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40.33% यंग मास्टर गु, प्लीज बी जेंटल / Chapter 121: अध्यक्ष गू , आप दूसरों के निजी मामलों में कुछ ज़्यादा दिलचस्पी रखते हैं। दूसरों के मामलों में झांकना एक मानसिक बीमारी है। आपको इसके लिए कुछ उपचार करना चाहिए!

Kapitel 121: अध्यक्ष गू , आप दूसरों के निजी मामलों में कुछ ज़्यादा दिलचस्पी रखते हैं। दूसरों के मामलों में झांकना एक मानसिक बीमारी है। आपको इसके लिए कुछ उपचार करना चाहिए!

Redakteur: Providentia Translations

दोनों आदमी ऐसा लग रहे थे जैसे वे एक दूसरे को मारना चाहते थे। उनकी मुट्ठियाँ मजबूत थी और उनके गुस्से से भरी हुई थीं। प्रत्येक वार मज़बूत और दयाहीन था क्योंकि वे आत्म संयम के बिना लड़ते जा रहे थें। हालांकि सू ज़ेह जल्द ही बुरी की स्थिति में आ गया था।

गू मोहन 30 वर्ष का था और अपनी परिपक्वता के चरम पर था। उसके सुंदर चेहरे से उसका अनुभव झलक रहा था जो उसने समय के साथ प्राप्त किया था। उसने सेना में औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया था और बीते कुछ वर्षों में गहनता से उस पर काम किया था। उसका प्रत्येक मुक्का फुर्तीला था और वह मुट्ठियों से एक सटीकता के साथ हमला कर रहा था जो तेज और सटीक था। इसके विपरीत सू ज़ेह केवल 25 वर्ष का था और एक धनी परिवार का सच्चा लाड़ला बेटा माना जाता था उसकी गू मोहन से कोई तुलना नहीं की जा सकती थी ।

गू मोहन ने अपने लंबे पैरों को फैलाया और सू ज़ेह के पेट को एक तेज़ और भयंकर गति से लात मारी। सू ज़ेह ने एक कौर जितना खून मुँह से बाहर थूक दिया और फर्श पर गिर गया जिसके बाद वह वहाँ से उठ नहीं पा रहा था।

टैंग मोर एक कोने में खड़ी थी और परेशान होते हुए लड़ाई को देख रही थी दोनों आदमी अपनी हालत की परवाह किए बिना लड़ रहे थे। गू मोहन के रुकने के कोई इरादे नहीं थे| उसने सू ज़ेह को खींचा और दीवार के तरफ धक्का दिया। उसने सू ज़ेह को मारने के लिए दुबारा अपना हाथ उठाया।

"गू मोहन रुको !" टैंग मोर जल्दी से उनकी तरफ दौड़ी और रास्ता बनाते हुए सू ज़ेह की इंसानी ढाल बनते हुए उसके सामने जाकर खड़ी हो गयी ।

उसका मुक्का जोरदार था और उसका निशाना सीधा उसका चेहरा था। वह टैंग मोर से टकराने से केवल एक सेंटीमीटर की दूरी पर था| ऐसा देखकर मोर ने अपनी आँखें बंद कर लीं और चोट लगने के डर से घबरा गयी। गू मोहन ने अचानक से खुद को रोक लिया। उसने बेरुखी से इस महिला को सू ज़ेह को बचाते हुए देखा और दो शब्द कहें, "दूर हटो!"

ऐसा लग रहा था जैसे उसने खुद को उन शब्दों का बोलने के लिए मजबूर किया था। वह उदासीन लग रहा था और यद्यपि उसके चेहरे के भावों में ज़्यादा कोई बदलाव नहीं था फिर भी उससे अंडरवर्ल्ड के राजा की तरह एक आभा निकल रही थी।

टैंग को डर लग रहा था। यह आदमी उस समय बिल्कुल अलग व्यक्ति की तरह लग रहा था।

उसने अपनी लार को निगल लिया और बहादूरी से गर्दन उठाकर उसे देखा और आगे कहने लगी "गू मोहन, उसे मारना बंद करो। अगर तुम ऐसा करना जारी रखोगे तो सू ज़ेह मर जाएगा।"

क्या वह पागल था? यदि उसने सू ज़ेह को मार-मार के मौत के घाट उतार दिया तो निश्चित रूप से उसे जेल जाना पड़ेगा!

मरो? गू मोहन के होठों के कोने मुड़ गए । " टैंग मोर क्या तुम्हें मेरी चेतावनी याद नहीं है? मैंने तुम्हें चेतावनी दी थी कि यदि तुमने अन्य पुरुषों को खोजने की हिम्मत की तो तुमसे से पहले मैं उसे चोट पहुँचाऊँगा..."

टैंग मोर ने कदम आगे बढ़ाए। उसने अपने दोनों छोटे हाथों से उसकी गर्दन को पकड़ रखा था और उसका सिर नीचे खींचने से पहले वह ऊपर ओर बढ़ी। उस समय मोर ऊपर उसकी ओर झुकी और उस ने तेजी से उसके होठों पर चूमा।

उसकी ये हरकत अजीब और बेढंगी थी लेकिन फिर भी उसने गू को खुश करने के लिए उसके पतले पर मुलायम होंठो पर चूमने की कोशिश की। उसके होंठ ठंडे थे।

गू मोहन की लंबी आकृति तुरंत जम गयी उसने अपनी बंधी हुई मुट्ठियाँ खोल दी इससे कमज़ोर सू ज़ेह कालीन पर गिर गया। उसने मोर के कंधे को अपनी साफ उंगली से दबाया और उसे दूर धकेल दिया। उसने मज़ाक उठाते हुए कहा "क्या तुम नहीं जानती कि तुम कितनी गंदी हो? किसी और को चूमने के बाद मुझे चूम रही हो?"

टैंग मोर का छोटा चेहरे तुरन्त पीला पड़ गया क्योंकि सू ज़ेह ने उसे चूमा नहीं था लेकिन उसे सफाई देने के लिए मोर ने खुद परेशान नहीं किया। वह मुस्कुराई और बोली, "अध्यक्ष गू मैंने बहुत पहले ही कहा था। मैंने अपने मंगेतर के साथ दुबारा अपना रिश्ता शुरू किया था और ऐसे में एक दूसरे को चूमना हमारे लिए सामान्य बात है। यदि अध्यक्ष गू को ये गंदा लगता है तो मैं आप से अनुरोध करूँगी कि मुझे सताना बंद करें। कृपया मुझे अब कभी भी तंग ना करें! "

गू मोहन की गहरी और सिकुड़ी हुई एकदम खतरनाक काली आँखों मे बदल गयी, उसकी पुतलियाँ अब नहीं देखी जा सकती थी। उसने अपनी आँखें उठाईं और सू ज़ेह को देखा जो कालीन पर दयनीय अवस्थ में फैला हुआ था। सू ज़ेह की बेल्ट खुली हुई थी और उसकी पैंट की चैन भी खुली हुई थी। गू मोहन ने हंसते हुए जवाब दिया, "हाँ, क्या तुम मुझे ये बताने वाली थी कि अगर मैं यहाँ नहीं पहुंचता तो तुम अपने मंगेतर के साथ गलियारे में सेक्स कर रही होती?"

टैंग मोर ने चेहरे से नकली हँसी हटाते हुए जवाब दिया "अध्यक्ष गू लगता है आप दूसरों के निजी मामलों में थोडा ज़्यादा दिलचस्पी रखते हैं । दूसरों के मामलों में झांकना एक मानसिक बीमारी है। इसीलिए आपको इसके लिए कुछ उपचार करने पर विचार करना चाहिए! "

गू मोहन की गहरी आँखे स्याह लग रही थी जो एक तेजी से द्रुत गति में हर जगह फैल गयी थीं। बेरूखी से घूरती उसकी आँखें भेदती हुई प्रतीत हो रही थी।

टैंग मोर उस पर से अपनी नज़रें हटाते हुए दूर हट गयी थी और उसने अपने पर्स से फोन निकाला। उसे 120 पर कॉल करने की जरूरत थी।

अचानक से एक बड़ी हथेली ने उसकी नाजुक कलाई को पकड़ लिया। एक आसान झटके से उसे घुमा दिया गया और उसके दो छोटे हाथों को जबरदस्ती दीवार पर टिका दिया गया।

यह अवस्था लज्जित करने वाली थी।

उसका मजबूत शरीर पीछे से आगे आया और मोर को जबरदस्ती जोरदार तरीके से उससे एक चुबंन मिला।

यह उसके रेशमी बालों से शुरू हुआ और उसके होंठों से होते हुए उसके नन्हे चेहरे पर एक कोमल दुलार के साथ खत्म हुआ। "तुम अपने मंगेतर के साथ एक उत्कृष्ट संबंध के कारण मेरी महिला बनने के लिए तैयार नहीं हो! तुम एक ऐसी हृदयहीन महिला हो। मुझे तुम्हें निराश नहीं करना चाहिए!"

बस उसी दिन उसे ले जाना चाहिए था!


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