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85.71% लत है तू | Author - word's angel / Chapter 12: 12)पहले मेरी बात सुन लो रूह? "

Kapitel 12: 12)पहले मेरी बात सुन लो रूह? "

रिहांश का विला ....

रूहानी डरते हुए रिहांश को देख रही थी।जो पागलों जैसे बात कर रहा था।वह पागल ही था।दवाई से ज्यादा अब रूहानी उसे चाहिए था क्यों की रूहानी रिहांश के लिए दवाई जैसा ही काम कर रही थी।

रूहानी फिर उससे थोड़ा दूर किसकते हुए कुछ कहने को हुई उससे पहले ही रिहांश उसे वही बेड पर गिरा कर उसके बगल में लेट कर उसके बालों में हाथ फेरने लगा।

रिहांश के चेहरे पर कोई भाव नहीं था लेकिन वह इस वक्त बेहद शांत लग रहा था।रूहानी थोड़ा हकलाते हुए उससे कहती है,""_ आ,,आ री,रिहांश,मुझे घर जाना है। "

रिहांश रूहानी मे ही खो गया था।उसे रूहानी की बाते सुनाई ही नही दे रही थी या यू कहे की वह सुनना ही नहीं चाहता हो।वही रूह उसे कुछ भी रिएक्ट ना करता देख उसे ही लाचारी में देखने लगी।

रिहांश ने उसे इतना डरा दिया था की रूहानी से कुछ भी बोला नही जा रहा था।वह अपने दोनो हाथ आपस में ही फसा कर कुछ सोचने लगी।

वही रिहांश का हाथ अब धीरे धीरे उसके गाल पर चलने लगी।उसका इस एक्शन से रूहानी ने कसके अपने आंखे बंद करली।उसकी धड़कन भी इस वक्त तेज़ हो गए थे।

वही रिहांश धीरे से उसे बेहद अपने करीब कर उसके चेहरे के तरफ झुक कर उसे स्निफ करने लगा।रिहांश को रूहानी की फ्रेगरेंस बेहद पसंद आ गया था।वह चाह कर भी उससे अलग नहीं हो पा रहा था।

वह उठ कर धीरे से रूहानी की बंद पलकों पर अपना होंठ रख देता है।तभी रूहानी उसे हल्के से कांपते हुए मेहसूस हुई तो रिहांश उसके गाल पर हाथ रख कर उसे ही देखने लगा।

वही रूहानी अपने आंखे खोल कर रिहांश को देखने लगी। रिहांश भी बेहद हैंडसम था।इस वक्त उसका चेहरा रूहानी के सामने बेहद परफेक्ट था।पूरी दुनिया उसका एक झलक देखने के लिए तरसती थी लेकिन अफसोस उसका इस पागलपन का सच बस गिनती के ही लोग जानते थे।

रूहानी फिर उसकी बेजान सी आंखों में देखने लगी।वही रिहांश उसका डरा हुआ चेहरा देख रहा था।वह हल्के से झुक कर उसके माथे पर अपना होंठ रखते हुए कहता है,

""_ रूह,,मुझे अभी एक मीटिंग के लिए स्टडी रूम में जाना है तुम तब तक यही रहो मैं आता हूं। "

रुहानी उससे कहती है,""_ रिहांश मुझे घर जाना है ,,,,!!! "

रुहानी अपनी बात बीच में ही छोड़ कर रिहांश को देखने लगी। उस आदमी का चेहरा उसका बार बार जाने की बात सुन कर गुस्से से भर गया था।और वह अपना सर टेढ़ा कर अपना गर्दन मसलते हुए उसे ही देख रहा था।

उसका यह रिएक्शन देख कर रूहानी को उससे आगे कुछ भी बोलने का हिम्मत नही हुआ।तभी रिहांश का फोन रिंग होने लगा तो वह रुहानी से अलग हो कर फोन ले कर बालकनी में चला गया।

उसके जाते ही रूहानी एक राहत भरी सांस लेते हुए कहती है,""_ ओह गॉड !! में इस पागल से बच कर कैसे जावू ,पता नही पापा मेरा कब से wait कर रहे होंगे ?"

तभी रूम का डोर नॉक हुआ।तो रुहानी एक नजर बालकनी की तरफ देख डोर खोलने गई।लेकिन डोर लॉक था।और रूहानी को उसका लॉक खोलने नही आ रहा था क्यों की उसमे पासवर्ड लगा हुआ था।

रूहानी फिर मूड कर देखती है।रिहांश उसके तरफ ही आ रहा था।

रिहांश,रूहानी को अपने करीब कर डोर खोल देता है।सामने इस वक्त अभिनव खड़ा था।रिहांश अभिनव को कुछ कहता उससे पहले ही रूहानी अभिनव से कहती है,""_मेरे पापा अब कहा है ? वह ठीक तो हैं ना ? "

अभिनव रिहांश के तरफ देखने लगा।वह फिर बिना कुछ कहे डोर क्लोज कर चला गया।वही उसका इस तरह का बिहेवियर रूह को समझ नही आया था।वह मूड कर रिहांश को देखती है जो अपने आंखे छोटी कर उसे ही घूर कर देख रहा था।

रूहानी उसे देख थोड़ा हकलाते हुए कहती है,""_ तुम मुझे ऐसा क्यों देख रहे हो ? "

रिहांश बिना कुछ कहे उसके करीब अपना कदम बढ़ाता है तो रूहानी उसे ही हैरानी से देखते हुए पीछे जाने लगी।वही रिहांश अपना गर्दन टेढ़ा कर उसे बेहद डरा देने वाला लुक देने लगा।

पीछे जाते जाते रुहानी दीवार को लग कर खड़ी हो गई।वही रिहांश उसके इर्द गिर्द अपना हाथ रख कर हल्के से उसके ऊपर झुक कर उससे धीरे से कहता है,""_ मेरे होते हुए तुम्हे उससे पूछने की क्या जरूरत है रूह ? |

" तुम मुझे डरा क्यों रहे हो, तुम भूल रहे हो की मै ही तुम्हारी डॉक्टर हु!!! " रिहांश को इतना डराता देख रूहानी लगभग रोते हुए ही कहती है तो रिहांश अपना दोनो हाथ फोल्ड कर उसे ही देखने लगा।

वही उसे ऐसे देख रूहानी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। रिहांश के सामने उसका दम घुटने लगा था।वही रिहांश उसके गाल पर हाथ रख कर उसे अपने तरफ लाते हुए धीरे से कहता है,""_ तुम यही रहो मैं थोड़ी देर में आता हू!!! "

यह सब बोलते हुए रिहांश की होंठ रूहानी की गाल को छूने लगे थे।वही रूहानी बस डरते हुए उसके सामने खड़ी थी। रिहांश फिर रूम से बाहर चला गया।

वही उसके जाते ही रूहानी एक राहत की सांस लेते हुए अपने मन में बोली,""_ रूह तुम्हे डरने की जरूरत नहीं है,कुछ भी नामुमकिन नहीं है।तुम्हे कुछ न कुछ सोचना चाहिए इस पागल से छूटने का कोई तो रस्ता होगा ही,अपने दिमाग को काम दो रूह और यहा से भागने का रास्ता डूंड!!! "

रूहानी खुद को ही दिलासा दे रही थी।फिर वह पूरे रूम को देखने लगी।उसे किसी भी हालत में वहा से भागना था।रूम में ज्यादा किडकिया नही थे।रूहानी फिर बालकनी में चली गई।

रिहांश का रूम सेकंड फ्लोर पर था।और ऊंचाई से रूहानी को डर लगता था।वह फिर अंदर आ कर विंडो के पास गई।रूहानी फिर अपना थूक निंगलते हुए नीचे देख धीरे से कहती है, ""_ यह से निकलने का यही एक रास्ता है, पाइप के सहारा ही मैं नीचे जा सकती हू। "

रूहानी अपना दुपट्टा ठीक से बांध कर जैसे ही किडकी से कूदती उससे पहले ही रूम का डोर ओपन हुआ तो रुहानी हड़बड़ा गई।लेकिन वह खुद को संभाल कर पीछे हट जाती है।

सामने इस वक्त एक मेड खड़ी थी।जो उसके लिए एक ट्रे में कुछ खाने के लिए लायी थी।रूहानी को इस तरह कूदता देख मेड की भी सांसे अटक गई थी।अगर थोड़ी सी भी लापरवायी होती तो रूहानी नीचे गिर जाती।

मेड खाने की ट्रे को वही कॉफी टेबल पर रख कर उससे कहती है, ""_ ma'am,बॉस ने आपके लिए कुछ खाने के लिए भेजा है। "

मेड इतना बोल कर रूम से बाहर चली गई।रूहानी बस उस मेड को जाते हुए देख रही थी।लेकिन मेड वापस अंदर आ कर उससे कहती है,""_ ma'am डोर अनलॉक ही है आपको इस तरह कूदने की जरूरत नहीं है। "

रुहानी की आंखे बड़ी हो गई।वह मेड के पास आ कर उससे कहती है,""_ क्या कहा तुमने ? तुम्हारा वह पागल बॉस ने डोर लॉक नही किया था ? "

मेड अपना सर नीचे कर धीरे से ना में अपना सर हिला कर वहा से चली गई।

वही रूहानी को अपनी बेवकूफी पर गुस्सा आ रहा था।रिहांश की जाते ही वह भागने के बारे में सोच रही थी उसे नही लगा था की रिहांश डोर को ऐसे ही छोड़ कर चला गया हो और उसने एक बार भी कोशिश नहीं किया था।

भागने के चक्कर में रूह का चेहरा हल्के हल्के पसीने से भरा हुआ था।वह अभी जो करने जा रही थी उससे उसके साथ कुछ भी हो सकता था।वह अपना पसीना साफ करते हुए डोर के खोलते हुए कहती है, "" _ एक ही दिन में इस इंसान ने मुझे पागल बना कर रख दिया है बिना सोचे समझे मैं कुछ भी करने लगी हू। "

रुहानी डोर खोल कर बाहर चली गई।वही रिहांश इस वक्त अपने स्टडी रूम में था उसे एक मीटिंग अटेंड करना था।रिहांश पूरी तरह पागल नहीं था।बस उसे कुछ वक्त के लिए ही दवाई की जरूरत पड़ती थी अगर दवाई नही मिलता तो उसका कंट्रोल अपने आप से ही लूज होने लगता था।यह उसका एडिक्शन था जो उसे सालो से लग चुका था।

रिहांश का विला बहुत ही बड़ा था।रूहानी बाहर जाने के लिए रास्ता डूंड रही थी क्यों की वह बार बार घूम कर रिहांश की रूम के पास ही आ रही थी।तभी उसे सामने एक मेड दिखी तो रूहानी उससे कहती है,""_ सुनो बाहर जाने का रास्ता किस तरफ है ,मैं बार बार घूमते हुए यही आ रही हू। "

रुहानी की बात सुन कर मेड,उसे रास्ता बताती है तो रूहानी उसके बताए हुए रस्ते पर जाने लगी।वह अभी हाल में पहुंच ही थी कि रिहांश का बेहद सक्त आवाज उसे सुनाई दी,तो उसके कदम अपने आप ही रुक गए।

" रूह,,,!!! "

रूहानी डरते हुए मुड़ कर देखती है।रिहांश अपने दोनो हाथ फोल्ड कर उसे ही एक टक देख रहा था।रिहांश फिर उसके तरफ अपने कदम बढ़ा देता है।

रिहांश को अपने तरफ आता देख रुहानी की सांसे ही अटक गई।वह डरते हुए अपने कदम पीछे लेने लगी।उसकी दोनो हाथ उसके ड्रेस में कस गई थी।और डर से उसका चेहरा पीला पड़ चुका था। क्यों की रिहांश का ओरा इस वक्त हद से ज्यादा भयानक लग रहा था।

वही रूहानी को इस तरफ पीछे जाता देख रिहांश अपने जगह में रुक गया।वह अपना सर टेढ़ा कर अपने गर्दन पर हाथ रख कर बुरी तरह मसलने लगा।रूहानी का इस तरह दूर जाना उसे अच्छा नही लग रहा था। रिहांश फिर बेहद सर्द आवाज में कहता है,"_ Don't move रूह!!"

रिहांश का इस तरह सर्द आवाज सुन कर रुहानी अपने जगह में ही जम गई।वह चाह कर भी ना आगे जा रही थी ना पीछे,उसके लिए उस माहौल में हिलना भी मुश्किल हो रहा था।

वही रिहांश अपना गर्दन मसलते हुए ही अपने आंखे कसके बंद कर फिर से वही लहजे में रूहानी से कहता है,

" come to me रूह!!! "

रुहानी की हालत खड़े खड़े ही खराब हो रहा था।वह फिर रिहांश के तरफ जाने लगी।उसे सुबह का उसका पनिशमेंट याद था।और ऊपर से उसे अच्छे से पता था कि रिहांश पागल है और वह गुस्से में आ कर कुछ भी करेगा।

रिहांश के थोड़ी दूरी पर रुहानी जा कर खड़ी हो गई।वही रिहांश उसके और अपने बीच की दूरी ही देख रहा था।वहा फिर अपने दोनो हाथ अपने जेब में रख कर उसके करीब जाने लगा।वही रूहानी की दोनो हाथ अपने ड्रेस में। कस गई थी।

वह किस हद तक इस वक्त रिहांश से डरी हुई है यह उसका हालत ही बता रहा था।वही रिहांश उसके पास आ कर उसकी टुडी को पकड़ कर उसकी चेहरे को थोड़ा ऊपर उठा कर उसे देख धीरे से मगर सख्त आवाज में कहता है,"_ तुम्हे मैने रूम में wait करने बोला था ना ? तो तुम जा कहा रही हो रूह ? "

भले ही रिहांश की आवाज धीमी था लेकिन उसमे गुस्सा साफ साफ झलक रहा था। रुहानी अपने पलके नीचे कर बिना कुछ कहे चुप हो जाती है।

वही रिहांश उसे कुछ भी न बोलता देख उसका हाथ पकड़ कर रूम में ले जाने लगा।वही रुहानी का चेहरा बिलकुल रोनी जैसा हो गया।वह अपने नम आंखों से रिहांश को देखते हुए उसके पीछे चली गई।

वही रिहांश,रूहानी को रूम में विंडो के पास ले जा कर उसे नीचे के तरफ दिखाते हुए उससे थोड़ा सख्त आवाज में कहता है,""_ तुम यह से कूदने वाली थी ? "

रुहानी उसे ही हैरानी से देखने लगी। मेड ने रिहांश को रूहानी का खबर दे चुकी थी। रुहानी अपना सर नीचे कर उससे कहती है,""_ मुझे घर जाना था और तुम मुझे छोड़ नही रहे थे तो मैं,,,,,!!! "

रूहानी अपनी बात बीच में ही छोड़ कर चुप हो गई।वही रिहांश को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था।वह अपने दांत पीसते हुए उससे कहता है,""_ तो तुम यह से नीचे गिर जाती तो ? "

" तो आप इस तरह पागलों वाले हरकते करने लगेंगे तो मैं यही करूंगी ना? " रूहानी उसकी बातो का जवाब देते हुए थोड़ा गुस्से से ही कहती है तो रिहांश उसे ही बेहद गुस्से से देखने लगा।

वही उसे इस तरह गुस्से से देखता देख रूहानी अपने कदम पीछे लेने लगी।वही रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह उसे एक ही झटके में अपने आप से सटा कर उसके चेहरे को स्निफ करते हुए कहता है,""_ रूह मैं पागल ही हू तो पागलों जैसे हरकते ही करूंगा न ? "

रिहांश ने यह बात बेहद सेडक्टिव टोन में कहा था।और वही उसके बात सुन कर रूहानी को गुसबंप्स आ गए थे।वह उसे कुछ कहने को हुई की तभी उसे एहसास होता है की रिहांश का होंठ उसके गर्दन में चल रही है तो वह उससे दूर हटने लगी लेकिन।रिहांश ने उसे अपने बाहों में झकड़ कर पकड़ लिया था जिससे रूहानी का हिलना भी मुश्किल था।

रिहांश अपने आंखे बंद कर रूहानी को फील कर रहा था वह फिर धीरे से बेहद मदहोश भरी आवाज में बोला, ""_ ना जाने कोनसा लत लग गई है मेरी इन होंठो को रूह बड़े ही शिद्दत से तुम्हारे बदन में चलते हुए ,नशा करना चाहता है कसूर मेरी इन होंठो का नही तुम्हारे बदन से आ रही इस खुशबू की है,चढ़ रहा है नशा बना रही है तुझे मेरी लत। "

रिहांश की एक एक बात भी रूहानी का रूह कांपने पर मजबूर कर रहा था।वह रिहांश को देखने लगती है।रिहांश तो पूरी तरह मदहोश लग रहा था।

थोड़ी देर बाद,रूहानी को जी भर कर स्निफ कर रिहांश एक गहरी सांस ले कर रूहानी से अलग हो कर उसे देखने लगता है। रुहानी उसे ही डरते हुए देख रही थी।वही रिहांश उसके चेहरे को अपने हाथो में भर कर उसके होंठो पर हल्के से किस कर उससे कहता है,

" अब तुम घर जाओ। "

रिहांश की बात सुन कर रूहानी की चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गई।उसे नही लगा था की रिहांश उसे जाने भी देगा।वह उसके हाथ हटा कर जाने को हुई तो रिहांश उसे अपने तरफ खींच कर अपने आप से वापस सटाते हुए कहता है,

" पहले मेरी बात सुन लो रूह? "

रुहानी रिहांश को देखने लगी।वही रिहांश उसके चेहरे के सामने आ रहे लटो को उसके कान के पीछे करते हुए कहता है, ""_ जब भी मुझे जरूरत पड़ेगी तुम्हारे पास कॉल आएगा रूह, कॉल को गलती से भी नज़रंदाज मत करना, क्यों की यह रिहांश आर्यन बड़े ही बेरहम है इसे किसी की गलती माफ करने की आदत नही है समझी !! "

रिहांश की वार्निंग सुन कर रूहानी बस हा में अपना सर हिला देती है क्यों की उसने आज उसका पनिशमेंट भी देखा था।रिहांश हल्के से उसके माथे पर किस करते हुए कहता है,""_ Go |

रिहांश फिर रूहानी को छोड़ देता है।तो रूहानी बिना देरी किए ही वहा से भाग गई।

करीब आधा घंटे बाद .. रूहानी रघुवंशी निवास पहुंचती है।वह इस वक्त ज्यादा ही बेचैन हो लग रही थी,और उसे किसी भी हालत में अपने पापा को देखना था।

रूहानी जल्दी से घर में जाती तो सामने का नजारा देख कर रूहानी की कदम अपने जगह में ही रुक गए।

क्या होगा इस कहानी में जानने के लिए पढ़ते रहिए ,

" लत है तू!! "


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