लिन शियू ने ऊपर देखा। झिलमिलाते हॉल में फू किंगलन पहले से ही उस पर पड़ती स्पाटलाइट के नीचे खड़ा था। यह सुंदर और शिष्ट आदमी तुरंत ध्यान का केंद्र बन गया था।
क्या वह नंबर 68 नहीं था?
वह अचानक नंबर 33 कैसे बन गया?
"किसी महिला महेमान को नम्बर 33 मिला है और कौन है वो जिसे युवा मास्टर फू की डांस पार्टनर बनने का मौका मिला है?" कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता ने मुस्कराते हुए पूछा।
"नम्बर 33 यहाँ है! यह श्रीमती फू के पास है!" कोई चिल्लाया।
लिन शियू इतना हैरान थी कि उसने लगभग अपना केक गिरा ही दिया था। उसने अपने हाथों में मौजूद नम्बर को देखा। यह नम्बर 33 था। मन ही मन कोसते हुए उसने महसूस किया कि वह उसकी चाल में फंस गयी।
"यह नहीं हो सकता। मुझे याद है कि श्रीमती फू के पास नम्बर 33 नहीं था। क्या उन्होने किसी और के साथ नंबर बदल लिया था ताकि वह युवा मास्टर फू के साथ डांस कर सके?"
"हाहा, श्रीमती फू। आप युवा मास्टर फू के साथ बहुत सख्त है। कोई भी आपकी निगरानी में उनकी तरफ आती रेखा पर पैर की अंगुली करने की हिम्मत नहीं करेगा।"
इसी क्षण भीड़ एक रास्ता बनाने के लिए तितर-बितर हो गयी। फू किंगलन शांति और स्थिरता के साथ उस ओर आ रहा था। अपने होठों को दबाते हुए नीचा दिखाने वाले स्वर में उसने कहा, "श्रीमती फू, क्या आप मेरे साथ डांस करने के लिए इतनी उत्सुक है?"
बिना सोचने की कोशिश किए लिन शियू पहले से जानती थी कि यह उसकी ही चालों में से एक चाल थी। लगता है कि वास्तव में उसने उसकी चाल को पहले ही रोक लिया और जवाबी कार्रवाई की। क्या… बचपना है।
"ओह नही, मैंने अपनी एडी को मोच लगवा ली है। युवा मास्टर फू आपको किसी और को अपने साथ डांस करने के लिए ढ़ूँढ़ना पड़ेगा।" इतना कह कर लिन शियू दूर चली ।
उसके ठंडे पर सुंदर व्यवहार को देखते हुए उसकी स्याह काली आँखों की उदासी फूटकर बाहर आने ही वाली थी। उसके कानों में एक आवाज़ गूंज रही थी जो बता रही थी कि श्रीमती फू ने उसको अस्वीकार कर दिया था ...
क्या वह उससे इतनी नफरत करती थी कि वह उसके साथ डांस भी नहीं करना चाहती थी?
फू किंगलन अपने पैर आगे बढ़ाते हुए लिन शियू के पास गया। झुकते हुए उसने उसे ऊपर उठाया और अपनी बाहों में ले लिया।
"ओह वाह! युवा मास्टर फू ने श्रीमती फू को उठाया और उन्हें दूर ले गए। यह कितना रोमांटिक है!"
"वे बहुत मधुर स्वभाव के और प्यारे हैं!"
लिन रूक्सी अपने हाथों में पड़े नम्बर 68 को गुस्से में मुट्ठी में दबाते हुए भीड़ में ही खड़ी थी।
लिन शियू बेहतर होगा की तुम ध्यान रखा करो।!
आलीशान गाड़ी में ।
फू किंगलन ने उसे लापरवाही से पीछे की सीट पर बिठा दिया। लिन शियू ने इस आदमी पर त्योरियाँ चढ़ाते हुए कहा "युवा मास्टर फू, क्या आप मुझे अपने गुस्से को बाहर निकालने के लिए उपयोग कर रहे है क्योंकि आप दुखी है कि लू क्यूईयर ने अभी तक आपके एक बेकार टायर होने के रहस्य को उजागर कर दिया ?"
फू किंगलन ने उसके छोटे से चेहरे को देखा । उसके चेरी जैसे होंठों पर कुछ क्षण पहले ही केक खाने के कारण क्रीम के दाग थें। उसकी पुतलियाँ गहरी हो गयी और उसने बदले में कहा, "अपना मुँह पोंछो।"
"… क्या?"
उसकी दृष्टि की रेखा के सामने जल्द ही अंधेरा हो गया क्योंकि वह उसके करीब आ गया था। मर्दानगी की एक लहर ने उसके नाज़ुक नथुनों को मसल दिया क्योंकि उसकी उंगलियों ने उसके कंधे को पकड़ लिया और उसे सीट की तरफ धकेल दिया और इसी बीच उसने अपने दूसरे हाथ से उसके मुँह के कोने को एक टिशू की मदद से पोंछ दिया।
"तुम्हारे होंठ इतने गंदे हैं। क्या तुम बच्ची हो? तुम केक खाते हुए कैसे क्रीम से दाग लगा सकती हो ?"
आदमी का सुंदर चेहरा मुश्किल से ही उसकी घृणा को छिपा पाया था। यह व्यक्ति जो समाज के उच्च तबके में पैदा हुआ और पला था जब कभी शिष्टाचार और दिखावट की बात आती थी तो वह गुस्से में आ जाता था। साफ कहा जाए तो वह स्वच्छता को लेकर सनकी था इसलिए जब उसने लिन शियू को ऐसी अवस्था में देखा तो उसे बहुत घृणा हुई।
भले ही उसे उस पल घृणा महसूस हुए फिर भी लिन शियू की ओर उनकी निगाहें गहरी शांति के संकेत के साथ गहरी ही थी।
अब जब उसका नाजुक शरीर उसकी बाँहों में था तो वह बेहद असहज महसूस कर रही थी क्योंकि वह उसके करीब होने की आदी नहीं थी। उसकी सुंदर आँखों को उठाते हुए उसने उसे एक अजीब मुस्कान में फू को देखा और कहा "ओह! युवा मास्टर फू भले ही मेरे होठों पर कुछ लगा हो पर तुम इतने गुस्से में क्यों हो? या क्या तुम मेरे होंठों पर लगी हुई क्रीम को देखकर कुछ अश्लील सोच रहे हो? तुमने अपने दिमाग में क्या गंदी छवि बना ली थी?"
जब वह शियू के करीब खड़ा था और एक टिशू के साथ हल्के से उसके होंठों पर रगड़ रहा था तब उस महिला की शुद्ध गंध उसकी नाक में आ रही थी जो उसके एहसासों को बहका रही थी । केक की क्रीम उसके कोमल लाल होठों से निकल गई थी जो उसके स्पर्श के साथ रंग को हटा रही थी। वह जितना कठोरता से उन्हें रगड़ रहा था उतना ही रंग निकलता जा रहा था और इस तरह की आकर्षक हालात जो उसकी सुगंधित सुगंध के साथ मिश्रित होने के कारण थे उसको उत्तेजित कर दिया और उसने अपने गले के उभार को उत्तेजना में हिलाया और कहा "श्रीमती फू, तुम सोच रही हो कि मैं दुष्ट हूँ, हम्म?"