गैरेज मैं सबसे सस्ती कार है... आप यह तो नहीं सोच रही है .. यह अभी भी बहुत महंगी है.. है ना बॉस? "
" सस्ती? कितने की है तो यह? "
" यह सिर्फ 1.2 मिलियन की है "
" हेहेहे "
नैंसी को चुप देखकर शिविन फिर से कहता है
" आपको अभी भी लगता है यह कार महंगी है? "
नैंसी उसके सवाल का जवाब नहीं देती यह देखकर वो फोन करता है
" डू मी अ फेवर.. मेरे लिए एक ऐसी कार का इंतजाम करो जिसकी कीमत 2, 00, 000 रूपए की है .. क्या तुम ढूंढ सकते हो इस कीमत की कार? "
दूसरे छोर पर उसका बॉडीगार्ड बड़बड़ाया
" आपको इतनी सस्ती कार क्यों चाहिए मिस्टर शिविन? जहां तक मुझे याद है आपकी नैनी भी इतनी सस्ती कार नहीं चलाती है . जब वो बाहर किराने का सामान खरीदने जाती है"
" तुम ज्यादा सवाल मत पूछो.. बस वही करो जो मैंने कहने को कहा है "
कॉल कट करने के बाद शिविन नैंसी की तरफ देख कर बोला
" कार की कीमत 2, 00, 000 रूपए है.. ठीक है ना बॉस "
" हम्म्म " नैंसी ने सिर हिलाकर जवाब दिया
.......
कुछ देर बाद दोनों गाँव पहुंच जाते है... लेकिन अभी भी एक छोटे से घर मैं शिविन को सोने के लिए कोई कमरा नहीं था |
नैंसी अपना सीटबेल्ट निकालकर शिविन से कहती है
" मेरे घर मैं सिर्फ दो कमरे है.. पहला मेरे लिए दूसरा ब्लैक और वीर के लिए है "
शिविन ने कहा
" कोई बात नहीं बॉस.. मैं ब्लैक और वीर के साथ एडजस्ट कर लूंगा "
नैंसी ने कहा
" एक बेड पर ब्लैक और वीर के साथ तुम्हें सोने में दिक्कत हो सकती है "
शिविन ने तुरंत कहा
" इसमें कोई दिक्कत की बात नहीं है बॉस.. मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.. मैं बाहर आंगन मैं इस पत्थर की बेंच पर भी सो सकता हूँ उसमे भी मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी "
नैंसी इतनी भी पत्थर दिल की नहीं है जब भी उसे शिविन की जरूरत पड़ी तो वो बिना किसी झिझक के उसकी मदद करने आ जाता है इसलिए उसने शिविन को रूखने की अनुमति दे दी
.....
अगली सुबह... अर्जुन नैंसी के घर आया तो उसे आंगन से शोर और हलचल की आवाज आ रही थी
शिविन ने पैनकेक की प्लेट नैंसी के सामने रख दी
" मैंने यह आपके लिए बनाया है बॉस.. मैंने जीवन मैं पहली बार किचन मैं कदम रखा है.. मेरा हर कीमती समय सिर्फ आपके लिए है "
रणबीर ".."
अर्जुन के साथ खड़ा रणबीर अपनी आँखें फाड़ कर यह सब देख रहा है
[ अगर मिस नैंसी को अपने प्यार मैं गिराना है.. तो क्या मिस्टर मेहरा शहद से ज्यादा मीठे शब्द मिस नैंसी से कह पाएंगे...ओह्ह नो अगर भविष्य मैं ऐसा होता है तो मुझे ज़रूर डायबिटीज हो जायगी ]
वीर भी आगे आकर नैंसी से कहता है
" यह ताजा सोया मिल्क है बॉस.. मैं सुबह 5 बजे उठा था इसे ग्रिंड करने के लिए.. यह घर पर बना ताजा और स्वादिस्ट सोया मिल्क है "
नैंसी ने लेजिली कहा
" टेबल पर रख दो इन्हें "
ब्रेकफास्ट करते समय शिविन ने कहा
" बॉस.. क्या आपने सच में विक्रम सैनी जैसे बंदे के साथ ब्लाइंड डेट पर जाने का सोचा था? "
शिविन की बातों को सुनकर आंगन में उपस्थित सभी दंग हो गए
अर्जुन ने सबसे पहले रिस्पांस किया
उसकी आँखें गहरी और चेहरा बर्फ की तरह ठंडा हो गया था [ ब्लाइंड डेट जिसका मतलब कल रात वो ब्लाइंड डेट पर गई थी.. ग्रेट.. तो उसके बेटे की मां दरअशल ब्लाइंड डेट पर गई थी ]
इसके बाद ब्लैक रिस्पांस देता है उसके चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था वो बच्चों वाली कटलरी डाइनिंग टेबल पर पटक कर बोलता है
" मॉमी क्या आप सच में डेट पर गई थी? "
नैंसी की नजर धीरे से उसकी तरफ गई
" क्यों? तुम्हें कुछ कहना है इस बारे में? "
ब्लैक जो अभी बहादुर और गुस्से में था अपनी मां की आंखों को देख तुरंत रुक गया..उसकी आँखों मैं आँशु छलक आये और सिसकारी भड़ते हुए बोला
" आप.. आप ब्लाइंड डेट पर क्यों गई जब आपके पास पहले से ही मेरे डैडी है तो "
नैंसी उसकी सिसकारियों भड़ी आवाज को सुनकर हल्की सी टूट जाती है और अपने एक्सप्रेशन नॉर्मल करके उसके सिर पर हाथ रख कर धीरे से बोलती है
" बच्चों को इन सब बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.. ओके? जल्दी से अपना ब्रेकफास्ट खत्म करो..हम्म "
इसके बाद वीर कहता है
" आप सच में ब्लाइंड डेट पर गई थी बॉस.. यह सही नहीं है.. आप पहले से ही इतनी सुंदर है कि आपको देखने के लिए यहां से लंबी लाइन शुरू होगी और लवासा सिटी से भी दूर जाएगी "
नैंसी कहती है
" यह एक लंबी कहानी है तुम लोगों को समझाना मुश्किल है"
ब्लैक अपने होठों से बड़ा पॉउट बना लेता है और मन ही मन बुदबुदाता है वो अपनी मॉमी से थोड़ा गुस्सा है पर वो इतना साहसी नहीं है कि अपनी मॉमी की आलोचना कर सकें
अचानक उन्हें कदमों की आवाज सुनाई दी.. आंगन मैं बैठे सभी लोग महसूस कर सकते है कि आंगन का तापमान गिर रहा है
नैंसी ने पलके उठाकर अर्जुन को देखा उसके चेहरे को देख ऐसा लग रहा है जैसे उसकी बीवी ने उसे धोखा दे दिया है
नैंसी ".."
इस तरह के एक्सप्रेशन देना जरूरी है हालांकि उन दोनों का एक ही बेटा है लेकिन नैंसी अभी भी सिंगल है.. नहीं?
शिविन ने सदमे से अपने कटलरी लगभग गिरा ही दिए थे
" अर्जुन मेहरा "
अर्जुन ने उसकी तरफ देखकर सिर हिलाया यह इशारा करके वो शिविन को सम्मान दिखा रहा था
ब्लैक ने वीर का हाथ पकड़ा और कहा
" अंकल वीर आपने कहा था ना.. आज आप मेरे साथ तालाब में मछली पकड़ने चलोगे "
वीर ने पूछा
" क्या.. क्या मैंने.. मैंने तुमसे ऐसा कहा था "
ब्लैक ने कहा
" हाँ.. आपने कल रात कहा था कि.. सुबह आप मेरे और अंकल शिविन के साथ तलाब मैं मछली पकड़ने चलेंगे "
वीर के पास और कोई ऑप्शन नहीं था.. ब्लैक के साथ चलने और शिविन को यहां से खींच कर ले जाने के अलावा
आंगन से बाहर आकर शिविन ने वीर की पीठ को छुआ और कहा
" क्या बोस ने अर्जुन मेहरा को भी अपना स्टूडेंट बनाया है.. अच्छा है हमारे परिवार का विस्तार हो रहा है और बहुत बड़ा और मजबूत बन रहा है. बॉस बहुत ज्यादा ओसम है "
ब्लैक ने शिविन पर एक नजर डाली और बोला
" वो मेरी मॉमी के स्टूडेंट नहीं है.. वो मेरी मम्मी के हस्बैंड है "
शिविन ".."