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50% aawara ashiq / Chapter 5: सुहानी यादें-5

Kapitel 5: सुहानी यादें-5

संडे का दिन था मैं अपने कमरे में बैठा था तभी ज्योति और नीलम मेरे कमरे में आई ज्योति आज गजब लग रही थी उसने ब्राउन कलर की स्कर्ट और उसके ऊपर वाइट स्किन टाइट टीशर्ट पहनी हुई थी उसकी गोल सुडोल चूंचियां उनके मोटे-मोटे निप्पल साफ नजर आ रहे हैं दोनों अंदर आकर मेरे पास बैठ गई और अपने गणित के कुछ सवाल पूछने लगी मैं उन्हें समझा रहा था तभी सुषमा भाभी चाय लेकर कमरे में आई हम चारों ने चाय पी और फिर सुषमा भाभी पड़ोसी के घर चली गई उनके यहां शादी की तैयारियां चल रही जाते हुए सुषमा भाभी ने ज्योति को मेन गेट बंद करने के लिए कहा ज्योति गेट बंद करके आ गई अब घर पर मैं ज्योति और नीलम थे सुषमा भाभी के जाते ही दोनों का बर्ताव एकदम से बदल गया अब दोनों का ध्यान पढ़ाई में नहीं था दोनों ने अपनी चुचियों को मेरे कंधे पर रगड़ना शुरू कर दिया मैं जानबूझकर अनजान बना हुआ था और देखना चाहता था कि वह आखिर किस हद तक जाती है मैं उन्हें सवाल समझा रहा था मगर वह पढ़ाई के मूड में बिल्कुल नहीं थी दोनों कभी मेरे कंधे पर अपनी चूचियां रगड़ने लगती और कभी मेरी जांघों को सहलाते जब उनकी काफी कोशिशों के बाद भी मैंने कोई हरकत नहीं की तो ज्योति ने झल्लाकर मेरे शॉर्ट में अपना हाथ घुसा दिया और मेरे लोड़े को पकड़कर सहलाने लगी मैंने गुस्से का नाटक करते हुए ज्योति की तरफ घूर कर देखा ज्योति ने मुस्कुराकर मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए और बोली हम दोनों बेस्ट फ्रेंड है इसलिए नीलम से शर्माने की जरूरत नहीं है उसे आपके बारे में सब कुछ पता है मैं हंसा और बोला क्या मतलब ज्योति उठी और मेरी गोद में बैठ गई और अपनी योनि मेरे लिंग पर रगड़ने लगी मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रखकर उन्हें दबाना शुरू कर दिया उसके मुंह से सिसकारियां निकलनी शुरू हो गई उसने खड़े होकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे मुंह के सामने खड़े होकर मेरे होठों को अपनी योनि से सटा दिया मैं अपनी जीभ उसकी योनि में डालकर गोल-गोल घुमाते हुए उसके रस को चाट रहा था थोड़ी देर बाद ज्योति का जिस्म अकड़ गया और उसकी टांगे कांपने लगी और वो सिसकारियां भरते हुए मंजिल पर पहुंच गई थी झड़ने के बाद ज्योति एकदम निढाल होकर मेरी बाहों में आ गई वह मेरी गोद में बैठी हुई थी और मैं उसके जिस्म को सहलाते हुए होठों को चूस रहा था नीलम पास में बैठे हुए हमारी हरकतों को देख रही थी तभी ज्योति ने मेरी गोद में लेटते हुए नीचे को सरक गई अब मेरे नेकर को नीचे सरका दिया मेरा लौड़ा पहले से ही तना हुआ था बाहर आते हैं वह काले नाग की तरह तन कर खड़ा हो गया ज्योति में तुरंत उसे अपने रसीले होठों में कैद कर लिया और उसे चूसने लगी मेरे रोम रोम में वासना की लहर दौड़ पड़ी अब मेरे मुंह से आहे निकलनी शुरू हो गई आज ज्योति कुछ ज्यादा ही मजा दे रही है तभी नीलम ने अपना हाथ बढ़ा कर ज्योति को मेरे ऊपर से हटा दिया और मेरे पास बैठकर आश्चर्य भरी निगाहों से मेरे लोड़े को निहार रही थी उसने कांपते हाथों से मेरे लोड़े को छुआ और धीरे-धीरे उसको सहलाना शुरु किया उसके हाथ अभी भी कांप रहे थे वह उत्तेजना के चरम पर पहुंच गई थी तभी ज्योति ने उससे कहा देख क्या रही है पागल तू तो इसको मुंह में लेने के लिए कब से बेताब थी अब देर ना कर और इसे अपने मुंह में ले ले वह ज्योति की तरफ देख कर मुस्कुराए और बोली बहुत बड़ा है डर लग रहा है ज्योति ने आगे आकर लोड़े को अपने हाथ में ले लिया और अपने मुंह में डालकर चटकारे लेकर चाटने लगी और बोली ऐसे करते हैं अब नीलम की बारी थी वह बहुत घबरा रही थी तभी मैंने हाथ बढ़ाकर उसके गोल मटोल नितंबों पर रख दिया और उन्हें सहलाने लगा नीलम ने मेरी तरफ देखा तो मैंने अपनी एक आंख दबाकर उसे आगे बढ़ने का इशारा किया नीलम के पतले पतले होठ खुले और मेरे लिंग मुंड अपनी गिरफ्त में ले लिया वह उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और अपने मुंह को आगे पीछे करते हुए अंदर लेने लगी इधर मेरे हाथ उसके नितंबों को फैला रहे थे मैंने अपने होंठ कपड़ों के ऊपर से ही उसकी योनि पर रख दिए वह एकदम उछल पड़ी मैं उठ कर खड़ा हो गया और अपनी टी-शर्ट को निकाल कर नग्न अवस्था में उन दोनों के बीच खड़ा हो गया मेरा खड़ा लंड उन दोनों के बीच झूल रहा था दोनों ने एक साथ आगे बढ़कर अपने हाथ में पकड़ लिया अब उन दोनों ने एक साथ चाटना शुरू कर दिया दोनों की जीभ मेरे लोड़े पर फिसल रही थी अब मैं जल्दी ही मंजिल पर पहुंचने वाला था नीलम मेरे लोड़े को अपने मुंह में लिए हुए थी ज्योति अपनी जीभ से चाट रही थी मैंने नीलम को लोड़ा बाहर निकालने को कहा मगर उत्तेजना उस पर इस कदर हावी थी उसे शायद मेरी बात सुनाई ही नहीं दी मैं उसके मुंह में झड़ गया मेरा वीर्य उसके मुंह से बाहर निकल रहा था जिसे ज्योति ने अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया जैसे ही नीलम ने मेरा लौड़ा अपने मुंह से निकाला ज्योति ने उसके होठों को चाटते हुए उसे किस करने लगी दोनों मेरे सामने फर्श पर लेटी हुई एक दूसरे को बेतहाशा चूम रही थी मैं बाथरूम चला गया जब वापस आया तो देखा ज्योति नीलम के कपड़े उतार रही थी दोनों एकदम नग्न अवस्था मैं एक दूसरे से लिपट कर अपने जिस्म आपस में रगड़ रही थी ज्योति उसके होठों से नीचे की तरफ बढ़ते हुए उसकी छातियों तक पहुंच गई थी और जैसे ही उसने उसके मोटे निप्पल को मुंह में लिया नीलम मचल उठी मैंने भी उसके बराबर में लेट कर उसके दूसरे निप्पल को मुंह में भर लिया और दातों से काटने लगा नीलम छटपटा रही थी मेरा लौड़ा उसके हाथ में था जिसे उसने एक बार फिर अपने मुंह में ले लिया था उसके मुंह से अजीब अजीब आवाजें निकल रही थी कुछ ही देर में मेरा लौड़ा फिर से तन गया ज्योति अब तक उसकी योनि पर पहुंच गई थी और उसकी टांगों को फैला कर उसकी योनि को चाटना शुरू कर दिया था मैं उठ कर ज्योति के पीछे पहुंच गया और अपना लौड़ा उसके योनि मुख पर रखकर दोनों हाथों से उसके नितंबों को पकड़कर एक जोरदार धक्का मारकर अपना पूरा लौड़ा उसकी योनि में उतार दिया ज्योति दर्द से तड़प उठी और उसने अपने दांत नीलम की योनि में गड़ा दिए नीलम भी दर्द से छटपटा रही थी और ज्योति को गालियां दे रहे हैं हाय कमीनी कुत्तिया चबायेगी क्या मैंने ज्योति की चूदाई शुरू कर दी इधर मेरा लौड़ा ज्योति की चूत में धमाल मचा रहा था और उधर ज्योति की जीभ नीलम को तड़पा रही थी कमरे में एक अजीब सा शोर मचा हुआ था हम तीनों आहें भर भर के मजे ले रहे थे तभी नीलम ने मंजिल पर पहुंचने का एलान कर दिया मगर ज्योति और मेरी मंजिल अभी दूर थी दोनों एक दूसरे में पूरी तरह समा गए थे मेरा लौड़ा उसकी योनि के आखिरी छोर तक जबरदस्त प्रहार कर रहा था और उसकी योनि मेरे लोड़े को जकड़े हुए थे तभी अपने अपनी पोजीशन चेंज की अब ज्योति मेरे ऊपर बैठे हुए थे और मैं उसके नीचे लेट हुआ नीचे से उसे चोद रहा था थोड़ी देर बाद ज्योति ने भी अपनी मंजिल पाली थी वह मेरे ऊपर से लुढ़क कर एक तरफ लेट गई तभी नीलम ने आकर मेरे लोड़े को सहलाना शुरू किया मैंने उसकी योनि की तरफ देखा जिसमें से अभी भी रस टपक रहा था मैंने अपने होंठ को उसकी चिकनी योनि पर रख दिया वह एकदम उछल पड़ी और कांपते हुए झड़ गई उसकी योनि से बूंद बूंद करके योनि रस टपक रहा था और मैं मजे लेकर उसे चाट रहा था थोड़ी देर उसकी योनि चाटने के बाद मैंने उसे पीठ के बल लेटाया और उसकी टांगे मोड़ कर अपने कंधे पर रखी जैसे ही मैंने अपने लिंग मुंड को उसके योनि मुख पर रखा वह डर के मारे कांपने लगे मैंने पूछा क्या हुआ कहने लगी पहली बार है जरा आराम से करना ज्योति ने मुझे बताया था पहली बार मैं उसका क्या हाल किया था आपने मैं हंस पड़ा और उसे आंख मार कर बोला चिंता मत करो तुम्हारा भी हाल उसके जैसा ही करूंगा इतना कहकर जैसे ही मैंने अपना लोड़ा उसकी योनि में प्रवेश कराया तो वह दर्द से छटपटा ने लगी मैंने उसको कसकर पकड़े हुए था जैसे-जैसे मेरा लौड़ा अंदर जा रहा था उसकी चीख निकल रही थी और मुझे छोड़ने के लिए कह रही थी मगर मैं उसकी बातों पर ध्यान ना दें कर अपने काम में लगा हुआ धीरे धीरे आगे बढ़ता जा रहा था तभी मैंने एक जोरदार धक्के के साथ अपने लोड़े को उसकी योनि में उतार दिया वह चीख मार कर रोने लगी उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था मैंने रुक कर उसे प्यार से सहलाया और उसके होठों को चूसने लगा वह रोते हुए कह रही थी प्लीज मुझे छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है तभी ज्योति ने आकर उसे समझाया बस थोड़ी देर की बात है उसके बाद तुझे भी मजा आने लगेगा मुझे भी बहुत दर्द हुआ था पहली बार में अब मैं अपनी कमर को धीरे-धीरे हिलाते हुये अपने लोड़े से उसकी योनि में घर्षण करने लगा जैसे-जैसे मेरी स्पीड बढ़ रही थी उसकी चीख निकल रही थी थोड़ी देर बाद मैंने अपना लौड़ा उसकी योनि से निकाल दिया और उसकी योनि को कपड़े से साफ करके उसे चाटना शुरू कर दिया थोड़ी देर चाटने के बाद मैंने तेल लगा कर फिर से अपना लौड़ा उसकी योनि में डाल दिया इस बार उसे दर्द नहीं हुआ और थोड़ी देर बाद ही उसकी चीख निकलने बंद हो गई अब उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी और वह भी नीचे से अपनी योनि को उछाल कर मुझे सहयोग करने लगी थी थोड़ी देर चूदाई करने के बाद मेरे लोड़े ने मेरे यवन रस उसकी योनि रस से भरी हुई योनि को भर दिया हम दोनों एक साथ मंजिल पर पहुंचे थे वह मुझे बेतहाशा चूम रही थी और जैसे ही हम अलग हो गए ज्योति ने आकर मेरे लोड़े और उसकी योनि को चाट चाट कर साफ कर दिया कुछ देर तक हम तीनों एक दूसरे से लिपट कर ऐसे ही लेटे हुए थे फिर नीलम ने उठ कर ज्योति की योनि को चाटना शुरू किया अब वह एक हाथ से मेरे लोड़े को सहला रही थी और दूसरे हाथ से ज्योति की चूचियां दबा रही थी कभी वह ज्योति की योनि को चाटती और कभी मेरे लोड़े उसने हम दोनों को तैयार कर दिया था तभी ज्योति उठी और मेरे लोड़े पर बैठकर लोड़ा अपनी योनि में प्रवेश करा दिया उछाल उछाल कर अपनी योनि को मेरे लोड़े पर पटक रही थीं कुछ देर उछलने के बाद मेरे ऊपर से हट गई और उसकी जगह नीलम ने ले ली मगर जैसे ही उसने मेरा लौड़ा अपनी योनि में घुस आया वह चीख पड़ी मैं हंसा और उसे तेल लगाने के लिए कहा ज्योति ने मेरे लोड़े पर तेल लगा कर उसकी योनि में घुसा दिया अब नीलम स्पीड बढ़ाते हुए उत्तेजना के शिखर पर पहुंचने लगी थी उसे मंजिल पर पहुंचने की जल्दी थी मगर मेरी मंजिल अभी कोसों दूर थी थोड़ी देर बाद नीलम थक गई तो मैंने उठकर उसको डॉगी स्टाइल में झुका कर उसकी योनि में लिंग प्रवेश करा दिया यह ज्योति का भी यही हाल था अब मैं बारी बारी से दोनों को चोद रहा था कुछ देर ज्योति और कुछ देर नीलम 1 घंटे बाद हम तीनों थक कर चूर हो गए थे और एक दूसरे से लिपट कर लेट गए थोड़ी देर बाद नीलम ने उठकर कपड़े पहने और मुझे अपनी बाहों में भरकर चूमने लगीं नीलम के जाने के बाद ज्योति दरवाजा बंद करके आई और सिगरेट का पैकेट मुझे दे कर मेरे पास लेट गई मैं मजे से सिगरेट पीने लगा ज्योति मेरा लौड़ा चूसने लगी मैं एक हाथ से उसकी गांड को सहला रहा था तभी मुझे शैतानी सूझी मैंने तेल की शीशी लेकर थोड़ा सा तेल उसकी गांड पर लगा दिया उसे भी मजा आ रहा था और मैंने अपनी उंगली उसके गांड में घुसादी पहले तो उछल पड़ी मगर फिर मेरे लोड़े को चूसते हुए मेरे ऊपर आ गई उसकी चूत मेरे मुंह के सामने थी मैंने उसकी योनि को चाटते हुए उसके गांड में अपनी तो उंगली घुसा कर हिलाने लगा ज्योति को मजा आ रहा था थोड़ी देर चूसने के बाद ज्योति उतरकर अपनी टांगे मोड़ कर घोड़ी बन गई मैंने भी खड़े होकर अपने लोड़े के तेल लगाया और उसकी गांड के छोटे से छेद पर रख कर जोरदार प्रहार करा एक ही बार में पूरा अंदर घुसा दिया वह चीख रही थीं मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया 5 मिनट के बाद वह शांत हो गई और अपनी चूतड को उछाल उछाल कर मजे ले रही थी मैंने जी भर के उसकी गांड को चोदा आ जाओ पूरा अंदर डाल दो बहुत मजा आ रहा है ज्योति बड़ बड़ा रही थी कसम से जिंदगी में पहली बार इतना मजेदार संडे गुजरा था मैं 2 साल तक उनके यहां रहा और 2 साल तक तीनों की जवानी की भरपूर मजे लिए मेरी कहानी कैसी लगी अपने कमेंट में जरूर बताइएगा।

धन्यवाद


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